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Wednesday 21 August 2024

 मानव रचना को नेशनल एम्प्लॉयबिलिटी अवॉर्ड 2025 से किया गया सम्मानित, देश के टॉप-10 % इंजीनियरिंग संस्थानों में बनाई जगह

मानव रचना को नेशनल एम्प्लॉयबिलिटी अवॉर्ड 2025 से किया गया सम्मानित, देश के टॉप-10 % इंजीनियरिंग संस्थानों में बनाई जगह


फरीदाबाद, 20 अगस्त, 2024: मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (एमआरआईआईआरएस) और मानव रचना विश्वविद्यालय (एमआरयू) को प्रतिष्ठित नेशनल एम्प्लॉयबिलिटी अवॉर्ड 2025 से सम्मानित किया गया है। इसी के साथ संस्थान ने भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में अपनी स्थिति मज़बूत की है।

अग्रणी वैश्विक नौकरी कौशल प्रमाणन एजेंसी एसएचएल, की ओर से यह पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर पर या अपने-अपने राज्यों में शीर्ष 10% इंजीनियरिंग कैंपस में शामिल होने पर दिया जाता है। एसएचएल ने एमआरआईआईआरएस और एमआरयू को ‘बैच 2025’ के लिए राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष 10% इंजीनियरिंग कैंपस में से एक होने का गौरव दिया है। यह मान्यता दोनों संस्थानों को उस विशिष्ट समूह में शामिल करती है, जिसके लिए देश भर में 1161 कैंपस का मूल्यांकन किया गया है।

2012 में शुरू किए गए नेशनल एम्प्लॉयबिलिटी अवॉर्ड, एकमात्र ऐसा पुरस्कार हैं जो संस्थान के बुनियादी ढांचे या संकाय गुणवत्ता जैसे मापदंडों के बजाय परीक्षा में छात्रों के वास्तविक प्रदर्शन के आधार पर दिए जाते हैं। ये पुरस्कार केवल भारत के सबसे बड़े रोजगार योग्यता परीक्षण AMCAT (एस्पायरिंग माइंड्स कंप्यूटर एडेप्टिव टेस्ट) में छात्रों के वास्तविक प्रदर्शन पर आधारित हैं।

AMCAT एक व्यापक मूल्यांकन है जो कम्युनिकेशन, लॉजिकल रीजनिंग, क्वांटिटेविट एप्टीट्यूड  और  नौकरी-विशिष्ट डोमेन जानकारी जैसे महत्वपूर्ण पामदंडों के आधार पर नौकरी के आवेदकों के कौशल का आंकलन करता है। इस परीक्षा को व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है, जिसका उपयोग 700 से अधिक कंपनियों द्वारा भर्ती के लिए किया जाता है।  एक्सेंचर, स्नैपडील, एक्सिस बैंक, टाटा मोटर्स और आईटीसी जैसी दिग्गज कंपनियां प्रवेश स्तर के पदों के लिए उनकी भर्ती प्रक्रियाओं के लिए इस मूल्यांकन प्रक्रिया का उपयोग करती हैं।

मानव रचना शैक्षणिक संस्थानों (एमआरईआई) के एमडी श्री राजीव कपूर ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा, "एसएचएल से यह मान्यता मिलना विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने और हमारे छात्रों को वैश्विक जॉब मार्केट की मांगों के लिए तैयार करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह हमारे संकाय, कर्मचारियों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से हमारे छात्रों की कड़ी मेहनत का प्रमाण है।"


 एमआरईआई के करियर डेवलपमेंट सेंटर की निदेशक प्रो. (डॉ.) हनु भारद्वाज ने कहा, "मानव रचना में शिक्षा और उद्योगों के बीच के अंतर को कम करना हमारी प्राथमिकता है। यह पुरस्कार उद्योगों के लिए तैयार पेशेवरों को तैयार करने में हमारी सफलता की पुष्टि करता है।"


इस मान्यता से मानव रचना के स्नातकों की रोजगार संभावनाओं में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है, जिससे उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में शीर्ष रिक्रूटर्स द्वारा अत्यधिक मांग की जाएगी। इसके अतिरिक्त, यह संस्थान के अग्रणी कंपनियों के साथ संबंधों को मज़बूत करेगा, जिससे भविष्य में और अधिक मजबूत उद्योग साझेदारी और सहयोग के अवसरों का मार्ग प्रशस्त होगा।

 विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के स्टूडेंट्स ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु को बांधी राखी

विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के स्टूडेंट्स ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु को बांधी राखी


फरीदाबाद। विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के स्टूडेंट ने रक्षा बंधन पर्व पर देश की राष्ट्रपति श्री मती द्रोपदी मुर्मु को राखी बांधकर शुभकामनाएं दीं। इस दौरान स्कूल के चार छात्र सहित प्रिंसिपल एवं कोर्डिनेटर भी साथ रहे। राष्ट्रपति से मिलने के बाद बच्चे बेहद प्रसन्न नजर आए।


स्कूल निदेशक दीपक यादव ने बताया कि विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल अपने छात्रों के व्यक्तित्व विकास के लिए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन करता है। देश के नेतृत्व से मिलना भी इसका एक अंग है। इसी कड़ी में रक्षा बंधन के अवसर पर हमारे स्कूल के छात्रों कक्षा छह से हर्षिता, कक्षा आठ से माही त्यागी एवं आरुष और कक्षा नौ से आरना राष्ट्रपति भवन पहुंचे। उन्होंने अपनी प्रिंसिपल रेखा मलिक और कोर्डिनेटर पूजा शर्मा के साथ महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु से मुलाकात की और उन्हें रक्षा सूत्र बांधा।


राष्ट्रपति ने सभी से प्रेमपूर्वक मुलाकात की और हालचाल जाना। उनके बारे में छात्रों के अनुभव प्रेरणादायक रहे। छात्रों का कहना है कि महामहिम मुुर्मु देश के सर्वोच्च पद पर होने के बाद भी बहुत दयालु हृदय हैं। उनकी मुस्कुराहट शक्ति प्रदान करती है।


इस बारे में निदेशक दीपक यादव ने बताया कि विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के स्टूडेंट निरंतर राष्ट्रपति भवन जाने का अवसर प्राप्त कर रहे हैं। हमारे बच्चों ने निरंतर तीन राष्ट्रपतियों के साथ मिलने का अनुभव प्राप्त किया है। जिनमें वर्तमान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु, उनसे पूर्व राष्ट्रपति रहे रामनाथ कोविंद और उनसे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी हमारे स्टूडेंट मिल चुके हैं। यादव ने बताया कि इस प्रकार की गतिविधियों से बच्चों में साहस और सम्मान की भावना का विकास होता है। जिसके लिए वह भविष्य में स्वयं भी प्रयास करते हैं। आपको बता दें कि विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल घरौडा ग्रेटर फरीदाबाद और सेक्टर दो बल्लभगढ़ में दो ब्रांचेज का संचालन होता है। स्कूल ने बेटियों को निशुल्क प्रवेश देकर क्षेत्र में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे को चरितार्थ किया है। प्रबंधन ने ग्रामीण अंचल में बेस्ट सीबीएसई स्कूल खोलकर लोगों का विश्वास जीता है। वहीं खेलों के क्षेत्र में भी स्कूल आज एक बड़ा नाम है। स्कूल की घरौड़ा ब्रांच में पांच खेल अकादमी का संचालन हो रहा है।

Friday 16 August 2024

 मानव रचना ने शिक्षा मंत्रालय की एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2024 में उत्कृष्ट स्थान हासिल किया

मानव रचना ने शिक्षा मंत्रालय की एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2024 में उत्कृष्ट स्थान हासिल किया


फरीदाबाद, 17 अगस्त, 2024: मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (एमआरआईआईआरएस) ने ‘नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) इंडिया रैंकिंग्स 2024’ में उल्लेखनीय स्थान प्राप्त कर अपनी उत्कृष्टता की विरासत को जारी रखा है। विश्वविद्यालय ने एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग्स 2024 में विश्वविद्यालय श्रेणी में 92वां और डेंटल श्रेणी में 38वां स्थान प्राप्त कर अपनी प्रतिष्ठा को और मज़बूत किया है। इसके साथ ही, यह ओवरऑल और इंजीनियरिंग श्रेणियों में 101-150 रैंक बैंड में शामिल रहा है। इस उपलब्धि ने एमआरआईआईआरएस की गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को साबित किया है, जिससे इसे कई पुरस्कार मिल चुके हैं, और एनआईआरएफ रैंकिंग्स ने इसे और भी प्रामाणिक बनाया है। इन रैंकिंग्स के आधार पर, एमआरआईआईआरएस हरियाणा के सभी विश्वविद्यालयों में दूसरे स्थान पर और दिल्ली एनसीआर में निजी विश्वविद्यालयों में चौथे स्थान पर है।


एमआरआईआईआरएस के तहत, मानव रचना डेंटल कॉलेज (एमआरडीसी) ने टॉप-40 रैंकिंग में जगह बनाई है, और हरियाणा में ये दूसरे व दिल्ली-एनसीआर में तीसरे स्थान पर रहा है। एमआरडीसी को उत्तर भारत में नंबर- 1 निजी डेंटल कॉलेज के रूप में मान्यता मिली हुई है। एक प्रमुख निजी NABH मान्यता प्राप्त डेंटल संस्थान के रूप में, एमआरडीसी विशिष्ट शिक्षा देने में अग्रणी बना हुआ है, जिससे यह एकमात्र निजी डेंटल कॉलेज है जिसने बेहतरीन मानकों के साथ इतने उच्च सम्मान प्राप्त किए हैं।


यह उपलब्धि इसलिए भी विशेष महत्व रखती है, क्योंकि इस प्रतिस्पर्धा में पूरे भारत के 10,000 से ज़्यादा संस्थान शामिल रहे। मानव रचना ने सरकारी संस्थानों, आईआईटी, एनआईटी, और निजी संस्थानों के बीच उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अपनी पहचान बनाई है, और भारत के सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में अपनी स्थिति को और मज़बूत किया है।


इस विशिष्ट उपलब्धि पर मानव रचना शैक्षणिक संस्थानों के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला ने प्रदेशवासियों और मानव रचना समुदाय को बधाई देते हुए कहा, "ये रैंकिंग संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता और समग्र विकास के प्रति निरंतरता में हमारे विश्वास की पुष्टि करती है। ये रैंकिंग स्पष्ट करती है कि हम एक समग्र वातावरण बनाने का लक्ष्य लेकर काम कर रहे हैं, जहां छात्रों के सर्वांगीण विकास का माहौल मिल सके, और वे दुनिया की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हो सकें।"


एमआरईआई के उपाध्यक्ष डॉ. अमित भल्ला ने कहा, "उत्कृष्ट फैकल्टी सदस्यों और अभूतपूर्व शोध के साथ छात्रों को सशक्त बनाने के हमारे प्रयासों के चलते संस्थान को लगातार बेहतरीन मान्यता मिली है। यह उपलब्धि उत्कृष्टता की दिशा में किए जा रहे हमारे प्रयासों को मान्यता देती है। उम्मीद है कि भविष्य में भी हमारा बेहतरीन प्रदर्शन इसी तरह जारी रहेगा।"


एमआरआईआईआरएस के कुलपति डॉ. संजय श्रीवास्तव ने कहा, “एमआरआईआईआरएस ने इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, डेंटल साइंसेज और रिसर्च जैसे विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए लगातार भारत के शीर्ष संस्थानों में स्थान बनाया है। एनआईआरएफ 2024 रैंकिंग बेहतर शिक्षा, अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे, उद्योग साझेदारी और उत्कृष्ट प्लेसमेंट परिणाम देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”


एमआरडीसी के प्रिंसिपल डॉ. पुनीत बत्रा ने गर्व जताते हुए कहा, "मानव रचना डेंटल कॉलेज को उत्तर भारत के अग्रणी निजी डेंटल संस्थान के रूप में मान्यता मिलना, विशिष्ट शिक्षा को आगे बढ़ाने के प्रति हमारे समर्पण और डेंटल क्षेत्र में उत्कृष्टता के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।"


 


मानव रचना की विशिष्ट उपलब्धियां जैसे- नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) ए++ मान्यता, क्यूएस यूनिवर्सिटी रैंकिंग एशिया, यूजीसी श्रेणी 1 डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा, एनएबीएच मान्यता, अकादमिक उत्कृष्टता के लिए आईएसओ प्रमाणन और एनबीए मान्यता जैसे पुरस्कारों के साथ, लगातार बढ़ रही हैं। एनआईआरएफ 2024 रैंकिंग इन शानदार उपलब्धियों में एक और उत्कृष्टता जोड़ती है, जोकि दर्शाती है कि मानव रचना शैक्षणिक संस्थान भावी प्रोफेशनल्स को बेहतरीन करियर की दिशा प्रदान करने के लिए नवाचार, अकादमिक उत्कृष्टता और आधुनिक व सर्वांगीण शिक्षा के माहौल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

   Blood donation camp organized at JC Bose University

Blood donation camp organized at JC Bose University


Faridabad, 17 August – J.C. Bose University of Science and Technology, YMCA, Faridabad, in collaboration with the District Red Cross Faridabad and Marwari Yuva Manch, today organized a voluntary Blood Donation Camp on the campus. This event was part of a series of activities leading up to the University's 5th Convocation, scheduled for August 21, 2024.
The event was inaugurated by Prof. Munish Vashishatha, Dean of Student Welfare, on behalf of Prof. S.K. Tomar, Vice-Chancellor of the University, and Sh. Bijender Sorot, Secretary of the District Red Cross Society, Faridabad. The dignitaries present at the inauguration emphasized the importance of blood donation and encouraged students to participate actively.
The camp was organized with the technical support of the District Red Cross Team, including Sh. Bijender Sorot (Secretary), Mr. Purushottam Saini (District Training Officer), and Mr. Vimal Khandelwal. The Dean of Student Welfare and the YRC team were also present, motivating students to contribute to this noble cause.
The camp witnessed an overwhelming response, with more than 70 volunteers, including students, faculty, and staff members, stepping forward to donate blood. Over 50 donors, including an encouraging number of female students, contributed to the cause. The donors and volunteers were honored with certificates and prizes for their selfless contribution.'
Dr. Navish Kataria, YRC Cell Coordinator, along with YRC Counselors and volunteers, coordinated the camp. Vice-Chancellor Prof. S.K. Tomar congratulated the organizers for the successful event and lauded their efforts in contributing to this vital social cause.

Saturday 15 June 2024

 मानव रचना यूनिवर्सिटी- एनएआरएल, इसरो के सहयोग से जीएनएसएस रिसीवर स्थापित करने वाली देश की पहली प्राइवेट यूनिवर्सिटी बनी

मानव रचना यूनिवर्सिटी- एनएआरएल, इसरो के सहयोग से जीएनएसएस रिसीवर स्थापित करने वाली देश की पहली प्राइवेट यूनिवर्सिटी बनी

      यूनिवर्सिटी में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) रिसीवर और अंतरिक्ष अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना की गई

      इसरो लैब के सहयोग से राष्ट्रीय वायुमंडलीय अनुसंधान प्रयोगशाला (एनएआरएल) के रिसीवरों की उत्तर-दक्षिण श्रृंखला का हिस्सा है ये पहल

      अतिथि व्याख्यान में इसरो साइंटिस्ट डॉ. निर्विकार दशोरा और श्री हिमांशु एस सेठी ने रखे विचार

फरीदाबाद, 15 जून 2024: मानव रचना यूनिवर्सिटी (एमआरयू) में स्कूल ऑफ साइंसेज के विज्ञान विभाग की ओर से शुक्रवार को “ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) रिसीवर” की स्थापना की गई। ये प्रयोगशाला राष्ट्रीय वायुमंडलीय अनुसंधान प्रयोगशाला (एनएआरएल)-भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सहयोग से स्थापित की गई है। इस दौरान एक गेस्ट लेक्चर का आयोजन भी हुआ, जिसका उद्देश्य वायुमंडलीय और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अनुसंधान करने के लिए संकाय को प्रोत्साहित करना है।

एमआरयू जीएनएसएस रिसीवर की स्थापना करने वाला देश का पहला निजी शिक्षण संस्थान है, ऐसे में ये पहल अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एमआरयू की अनुसंधान क्षमताओं में बेहतरी को दर्शाती है। गेस्ट लेक्चर में में वैज्ञानिकों की एक प्रतिष्ठित टीम शामिल हुई, जिनमें डॉ. निर्विकार दशोरा (साइंटिस्ट/इंजीनियर-एसएफ, विभागाध्यक्ष आयनोस्फेयर एंड स्पेस फिजिक्स ग्रुप, एनएआरएल, गडांकी, एपी, अंतरिक्ष विभाग, भारत सरकार) और श्री हिमांशु एस सेठी (साइंटिस्ट/इंजीनियर-एसई, एनएआरएल-इसरो) शामिल रहे।

एमआरयू में जीएनएसएस रिसीवर की स्थापना इसरो के सहयोग से एनएआरएल के रिसीवरों की उत्तर-दक्षिण श्रृंखला का हिस्सा है। यह रणनीतिक साझेदारी वायुमंडलीय और आयनमंडलीय अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए एमआरयू की प्रतिबद्धता को स्पष्ट करती है, जिसमें जीएनएसएस रिसीवर नेटवर्क के माध्यम से मौसम, जलवायु, अंतरिक्ष मौसम और ग्रहों के आयनमंडल पर महत्वपूर्ण अध्ययन शामिल हैं। यह सहयोगात्मक प्रयास न केवल मानव रचना के अनुसंधान बुनियादी ढांचे को मजबूत करता है, बल्कि इसे वायुमंडलीय और अंतरिक्ष अनुसंधान में अग्रणी बनाने में सहायक होगा ।

कार्यक्रम के दौरान, डॉ. निर्विकार दशोरा ने वास्तविक जीवन के क्षेत्रों में जीएनएसएस के विभिन्न अनुप्रयोगों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने आयनमंडल के मूल सिद्धांतों और विभिन्न वायुमंडलीय घटनाओं में इसकी भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। प्रेजेंटेशन के ज़रिए उन्होंने अपने शोध के महत्व, उपयोग की जाने वाली पद्धतियों, अनुप्रयोगों और मुख्य विशेषताओं को भी प्रदर्शित किया। साथ ही उन्होंने जीपीएस सिस्टम से संबंधित चुनौतियों के बारे में भी जानकारी दी। इसके बाद प्रश्नोत्तर  सत्र में उन्होंने सभी सवालों के जवाब भी दिए।

ये होगा लाभ

एमआरयू में जीएनएसएस रिसीवर की स्थापना ने राष्ट्रीय और वैश्विक शैक्षणिक समुदायों में विश्वविद्यालय की स्थिति मजबूत की है। इससे विभिन्न वायुमंडलीय और अंतरिक्ष मापदंडों में बहु-पैरामीट्रिक डेटा संग्रह से वायुमंडलीय विज्ञान और संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान की क्षमताएं बढ़ेंगी| साथ ही रिसीवरों की एनएआरएल उत्तर-दक्षिण श्रृंखला का हिस्सा होने के नाते, एमआरयू अनुसंधान संस्थानों के व्यापक नेटवर्क से जुड़ेगा और राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर सहयोग के अवसर बढ़ेंगे। विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग (ईसीई) और कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (सीएसई) विभागों में छात्रों के विभिन्न परियोजनाओं में सीखने के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही छात्रों को अत्याधुनिक तकनीक और वास्तविक समय के डेटा विश्लेषण के साथ व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होगा। 

प्रो. (डॉ.) दीपेंद्र कुमार झा, कुलपति, एमआरयू ने कहा कि "एनएआरएल और इसरो के सहयोग से जीएनएसएस रिसीवर की स्थापना हमारी एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। परिसर में स्थापित अंतरिक्ष अनुसंधान प्रयोगशाला संस्थान की, वायुमंडलीय और अंतरिक्ष अनुसंधान प्रगति में अग्रणी होने के प्रति प्रतिबद्धता को स्पष्ट करती है।"

डॉ. मीना कपाही, डीन, स्कूल ऑफ साइंसेज, एमआरयू ने कहा, "यह मानव रचना यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ साइंसेज के लिए बड़ी उपलब्धि है। यह अत्याधुनिक पहल वायुमंडलीय और अंतरिक्ष विज्ञान में हमारी शोध क्षमताओं को बढ़ाती है और हमारे छात्रों को अत्याधुनिक तकनीक से जुड़ने के बेहतर अवसर प्रदान करती है।"

इस दौरान प्रो. (डॉ.) मीना कपाही, डीन स्कूल ऑफ साइंसेज; प्रो. डॉ. डी. के. शर्मा, डीन एग्जामिनेशन; डॉ. संदीप कुमार, हैड, स्कूल ऑफ साइंसेज; डॉ. अर्पित संड, प्रोग्राम हेड केमिस्ट्री; डॉ. अपर्णा व्यास, प्रोग्राम हेड मैथमेटिक्स सहित और साइंस एंड इंजीनियरिंग सहित विभिन्न विषयों के संकाय सदस्य मौजूद रहे।

एनएआरएल और इसरो के साथ इस स्थापना  समस्त कार्यक्रम को प्रोफ डॉ डी के शर्मा के समन्वय में डॉ अनन्ना बर्धनडॉ अंशुमान सहाय और दीप्ति मैखुरी के सहयोग से संपन्न हुआ |