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Friday, 12 September 2025

धुएँ से भरें रसोई से लेकर राज्यव्यापी मंच तक: कैसे किशोरी नवप्रवर्तक शांभवी शर्मा बिहार के स्वच्छ रसोई सपने को रोशन कर रही हैं

धुएँ से भरें रसोई से लेकर राज्यव्यापी मंच तक: कैसे किशोरी नवप्रवर्तक शांभवी शर्मा बिहार के स्वच्छ रसोई सपने को रोशन कर रही हैं




नई दिल्ली, 12 सितंबर 2025 –
जब शांभवी शर्मा अपने बचपन के ग्रामीण बिहार के दौरों को याद करती हैं, तो उन्हें केवल गर्म रसोई और चूल्हे में उबलते बर्तन नहीं, बल्कि आंखें जलना और घंटों खांसी आना भी याद आता है। “मेरी आंखें जलती थीं और मैं घंटों खांसती रहती थी,” 17 वर्षीय शांभवी बताती हैं। “मैं यही सोचती थी कि रोजमर्रा के इस प्यार भरे काम में ऐसा दर्द क्यों होना चाहिए।”

वही स्मृति आज उनकी मिशन बन चुकी है। गुरुवार की शाम पटना के बापू टावर में बिहार आइडिया फेस्टिवल 2025 के मंच पर दिल्ली के संस्कृती स्कूल की बारहवीं की छात्रा शांभवी शर्मा को जोरदार तालियों से स्वागत किया गया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने उनके कंधे पर शॉल डालकर उन्हें सम्मानित किया। उनका आविष्कार – ‘लो स्मोक चूल्हा’, एक मिट्टी और ईंट का चूल्हा, जो इनडोर धुएं को 60 प्रतिशत से अधिक कम करता है और 20 प्रतिशत तक लकड़ी की बचत करता है।

यह चूल्हा, जिसे प्यार से ‘वायु ज्योति’ कहा गया है, दिखने में बेहद सरल है। दो एयर इनलेट, एक बाईपास मिक्सिंग चेंबर और सुइट फिल्ट्रेशन ज़ोन इसकी वायु प्रवाह दर को 30 प्रतिशत तक बढ़ाते हैं और हर साल एक टन से अधिक CO₂ उत्सर्जन कम करते हैं। पूरी तरह से स्थानीय सामग्री से बना यह चूल्हा मात्र ₹300-350 में उपलब्ध है, जिससे यह जरूरतमंद परिवारों के लिए सुलभ बनता है।

“स्वच्छ रसोई केवल एक विलासिता नहीं होनी चाहिए,” शांभवी ने फ्लैशलाइट की चमक के बीच आत्मविश्वास से भरे स्वर में कहा। “मेरा सपना है कि ऐसी तकनीक हर ग्रामीण घर तक पहुंचे, ताकि स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो।”

उनका विचार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 'जीविका दीदी मिशन' से पूरी तरह जुड़ता है, जो ग्रामीण महिलाओं को टिकाऊ रसोई तकनीकों को अपनाने के लिए सशक्त बनाता है। साथ ही यह एक व्यापक आंदोलन का हिस्सा भी है – हजारों जीविका दीदी, स्टार्टअप संस्थापक और छात्र नवप्रवर्तक इस फेस्टिवल में एकत्रित हुए, जिससे राज्य राजधानी एक सजीव नवाचार प्रयोगशाला बन गई।

बिहार उद्योग एवं आईटी मंत्री नीतीश मिश्रा ने इन युवा विजेताओं को प्रमाण बताया कि “हमारी सबसे बड़ी चुनौतियाँ हमारे सबसे बड़े अवसर बन सकती हैं।” इस कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारी, IIT पटना के शोधकर्ता और नीति निर्माता भी शामिल हुए, जो राज्य से निकलने वाले अगले बड़े विचार को देखने के लिए उत्सुक थे।

शांभवी के लिए यह सम्मान व्यक्तिगत और व्यावहारिक दोनों है। उनका उद्देश्य इस डिज़ाइन को ओपन-सोर्स बनाकर 10,000 घरों तक पहुँचाना है, ताकि कोई भी इसे आसानी से बना सके। “अगर हर गांव इसे अपनाता है,” उन्होंने कहा, “तो हम अगली पीढ़ी के लिए हवा को सचमुच साफ कर सकते हैं।”

अपने बचपन की धुएँ भरी रसोई से लेकर पूरे राज्य के उज्ज्वल मंच तक, शांभवी शर्मा की यह यात्रा हमें याद दिलाती है कि नवाचार हमेशा प्रयोगशाला से नहीं शुरू होता। कभी-कभी यह खांसी, एक सवाल और एक किशोरी के अनम्य इरादे से शुरू होता है, जो पीछे मुड़कर नहीं देखती।

Tuesday, 26 August 2025

जयदत्त ने पदक जीतकर फरीदाबाद का नाम देशभर में किया गौरवान्वित : बलजीत कौशिक

जयदत्त ने पदक जीतकर फरीदाबाद का नाम देशभर में किया गौरवान्वित : बलजीत कौशिक



बॉडी बिल्डिंग में स्वर्ण व रजत पदक विजेता को जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने किया सम्मानित
फरीदाबाद। हैदराबाद में आयोजित आईसीएन वल्र्डवाइड बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में 70 किलोग्राम भार वर्ग में संजय कालोनी बल्लभगढ़ के युवा जयदत्त ने स्वर्ण एवं रजत पदक जीतकर न केवल फरीदाबाद बल्कि समूचे हरियाणा का नाम देशभर में चमकाने का काम किया है। उनकी इस उपलब्धि पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बलजीत कौशिक ने उन्हें उनके निवास स्थान पर जाकर गुलदस्ता भेंट कर बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस मौके पर बलजीत कौशिक ने पदक विजेता जयदत्त की हौंसला अफजाई करते हुए कहा कि इस युवा ने अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर यह दिखला दिया कि अगर लक्ष्य पर मेहनत की जाए तो सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने जयदत्त के परिजनों को भी उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दी और कामना की कि भविष्य में भी यह युवा ऐसे ही देश प्रदेश में पदक जीतकर फरीदाबाद का नाम गौरवान्वित करता रहेगा। जयदत्त ने बताया कि प्रतियोगिता में 450 से अधिक एथलीट मौजूद थे, जिन्हें पछाड़ते हुए उन्होंने विजयश्री हासिल की। इस मौके पर हरदत्त शर्मा, मुकेश शर्मा, संतोष कौशिक, नेत्रपाल सिंह, शेर सिंह, नरेश कुमार, रामेश्वर गोयल, खेमचंद, नाहर सिंह, प्रवीण अग्रवाल सहित अनेकों गणमान्य लोग मौजूद थे। 

 

Tuesday, 15 July 2025

कवींद्र चौधरी को मिली नई जिम्मेदारी, मुख्यमंत्री से लिया आशीर्वाद

कवींद्र चौधरी को मिली नई जिम्मेदारी, मुख्यमंत्री से लिया आशीर्वाद


कवींद्र चौधरी को मिली नई जिम्मेदारी, मुख्यमंत्री से लिया आशीर्वाद

चंडीगढ़ : भारतीय जनता पार्टी फरीदाबाद महानगर के नवनियुक्त जिला महामंत्री कवींद्र चौधरी ने आज चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री निवास में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी से शिष्टाचार भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर उनके साथ बड़े भाई,  विधायक श्री सतीश कुमार फागना भी उपस्थित रहे।

कवींद्र चौधरी ने मुख्यमंत्री सैनी को आश्वस्त किया कि संगठन द्वारा दी गई इस अहम जिम्मेदारी को वे पूर्ण निष्ठा और समर्पण के साथ निभाएंगे, और पार्टी की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करेंगे।

Friday, 27 June 2025

दीपावली और छठ पर बिहार आने वालों को अब नहीं होगी सफर की टेंशन

दीपावली और छठ पर बिहार आने वालों को अब नहीं होगी सफर की टेंशन



• बिहार सरकार चलाएगी 299 एसी और नॉन एसी स्पेशल बसें
• दिल्ली समेत देश के कई प्रमुख राज्यों से चलेंगी बसें
• कैबिनेट की बैठक में मिली है स्वीकृति

नई दिल्ली।

बिहार से दूर रहने वालों को अब त्योहारों में अपने घर आने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि राज्य सरकार ने उनकी सुविधा का खास ख्याल रखते हुए बड़ा कदम उठाया है। अब त्योहारों के समय दिल्ली समेत देश के कई प्रमुख राज्यों से बिहार के लिए बस की सुविधा मिलेगी। इसको लेकर राज्य सरकार 299 एसी और नॉन एसी बसों का परिचालन कराने जा रही है।
 
*अपनों के बीच त्योहार मनाने की होती है इच्छा*

बिहार से बाहर रहने वाले सभी बिहारियों की इच्छा पर्व-त्योहार के वक्त घर आने की होती है। खासकर होली, दीपावली और छठ पूजा में बिहार के लोग बड़ी तादाद में अपने पैतृक गांव आना चाहते हैं लेकिन कई बार ट्रेन और प्लेन का टिकट नहीं मिल पाने के कारण नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसे में अपने परिवार के साथ त्योहार मनाने की उनकी इच्छा अधूरी रह जाती है। खासकर दीपावली और छठ पूजा के समय बिहार आने को लेकर काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। ऐसे में त्योहार के मौके पर बिहार आने वाले लोगों की परेशानी को दूर करने के लिए बिहार सरकार ने बड़ा ऐलान किया है और 299 एसी और नॉन एसी बसों का परिचालन करने का फैसला लिया है। ये बसें देश के विभिन्न राज्यों से बिहार के लिए चलेंगी।
 
*त्योहार के वक्त बिहार आना होगा आसान*

बिहार के लोग विभिन्न पर्व-त्योहारों खासकर छठ, होली, दीपावली एवं दुर्गा पूजा के अवसर पर काफी संख्या में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और पश्चिम बंगाल से अपने घर आते हैं। पर्व-त्योहारों के अवसर पर बिहार आने में लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में लोगों की यात्रा को सुगम बनाने और उनकी सहूलियत के लिए राज्य सरकार लगातार कदम उठा रही है। 
 
*कैबिनेट की बैठक में मिली स्वीकृति*

24 जून 2025 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इसे स्वीकृति दे दी गई है। राज्य सरकार 75 वातानुकूलित और 74 डीलक्स बसों की खरीद पर 105.82 करोड़ रुपये खर्च करेगी। साथ ही लोक निजी भागीदारी के अंतर्गत भी 150 अतिरिक्त एसी बसों का परिचालन कराया जाएगा।

*अब नहीं होगी सफर की टेंशन*

त्योहार के वक्त खासकर दीपावली और छठ महापर्व पर अब सफर की टेंशन लोगों को नहीं होगी। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत देश के कई प्रमुख राज्यों से बिहार के लोग आसानी से बस से अपने गांव आ सकेंगे और घरवालों के साथ त्योहार मना सकेंगे। 

*चलेंगी स्पेशल ट्रेनें*

इसके साथ ही राज्य सरकार पर्व-त्योहारों खासकर होली, दुर्गापूजा, दीपावली और छठ पूजा के मौके पर केंद्र सरकार से और अधिक विशेष ट्रेन चलाने का अनुरोध करेगी। इससे बिहार आने में लोगों को काफी सहूलियत होगी और वे आराम से घर पहुंच सकेंगे।

Wednesday, 25 June 2025

बिहार में लगेगा राज्य का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र, केंद्र सरकार ने दी सहमति

बिहार में लगेगा राज्य का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र, केंद्र सरकार ने दी सहमति




# बिहार को डबल इंजन सरकार का खूब मिल रहा फायदा, बिहार की ऊर्जा जरूरत सस्‍ते में होगी पूरी

# केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने देश के छह राज्‍यों में स्‍मॉल मॉड्यूलर रिएक्‍टर लगाने की दिशा में बढ़ाया कदम 

# केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बिहार में परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने का किया ऐलान 

# कहा, बिहार सरकार की मांग पर हम परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए हर सहायता देने को तैयार

नई दिल्ली।

डबल इंजन सरकार का बिहार को भरपूर फायदा मिल रहा है। सूबे की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के मद्देनजर केंद्र सरकार ने प्रदेश में परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने में भरपूर मदद का ऐलान किया है। इसके साथ ही राज्य में पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाए जाने का रास्ता साफ हो गया है।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को पटना में ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान इस आशय का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि देश की ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब देश में छह स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) स्थापित किए जाएंगे। जिनमें से एक रिएक्टर बिहार में लगाया जाएगा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री खट्टर ने कहा कि केंद्र सरकार बिहार में परमाणु संयंत्र लगाने के लिए हर संभव मदद के लिए तैयार है।  

*परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाए बिहार, केंद्र मदद को तैयार*
मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि बिहार सरकार की ओर से सम्मेलन के दौरान राज्य में परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की मांग रखी गई थी। जिस पर केंद्रीय मंत्री ने हरी झंडी दे दी है। खट्टर ने कहा, “अगर बिहार सरकार परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना चाहती है, तो केंद्र सरकार पूरी तरह से सहयोग देने के लिए तैयार है।”

*हर राज्य में परमाणु संयंत्र का लक्ष्य*
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार का लक्ष्य है कि हर राज्य में कम से कम एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे देश की विकास दर बढ़ रही है, वैसे वैसे बिजली की मांग भी बढ़ रही है। ऐसे में परमाणु ऊर्जा एक भरोसेमंद, टिकाऊ और दीर्घकालिक विकल्प है।

*क्या है SMR? कैसे बदलेगा बिहार का भविष्य?*
SMR यानी स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर, आधुनिक तकनीक से तैयार छोटे आकार के परमाणु रिएक्टर होते हैं जिन्हें पारंपरिक रिएक्टरों की तुलना में कम समय, कम लागत और ज्यादा सुरक्षा के साथ लगाया जा सकता है। SMR को कम आबादी वाले क्षेत्रों या मध्यम ऊर्जा खपत वाले इलाकों में भी आसानी से लगाया जा सकता है। इनका रखरखाव आसान होता है और यह ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन का एक मजबूत विकल्प हैं। बिहार में SMR की स्थापना से राज्य को स्थायी ऊर्जा स्रोत, तकनीकी निवेश, हजारों रोजगार और उद्योगों को नई ऊर्जा मिलने की संभावना है।

*बिहार के लिए ऐतिहासिक अवसर*
राजधानी पटना में आयोजत ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन बिहार के लिए ऐतिहासिक रहा। यह पहली बार होगा जब बिहार में कोई परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित होगा। इसे राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। अब सभी की निगाहें बिहार सरकार पर हैं कि वह इस प्रस्ताव को कैसे और कितनी जल्दी अमलीजामा पहनाती है।