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Sunday 27 January 2019

भारतीय लड़कियों को इसमें बढ़ाने के लिए सलवार सूट में कर रहीं फाइट….

भारतीय लड़कियों को इसमें बढ़ाने के लिए सलवार सूट में कर रहीं फाइट….

नई दिल्ली : 28 जनवरी I डब्ल्यूडब्ल्यूई के एनएक्सटी प्रोग्राम के तहत सलवार-सूट में फाइट करने वाली पहली भारतीय महिला कविता देवी का इस खेल से जुड़ना एक अचरज ही रहा है। वह इससे पहले साउथ एशियन वेटलिफ्टिंग और वुशु नेशनल चैंपियन थीं। भारत में हुई डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर्स फाइट को वह देखने पहुंची थीं। वहां पर डब्ल्यूडब्ल्यूई की एक महिला रेसलर के ओपन चैलेंज पर यह सलवार-सूट में ही रिंग में उतर गईं। और उसे सिर से उठाकर रिंग में पटक दिया। उन्हें नहीं मालूम था कि डब्ल्यूडब्ल्यूई अधिकारी ट्राईआउट प्रोग्राम के तहत भारत से नए रेसलर्स की खोज भी कर रहे थे। इसके बाद उन्हें दुबई ट्राईआउट प्रोग्राम में आने का न्यौता दिया गया । और वहां डब्ल्यूडब्ल्यूई की ट्रेनिंग के लिए चुन लिया गया। खली से भी उन्होंने ट्रेनिंग प्राप्त की है। आपको बता दें कि कविता भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों फर्स्ट लेडी अवॉर्ड से सम्मानित हो चुकी हैं।

दो साल लगेंगे मुख्य रोस्टर में जाने को

कविता ने बताया कि डब्ल्यूडब्ल्यूई के मुख्य रोस्टर में जाने के लिए एनएक्सटी प्रोग्राम में दो साल की कड़ी ट्रेनिंग कराई जाती है। इसके तहत फाइट एवं चैंपियनशिप भी डब्ल्यूडब्ल्यूई की तरह ही आयोजित होती हैं। इस प्रोग्राम में रेसलर को मुख्य रोस्टर में लड़ने के तहत परिपक्व किया जाता है। इसलिए ही अभी वह एनएक्सटी प्रोग्राम का हिस्सा हैं। कविता बताती हैं कि इस ट्रेनिंग में कई बार दो साल से ज्यादा का वक्त भी लग सकता है और कम भी। चयनकर्ता जब पूरी तरह से निश्चित हो जाते हैं कि रेसलर मुख्य रोस्टर में लड़ने लायक है, तभी उसे इस प्रोग्राम से मुख्य रोस्टर में डाला जाता है।

सलवार-सूट को इसलिए बनाया ड्रेस

कविता का कहना है कि भारतीय लड़कियां इस खेल में आगे आएं। वह परंपरा और संस्कृति की वजह से पीछे न रह जाएं। इसके लिए ही उन्होंने सलवार-सूट को अपनी ड्रेस बनाया है। ताकि वह दिखा सकें कि सलवार-सूट में भी फाइट हो सकती है। इस खेल में करियर बनाया जा सकता है। जरूरी नहीं कि इस खेल के लिए छोटे-छोटे कपड़े पहने जाएं। इसके लिए ही एक बार फिर भारत में मुंबई में डब्ल्यूडब्ल्यूई ट्राईआउट कराने जा रहा है। जिसके लिए इस बार ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता है।

कठिन रहा है सफर

जींद माली गांव की रहने वाली कविता ने बताया कि उनका किसान परिवार था। खेल से सब कोसो दूर थे। वह पहली लड़की थीं। जिसने खेल को चुना। शुरू में उन्हें समाज के तानों के साथ परिवार की बेरूखी का भी सामना करना पड़ा। लेकिन उनकी मेहनत की वजह से ही उनको परिवार को धीरे-धीरे सहयोग मिलने लगा। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में पांच भाई-बहन हैं। उनके बड़े भाई संजय ने उन्हें सबसे पहले सपोर्ट किया। सबसे पहले वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग उन्होंने ली। इसके लिए  जिम गईं। 2008 में इस वजह से ही सशस्त्र सीमा बल में कांस्टेबल की नौकरी भी मिली। शादी होने पर पति गौरव तौमर की सलाह पर वुशु की ट्रेनिंग ली। और उसमें भी दो साल सीनियर नेशनल चैंपियन रही। उन्होंने तब मेडल जीते जब वह एक बच्चे की मां भी थीं। पति के सपोर्ट से ही वह विभिन्न प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीत सकीं। वह बताती हैं कि उनको विभाग की तरफ से सपोर्ट नहीं मिलने की वजह से नौकरी छोड़नी पड़ी। लेकिन वह खुश है कि वह डब्ल्यूडब्ल्यूई का हिस्सा हैं। अब उनका लक्ष्य डब्ल्यूडब्ल्यूई के मुख्य रोस्टर में जगह बनाने का है। 

Monday 20 August 2018

पहलवान बजरंग पूनिया ने गोल्ड मैडल स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को समर्पित किया

पहलवान बजरंग पूनिया ने गोल्ड मैडल स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को समर्पित किया

Friday 19 January 2018

पन्हैडा कलां की बेटी कुमकुम ने रेसलिंग में जीता सिल्वर मैडल

पन्हैडा कलां की बेटी कुमकुम ने रेसलिंग में जीता सिल्वर मैडल

फरीदाबाद, 19 जनवरी -  गांव पन्हैडा कलां की बेटी कुमकुम ने पानीपत में आयोजित रेसलिंग में दूसरा स्थान  हासिल करते हुए सिल्वर ौडल जीतने में सफलता हासिल की है। कुमकुम ने 56 किलोग्राम की श्रेणी में आयोजित इस प्रतियोगिता में भाग लेकर अपनी विरोधी रेसलर को पछाड़ कर सिल्वर मैडल पर कब्जा कर लिया।

इस जीत पर गांव पन्हैडा कला में कुमकुम का जोरदार तरीके से स्वागत किया गया। ग्राम पंचायत की ओर से सरपंच मनोज ने बताया कि कुमकुम की जीत से गांव की बेटियों को उनसे पे्ररणा मिलेगी।

गांव के लिए यह बेहद की गर्व की बात है कि उनकी बेटी ने रेसलिंग में हिस्सा लेकर दूसरा स्थान प्राप्त किया है। सरपंच मनोज के अनुसार कुमकुम पिछले दो साल से पहलवानी की प्रेक्टिस कर रही है। कुमकुम ने पहले भी सोनीपत में आयोजित पहलवानी प्रतियोगिता में मैडल जीता है।

सरपंच के अनुसार पूरे गांव को अपनी बेटी पर गर्व है और उन्हें पूरी उ मीद है कि आने वाले दिनों में कुमकुम रेसलिंग में स्वर्ण पदक जीतकर गांव पन्हैडा कलां सहित पूरे फरीदाबाद जिले का नाम रोशन करेगी।

Thursday 26 October 2017

रविन्द्र पहलवान व आकाश पहलवान ने अंडर 17 वर्ग में  कांस्य पदक जीतने पर जोरदार स्वागत

रविन्द्र पहलवान व आकाश पहलवान ने अंडर 17 वर्ग में कांस्य पदक जीतने पर जोरदार स्वागत

फरीदाबाद 26 अक्तूबर। भारतीय पंचनद सेना फरीदाबाद ने सेक्टर 12 खेल परिसर में रविन्द्र पहलवान सीनियर वर्ग व आकाश पहलवान ने अंडर 17 वर्ग मेवात हरियाणा खेल महाकुंभ में कांस्य पदक जीतने पर उनका जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से भारत केसरी कैप्टन नेत्रपाल पहलवान, अजय सोनी, गोल्डी बरेजा उपस्थित थे। 

इस अवसर पर पंचनद सेना ने कोच विचित्र दहिया, बबलेश त्रिपाठी, संजय सिदमार, जे जे बैनजी का भी आभार जताया जिनके नेतृत्व में पहलवान कुश्ती प्रतियोगिताओ में इस तरह का प्रदर्शन कर फरीदाबाद का नाम रोशन कर रहे हैं। 

इस अवसर पर पंचनद सेना के जिलाध्यक्ष टेकचंद नन्द्राजोग (टोनी पहलवान) ने कहा कि इन दोनो ही खिलाडिय़ों ने कुश्ती के प्रति युवाओं में एक नया जोश पैदा किया है। उन्होंने कहा कि पहलवानी कुछ समय से लुप्त होती जा रही थी परंतु गीता फौगाट जैसी खिलाडियों ने एक बार फिर कुश्ती व पहलवानी का शौक युवाओ में डाला है उसी तरह इन युवाओ ने भी कुश्ती में मैडल जीत कर हमारे फरीदाबाद का नाम रोशन किया है जिसके लिए पंचनद सेना इनको मुबारकबाद देती है।

इस मौके भारत केसरी कैप्टन नेत्रपाल पहलवान, अजय सोनी, गोल्डी बरेजा ने भी अपने अपने सम्बोधन में कहा कि पहलवानी का शौक रखने वाले युवा कभी भी अस्वस्थ नहीं होते क्योकि उनको पहलवानी के दौरान वह सभी बाते सीखाई जाती है जो कि उनके स्वास्थ्य के प्रति लाभदायक हो इसीलिए प्रत्येक युवा को पहलवानी अवश्य ही करनी चाहिए।


Thursday 24 August 2017

खेल में भी नया मुकाम हासिल करेगा फरीदाबाद-विपुल गोयल

खेल में भी नया मुकाम हासिल करेगा फरीदाबाद-विपुल गोयल

फरीदाबाद:24अगस्त (National24news)पूर्व सरकारों ने फरीदाबाद में खेलों का बेड़ा गर्क करने का कार्य किया लेकिन अब जिस तरह से फरीदाबाद के खेल परिसर,कॉलेज और स्टेडियम का कायाकल्प किया जा रहा है,उससे इस बात में कोई शक नहीं कि आने वाले समय में फरीदाबाद के खिलाड़ी भी देश के लिए पदक जीत कर शहर का नाम रोशन करेंगे। ये विचार उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने पंडित जवाहरलाल नेहरू कॉलेज में इंटर कॉलेज स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए। 

4 दिन तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में पुरूष एवं महिला वर्ग में 10 विश्वविद्यालयों के 80 कॉलेज शिरकत कर रहे हैं। प्रतियोगिता के शुभारंभ के मौके पर विपुल गोयल ने कहा कि कुश्ती और कबड्डी हरियाणा की संस्कृति का हिस्सा हैं और इन खेलों के लिए जुनून हरियाणा के खून में है। उन्होन इस मौके पर हरियाणा के खिलाड़ियों और खेल नीति की भी जमकर तारीफ की । विपुल गोयल ने कहा कि हमारे प्रदेश की आबादी सिर्फ 2 फीसदी है लेकिन हमारे खिलाड़ी देश के लिए आधे से ज्यादा पदक जीतकर लाते हैं। उन्होने कहा कि फरीदाबाद में खेलों को आगे बढ़ाने के लिए खिलाड़ियों को सुविधाएं दिलाने में वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

 विपुल गोयल ने कहा कि पूर्व सरकारों ने फरीदाबाद में खेलों का स्तर ऊपर उठाने के लिए कुछ नहीं किया और अब बीजेपी सरकार ने खेल संस्थानों की सुध ली है। उन्होने कहा कि सेक्टर 12 में स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में सिंथेटिक ट्रैक,राजा नाहर सिंह स्टेडियम के जीर्णोद्धार समेत कई बड़े कदम सरकार ने उठाए हैं। इस मौके पर महाविद्यालय की प्रिंसीपल डॉ प्रीता कौशिक ने उद्योग मंत्री विपुल गोयल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर अंतर्राष्ट्रीय शूटर श्वेता चौधरी,भारत केसरी नेत्रपाल हुड्डा, महाविद्यालय के स्पोर्ट्स इंचार्ज बलबीर दहिया,आरडी कौशिक,डॉ शैलेश कौशिक,श्रीभगवान शर्मा और समाजसेवी आरएस गांधी समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।  

Saturday 1 April 2017