Wednesday 16 October 2024
Saturday 28 September 2024
डॉक्टरों ने गंभीर हार्ट अटैक से पीड़ित 43 वर्षीय व्यक्ति की जान बचाई
समय पर इलाज मिलने से हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट से ग्रस्त मरीजों की जान बचाई जा सकती है
· सुस्त जीवनशैली, तला-भुना खाना, व्यायाम की कमी, बढ़ा हुआ रक्तचाप, शुगर लेवल बढ़ने के कारण लोगों में हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ रहा है
फरीदाबाद: विश्व हृदय दिवस (29 सितंबर 2024) के उपलक्ष्य में, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद के हृदय रोग विशेषज्ञों की एक टीम ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला है कि पिछले डेढ़ दशक से हार्ट अटैक (दिल का दौरा) का खतरा युवा लोगों में बढ़ रहा है। हाल ही में मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद की कार्डियोलॉजी टीम ने पलवल निवासी 43 वर्षीय संदीप गोयल की जान बचाई, जिन्हें गंभीर दिल का दौरा पड़ा था। सीने में दर्द की शिकायत के बाद, शुरू में परिवार के सदस्य उन्हें पलवल के एक नजदीकी नर्सिंग होम में ले गए, जहां ईसीजी में बड़े हार्ट अटैक के लक्षण सामने आए। विशेषज्ञ चिकित्सकों से हृदय संबंधी इलाज कराने के लिए मरीज को रात करीब 3 बजे मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद में लाया गया। यह पूरी घटना मरीज के परिजन के लिए अचानक और चिंताजनक थी, क्योंकि आम धारणा यह थी कि दिल का दौरा पड़ने की समस्या वृद्ध लोगों को होती है। डॉक्टरों की टीम ने मरीज की हालत सामान्य करने के लिए तुरंत एक्शन लिया और मरीज को उचित उपचार प्रदान कर उसकी जान बचाई।
डॉ. गजिंदर कुमार गोयल, डायरेक्टर- कार्डियोलॉजी विभाग, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद ने कहा कि “मरीज़ हमारे पास सीने में असहनीय दर्द की शिकायत लेकर आया था। इसके साथ ही, मरीज को बहुत पसीना आ रहा था और वह बेचैन था, सांस भी फूल रही थी। दोबारा ईसीजी की गई जिसमें एसटी के बढ़ा होने का पता चला। फिर मरीज को तुरंत कोरोनरी एंजियोग्राफी के लिए ले जाया गया, जिसमें पता चला कि एलएडी धमनी नामक हार्ट की मुख्य आर्टरी 100 प्रतिशत ब्लॉक है। हमने तुरंत स्टेंटिंग के साथ प्राइमरी एंजियोप्लास्टी की। स्टेंट डालने से पहले थ्रोम्बेक्टोमी मशीन की मदद से धमनी से क्लॉट (खून का थक्का) भी निकाल दिया गया। इस प्रक्रिया में आधा घंटे का समय लगा। 24 घंटे तक मरीज को कार्डियक केयर यूनिट (हृदय देखभाल इकाई) में देखरेख में रखा गया और 48 घंटे बाद उसे छुट्टी दे दी गई। मरीज अब अपने दैनिक कार्यों को करने में सक्षम हो गया है और अपने परिवार के सदस्यों के साथ सामान्य जीवन जी रहा है।”
डॉ. गजिंदर कुमार गोयल ने आगे कहा, “हृदय स्वास्थ्य केवल एक चिकित्सा चिंता नहीं है, बल्कि एक सामुदायिक जिम्मेदारी है। अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करके हम सामूहिक रूप से हृदय रोग के बोझ को कम कर सकते हैं। हम सभी से आग्रह करते हैं कि वे ‘दिल से काम लें’ और अपने स्वास्थ्य एवं सेहत को ठीक रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। वैश्विक स्तर पर दिल के दौरे की समस्या आमतौर पर 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में देखी जाती है लेकिन लेकिन भारत में 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों में दिल के दौरे की समस्या तेजी से आम हो गई है। हार्ट अटैक के 50 प्रतिशत से अधिक मामले 50 वर्ष से कम आयु के लोगों में देखने को मिल रहे हैं और हार्ट अटैक के 10-25 प्रतिशत मामले 40 वर्ष से कम आयु के लोगों में सामने आ रहे हैं। इसलिए अगर युवा लोगों को सीने में दर्द, बहुत ज़्यादा पसीना आना, घबराहट होना, सांस फूलने जैसी समस्या हो तो कृपया इसे नज़रअंदाज़ न करें क्योंकि ये हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत नज़दीकी डॉक्टर से सलाह लें।”
Friday 16 August 2024
Blood donation camp organized at JC Bose University
Thursday 11 July 2024
फाइज़र और अमृता अस्पताल फरीदाबाद ने वयस्क टीकाकरण के लिए उत्कृष्टता केंद्र के लॉन्च के लिए किया कोलैबोरेट
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) का लक्ष्य वयस्क टीकाकरण को बढ़ावा देकर टीके से रोकी जा सकने वाली बीमारियों के खिलाफ सामुदायिक सुरक्षा को बढ़ाना है।
फरीदाबाद, 11 जुलाई 2024: अमृता अस्पताल और फ़ाइज़र इंडिया ने अमृता अस्पताल फरीदाबाद में वयस्क टीकाकरण के लिए एक नए समर्पित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) लॉन्च करने के लिए कोलैबोरेट किया है। सीओई की स्थापना न्यूमोकोकल रोग, इन्फ्लूएंजा, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी), और हेपेटाइटिस ए और बी सहित कई वैक्सीन-रोकथाम योग्य बीमारियों (वीपीडी) के खिलाफ समग्र समुदाय-व्यापी वयस्क वैक्सीनेशन कवरेज को बढ़ावा देने और लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए की गई है।
भारत में वीपीडी से संबंधित 95% से अधिक मौतों के लिए वयस्क जिम्मेदार हैं। लोगों के जीवन की क्वालिटी में सुधार के लिए एक सिद्ध और प्रभावी वैज्ञानिक रूप से समर्थित तरीका होने के बावजूद, एडल्ट वैक्सीनेशन अभी भी देश में व्यापक रूप से नहीं कराया जाता है। वीपीडी से संबंधित स्वास्थ्य जटिलताओं से बचने के लिए वैक्सीनेशन महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से क्रोनिक फेफड़ों की बीमारी (सीओपीडी और अस्थमा), मधुमेह, क्रोनिक हृदय रोग, क्रोनिक किडनी रोग, कैंसर और अन्य प्रतिरक्षाविहीन स्थितियों जैसे जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए यह आवश्यक है। एडल्ट वैक्सीनेशन के लंबे समय तक चलने वाले सिद्ध लाभों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी के साथ स्वास्थ्य पेशेवरों को सशक्त बनाकर, सीओई क्षेत्र में टीकाकरण की बाधाओं को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अमृता अस्पताल फरीदाबाद के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. संजीव सिंह ने कहा, “अमृता अस्पताल में, हम अपने रोगियों को व्यापक, गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। जीवन भर टीके से बचाव योग्य बीमारियों के खिलाफ टीका लगवाना व्यक्तियों और जनता को इन बीमारियों से बचाने का एक आसान और प्रभावी तरीका है। वयस्कों के बीच टीकाकरण में वृद्धि को प्रोत्साहित करके, हम संक्रमण के खिलाफ व्यापक, स्तरित सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं, जो कमजोर आबादी का समर्थन करने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।"
अमृता अस्पताल फरीदाबाद स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस यह सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा प्रयास करेगा कि स्वास्थ्य देखभालकर्ता एडल्ड वैक्सीनेशन के लाभों और महत्व पर साक्ष्य-आधारित जानकारी से लैस हों। सीओई एडल्ड वैक्सीनेशन दिशानिर्देशों और प्रोटोकॉल सिफारिशों तक पहुंच के साथ-साथ क्षमता निर्माण प्रयासों और होलिस्टिक ट्रेनिंग मॉड्यूल की पेशकश करेगा। इससे स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सकों को जोखिम कारकों वाले समूहों के साथ जुड़ने और निवारक स्वास्थ्य देखभाल उपकरण के रूप में टीकाकरण के लाभों पर चर्चा करने में भी मदद मिल सकती है। जोखिम कारकों वाले लोगों में धूम्रपान करने वाले व्यक्ति, प्रदूषण के संपर्क में रहने वाले या 50 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग शामिल हैं।
फाइजर वैक्सीन के डायरेक्टर मेडिकल अफेयर डॉ. संतोष तौर ने कहा, “फाइजर में, हम अधिक से अधिक लोगों को स्वस्थ, रोग-मुक्त जीवन जीने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अमृता अस्पताल के सहयोग से इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन वैज्ञानिक नवाचार के नेतृत्व में सार्वजनिक स्वास्थ्य को आगे बढ़ाने की हमारी दशकों लंबी यात्रा में एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन है। यह टीके से बचाव योग्य बीमारियों के खिलाफ अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरे समुदाय में वयस्क टीकाकरण कवरेज को बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराता है। इस केंद्र के माध्यम से, हम स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और रोगियों को देखभाल निर्णय लेने और टीकाकरण जैसी निवारक रणनीतियों को अपनाने के लिए व्यापक और महत्वपूर्ण जानकारी के साथ सशक्त बनाने का इरादा रखते हैं।"
Friday 1 December 2023
फोर्टिस अस्पताल फरीदाबाद में 51 साल के एक फैक्ट्री कर्मचारी के लीवर से 9 से.मी. की धातु की गोलाकार वस्तु सफलतापूर्वक निकाली गई
फरीदाबाद, 01 दिसंबर, 2023: फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल, फरीदाबाद में डॉक्टरों की एक टीम ने 51 साल के एक फैक्ट्री कर्मचारी के लीवर से 9 से.मी. की धातु की गोलाकार वस्तु सफलतापूर्वक निकाली। करीब 86 ग्राम वज़न की यह वस्तु दरअसल, उस एल्युमीनियम फोर्जिंग फैक्ट्री में लगी मशीनरी का टूटा हुआ हिस्सा था जिसमें यह मरीज़ काम करता था। यह घटना उस समय हुई जब इस हाइ-स्पीड मशीनरी में से धातु का एक हिस्सा इस कर्मचारी के दाएं फेफड़े को चीरता हुआ सीने की हड्डियों के पार उसके लीवर में जा घुसा। धातु का हिस्सा उसके लीवर की बायीं ओर घुसने से पहले उसके हृदय को भी हल्का-सा छूकर गुजरा। मरीज़ फरीदाबाद स्थित जवाहर कालोनी का रहने वाला है।
डॉ बी डी पाठक, डायरेक्टर, जनरल सर्जरी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फरीदाबाद के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने अत्याधुनिक लैपरोस्कोपिक तकनीक की मदद से इस इस धातु की वस्तु को निकाला। जिस तकनीक से यह सर्जरी की गई उसके चलते आसपास के अंगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा और और करीब एक घंटे से भी कम समय में इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। मरीज़ को स्वस्थ होने के बाद 7 दिनों में अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
मरीज को काफी गंभीर हालत में अस्पताल में लाया गया था और उन्हें काफी दर्द था। उनकी छाती और पेट में सीटी स्कैन दायीं तरफ न्यूमोथोरैक्स (फेफड़े के बाहर की ओर हवा भरना) दिखायी दिया जबकि लीवर के बायीं ओर और हृदय के ठीक नीचे एक बड़ी धातु की वस्तु थी। मरीज के लीवर इस वस्तु को निकालने के लिए उन्की लैपरोस्कोपिक सर्जरी की गई। इस सर्जरी के दौरान न सिर्फ इस बाहरी वस्तु को निकाला गया बल्कि इसकी वजह से लीवर और अन्य टिश्यू को पहुंचे नुकसान के चलते उन्हें रिपेयर भी किया गया।
डॉ बी डी पाठक, डायरेक्टर, जनरल सर्जरी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फरीदाबाद ने कहा, “हमने एडवांस लैपरोस्कोपिक तकनीक की मदद से इस धातु की वस्तु को निकाला। आमतौर पर इस तरह के मामलों में पेट में बड़ा चीरा लगाया जाता है, लेकिन इस मामले में यह वस्तु फेफड़े के बायीं ओर हृदय के काफी नजदीक थी, इसलिए इस दोनों नाजुक अंगों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए नवीनतम लैपरोस्कोपिक तकनीक का सहारा लिया गया। इस वस्तु की वजह से फेफड़े, लीवर और आसपास के कुछ अंगों को नुकसान पहुंचा था। यदि इसे समय पर नहीं निकाला जाता तो मरीज की मृत्यु हो सकती थी या वह लंबे समय तक लीवर के बेकार पड़ने और अन्य जटिलताओं से ग्रस्त हो सकता था।”
योगेंद्र नाथ अवधीया, फैसिलिटी डायरेक्टर, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल फरीदाबाद ने कहा, “मरीज की गंभीर हालत के मद्देनज़र यह काफी चुनौतीपूर्ण मामला था। डॉ बी डी पाठक, डॉ सैयद सादिक अली हफ्फान और डॉ विनीत एवं डॉ एविटा के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने मिनीमल एक्सेस तकनीक की मदद से मरीज का एकदम सटीक उपचार किया। फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल फरीदाबाद में सटीक डायग्नासिस और उपचार के लिए अनुभवी क्लीनिशयन और एडवांस टैक्नोलॉजी उपलब्ध है, जो मरीजों के स्वास्थ्यलाभ में मददगार साबित होती है।”
Sunday 29 October 2023
वर्ल्ड स्ट्रोक डे पर मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स से ब्रेन एंड स्पाइन सर्जरी विभाग के डायरेक्टर डॉ. तरुण शर्मा ने बताया कि सर्दी में बढ़ने वाले ब्रेन स्ट्रोक एवं ब्रेन हेमरेज (दिमाग की नस फटने) से कैसे बचें
Sunday 10 April 2022
एकार्ड अस्पताल स्वास्थय जांच षिविर में 245 लोगों की जांच
FARIDABAD : एकार्ड सुपरस्पेषलिटी अस्पताल सैक्टर -86 फरीदाबाद द्वारा विष्व स्वास्थय दिवस के उपलक्ष्य में निषुल्क स्वास्थय जांच षिविर का आयोजन किया गया जिसमें 245 लोगों ने अपने स्वस्थय की जांच करवाई ! एकार्ड अस्पताल की ओर से दिमाग रोग विषेपज्ञ डा0 रोहित गंुप्ता हडडी रोग विषेपज्ञ डा0 युवराज कुमार हदय रोग विषेपज्ञ डा0 सिम्मी मिनोचा न्यूरोसर्जन डा0 हिमांषु अरोडा बाल रोग विषेपज्ञ डा0 प्रभात वाजपेयी सर्जरी विभाग से डा0 राजीव गर्ग वरीप्ठ महिला रोग विषेपज्ञ डा0 सबिता कुमारी डा0 दिव्या कुमार किडनी रोग विषेपज्ञ डा0 जितेन्द्र कुमार डा0 अनीष कुमार एंव मेडिसन स्पेषलिस्ट डा0 सुरेन्द्र मीना ने मरीजों की जांच की !
डा0 युवराज कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी में लगातार घर पर रहने के कारण बहुत से लोगों ने ना तो अपने षरीर की जांच करवाई और ना ही किसी प्रकार की एक्सरसाइस पर ज्यादा ध्यान दिया ! षिविर में आने वाले कुछ मरीज ऐसे भी थे कि जिनको बीमारी की षुरूवात थी जिसका समय पर इलाज होने पर बीमारी की गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है ! उन्होने बताया कि वर्तमान में एकार्ड अस्पताल में सभी प्रकार की सर्जरी - भर्ती - डायलिसिस - लैब एंव रेडियोलौजी की सुविधाएं चालू हो चुकी हैं और जल्द ही बाकी की सभी चिकित्सा संबंधी सुविधांए भी षुरू कर दी जाएगी और आने वाले समय में भी एकार्ड अस्पताल समय-समय पर इस प्रकार के षिविर का आयोजन करता रहेगा !
Friday 12 March 2021
एफआईए एवं मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद ने संयुक्त रूप से शुरू किया स्वास्थ्य जागरूकता अभियान
फरीदाबाद, मार्च 13 I एफआईए एवं मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद में कार्यरत विभिन्न उद्योगों एवं कंपनियों के कर्मचारियों को स्वास्थ्य जागरूक बनाए के लिए शुरू किया"एफआईए - मैट्रो स्वास्थ्य जागरूकता अभियान"
पदम विभूषण ,पदम भूषण व बीसीरॉय से सम्मानित मैट्रो अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर पुरषोत्तम लाल ने बताया कि" विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व के बहुत सारे देशों में आधे से ज्यादा कर्मचारी अनौपचारिक क्षेत्र के उद्योगों में कार्यरत है, और यह सब किसी स्वास्थ्य बीमा या सुविधा के अंतर्गत नहीं आते।
एक अनुमान के मुताबिक विकास शील देशों में लगभग सवा करोड़ लोग हर साल नॉन कम्युनि के बल डिसीज़ आधारित लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारियों से अपनी जान से हाथ धो बैठते है।"
फ़रीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रेसिडेंट श्री बीआर भाटिया ने इस मौके पर बताया कि" एक कर्मचारी औसतन अपना एक तिहाई जीवन अपने कार्य स्थल पर गुजारता है।कर्मचारियों की सेहत का किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का सीधा संबंध है।कार्य क्षेत्र पर उपस्थित विभिन्न प्रकार के जोखिम जैसे किगर्मी, शोर, धुल, रसायन, मशीन, स्ट्रेस इत्यादि बीमारियों को बढ़ाती है।कर्मचारी जोकि स्ट्रेस एवं इस परिस्तिथियों
में कार्य के उपरांत उनके धूम्रपान करने, व्यायामना कर ने एवं अस्वस्थ भोजन कर ने की संभावना को बढ़ाते है।"
मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद के मेडिकल डारेक्टर एवं डाइरेक्ट रइंटरवेंशनल का र्डियोलॉजिस्ट डॉनी रज जैन ने बताया कि"विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हृदय रोग, सुनन ने की क्षमता में कमी, चर्मरोग, लंग कैंसर, उच्च रक्त चाप, मधुमेह आदि बीमारियां कार्य स्थल से जुड़ी हैं ।इस कारण यह बहुत भी जरूरी है कि कर्मचारी अपनी स्वास्थ्य जीवन शैली खान पान के प्रति जागरूक रहें। इसके लिए उन्हें अपनी दिन चर्या में सैर एवं व्यायाम, धूम्र पान पर सख्त रोक,अपने वजन पर कंट्रोल,४० साल से ऊपर के लोगों को साल में एक बार ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर एवं सामान्य ख़ून की जाँच जरूर कराए ।यदि शरीर के को ई दर्द, गांठ, साँस फूलना आदि का कोई लक्षण देखें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें, क्योंकि समय पर लीस लाह ईलाज़ पर खर्च एवं जीवन दोनों को बचाता है।"
मैट्रो अस्पताल के सीओओ एवं मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मंजिन्दर भट्टी ने बताया कि"इन्हीं तथ्यों को देखते हुए एफआईए फ़रीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन एवं मैट्रो अस्पताल फ़रीदाबाद ने फ़रीदाबाद में कार्यरत निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने के लिए स्वास्थ्य जागरूकता अभियान की शुरुआत की है।इस अभियान के अंतर्गत फ़रीदाबाद की निजी कंपनियों के कर्मचारियों की जांच मैट्रो अस्पताल के डॉक्टरों की टीम अगले २ साल में करेगी।फरीदाबाद में ४०० से ज्यादा उद्योग एवं इनमें ४० लाख कर्मचारी काम करते है ।"
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन
फरीदाबाद, 13 मार्च - जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा भारत विकास परिषद (बीवीपी), फरीदाबाद और रेड क्रॉस सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में आज विश्वविद्यालय परिसर में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया है। रक्तदान शिविर सुबह 9.30 बजे शुरू हुआ, जिसका शुभारंभ एसडीएम, फरीदाबाद परमजीत चहल और कुलपति प्रो. दिनेश कुमार द्वारा किया गया। उन्होंने शिविर में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को नियमित रक्तदान के लिए प्रोत्साहित भी किया। इस अवसर पर कुलसचिव डाॅ. एस. के. गर्ग, भारत विकास परिषद के अध्यक्ष अशोक गोयल, अन्य अधिकारी राज कुमार अग्रवाल, दिनेश गर्ग, एनएन बंसल, दिनेश गर्ग, राकेश गुप्ता, अजय अग्रवाल, जिला रैड क्राॅस के सहायक सचिव बिजेन्द्र सरौत, इशान कौशिक तथा विमल खण्डेलवाल भी उपस्थित थे। परिषद् के पदाधिकारियों ने भी स्वैच्छिक रक्तदान को लेकर विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाया।
रक्तदान शिविर में विद्यार्थियों और कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। शिविर में 150 से अधिक स्वैच्छिक रक्तदाताओं ने रक्तदान किया, जिसमें छात्राओं की भागीदारी उत्साहजनक रही। प्रतिभागियों को रक्तदान के उपरांत प्रमाण पत्र भी प्रदान किये गये। शिविर का संचालन विश्वविद्यालय के यूथ रेड क्रॉस समन्वयक सुशील कुमार द्वारा किया गया।
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने स्वैच्छिक रक्तदान शिविर के सफल आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि रक्तदान शिविर का आयोजन अपने आप में शिक्षा का हिस्सा है, जो विद्यार्थियों को ‘देने के सुख’ की अनुभूति करवाता है और दूसरों के लिए मदद करने के लिए आगे आने की शिक्षा देता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान की समाज की एक बड़ी सेवा है। इसके द्वारा काफी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकती है, खासकर ऐसे लोग जोकि किसी कारणवश दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।
कुलसचिव डाॅ. एस. के. गर्ग ने कहा कि रक्तदान के लाभकारी पहलुओं को लेकर युवाओं को शिक्षित करने और सुरक्षित रक्त संचार के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय समय-समय पर रक्तदान शिविरों का आयोजन करता है और उन्हें स्वैच्छा से रक्तदान करने के लिए प्रेरित करता है।
डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. लखविंदर सिंह, डिप्टी डीन डॉ अनुराधा पिल्लई और निदेशक युवा कल्याण डॉ प्रदीप डिमरी ने शिविर के संचालन में सहयोग देने के लिए भारत विकास परिषद और रेड क्रॉस के अधिकारियों का आभार जताया।
Monday 8 March 2021
1500 women administered COVID19 vaccine for free at Fortis Hospitals on Women’s Day
FARIDABAD : 8th March 2021: Celebrating International Women’s Day, Fortis Healthcare – one of the largest healthcare providers in India, vaccinated more than 1500 women for free across their network. The candidates were selected as per government specified qualifiers. The vaccination took place in Delhi, NOIDA, Faridabad, Gurugram, Mumbai, Bengaluru, Chennai, Kolkata, Mohali, Jaipur and Ludhiana.
Dr Ashutosh Raghuvanshi, Managing Director and CEO, Fortis Healthcare shared, “Women play a stellar role both at work and home. At Fortis Healthcare, women account for around 60% of the workforce and play an integral role in the success of the organization, as clinicians, healthcare workers, frontline staff, and others. Women’s health has always been a priority us and todays gesture of providing free vaccination to women was an expression of our gratitude. We wish every woman in India success and good health on International Women’s Day”.
Sharing her experience, daughter of a 66-year-old senior citizen said, “This is a great initiative undertaken by Fortis Healthcare to provide free vaccinations to women across India on the occasion of International Women’s Day. I urge everyone to get themselves vaccinated. My mother is elderly and a patient of rheumatoid arthritis, often in pain with frozen shoulders. The hospital staff was empathetic of her condition and the vaccination process was smooth and efficient. Every woman sitting in the room was filled with positivity and warmth”.