Sunday 25 August 2024
बहनों की सुरक्षा के लिए कृष्ण भगवान की तरह युवाओं को आना होंगा आगे : दीपक यादव
Saturday 24 August 2024
श्री राम मंदिर में जन्माष्टमी पर्व की तैयारियां अंतिम चरण में :राम जुनेजा प्रधान
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रेम बांगा मौजूद रहेगें। इसके बाद कलाकारों द्वारा सुन्दर भजन प्रस्तुत किए जाएगें व राधा-कृष्ण, बाबा भोलेनाथ की झांकियां भी प्रस्तुत की जाएगी। रात्रि 12 बजे कृष्ण जन्म के साथ ही भक्तों में प्रसाद वितरण किया जाएगा।
प्रधान राम जुनेजा ने बताया कि मंदिर में भव्य लाईटिंग की गई है तथा दो बड़े एलईडी के मध्य से मंदिर की सभी झांकियां लोगों को दिखाई जाएगी। मंदिर कमेटी के सभी सदस्य आए हुए श्रद्धालुओं पर गुलाब जल व ईत्र की वर्षों करेगें।
इस अवसर पर महेंद्र रतलाका, राहुल कथरिया, अमित चक्रवर्ती, लोकेश गुप्ता, धर्मेन्द्र, चीनू सहित अन्य कमेटी सदस्य मौजूद रहे।
Wednesday 21 August 2024
मानव रचना को नेशनल एम्प्लॉयबिलिटी अवॉर्ड 2025 से किया गया सम्मानित, देश के टॉप-10 % इंजीनियरिंग संस्थानों में बनाई जगह
फरीदाबाद, 20 अगस्त, 2024: मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (एमआरआईआईआरएस) और मानव रचना विश्वविद्यालय (एमआरयू) को प्रतिष्ठित नेशनल एम्प्लॉयबिलिटी अवॉर्ड 2025 से सम्मानित किया गया है। इसी के साथ संस्थान ने भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में अपनी स्थिति मज़बूत की है।
अग्रणी वैश्विक नौकरी कौशल प्रमाणन एजेंसी एसएचएल, की ओर से यह पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर पर या अपने-अपने राज्यों में शीर्ष 10% इंजीनियरिंग कैंपस में शामिल होने पर दिया जाता है। एसएचएल ने एमआरआईआईआरएस और एमआरयू को ‘बैच 2025’ के लिए राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष 10% इंजीनियरिंग कैंपस में से एक होने का गौरव दिया है। यह मान्यता दोनों संस्थानों को उस विशिष्ट समूह में शामिल करती है, जिसके लिए देश भर में 1161 कैंपस का मूल्यांकन किया गया है।
2012 में शुरू किए गए नेशनल एम्प्लॉयबिलिटी अवॉर्ड, एकमात्र ऐसा पुरस्कार हैं जो संस्थान के बुनियादी ढांचे या संकाय गुणवत्ता जैसे मापदंडों के बजाय परीक्षा में छात्रों के वास्तविक प्रदर्शन के आधार पर दिए जाते हैं। ये पुरस्कार केवल भारत के सबसे बड़े रोजगार योग्यता परीक्षण AMCAT (एस्पायरिंग माइंड्स कंप्यूटर एडेप्टिव टेस्ट) में छात्रों के वास्तविक प्रदर्शन पर आधारित हैं।
AMCAT एक व्यापक मूल्यांकन है जो कम्युनिकेशन, लॉजिकल रीजनिंग, क्वांटिटेविट एप्टीट्यूड और नौकरी-विशिष्ट डोमेन जानकारी जैसे महत्वपूर्ण पामदंडों के आधार पर नौकरी के आवेदकों के कौशल का आंकलन करता है। इस परीक्षा को व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है, जिसका उपयोग 700 से अधिक कंपनियों द्वारा भर्ती के लिए किया जाता है। एक्सेंचर, स्नैपडील, एक्सिस बैंक, टाटा मोटर्स और आईटीसी जैसी दिग्गज कंपनियां प्रवेश स्तर के पदों के लिए उनकी भर्ती प्रक्रियाओं के लिए इस मूल्यांकन प्रक्रिया का उपयोग करती हैं।
मानव रचना शैक्षणिक संस्थानों (एमआरईआई) के एमडी श्री राजीव कपूर ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा, "एसएचएल से यह मान्यता मिलना विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने और हमारे छात्रों को वैश्विक जॉब मार्केट की मांगों के लिए तैयार करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह हमारे संकाय, कर्मचारियों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से हमारे छात्रों की कड़ी मेहनत का प्रमाण है।"
एमआरईआई के करियर डेवलपमेंट सेंटर की निदेशक प्रो. (डॉ.) हनु भारद्वाज ने कहा, "मानव रचना में शिक्षा और उद्योगों के बीच के अंतर को कम करना हमारी प्राथमिकता है। यह पुरस्कार उद्योगों के लिए तैयार पेशेवरों को तैयार करने में हमारी सफलता की पुष्टि करता है।"
इस मान्यता से मानव रचना के स्नातकों की रोजगार संभावनाओं में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है, जिससे उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में शीर्ष रिक्रूटर्स द्वारा अत्यधिक मांग की जाएगी। इसके अतिरिक्त, यह संस्थान के अग्रणी कंपनियों के साथ संबंधों को मज़बूत करेगा, जिससे भविष्य में और अधिक मजबूत उद्योग साझेदारी और सहयोग के अवसरों का मार्ग प्रशस्त होगा।
विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के स्टूडेंट्स ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु को बांधी राखी
फरीदाबाद। विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के स्टूडेंट ने रक्षा बंधन पर्व पर देश की राष्ट्रपति श्री मती द्रोपदी मुर्मु को राखी बांधकर शुभकामनाएं दीं। इस दौरान स्कूल के चार छात्र सहित प्रिंसिपल एवं कोर्डिनेटर भी साथ रहे। राष्ट्रपति से मिलने के बाद बच्चे बेहद प्रसन्न नजर आए।
स्कूल निदेशक दीपक यादव ने बताया कि विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल अपने छात्रों के व्यक्तित्व विकास के लिए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन करता है। देश के नेतृत्व से मिलना भी इसका एक अंग है। इसी कड़ी में रक्षा बंधन के अवसर पर हमारे स्कूल के छात्रों कक्षा छह से हर्षिता, कक्षा आठ से माही त्यागी एवं आरुष और कक्षा नौ से आरना राष्ट्रपति भवन पहुंचे। उन्होंने अपनी प्रिंसिपल रेखा मलिक और कोर्डिनेटर पूजा शर्मा के साथ महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु से मुलाकात की और उन्हें रक्षा सूत्र बांधा।
राष्ट्रपति ने सभी से प्रेमपूर्वक मुलाकात की और हालचाल जाना। उनके बारे में छात्रों के अनुभव प्रेरणादायक रहे। छात्रों का कहना है कि महामहिम मुुर्मु देश के सर्वोच्च पद पर होने के बाद भी बहुत दयालु हृदय हैं। उनकी मुस्कुराहट शक्ति प्रदान करती है।
इस बारे में निदेशक दीपक यादव ने बताया कि विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के स्टूडेंट निरंतर राष्ट्रपति भवन जाने का अवसर प्राप्त कर रहे हैं। हमारे बच्चों ने निरंतर तीन राष्ट्रपतियों के साथ मिलने का अनुभव प्राप्त किया है। जिनमें वर्तमान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु, उनसे पूर्व राष्ट्रपति रहे रामनाथ कोविंद और उनसे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी हमारे स्टूडेंट मिल चुके हैं। यादव ने बताया कि इस प्रकार की गतिविधियों से बच्चों में साहस और सम्मान की भावना का विकास होता है। जिसके लिए वह भविष्य में स्वयं भी प्रयास करते हैं। आपको बता दें कि विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल घरौडा ग्रेटर फरीदाबाद और सेक्टर दो बल्लभगढ़ में दो ब्रांचेज का संचालन होता है। स्कूल ने बेटियों को निशुल्क प्रवेश देकर क्षेत्र में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे को चरितार्थ किया है। प्रबंधन ने ग्रामीण अंचल में बेस्ट सीबीएसई स्कूल खोलकर लोगों का विश्वास जीता है। वहीं खेलों के क्षेत्र में भी स्कूल आज एक बड़ा नाम है। स्कूल की घरौड़ा ब्रांच में पांच खेल अकादमी का संचालन हो रहा है।
शिक्षण संस्थानों को पूर्व छात्र संघ के योगदान को मजबूत एवं प्रभावशाली बनाना होगाः राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु
चंडीगढ़ , 21 अगस्त - भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति की चुनौतियों का सामना करने और इससे पैदा होने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिए देश में जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थानों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। राष्ट्रपति ने शिक्षण संस्थानों को पूर्व छात्र संघ के योगदान को भी मजबूत एवं प्रभावशाली बनाने का सुझाव दिया।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु आज हरियाणा के फरीदाबाद में जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए के पंचम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहीं थी। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल हरियाणा एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय ने की। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर भी उपस्थित रहे। राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु की उपस्थिति में विद्यार्थियों को उपाधि, पदक एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किये। दीक्षांत समारोह में सभी छात्र-छात्राएं पारंपरिक भारतीय वेशभूषा में नजर आये, जोकि ड्रेस कोड का हिस्सा था।
दीक्षांत समारोह के दौरान वर्ष 2023 में अपनी डिग्री पूरी करने वाले 1536 विद्यार्थियों और शोधार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई, जिसमें 998 स्नातक, 525 स्नातकोत्तर और 13 पीएचडी शामिल रहे। डिग्री प्राप्त करने वालों में 874 छात्र और 662 छात्राएं हैं। इसके अलावा, समारोह में दो मेधावी छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया, जिनमें से 75,000 रुपये राशि का एक राज्यपाल-कुलाधिपति स्वर्ण पदक ओवरऑल बीटेक टॉपर छात्रा इशिता जुनेजा को दिया गया तथा 65,000 रुपये राशि का एक मुख्यमंत्री स्वर्ण पदक ओवरऑल बीटेक गल्र्स टॉपर छात्रा काजल शर्मा को दिया गया।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने दीक्षांत समारोह पर विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में उपाधि प्राप्त कर रहे 13 शोद्यार्थियों में आठ छात्राएं है जो दर्शाता है उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में हमारी बेटियां आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में 43 प्रतिशत बेटियां है और वे चाहती है कि यह अनुपात और बेहतर हो।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने विश्वविद्यालय में जे.सी. बोस यंग साइंटिस्ट अवार्ड की शुरूआत तथा शोध के लिए सीड मनी जैसे प्रावधानों का उल्लेख करते हुए शोध को बढ़ावा देने के लिए किये जा रहे प्रयासों पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा औद्योगिक एवं अकादमिक संस्थानों के साथ समझौतों तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा विश्वविद्यालय में स्थापित सेंटर आफ एक्सीलेंस जैसी पहलों का भी उल्लेख किया। राष्ट्रपति ने कहा कि हरियाणा हरित क्रांति का प्रदेश है। इस राज्य ने देश की खाद्यान्न आत्मनिर्भरता में अहम भूमिका निभाई है। चौथी औद्योगिक क्रांति में शिक्षण संस्थानों की भूमिका पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय शोध एवं अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निभाते हुए अन्य संस्थाओं को राह दिखा सकता है।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी अनुसंधान एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नीति में शोध की मानसिकता को मजबूत बनाने के लिए सभी उच्चतर शिक्षण संस्थानों में समग्र शिक्षा, स्नातक पाठ्यक्रमों में शोध एवं इंटर्नशिप के समावेशन आदि पर बल दिया गया है। देश में गुणवत्तायुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना की गई है। उन्होंने प्रसन्नता जताई कि विश्वविद्यालय द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने तथा उसके लक्ष्यों के अनुरूप शिक्षा प्रदान करने की पहल की जा रही है।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि यह संस्थान पांच दशकों से अधिक समय से युवाओं को कौशलवान एवं आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस संस्थान के पूर्व विद्यार्थियों की एक प्रभावशाली सूची है जो देश-विदेश में कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर रहे है तथा विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता एवं परामर्श प्रदान करने में मदद कर रहे है। उन्होंने सुझाव दिया कि शिक्षण संस्थानों को पूर्व छात्र संघ की भूमिका एवं योगदान को और अधिक मजबूत एवं प्रभावशाली बनाने के लिए कदम उठाया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने महान वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बोस को आधुनिक विज्ञान का अग्रदूत बताते हुए कहा कि जे.सी. बोस का नाम सुनते ही प्रत्येक भारतीय को गर्व की अनुभूति होती है। राष्ट्रपति ने वनस्पति विज्ञान एवं रेडियो विज्ञान में जे.सी. बोस के अध्ययन एवं अनुसंधान का उल्लेख करते हुए कहा कि विद्यार्थी उनके जीवन एवं कार्यों से प्रेरणा लेकर टेक्नोलाॅजी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
शोध गतिविधियों में महिला शोद्यार्थियों की भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि उच्च शिक्षा में प्रदेश की बेटियां आगे बढ़ रही है और शोध में लड़कों की तुलना में उनकी भागीदारी उत्साहनजक है जो दर्शाता है कि हरियाणा की बेटियां प्रत्येक क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही है। उन्होंने प्रौद्योगिकीय स्नातकों से आह्वान किया कि वे देश को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व पटल पर उच्च स्तर पर प्रतिष्ठित करने में अपनी भूमिका निभाये। श्री दत्तात्रेय ने कहा कि महान वैज्ञानिक जे.सी. बोस के नाम पर इस विश्वविद्यालय का नामकरण इसे वैश्विक पहचान दिलायेगा। उन्होंने दीक्षांत समारोह के लिए विश्वविद्यालय को शुभकामनायें दी तथा उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इससे पहले कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने अपने स्वागतीय संबोधन में अतिथियों का अभिनंदन किया तथा वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। कुलपति ने विगत वर्षों की विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय ने विभिन्न गुणवत्ता मानदंडों पर खुद को साबित किया है। इस समय विश्वविद्यालय में 60 से अधिक पाठ्यक्रम पढ़ाये जा रहे है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक 2023-24 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को लागू करने की पहल की है तथा विश्वविद्यालय शोध कार्यों, स्टार्टअप, नवाचार एवं प्लेसमेंट गतिविधियों पर विशेष प्रोत्साहन दे रहा है।
समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद, पुलिस महानिदेशक श्री शत्रुजीत कपूर, पुलिस आयुक्त श्री ओ.पी. नरवाल, जिला उपायुक्त श्री विक्रम सिंह, विश्वविद्यालय की विभिन्न निकायों के सदस्य, पूर्व छात्र संघ के सदस्य और जिला प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित थे।
Sunday 18 August 2024
हरियाणा की देव तुल्य जनता 1 अक्टूबर को नायाब नीतियों पर मुहर लगाने का मन बना चुकी है : मोहन लाल कौशिक
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने राई विधानसभा के मुरथल, जाखोली तथा नाहरी मंडल के कार्यकर्ताओं की ली बैठक
भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी, कार्यकर्ताओं को मिलता है पूरा मान और सम्मान : मोहन लाल कौशिक
Friday 16 August 2024
मानव रचना ने शिक्षा मंत्रालय की एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2024 में उत्कृष्ट स्थान हासिल किया
फरीदाबाद, 17 अगस्त, 2024: मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (एमआरआईआईआरएस) ने ‘नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) इंडिया रैंकिंग्स 2024’ में उल्लेखनीय स्थान प्राप्त कर अपनी उत्कृष्टता की विरासत को जारी रखा है। विश्वविद्यालय ने एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग्स 2024 में विश्वविद्यालय श्रेणी में 92वां और डेंटल श्रेणी में 38वां स्थान प्राप्त कर अपनी प्रतिष्ठा को और मज़बूत किया है। इसके साथ ही, यह ओवरऑल और इंजीनियरिंग श्रेणियों में 101-150 रैंक बैंड में शामिल रहा है। इस उपलब्धि ने एमआरआईआईआरएस की गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को साबित किया है, जिससे इसे कई पुरस्कार मिल चुके हैं, और एनआईआरएफ रैंकिंग्स ने इसे और भी प्रामाणिक बनाया है। इन रैंकिंग्स के आधार पर, एमआरआईआईआरएस हरियाणा के सभी विश्वविद्यालयों में दूसरे स्थान पर और दिल्ली एनसीआर में निजी विश्वविद्यालयों में चौथे स्थान पर है।
एमआरआईआईआरएस के तहत, मानव रचना डेंटल कॉलेज (एमआरडीसी) ने टॉप-40 रैंकिंग में जगह बनाई है, और हरियाणा में ये दूसरे व दिल्ली-एनसीआर में तीसरे स्थान पर रहा है। एमआरडीसी को उत्तर भारत में नंबर- 1 निजी डेंटल कॉलेज के रूप में मान्यता मिली हुई है। एक प्रमुख निजी NABH मान्यता प्राप्त डेंटल संस्थान के रूप में, एमआरडीसी विशिष्ट शिक्षा देने में अग्रणी बना हुआ है, जिससे यह एकमात्र निजी डेंटल कॉलेज है जिसने बेहतरीन मानकों के साथ इतने उच्च सम्मान प्राप्त किए हैं।
यह उपलब्धि इसलिए भी विशेष महत्व रखती है, क्योंकि इस प्रतिस्पर्धा में पूरे भारत के 10,000 से ज़्यादा संस्थान शामिल रहे। मानव रचना ने सरकारी संस्थानों, आईआईटी, एनआईटी, और निजी संस्थानों के बीच उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अपनी पहचान बनाई है, और भारत के सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में अपनी स्थिति को और मज़बूत किया है।
इस विशिष्ट उपलब्धि पर मानव रचना शैक्षणिक संस्थानों के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला ने प्रदेशवासियों और मानव रचना समुदाय को बधाई देते हुए कहा, "ये रैंकिंग संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता और समग्र विकास के प्रति निरंतरता में हमारे विश्वास की पुष्टि करती है। ये रैंकिंग स्पष्ट करती है कि हम एक समग्र वातावरण बनाने का लक्ष्य लेकर काम कर रहे हैं, जहां छात्रों के सर्वांगीण विकास का माहौल मिल सके, और वे दुनिया की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हो सकें।"
एमआरईआई के उपाध्यक्ष डॉ. अमित भल्ला ने कहा, "उत्कृष्ट फैकल्टी सदस्यों और अभूतपूर्व शोध के साथ छात्रों को सशक्त बनाने के हमारे प्रयासों के चलते संस्थान को लगातार बेहतरीन मान्यता मिली है। यह उपलब्धि उत्कृष्टता की दिशा में किए जा रहे हमारे प्रयासों को मान्यता देती है। उम्मीद है कि भविष्य में भी हमारा बेहतरीन प्रदर्शन इसी तरह जारी रहेगा।"
एमआरआईआईआरएस के कुलपति डॉ. संजय श्रीवास्तव ने कहा, “एमआरआईआईआरएस ने इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, डेंटल साइंसेज और रिसर्च जैसे विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए लगातार भारत के शीर्ष संस्थानों में स्थान बनाया है। एनआईआरएफ 2024 रैंकिंग बेहतर शिक्षा, अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे, उद्योग साझेदारी और उत्कृष्ट प्लेसमेंट परिणाम देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”
एमआरडीसी के प्रिंसिपल डॉ. पुनीत बत्रा ने गर्व जताते हुए कहा, "मानव रचना डेंटल कॉलेज को उत्तर भारत के अग्रणी निजी डेंटल संस्थान के रूप में मान्यता मिलना, विशिष्ट शिक्षा को आगे बढ़ाने के प्रति हमारे समर्पण और डेंटल क्षेत्र में उत्कृष्टता के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।"
मानव रचना की विशिष्ट उपलब्धियां जैसे- नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) ए++ मान्यता, क्यूएस यूनिवर्सिटी रैंकिंग एशिया, यूजीसी श्रेणी 1 डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा, एनएबीएच मान्यता, अकादमिक उत्कृष्टता के लिए आईएसओ प्रमाणन और एनबीए मान्यता जैसे पुरस्कारों के साथ, लगातार बढ़ रही हैं। एनआईआरएफ 2024 रैंकिंग इन शानदार उपलब्धियों में एक और उत्कृष्टता जोड़ती है, जोकि दर्शाती है कि मानव रचना शैक्षणिक संस्थान भावी प्रोफेशनल्स को बेहतरीन करियर की दिशा प्रदान करने के लिए नवाचार, अकादमिक उत्कृष्टता और आधुनिक व सर्वांगीण शिक्षा के माहौल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भाजपा फरीदाबाद ने आगामी चुनाव की तैयारियों पर दिया जोर, विधानसभाओं में मंडल स्तर पर किया बैठकों का आयोजन