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Saturday, 14 June 2025

मानव रचना ने ब्लू फूड टेक्नोलॉजी में बड़ा नवाचार किया, वैश्विक पोषण और स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम

मानव रचना ने ब्लू फूड टेक्नोलॉजी में बड़ा नवाचार किया, वैश्विक पोषण और स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम

 


प्रोटीन से भरपूर आहार की बढ़ती मांग को देखते हुए ब्लू फूड प्रोसेसिंग में नवाचार किए जा रहे हैं, ताकि पोषण, स्थिरता और उत्पादन क्षमता बेहतर की जा सके।

हाई-प्रेशर प्रोसेसिंग और रीसर्क्युलेटिंग एक्वाकल्चर सिस्टम (RAS) जैसी तकनीकें पर्यावरण पर असर घटाते हुए उत्पादन बढ़ाने में मदद कर रही हैं।

माइक्रोएल्गी के जेनेटिक मॉडिफिकेशन और नैनोइमल्शन जैसी तकनीकें ब्लू फूड्स की पौष्टिकता और शेल्फ लाइफ बढ़ाकर पोषण की वैश्विक कमी को दूर करने में सहायक हैं।


*फरीदाबाद, 14 जून 2025: मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज़ (MRIIRS) के बायोटेक्नोलॉजी विभाग की रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा और स्थिरता पर केंद्रित एक महत्वपूर्ण शोध प्रस्तुत किया है। “ब्लू फूड प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजीज और सतत विकास में उनका महत्व” विषय पर प्रकाशित शोध पत्र में डॉ. विनय कुमार पांडे ने इस क्षेत्र में हो रहे अहम बदलावों और तकनीकों की विस्तार से जानकारी दी है।


ब्लू फूड प्रोसेसिंग का मतलब है मछली, शैवाल और अन्य जलीय जीवों का उत्पादन और प्रसंस्करण, जो इंसानी आहार के लिए उपयोग किए जाते हैं। बढ़ती जनसंख्या की पोषण संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने में ये स्रोत अहम होते जा रहे हैं। लेकिन पारंपरिक तरीके जैसे कि सामान्य मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर अब न तो पर्यावरण के लिहाज़ से टिकाऊ हैं और न ही ज़रूरतों के हिसाब से पर्याप्त। शोध में ऐसी तकनीकों पर ज़ोर दिया गया है जो खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पारिस्थितिक संतुलन भी बनाए रख सकें।


जैसे-जैसे दुनिया भर में प्रोटीन युक्त खाने की मांग बढ़ रही है, ब्लू फूड्स को इस तरह प्रोसेस करने की जरूरत महसूस की जा रही है, जिससे उनकी पौष्टिकता, टिकाऊपन और उत्पादन की क्षमता तो बढ़े ही, साथ ही पर्यावरण पर असर भी कम हो।


शोध में कई उभरती तकनीकों का ज़िक्र किया गया है, जो इस क्षेत्र में बदलाव ला रही हैं। इनमें हाई-प्रेशर प्रोसेसिंग (HPP), फ्रीज़-ड्राइंग, अल्ट्रासाउंड असिस्टेड एक्सट्रैक्शन, पल्स्ड इलेक्ट्रिक फील्ड्स (PEF), प्लाज़्मा टेक्नोलॉजी और माइक्रोवेव इंडक्शन हीटिंग शामिल हैं। ये तकनीकें खाद्य सुरक्षा बनाए रखने, पोषक तत्वों को संरक्षित रखने, उत्पादन प्रक्रिया तेज करने और उत्पाद की शेल्फ लाइफ बढ़ाने में मदद करती हैं, वह भी बिना किसी हानिकारक रसायन या अधिक ऊर्जा उपयोग के।


डॉ. विनय कुमार पांडे, सहायक प्रोफेसर, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल, बायोटेक्नोलॉजी विभाग, MRIIRS ने कहा, "ब्लू फूड प्रोसेसिंग में हो रहे नवाचारों की मदद से साल भर उत्पादन किया जा सकता है, वो भी पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाते हुए। रीसर्क्युलेटिंग एक्वाकल्चर सिस्टम जैसी तकनीकें पानी की खपत घटाने में मदद कर रही हैं, वहीं ब्लॉकचेन से समुद्र से थाली तक पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकती है।"


रीसर्क्युलेटिंग एक्वाकल्चर सिस्टम (RAS) विशेष रूप से प्रभावी साबित हो रही है। यह तकनीक बंद टैंक में पानी को लगातार साफ कर दोबारा उपयोग करती है, जिससे पर्यावरण पर असर कम होता है और बीमारियों से निपटने में भी मदद मिलती है, वो भी बिना ज्यादा 

एंटीबायोटिक्स के। यह प्रणाली शहरों और जमीन के अंदरूनी इलाकों में मत्स्य पालन के लिए बेहद उपयुक्त है और साल भर बेहतर गुणवत्ता वाली मछली उत्पादन संभव बनाती है।


शोध में ब्लू बायोटेक्नोलॉजी की संभावनाओं पर भी ध्यान दिया गया है। इसमें माइक्रोएल्गी के जेनेटिक मॉडिफिकेशन के ज़रिए पोषकता और उत्पादन क्षमता बढ़ाई जाती है। इससे ओमेगा-3, अमीनो एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर ब्लू फूड तैयार किए जा सकते हैं। नैनोइमल्शन तकनीकों की मदद से पोषक तत्वों की उपलब्धता, स्थायित्व और शेल्फ लाइफ में सुधार होता है, जिससे रेडी-टू-ईट ब्लू फूड्स को बढ़ावा मिल रहा है।

हालांकि इन तकनीकों की संभावनाएं बहुत हैं, लेकिन विकासशील देशों में इनका इस्तेमाल अब भी चुनौतियों से भरा है—जैसे कि उच्च लागत, आधारभूत संरचना की कमी और तकनीकी विशेषज्ञता का अभाव। शोध में नीति निर्माताओं, उद्योगों और निवेशकों से इन बाधाओं को दूर करने और इन टिकाऊ तकनीकों को अपनाने में तेजी लाने की अपील की गई है।

Sunday, 27 April 2025

 Book Fair in Modern School

Book Fair in Modern School

Faridabad : Book fair in school plays  a significant role in promoting reading habits and fostering a love for books  in students.


This not only encourages reading culture in the school  but  also exposes students to a wide variety of books, sparking interest in reading beyond textbooks.




Besides ,Book fair provides  affordable access to Books.Books are  offered   at discounted prices, making them more accessible to students and their  families.
Keeping this in view,every year a Book Fair is organized in Modern School .
This year a Book fair was  organised from April 24 to 26th April,2025 under the aegis of Learning Tree publication.This was inaugurated by Mr . A.D..Bhatt, a renowned Educationist ,Author and  Motivator on April 24. On 26th this was open for parents and culminated with appreciation all around the city.
Parents and children appreciated the school Management and Principal Dr.Neelima Jain for providing books of varied skills and interests under one roof.

Sunday, 12 January 2025

खजानी वीमेन’स वोकेशनल इंस्टिट्यूट में लोहड़ी और मकर संक्रांति का पारंपरिक उत्सव मनाया गया

खजानी वीमेन’स वोकेशनल इंस्टिट्यूट में लोहड़ी और मकर संक्रांति का पारंपरिक उत्सव मनाया गया

 


फरीदाबाद, 11 जनवरी 2025 – खजानी वीमेन’स वोकेशनल इंस्टिट्यूट, एनआईटी फरीदाबाद में आज लोहड़ी और मकर संक्रांति का उत्सव पारंपरिक जोश और उल्लास के साथ मनाया गया। छात्राओं और फैकल्टी ने एकजुट होकर इस आयोजन को सफल बनाया। उत्सव की शुरुआत एक खूबसूरत बोनफायर जलाकर हुई, जिसके चारों ओर सभी ने त्योहार की गरिमा को उत्साहपूर्वक मनाया।

इस अवसर पर मूंगफली, पॉपकॉर्न, और   गज़क जैसे पारंपरिक प्रसाद का वितरण किया गया। सभी प्रतिभागी पारंपरिक पंजाबी पोशाकों—पंजाबी सूट और परांदी—में सजे हुए थे, जो उनकी खूबसूरती और त्योहार के माहौल को और खास बना रहे थे।




कार्यक्रम की संपूर्ण योजना और पहल खजानी वीमेन’स वोकेशनल इंस्टिट्यूट, एनआईटी फरीदाबाद के निदेशक श्री संजय चौधरी ने की। उन्होंने इस आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लिया और सभी छात्रों और फैकल्टी के साथ मिलकर इस त्योहार की खुशियां साझा कीं।

यह आयोजन न केवल लोहड़ी और मकर संक्रांति की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करता है, बल्कि संस्थान के छात्रों और शिक्षकों को एकजुटता और परंपराओं से जोड़ने का भी एक सुंदर माध्यम है। खजानी वीमेन’स वोकेशनल इंस्टिट्यूट न केवल व्यावसायिक कौशल प्रदान करता है, बल्कि छात्रों को सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध है।

संस्थान विभिन्न कौशल आधारित पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जिनमें फैशन डिज़ाइनिंग और मर्चेंडाइजिंग, गारमेंट कंस्ट्रक्शन, ब्यूटी कल्चर, फाइन आर्ट्स, आर्ट एंड क्राफ्ट, वेब डिज़ाइनिंग, स्मार्ट अकाउंटिंग, इंटीरियर डिज़ाइन, अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (ईसीसीई) और फिनिशिंग स्कूल शामिल हैं।







Saturday, 30 November 2024

मानव रचना दीक्षांत समारोह 2024:  लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्नातकों से भारत की संभावनाओं और परिवर्तन की यात्रा का नेतृत्व करने का आह्वान किया।

मानव रचना दीक्षांत समारोह 2024: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्नातकों से भारत की संभावनाओं और परिवर्तन की यात्रा का नेतृत्व करने का आह्वान किया।


·       माननीय लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला मुख्य अतिथि के तौर पर हुए शामिल


·       हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री विपुल गोयल ने अतिविशिष्टअतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लिया


·       1,500 से अधिक डिग्रियां प्रदान की गईं, स्नातक, स्नातकोत्तर औरडॉक्टरेट कार्यक्रमों में शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रदर्शन


·       खेल, शिक्षा, प्रशासन और उद्योग के क्षेत्र में अग्रणियों को मानद पीएचडी की उपाधियाँ प्रदान की गईं

फरीदाबाद, 30 नवंबर, 2024: मानव रचना विश्वविद्यालय (MRU) औरमानव रचना अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान एवं अध्ययन संस्थान (MRIIRS), जिसमें मानव रचना डेंटल कॉलेज (MRDC) और मानव रचना दूरस्थ एवंऑनलाइन शिक्षा केंद्र (MRCDOE) शामिल हैं, ने आज 2024 के बैच के लिए दीक्षांत समारोह का आयोजन कर 1500 से अधिक छात्र-छात्राओं को डिग्रियाँ प्रदान कीं। यह भव्य समारोह संस्थान के फरीदाबाद परिसर में आयोजित हुआ, जिसमें विभिन्नविषयों से जुड़े विद्यार्थियों की उपलब्धियों का जश्न मनाया गया।

इस अवसर पर माननीय लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला मुख्य अतिथि केरूप में उपस्थित रहे। अपने दीक्षांत संबोधन में उन्होंने कहा, “स्नातक होनाकेवल डिग्री प्राप्त करना नहीं है, यह असीमित अवसरों की दुनिया कोअपनाने के लिए तैयार होने की घोषणा है। ज्ञान और बुद्धिमत्ता से सुसज्जितआप अब नवाचार और परिवर्तन के पथ को रोशन करने के लिए मशाललेकर चलने को तैयार हैं। मानव रचना की दूरदर्शी शिक्षा समाज में गहराप्रभाव डालने में सक्षम व्यक्तित्वों का निर्माण करती है, जो इसके संस्थापक, डॉ. ओ.पी. भल्ला की विरासत का प्रमाण है।”

इस अवसर पर दोनों विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति और मानव रचना शिक्षण संस्थानों के अध्यक्ष, डॉ. प्रशांत भल्ला ने  विद्यार्थियों से कहा, “जैसे हीआप दुनिया में कदम रखेंगे, मानव रचना की उत्कृष्टता, ईमानदारी औरनवाचार की विरासत को आगे बढ़ाएं। भविष्य में लचीलापन औरअनुकूलनशीलता की आवश्यकता है, और मैं आपसे आग्रह करता हूं कि एकविकसित भारत के निर्माण में साहस, सहानुभूति और उद्देश्य के साथ नेतृत्वकरें।”

हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री विपुल गोयल ने अतिविशिष्ट अतिथिके रूप में स्नातकों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “जीवन आपको कहींभी ले जाए, अपनी जड़ों और संस्कृति को कभी न भूलें। मानव रचना स्नातकके रूप में आपकी अनूठी पहचान हर जगह चमकेगी। मैं मानव रचना कीउत्कृष्टता की निरंतर खोज के लिए सराहना करता हूं, और यह दीक्षांतसमारोह इसकी वैश्विक मान्यता प्राप्त करने की दिशा में एक और उपलब्धिहै।”

इस दीक्षांत समारोह में विभिन्न कार्यक्रमों में डिग्रियां प्रदान कर शैक्षणिकउत्कृष्टता को मान्यता दी गई। MRIIRS ने 708 स्नातक, 344 स्नातकोत्तरऔर 66 डॉक्टरेट डिग्रियां प्रदान कीं, जबकि MRU ने 392 स्नातक, 50 स्नातकोत्तर और 22 डॉक्टरेट डिग्रियां प्रदान कीं। इस अवसर पर 45 टॉपर्सऔर 13 पुरस्कार विजेताओं (MRIIRS से) और 10 टॉपर्स और 12 पुरस्कारविजेताओं (MRU से) को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

समारोह का मुख्य आकर्षण खेल, शिक्षा और प्रशासन जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्टयोगदान के लिए 10 विशिष्ट व्यक्तित्वों को मानद उपाधियां प्रदान करनारहा:

·       पद्म श्री सुश्री रानी रामपाल, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कारप्राप्तकर्ता, भारतीय कोच और पूर्व हॉकी खिलाड़ी।

·       श्री अनुराग शर्मा, सांसद, लोकसभा।

·       श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा (IAS (सेवानिवृत्त)), अध्यक्ष, हरियाणाजल संसाधन प्राधिकरण और हरियाणा सरकार की पूर्व मुख्य सचिव।

·       प्रोफेसर मना हेल थाबेट, अध्यक्ष, आर्थिक मंच (टिकाऊ विकास केलिए)।

·       श्री आलोक शर्मा, निदेशक, अनुसंधान एवं विकास, इंडियन ऑयलकॉरपोरेशन लिमिटेड।

·       डॉ. तनुजा सिंह, अध्यक्ष, यूनिवर्सिटी ऑफ इंडियानापोलिस।

·       श्री आनंद मेहता, मानद अध्यक्ष, महर्षि दयानंद शिक्षा सोसाइटी।

·       श्री संजय सेठी, प्रबंध निदेशक और सीईओ, चैलेट होटल्स लिमिटेड।

·       श्री पंकज बंसल, मैनेजिंग पार्टनर, केरेट कैपिटल और संस्थापक, पीपलस्ट्रॉन्ग।

·       श्री प्रदीप मोहंती, प्रबंध निदेशक, सैफ्रॉन स्ट्रोक्स प्रा. लिमिटेड।

समारोह का समापन एक उत्सवपूर्ण माहौल में हुआ, जिसमें स्नातकों से मानवरचना द्वारा प्रेरित मूल्यों और दृष्टिकोण को आगे ले जाने का आह्वान कियागया।

MREI के बारे में:

1997 में स्थापित मानव रचना शैक्षणिक संस्थान (MREI) शिक्षा मेंउत्कृष्टता का प्रतीक हैं। 41,000 से अधिक पूर्व छात्र, 120+ वैश्विकशैक्षणिक सहयोग और 80+ नवाचार एवं उद्यमशीलता उपक्रमों के साथ, MREI उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षण के लिए समर्पित है। MREI के तहतप्रमुख संस्थानों में मानव रचना विश्वविद्यालय (MRU), मानव रचनाअंतरराष्ट्रीय अनुसंधान एवं अध्ययन संस्थान (MRIIRS) – NAAC A++ मान्यता प्राप्त, और मानव रचना डेंटल कॉलेज (MRIIRS के तहत) – NABH मान्यता प्राप्त, शामिल हैं।

Wednesday, 20 November 2024

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय ने स्वदेशी शोध संस्थान के साथ किया समझौता

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय ने स्वदेशी शोध संस्थान के साथ किया समझौता

 



- दोनों संस्थान मिलकर भारतीय ज्ञान प्रणाली एवं शोध गतिविधियों को देंगे बढ़ावा
फरीदाबाद, 20 नवंबर - जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने स्वदेशी शोध संस्थान, नई दिल्ली के साथ समझौता किया हैं। स्वदेशी स्वावलंबन न्यास ट्रस्ट के तहत संचालित स्वदेशी शोध संस्थान भारतीय ज्ञान प्रणाली और अनुसंधान को बढ़ावा देने के साथ-साथ पूरे देश में स्वदेशी के सिद्धांतों के प्रति जागरूकता लाने की दिशा में काम कर रहा है। 
समझौते पर जे.सी. बोस विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. मेहा शर्मा और स्वदेशी शोध संस्थान के सलाहकार श्री सुरेश गुप्ता ने हस्ताक्षर किए। समारोह में विश्वविद्यालय के प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें निदेशक (अनुसंधान एवं विकास) प्रो. मनीषा गर्ग, कंप्यूटर एप्लीकेशन विभाग की अध्यक्षा डॉ. शिल्पा सेठी और सहयोग एवं उद्योग संपर्क प्रभारी डॉ. रश्मि पोपली शामिल रहे। इस साझेदारी का उद्देश्य प्रशिक्षण, कौशल विकास, उद्यमिता और रोजगार गतिविधियों के आयोजन में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है। यह विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय ज्ञान प्रणाली पर केंद्रित सहयोगी शैक्षणिक, अनुसंधान और विस्तार पहलों को बढ़ावा देने पर भी बल देगा। इसके अतिरिक्त, समझौते में मूल्य-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने, उनमें राष्ट्रीय चरित्र को विकसित करने और उनके समग्र विकास के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई गई है। 
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने समझौता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए स्वच्छ प्रौद्योगिकीय अनुसंधान के महत्व पर प्रकाश डाला तथा इस दिशा में स्थायी ऊर्जा अनुसंधान को आगे बढ़ाने के प्रयासों के लिए स्वदेशी शोध संस्थान की सराहना की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों को इस सहयोग से काफी लाभ होगा। विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में इलेक्ट्रिक वाहनों पर एक पाठ्यक्रम की शुरूआत भी की गई है। उन्होंने दोनों पक्षों को समझौते के तहत पहलों में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। 
स्वदेशी शोध संस्थान के सलाहकार श्री सुरेश गुप्ता ने बताया कि उनका संस्थान पूरे हरियाणा में सरकारी विश्वविद्यालयों के साथ सहभागिता को लेकर समझौते कर रहा है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा सुरक्षा, एनिमेशन और गेमिंग जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित कार्यशालाएं आयोजित करने की योजनाओं की रूपरेखा पर चर्चा की। श्री गुप्ता ने विश्वविद्यालय के शोधार्थियों को नई दिल्ली स्थित संस्थान की शोध सुविधाओं में मिलकर काम करने के लिए आमंत्रित भी किया।