फरीदाबाद, 265 जुलाई - विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद और राष्ट्रीय सीमेंट और भवन निर्माण सामग्री परिषद (एनसीबी), बल्लभगढ़ के बीच समझौता किया गया है। यह समझौता सिविल इंजीनियरिंग और संबद्ध विषयों में सहयोगात्मक अनुसंधान और विकास गतिविधियों के संचालन को सुविधाजनक बनायेगा।
Tuesday, 25 July 2023
Tuesday, 6 December 2022
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग के विद्यार्थियों की अनूठी पहल
फरीदाबाद, - जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जारी प्रथम साप्ताहिक हस्तलिखित वॉल समाचार पत्र का कुलसचिव डॉ सुनील कुमार गर्ग ने विमोचन किया हैं। हिंदी -अंग्रेजी भाषाओं में उक्त समाचार पत्रों को एमजेएमसी प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा विभाग डीन डॉ अतुल मिश्रा एवं विभागाध्यक्ष डॉ पवन सिंह के मार्गदर्शन में तैयार किया गया।
समन्वयक डॉ तरुणा नरूला ने विद्यार्थियों को साप्ताहिक वॉल अखबार के लिए प्रेरित किया। डॉ नरूला की देखरेख में उक्त समाचार पत्र छात्रों ने तैयार किए। लेखन और डिजाइनिंग कौशल में अपनी रचनात्मकता दर्शाने के लिए छात्रों को अलग– अलग समूहो में बांटा गया| कुल छ समूह बनाकर तीन कॉपी अंग्रेजी और तीन कॉपी हिंदी की तैयार की गई। विद्यार्थी कोर्डिनेटर शोभा और अमित कौशिक ने उक्त सभी अखबारों से संबंधित जानकारी विस्तारपूर्वक साझा करते हुए बताया कि वॉल अखबार को ए3 साइज शीट पर चिपकाया गया। जिसमें समूह अखबार का नाम, पेज सज्जा एवं अखबार की सामान्य डिजाइन, स्थानीय व राष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम और अन्य कहानियों-चुटकुले, सुविचार एवं चित्रों के माध्यम से संग्रहित किया गया है।
कुलसचिव डॉ सुनील कुमार गर्ग ने सभी विद्यार्थियों की इस रचनात्मक पहल की मुक्तकंठ से प्रशंसा की और भविष्य में और बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित भी किया। विभाग डीन डॉ अतुल मिश्रा ने उपस्थित विद्यार्थियों की हौसला अफजाई करते हुए उनकी रचनात्मक सोच के लिए जमकर प्रशंसा की।विभागाध्यक्ष डॉ पवन सिंह ने बताया कि इस तरह की गतिविधियां मीडिया विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान प्राप्ति के लिए आवश्यक होती है। न्यूज़ पेपर की गुणवत्ता एवं अख़बार की तमाम रूपरेखा की बारीकियों की जानकारी प्राप्त होती है।
Sunday, 3 April 2022
क्रिकेटर कपिल देव ने मानव रचना की एलुमनाई पुस्तक उत्कृष्ट - 'आइकॉन्स ऑफ मानव रचना' का विमोचन किया
इस महत्वपूर्ण अवसर के मुख्य अतिथि के रूप में श्री कपिल देव ने मानव रचना शैक्षणिक संस्थान (MREI) के अध्यक्ष डॉ प्रशांत भल्ला; डॉ अमित भल्ला, उपाध्यक्ष - MREI; डॉ. एम.एम. कथूरिया, ट्रस्टी, MREI; डॉ. संजय श्रीवास्तव, एमडी, MREI; मानव रचना के अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति, छात्र, शिक्षक और एलुमनाई के परिवार की उपस्थिति में पुस्तक का अनावरण किया।
पुस्तक विमोचन का क्षण जोश और विभिन्न भावनाओं से भरा था। जब श्री कपिल देव और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने पुस्तक का अनावरण किया तो सभागार तालियों से गूंज उठा। इस पुस्तक का उद्देश्य मानव रचना के एलुमनाई की उल्लेखनीय उपलब्धियों के साथ-साथ उनकी अभूतपूर्व चुनौतियों के बारे में बताना है।
दर्शकों को संबोधित करते हुए, श्री कपिल देव जी ने साझा किया कि कैसे उनका जुनून एक करियर में बदल गया और उन्होंने इस खूबसूरत यात्रा को शानदार ढंग से पूरा किया। अपने संबोधन में उन्होंने सभागार में मौजूद सभी अभिभावकों, छात्रों, एलुमनाई और दिग्गजों के साथ अपने विचार साझा किए। उन्होंने ‘प्रेशर’ की अवधारणा के बारे में बात की और कहा कि जीवन में कुछ भी करने के लिए जुनून होना चाहिए। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों व् कहानियों से ऑडियंस में बैठे छात्रों को प्रेरित किआ। उन्होंने कहा, "जब कोई छात्र अपनी शिक्षा पूरी करता है, तो यह शैक्षणिक संस्थान की ज़िम्मेदारी है कि वह एक मजबूत चरित्र का भी निर्माण करे।"
संस्थापक डॉ. ओ.पी. भल्ला के सपने को याद करते हुए, डॉ अमित भल्ला ने कहा, “मानव रचना के छात्रों की आज पूरे विश्व में छाप है और डॉ. ओ.पी. भल्ला के इस सपने के सच होने के साथ, मैं यह बात गर्व से कह सकता हूं कि मानव रचना का हर छात्र हमारी पहचान है और हमारी निरंतर सफलता का स्तंभ है।“ उन्होंने कहा कि इस शानदार पुस्तक के विमोचन के साथ, 'फाउंडर्स डे 2022' का जश्न बेजोड़ तरीके शुरू होता है।
Saturday, 27 March 2021
मानव रचना (MREI) ने एशियन अस्पताल को 2 रनों से हराया
फरीदाबाद 28 मार्च 2021: मानव रचना कैंपस में 14वें मानव रचना कॉरपोरेट किक्रेट चैलेंज का आखिरी मैच में मानव रचना (MREI) ने एशियन अस्पताल से जीता। एमआरईआई (MREI) और एशियन अस्पताल के बीच फाइनल मैच में डॉ. प्रशांत भल्ला, अध्यक्ष, एमआरईआई(MREI), डॉ. अमिल भल्ला, उपाध्यक्ष, एमआरईआई(MREI), डॉ. एम.एम कथूरिया, ट्रस्टी, मानव रचना, और मानव रचना के डीन और अन्य गणमान्य अतिथि शामिल हुए।
मानव रचना के ओपी भल्ला फाउंनडेशन ने विजेता टीम को एक लाख रुपये की राशि समेत चैंपियन ट्रॉफी से सम्मानित किया। मानव रचना ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने के लिए चुना और टीम ने 20 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 241 रन बनाए। एशियन अस्पताल की टीम 20 ओवर में 238 रन ही बना सकी। मानव रचना से निखिल को ‘मैन ऑफ द मैच’ घोषित हुए जिन्हें मानव रचना ओपी भल्ला फाउंनडेशन की तरफ से 21 हजार रूपये से सम्मानित किया गया वहीं मानव रचना के सचिन को टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज के रूप में सम्मानित किया गया, एशियन अस्पताल के नीरज टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बने, मानव रचना के निखिल दिवाकर को टूर्नामेंट की सवश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया, ‘रर्नर अप’ की ट्राफी एशियन अस्पताल को मिली ।
एमआरईआई(MREI) के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला ने कहा कि यह खेल कॉरपोरेट जगत से जुड़ने का सुनहरा मौका देता है और खिलाड़ियों में उत्साह और बंधन पैदा करते है। कॉरपोरेट किक्रेट चैलेज 2021 मानव रचना के संस्थापक डॉ. ओपी भल्ला की याद में शुरू किया गया था। जिसमें इस साल किक्रेट कॉरपोरेट चैलेंज में 25 कॉरपोरेट टीम (दिल्ली और एनसीआर) से शामिल हुई जिसमें मारुति सुजुकी (गुरुग्राम), हीरो मोटोकॉर्प(गुरुग्राम), जेसीबी (फरीदाबाद), एस्कॉटर्स कंस्ट्रक्शन (फरीदाबाद), आकाश दर्शन(दिल्ली), एसीई(फरीदाबाद), होंडा कार्स(ग्रेटर नोएडा), आजतक(दिल्ली), एशियन अस्पताल(फरीदाबाद), सर्वोदय अस्पताल(फरीदाबाद), एनएचपीसी(फरीदाबाद), होंडा मोटरसाइकिल (गुरुग्राम), भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्रधिकरण(दिल्ली), IIFL-वेल्थ(दिल्ली), एडिडास(गुरुग्राम),डीडी न्यूज (दिल्ली),मेटाफब(फरीदाबाद), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज(TCS), इरॉन इंटरनेशनल, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, एचपीएल, ग्लेन इंडिया, वेव इन्फ्राटेक, आर्किटेक्ट स्पोटर्स ट्रस्ट और मानव रचना MREI (फरीदाबाद) शामिल थे।14वें क्रिकेट कॉरपोरेट क्रिकेट कप 2021 में 51 मैच खेले गए जिसमें 6 समूहों में प्रत्येक समूह 4-5 टीमों के साथ बांटा गया था जिसमें पहले चरण में लीग मैच खेले गए और फिर नॉकआउट मैच। हर सूमह में से 2 टीम नॉकआउट मैचों के लिए क्वालीफाई हुई थी।
Saturday, 20 March 2021
अफोर्डेबल एजुकेशन देने के लिए डॉ सतीश फौगाट सम्मानित
फरीदाबाद :20 मार्च । जाने माने शिक्षाविद डॉ सतीश फौगाट को लीडर इन प्रोवाइडिंग अफॉर्डेबल एजुकेशन अवॉर्ड 2021 प्राप्त हुआ है। उन्हें यह अवॉर्ड उड़ान संस्था की ओर से नई दिल्ली के द पार्क होटल में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदान किया गया। उड़ान संस्था की ओर से स्कूल लीडरशिप अवॉर्ड एवं एजुकेशन कानक्लेव का आयोजन किया गया। संस्था ने देश भर से करीब दो दर्जन से अधिक शिक्षाविदों को विभिन्न उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया। इस अवसर पर फरीदाबाद स्थित फौगाट पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल के निर्देशक डॉ. सतीश फौगाट को सम्मानित किया गया। उनके साथ स्कूल की प्रधानाचार्या निकेता सिंह भी मौजूद रहीं। कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री श्री रामदास अठावले, एनसीईआरटी निदेशक श्रीधर श्रीवास्तव, एनसीईआरटी सचिव मेजर हर्षकुमार, कार्यक्रम संयोजक संजय टूटेजा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
कार्यक्रम में बताया गया कि डॉ सतीश फौगाट के नेतृत्व में फरीदाबाद का फौगाट पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल बहुत वाजिब दाम पर क्षेत्र के विद्यार्थियों को शिक्षा देने का काम कर रहा है। उन्हें अनेक मंचों पर अनेक सम्मान प्राप्त हुए हैं। श्री फौगाट ने उड़ान संस्था से मिले सम्मान पर खुशी जताई। उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र में निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों की संख्या अधिक है। वह अपने बच्चों को उच्च और गुणवत्तापरक शिक्षा देना चाहते हैं लेकिन महंगी शिक्षा अफोर्ड नहीं कर सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपने स्कूल में अफोर्डेबल शिक्षा को नीति बनाया, जिसका आज हजारों परिवारों को लाभ मिल रहा है।
डॉ फौगाट ने बताया कि वह करीब 300 बेटियों को निशुल्क शिक्षा देने का काम कर रहे हैं। वहीं उनके बच्चे विभिन्न क्षेत्रों में नाम कमा रहे हैं। इसके साथ ही स्कूल और उनकी टीम भी निरंतर लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास कर रहे हैं।
ट्रांसफार्मेशन करने वाले शिक्षा महारथियों को गुरु द्रोणाचार्य अवार्ड
फरीदाबाद :20 मार्च । हरियाणा एडुकेटर्स क्लब ने देर रात होटल रेडिसन ब्ल्यू में गुरु द्रोणाचार्य अवॉर्ड का आयोजन किया। जिसमें ट्रांसफार्मेशन करने वाले शिक्षा महारथियों को यह अवॉर्ड प्रदान किए गए। मुख्य अतिथि सीबीएसई के डिप्टी सेके्रटरी एफिलिएशन श्री विजय यादव ने इस पहल का स्वागत किया। उन्होंने स्कूल एफिलिएशन : रीइंजीनियर्ड ऑटोमेशन सिस्टम विषय पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज के समय में सीबीएसई स्टेट ऑफ द आर्ट तकनीक का प्रयोग कर रही है जिससे शिक्षा संस्थान चलाने वालों को पहले से अधिक सुविधा महसूस हो रही है। उन्होंने बताया कि आज सीबीएसई में स्कूलों की संबंद्धता, पुनर्संबद्धता, अपगे्रडेशन आदि सभी कार्यों को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। जिसके कारण आज एक भी एप्लीकेशन उनके विभाग में पेंडिंग नहीं है। श्री यादव ने बताया कि हम पूरी कोशिश करेंगे कि अकारण किसी स्कूल प्रबंधन को परेशानी न हो।
क्लब के अध्यक्ष रमेश डागर ने कहा कि शिक्षक अपना पूरा जीवन देश का भविष्य बनाने में बिता देता है, लेकिन अपने मनोरंजन की ओर वह सोच भी नहीं पाता है। उसे लगता है कि लोग क्या कहेंगे। ऐसे ही विचार के साथ हरियाणा एडुकेटर्स क्लब की नींव रखी गई। क्लब अपने सदस्यों के मनोरंजन के लिए न केवल कैंपों का आयोजन करता है बल्कि उनके योगदान के लिए उनकी सराहना भी करता है। आज का गुरु द्रोणाचार्य अवॉर्ड कोरोना काल में उनके द्वारा किए गए ट्रांसफार्मेशन फेज को बखूबी निभाने के लिए दिए जा रहे हैं। कार्यक्रम में फरीदाबाद सहित गुरुग्राम, पलवल, साहिबाबाद आदि एनसीआर शहरों से भी सदस्यों ने भागीदारी की।
इससे पूर्व कार्यक्रम में पहुंचे सभी अतिथियों एवं सदस्यों का क्लब की ओर से भव्य स्वागत किया गया। इस आयोजन में हरियाणा एडुकेटर्स क्लब के कोर्डिनेटर अनिल रावल, महासचिव गौरव पाराशर, कोषाध्यक्ष दीपक यादव, सचिव राखी वर्मा आदि की प्रमुख भूमिका रही। वहीं कार्यक्रम का संचालन सीवी सिंह ने किया।
मानव रचना और एसोचैम द्वारा आयोजित एजुकेशन लीडर्स समिट में प्रख्यात शिक्षाविदों ने नए युग के वैश्विक कौशल के लिए रणनीति पर विचार-विमर्श
फरीदाबाद, 20 मार्च, 2021: अग्रणी शिक्षाविदों ने आज मानव रचना शैक्षणिक संस्थान और ASSOCHAM इंडिया द्वारा आयोजित एजुकेशन लीडर्स समिट 2021 ‘The New-Age Global Skill Conundrum: Unlocking the next paradigm’ पे अपने विचार साझा किये |शिखर सम्मेलन ने दिल्ली एनसीआर के स्कूलों के प्रधानाचार्यों, नीति निर्माताओं और संस्था प्रमुखों को रणनीतियों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा के लिए एक मंच पे एकत्रित किया, ताकि दुनिया के शीर्ष 10 नवाचार-नेतृत्व वाले देशों में भारत के परिवर्तन को उत्प्रेरित करने के उद्देश्य पर विचार किया जा सके।अपने मुख्य भाषण में, CBSE के सचिव, श्री अनुराग त्रिपाठी ने कहा की, "एनईपी 2020 छात्रों के समग्र विकास के बारे में बात करता है जहां वे न केवल नौकरी पाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं बल्कि एक ऐसे समाज को विकसित करने पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं जहां करुणा और भारतीय लोकाचार हो। हम शिक्षा और ज्ञान आधारित शिक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं लेकिन कौशल और योग्यता का अनुप्रयोग कहां है। भारत को उस लंबी छलांग की जरूरत है जहां हमें अपनी युवा पीढ़ी को रोजगार के लिए कौशल प्रदान करने की आवश्यकता है। गतिशीलता को कौशल शिक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण, और मूल्यांकन के माध्यम से सीखने के परिणाम का विश्लेषण करने की दिशा में स्थानांतरित किया जाना है।"
डॉ. प्रशांत भल्ला, अध्यक्ष, एसोचैम राष्ट्रीय शिक्षा परिषद और अध्यक्ष, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि "सतत विकास, समग्र विकास और सामाजिक विकास के विचार हमेशा मानव रचना डीएनए का एक हिस्सा रहे हैं और अब हमें कुछ प्रमुख चुनौतियों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है जो क्षमता-आधारित शिक्षण, शिक्षक उन्नयन, आधुनिक शिक्षाशास्त्र और मूल्यांकन हैं। हमें अपने शिक्षक समुदाय पे सबसे अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है क्यूंकि वो नीव धारक हैं उस आने वाले समाज की जिसकी कल्पना हम सब कर रहे हैं | "
मानव रचना विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आई के भट्ट ने शिक्षाविदो का स्वागत किया और कहा कि अब पूरी दुनिया 'वर्चुअल यूनिवर्सिटी' के बारे में बात कर रही है और अब फोकस सिर्फ बुनियादी कौशल से एक समग्र विकास में बदल गया है और इस परिवर्तन को लाने की ज़िम्मेदारी कहीं न कहीं हमारे शिक्षकों पर है|
मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज के कुलपति डॉ. संजय श्रीवास्तव ने NAAC के कार्यकारी अध्यक्ष पद्म श्री डॉ वीएस चौहान का स्वागत किया। डॉ श्रीवास्तव इस बात पर प्रकाश डाला गया कि शिक्षा कैसे विकास का आधार है और अब हम सभी को सामूहिक रूप से बदलाव लाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए | उन्होंने श्री अनुराग त्रिपाठी के कुशल नेतृत्व और शानदार विचारशीलता को भी खूब सराहा |
पद्मश्री डॉ वीएस चौहान ने अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि को सभा के साथ साझा किया और कहा कि, “हमने शिक्षा और उससे परे सराहनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, इस तथ्य से भी कोई इनकार नहीं करता है कि भारत ने एक लंबा सफर तय किया है। लेकिन हां, हमें उस सभी के लिए स्वामित्व लेने की जरूरत है, जो हम मानते हैं कि वांछनीय दिशा में नहीं जा रहे हैं।"
शिखर सम्मेलन में दो प्रासंगिक पैनल चर्चा शामिल थी। पहले पैनल में कर्नल सेंट्रल एकेडमी के कर्नल प्रताप सिंह थे; सुश्री मंजू गुप्ता, प्रिंसिपल, कोठारी इंटरनेशनल स्कूल नोएडा; सुश्री प्रियंका बरारा, प्रिंसिपल, - एमआरजी स्कूल दिल्ली; सुश्री सुरजीत खन्ना, प्रिंसिपल, डीपीएस ग्रेटर फरीदाबाद; और सुश्री संयोगिता शर्मा, निदेशक, मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल ने भी शिरकत की । उन्होंने इस बात पर विचार किया कि आधुनिक युग के बदलते रुझान और आवश्यकता के अनुसार हर स्तर पर आधुनिक शिक्षा सीखने और विकसित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना है |
दूसरे पैनल में डॉ. अश्विन फर्नांडिस, क्षेत्रीय निदेशक - QS मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया और उत्तरी अफ्रीका; श्री नारायणन रामास्वामी, भागीदार और प्रमुख, शिक्षा और कौशल विकास अभ्यास - केपीएमजी, भारत; श्री वेंकटेश सर्वसिद्धि, वरिष्ठ प्रमुख - डिजिटल कौशल, नवाचार, भागीदारी और सीएसआर - एनएसडीसी; श्री अमरेन्द्र पाणि, संयुक्त निदेशक - अनुसंधान, AIU; तथा कर्नल गिरीश के शर्मा, निदेशक - योजना और समन्वय MREI; शामिल थे |
श्री नारायणन रामास्वामी ने साझा किया कि 2030 तक की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की कामकाजी उम्र की आबादी का एक तिहाई भारत से होगा, इसलिए हमारी अपनी शिक्षा और रोजगार पर ध्यान देने की आवश्यकता प्रमुख महत्व की है।
डॉ. अश्विन फर्नांडीस, श्री रामास्वामी के दृष्टिकोण से सहमत थे और उन्होंने कहा कि वह आज के युवाओं की 3 वैश्विक विशेषताओं को उजागर करना चाहते हैं, “युवा शिक्षार्थी निरंतर सीखने को सुदृढ़ करते हैं, एक नई वैश्विक नागरिकता स्थापित करने की इच्छा करते हैं, और वे आज से ही खुद को भविष्य के लिए तैयार करने को परस्पर प्रयत्न करते रहते हैं ”। उन्होंने आगे कहा कि इस बात पर ध्यान केंद्रित करना होगा कि नौकरियां कैसे बदल रही हैं और जिस बदलती दुनिया का हम हिस्सा हैं उसके लिए विकसित कौशल सेट की आवश्यकता है।
श्री वेंकटेश सर्वसिद्धि ने डिजिटल कौशल पर जोर दिया, और ये बताया की अब डिजिटल साक्षरता को शिक्षा का अभिन्न अंग बनाने की जरूरत है।
श्री अमरेन्द्र पाणि ने कहा कि हमें अंतर्राष्ट्रीय अभिविन्यास को देखते हुए पाठ्यक्रम को उन्नत करने की आवश्यकता है, और यह भी कि जब शिक्षण सहयोग की बात आती है, तो बहुत कुछ ऐसा है जिसे करने और बढ़ावा देने की आवश्यकता है। छात्र आदान-प्रदान, संकाय विनिमय और ऐसे कई अन्य कार्यक्रमों को
Friday, 12 March 2021
एफआईए एवं मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद ने संयुक्त रूप से शुरू किया स्वास्थ्य जागरूकता अभियान
फरीदाबाद, मार्च 13 I एफआईए एवं मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद में कार्यरत विभिन्न उद्योगों एवं कंपनियों के कर्मचारियों को स्वास्थ्य जागरूक बनाए के लिए शुरू किया"एफआईए - मैट्रो स्वास्थ्य जागरूकता अभियान"
पदम विभूषण ,पदम भूषण व बीसीरॉय से सम्मानित मैट्रो अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर पुरषोत्तम लाल ने बताया कि" विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व के बहुत सारे देशों में आधे से ज्यादा कर्मचारी अनौपचारिक क्षेत्र के उद्योगों में कार्यरत है, और यह सब किसी स्वास्थ्य बीमा या सुविधा के अंतर्गत नहीं आते।
एक अनुमान के मुताबिक विकास शील देशों में लगभग सवा करोड़ लोग हर साल नॉन कम्युनि के बल डिसीज़ आधारित लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारियों से अपनी जान से हाथ धो बैठते है।"
फ़रीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रेसिडेंट श्री बीआर भाटिया ने इस मौके पर बताया कि" एक कर्मचारी औसतन अपना एक तिहाई जीवन अपने कार्य स्थल पर गुजारता है।कर्मचारियों की सेहत का किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का सीधा संबंध है।कार्य क्षेत्र पर उपस्थित विभिन्न प्रकार के जोखिम जैसे किगर्मी, शोर, धुल, रसायन, मशीन, स्ट्रेस इत्यादि बीमारियों को बढ़ाती है।कर्मचारी जोकि स्ट्रेस एवं इस परिस्तिथियों
में कार्य के उपरांत उनके धूम्रपान करने, व्यायामना कर ने एवं अस्वस्थ भोजन कर ने की संभावना को बढ़ाते है।"
मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद के मेडिकल डारेक्टर एवं डाइरेक्ट रइंटरवेंशनल का र्डियोलॉजिस्ट डॉनी रज जैन ने बताया कि"विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हृदय रोग, सुनन ने की क्षमता में कमी, चर्मरोग, लंग कैंसर, उच्च रक्त चाप, मधुमेह आदि बीमारियां कार्य स्थल से जुड़ी हैं ।इस कारण यह बहुत भी जरूरी है कि कर्मचारी अपनी स्वास्थ्य जीवन शैली खान पान के प्रति जागरूक रहें। इसके लिए उन्हें अपनी दिन चर्या में सैर एवं व्यायाम, धूम्र पान पर सख्त रोक,अपने वजन पर कंट्रोल,४० साल से ऊपर के लोगों को साल में एक बार ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर एवं सामान्य ख़ून की जाँच जरूर कराए ।यदि शरीर के को ई दर्द, गांठ, साँस फूलना आदि का कोई लक्षण देखें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें, क्योंकि समय पर लीस लाह ईलाज़ पर खर्च एवं जीवन दोनों को बचाता है।"
मैट्रो अस्पताल के सीओओ एवं मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मंजिन्दर भट्टी ने बताया कि"इन्हीं तथ्यों को देखते हुए एफआईए फ़रीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन एवं मैट्रो अस्पताल फ़रीदाबाद ने फ़रीदाबाद में कार्यरत निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने के लिए स्वास्थ्य जागरूकता अभियान की शुरुआत की है।इस अभियान के अंतर्गत फ़रीदाबाद की निजी कंपनियों के कर्मचारियों की जांच मैट्रो अस्पताल के डॉक्टरों की टीम अगले २ साल में करेगी।फरीदाबाद में ४०० से ज्यादा उद्योग एवं इनमें ४० लाख कर्मचारी काम करते है ।"
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन
फरीदाबाद, 13 मार्च - जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा भारत विकास परिषद (बीवीपी), फरीदाबाद और रेड क्रॉस सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में आज विश्वविद्यालय परिसर में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया है। रक्तदान शिविर सुबह 9.30 बजे शुरू हुआ, जिसका शुभारंभ एसडीएम, फरीदाबाद परमजीत चहल और कुलपति प्रो. दिनेश कुमार द्वारा किया गया। उन्होंने शिविर में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को नियमित रक्तदान के लिए प्रोत्साहित भी किया। इस अवसर पर कुलसचिव डाॅ. एस. के. गर्ग, भारत विकास परिषद के अध्यक्ष अशोक गोयल, अन्य अधिकारी राज कुमार अग्रवाल, दिनेश गर्ग, एनएन बंसल, दिनेश गर्ग, राकेश गुप्ता, अजय अग्रवाल, जिला रैड क्राॅस के सहायक सचिव बिजेन्द्र सरौत, इशान कौशिक तथा विमल खण्डेलवाल भी उपस्थित थे। परिषद् के पदाधिकारियों ने भी स्वैच्छिक रक्तदान को लेकर विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाया।
रक्तदान शिविर में विद्यार्थियों और कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। शिविर में 150 से अधिक स्वैच्छिक रक्तदाताओं ने रक्तदान किया, जिसमें छात्राओं की भागीदारी उत्साहजनक रही। प्रतिभागियों को रक्तदान के उपरांत प्रमाण पत्र भी प्रदान किये गये। शिविर का संचालन विश्वविद्यालय के यूथ रेड क्रॉस समन्वयक सुशील कुमार द्वारा किया गया।
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने स्वैच्छिक रक्तदान शिविर के सफल आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि रक्तदान शिविर का आयोजन अपने आप में शिक्षा का हिस्सा है, जो विद्यार्थियों को ‘देने के सुख’ की अनुभूति करवाता है और दूसरों के लिए मदद करने के लिए आगे आने की शिक्षा देता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान की समाज की एक बड़ी सेवा है। इसके द्वारा काफी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकती है, खासकर ऐसे लोग जोकि किसी कारणवश दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।
कुलसचिव डाॅ. एस. के. गर्ग ने कहा कि रक्तदान के लाभकारी पहलुओं को लेकर युवाओं को शिक्षित करने और सुरक्षित रक्त संचार के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय समय-समय पर रक्तदान शिविरों का आयोजन करता है और उन्हें स्वैच्छा से रक्तदान करने के लिए प्रेरित करता है।
डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. लखविंदर सिंह, डिप्टी डीन डॉ अनुराधा पिल्लई और निदेशक युवा कल्याण डॉ प्रदीप डिमरी ने शिविर के संचालन में सहयोग देने के लिए भारत विकास परिषद और रेड क्रॉस के अधिकारियों का आभार जताया।
Sunday, 10 May 2020
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने किया मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री एवं उपायुक्त का धन्यवाद :

