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Friday, 12 September 2025

धुएँ से भरें रसोई से लेकर राज्यव्यापी मंच तक: कैसे किशोरी नवप्रवर्तक शांभवी शर्मा बिहार के स्वच्छ रसोई सपने को रोशन कर रही हैं

धुएँ से भरें रसोई से लेकर राज्यव्यापी मंच तक: कैसे किशोरी नवप्रवर्तक शांभवी शर्मा बिहार के स्वच्छ रसोई सपने को रोशन कर रही हैं




नई दिल्ली, 12 सितंबर 2025 –
जब शांभवी शर्मा अपने बचपन के ग्रामीण बिहार के दौरों को याद करती हैं, तो उन्हें केवल गर्म रसोई और चूल्हे में उबलते बर्तन नहीं, बल्कि आंखें जलना और घंटों खांसी आना भी याद आता है। “मेरी आंखें जलती थीं और मैं घंटों खांसती रहती थी,” 17 वर्षीय शांभवी बताती हैं। “मैं यही सोचती थी कि रोजमर्रा के इस प्यार भरे काम में ऐसा दर्द क्यों होना चाहिए।”

वही स्मृति आज उनकी मिशन बन चुकी है। गुरुवार की शाम पटना के बापू टावर में बिहार आइडिया फेस्टिवल 2025 के मंच पर दिल्ली के संस्कृती स्कूल की बारहवीं की छात्रा शांभवी शर्मा को जोरदार तालियों से स्वागत किया गया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने उनके कंधे पर शॉल डालकर उन्हें सम्मानित किया। उनका आविष्कार – ‘लो स्मोक चूल्हा’, एक मिट्टी और ईंट का चूल्हा, जो इनडोर धुएं को 60 प्रतिशत से अधिक कम करता है और 20 प्रतिशत तक लकड़ी की बचत करता है।

यह चूल्हा, जिसे प्यार से ‘वायु ज्योति’ कहा गया है, दिखने में बेहद सरल है। दो एयर इनलेट, एक बाईपास मिक्सिंग चेंबर और सुइट फिल्ट्रेशन ज़ोन इसकी वायु प्रवाह दर को 30 प्रतिशत तक बढ़ाते हैं और हर साल एक टन से अधिक CO₂ उत्सर्जन कम करते हैं। पूरी तरह से स्थानीय सामग्री से बना यह चूल्हा मात्र ₹300-350 में उपलब्ध है, जिससे यह जरूरतमंद परिवारों के लिए सुलभ बनता है।

“स्वच्छ रसोई केवल एक विलासिता नहीं होनी चाहिए,” शांभवी ने फ्लैशलाइट की चमक के बीच आत्मविश्वास से भरे स्वर में कहा। “मेरा सपना है कि ऐसी तकनीक हर ग्रामीण घर तक पहुंचे, ताकि स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो।”

उनका विचार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 'जीविका दीदी मिशन' से पूरी तरह जुड़ता है, जो ग्रामीण महिलाओं को टिकाऊ रसोई तकनीकों को अपनाने के लिए सशक्त बनाता है। साथ ही यह एक व्यापक आंदोलन का हिस्सा भी है – हजारों जीविका दीदी, स्टार्टअप संस्थापक और छात्र नवप्रवर्तक इस फेस्टिवल में एकत्रित हुए, जिससे राज्य राजधानी एक सजीव नवाचार प्रयोगशाला बन गई।

बिहार उद्योग एवं आईटी मंत्री नीतीश मिश्रा ने इन युवा विजेताओं को प्रमाण बताया कि “हमारी सबसे बड़ी चुनौतियाँ हमारे सबसे बड़े अवसर बन सकती हैं।” इस कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारी, IIT पटना के शोधकर्ता और नीति निर्माता भी शामिल हुए, जो राज्य से निकलने वाले अगले बड़े विचार को देखने के लिए उत्सुक थे।

शांभवी के लिए यह सम्मान व्यक्तिगत और व्यावहारिक दोनों है। उनका उद्देश्य इस डिज़ाइन को ओपन-सोर्स बनाकर 10,000 घरों तक पहुँचाना है, ताकि कोई भी इसे आसानी से बना सके। “अगर हर गांव इसे अपनाता है,” उन्होंने कहा, “तो हम अगली पीढ़ी के लिए हवा को सचमुच साफ कर सकते हैं।”

अपने बचपन की धुएँ भरी रसोई से लेकर पूरे राज्य के उज्ज्वल मंच तक, शांभवी शर्मा की यह यात्रा हमें याद दिलाती है कि नवाचार हमेशा प्रयोगशाला से नहीं शुरू होता। कभी-कभी यह खांसी, एक सवाल और एक किशोरी के अनम्य इरादे से शुरू होता है, जो पीछे मुड़कर नहीं देखती।

Monday, 8 September 2025

बारिश में बच्चों में खांसी, बुखार के साथ डायरिया और पीलिया का खतरा बढ़ा

बारिश में बच्चों में खांसी, बुखार के साथ डायरिया और पीलिया का खतरा बढ़ा




 फरीदाबाद। बरसात का मौसम जहां तपती गर्मी से राहत लेकर आता है, वहीं यह बच्चों के स्वास्थ्य के लिए कई बीमारियों का कारण भी बन रहा है। ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर-86 स्थित एकॉर्ड अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. तौशीफ के अनुसार इस मौसम में बच्चों में खांसी, जुकाम, बुखार, डायरिया और पीलिया जैसी बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ जाता है। नमी और गंदगी के कारण वायरस व बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं, जिससे संक्रमण फैलने की आशंका अधिक रहती है।

डॉ. तौशीफ ने बताया कि बीते 15 दिनों में अस्पताल की बाल रोग ओपीडी में करीब 20 प्रतिशत मरीज बढ़े हैं। इनमें ज्यादातर बच्चे खांसी-जुकाम और बुखार से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि लगातार उल्टी-दस्त, आंखों और त्वचा का पीला पड़ना, कमजोरी और भूख न लगना जैसे लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि लापरवाही छोटी समस्या को गंभीर बना सकती है।

उन्होंने अभिभावकों को सतर्क करते हुए कहा कि बरसात के मौसम में बच्चों को हमेशा हल्का और ताजा भोजन दें। बाहर का तला-भुना या बासी खाना खिलाने से बचें। बच्चों को साफ और सूखे कपड़े पहनाएं तथा उबला या फिल्टर किया हुआ पानी ही पिलाएं। साथ ही घर और आसपास की साफ-सफाई बनाए रखें ताकि मच्छर और गंदगी से पनपने वाले रोगों से बचाव किया जा सके।

उन्होंने लोगों से अपील की कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार दें। किसी भी बीमारी के लक्षण दिखने पर घरेलू उपचार में समय न गंवाएं और तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। समय पर इलाज से बरसात के मौसम में होने वाली गंभीर बीमारियों से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आधारित पुस्तक 'विकास पुरुष' का भव्य लोकार्पण

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आधारित पुस्तक 'विकास पुरुष' का भव्य लोकार्पण



पटना, 8 सितंबर: प्रख्यात लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के व्यक्तित्व और कार्यों पर आधारित पुस्तक 'विकास पुरुष' का लोकार्पण बिहार विधान परिषद सभागार में संपन्न हुआ। इस अवसर पर बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव और बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने संयुक्त रूप से पुस्तक का विमोचन किया। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार विधान परिषद उपसभापति प्रो राम वचन राय ने किया।
लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने बताया कि इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संघर्ष, दृष्टिकोण और विकासोन्मुख सोच को शब्दों में पिरोने का प्रयास किया है।
विधानसभा अध्यक्ष नन्द किशोर यादव ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री को विकास कार्यों को प्रारंभिक दौर से देखता आ रहा हूँ। इन्होंने विकास कार्य को प्राथमिकता दी है। लेखक मुरली जी ने इस पुस्तक के माध्यम से नीतीश सरकार की क्षवि को बहुत ही करीने से प्रस्तुत करने का सफल प्रयास किया है।
विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा- बिहार का गौरवशाली इतिहास है। नीतीश जी ने बिहार में बसावट तक कनेक्टिविटी कर बिहार को विकसित राज्य बना दिया है। मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने विकास पुरुष पुस्तक में उन सारे विकासात्मक तथ्यों को भी उजागर किया है जो नई पीढ़ी को जानना बहुत जरूरी है।
विशिष्ट अतिथि प्रो. नवल किशोर यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री के विकास कार्य ही उनकी पहचान है। नीतीश जी खुद में ही इतिहास पुरुष बन चुके हैं।
बिहार धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष प्रो रणबीर नन्दन ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार  का कार्य बोल रहा है। इन्होंने इतना कार्य किया है कि पूरी दुनिया इनकी मुरीद है।
पूर्व मंत्री श्याम रजक ने अपने सम्बोधन में कहा कि नीतीश जी ने बिहार के विकास में खुद को पूरी तरह झोंक दिया आज उसी का नतीजा है कि बिहार अलग पहचान कायम कर चुका है।
वरिष्ठ पत्रकार सुजीत झा ने कहा नीतीश जी की कार्यशैली ही उनकी पहचान बन चुकी है। इन पर इतना बेहतर काम किया है मुरली जी ने यह गौरव की बात है।
किरण पब्लिकेशन के प्रबंधक निदेशक संकेत कुमार ने कहा हम गर्व करते हैं कि बिहारी हैं और मुख्यमंत्री जी ने बिहार के अस्तित्व को पुनः स्थापित कर दिया।
किरण पब्लिकेशन समूह के सीएमडी सत्यनारायण प्रसाद ने कहा मेरे लिए गौरव का क्षण है कि साहित्यिक पुस्तक पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हमारे पैनग्राम पब्लिशर्स ने प्रकाशित किया है। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बिहार विधान परिषद के उपसभापति प्रो रामवचन राय ने पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि यह कृति नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन, सुशासन, और बिहार के विकास में उनके योगदान को गहराई से उजागर करती है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक नई पीढ़ी को प्रेरणा देने का कार्य करेगी। 
मंच का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन प्रो जितेंद्र कुमार ने किया और उन्होंने अपील किया कि हमलोगों को अब सम्मान में इस तरह की पुस्तक को भेंट करने का संकल्प लेना चाहिए। इससे लोगों में पुस्तक पाठन के प्रति रुचि बढ़ेगी और जानकारी भी प्राप्त होगी।
कार्यक्रम में किरण पब्लिकेशन समूह की निदेशक रेणु प्रसाद,कवि समीर परिमल, प्रो अरुण सिंह, प्रो सुहेली मेहता,
पंकज सिंह, अरुण कुमार, रणजीत कुमार, मृत्युंजय सिंह, अनिशा सिन्हा, अतुल कुमार, अमरजीत कुमार, अमित शाखेर, संतोष तिवारी, आलोक पाठक,राकेश कुमार,  किशु, काव्या,अंजुम आरा,अनुराग सिन्हा, गौरव कुमार, नीतीश शर्मा, अंकित कुमार, रामजी सहित कई गणमान्य अतिथि, बुद्धिजीवी, लेखक और पत्रकार उपस्थित रहे।

Monday, 2 June 2025

वैश्विक प्रभाव के 60 वर्ष: यूनिवर्सिटी ऑफ़ वॉरविक ने दिल्ली में किया विशेष मीडिया कार्यक्रम का आयोजन

वैश्विक प्रभाव के 60 वर्ष: यूनिवर्सिटी ऑफ़ वॉरविक ने दिल्ली में किया विशेष मीडिया कार्यक्रम का आयोजन



नई दिल्ली, 1 जून 2025

यूनिवर्सिटी ऑफ़ वॉरविक ने अपनी 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर 1 जून 2025 को नई दिल्ली स्थित होटल शांगरी-ला में एक विशेष मीडिया कार्यक्रम का आयोजन किया। इस आयोजन के ज़रिए विश्वविद्यालय की छह दशकों की अकादमिक उपलब्धियों, शोध में योगदान, नवाचार और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव का उत्सव मनाया गया।

कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें ग्लोबल चीफ कम्युनिकेशंस, मार्केटिंग एंड कंटेंट ऑफिसर अजय टेली और डायरेक्टर ऑफ कम्युनिकेशंस – कॉरपोरेट ब्रांड सतनाम राणा-ग्रिंडले शामिल थे। वे विशेष रूप से यूके से भारत आए ताकि भारतीय मीडिया से संवाद कर सकें और भारत के साथ विश्वविद्यालय के संबंधों को और मज़बूत करने की दिशा में संवाद कर सकें।

इस अवसर पर यूनिवर्सिटी ने भारत और यूनाइटेड किंगडम में अपनी शिक्षा, शोध और औद्योगिक साझेदारियों पर प्रकाश डाला। इसमें टाटा समूह के साथ 25 वर्षों की साझेदारी भी शामिल रही। साथ ही, कार्यक्रम में वॉरविक के पूर्व छात्रों की उपलब्धियों को भी सराहा गया, जो विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं और भारत में भी नवाचार व उद्यमिता के ज़रिए योगदान दे रहे हैं।

उन्हीं में से एक हैं ममता मरासिनी, जिन्होंने वॉरविक बिज़नेस स्कूल से एमएससी इन बिजनेस विद मार्केटिंग की पढ़ाई की है। अपनी शिक्षा और उद्यमशीलता की सोच को आगे बढ़ाते हुए ममता ने Roar Corp नाम की क्रिएटिव एजेंसी की स्थापना की, जिसका संचालन नई दिल्ली और काठमांडू से होता है।

नवंबर 2023 में शुरू हुई Roar Corp ब्रांड कंसल्टिंग, इवेंट प्रोडक्शन, सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर अभियानों में सेवाएं देती है। एक साल से भी कम समय में, ममता ने Roar को एक ऐसी एजेंसी में बदल दिया है जो तकनीक, डेटा और प्रभावशाली कहानी कहने की शैली को जोड़कर अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के लिए काम कर रही है।

ममता अपने ग्राहकों और टीम के बीच ‘चीफ़ लायनेस’ के नाम से जानी जाती हैं। वे कहती हैं, “Roar सिर्फ एक एजेंसी नहीं है, यह मेरी मेहनत और जुनून से बनी सोच है। हर प्रोजेक्ट में हम पूरी रणनीति और रचनात्मकता के साथ काम करते हैं ताकि ग्राहकों के उद्देश्यों को सही रूप में सामने ला सकें।”

AI जैसी आधुनिक तकनीकों को मानवीय दृष्टिकोण के साथ जोड़ते हुए Roar ऐसे अभियान तैयार करता है जो प्रभावशाली और टिकाऊ होते हैं। ममता अब तक Superdry, G Star Raw, Yamaha और Mothercare जैसे ब्रांड्स के लिए काम कर चुकी हैं।

ममता कहती हैं, “मैं वॉरविक में जब दाखिल हुई थी, तब मुझे रास्ता स्पष्ट नहीं था। लेकिन वॉरविक ने मुझे वह आत्मविश्वास दिया जिससे मैंने खुद की एजेंसी शुरू करने का निर्णय लिया।”

वॉरविक से मिली शिक्षा और अनुभव आज भी उनके लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। “वॉरविक ने मुझे यह समझने में मदद की कि मैं क्या करना चाहती हूँ और क्यों करना चाहती हूँ,” वे कहती हैं। “मैं गर्व से कह सकती हूँ कि मैं वॉरविक की पूर्व छात्रा हूँ।”

आज ममता अपनी टीम के साथ मिलकर Roar को और आगे ले जा रही हैं। उनकी सोच है कि मार्केटिंग सिर्फ दिखाने के लिए नहीं, बल्कि लोगों को जोड़ने और प्रभावित करने का माध्यम होना चाहिए।

Roar की सोच स्पष्ट है: आपके ब्रांड की सबसे अच्छी दोस्त बनना—और वह भी पूरे जोश के साथ।

Saturday, 10 May 2025

 खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में नाम्या कपूर ने 25 मीटर पिस्टल महिला वर्ग में जीता स्वर्ण पदक

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में नाम्या कपूर ने 25 मीटर पिस्टल महिला वर्ग में जीता स्वर्ण पदक

नई दिल्ली, 10 मई 2025 — दिल्ली की नाम्या कपूर ने करणी सिंह शूटिंग रेंज में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 की 25 मीटर पिस्टल महिला प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए 27 अंकों के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता आज जोशपूर्ण प्रदर्शनों और उत्साही दर्शकों की मौजूदगी में संपन्न हुई। नाम्या कपूर के बेहद करीब रहीं मध्य प्रदेश की अंजलि महेन्द्रा भागवत, जिन्होंने 26 अंकों के साथ रजत पदक प्राप्त किया। राजस्थान की खानकव्यास ने 19 अंकों के साथ कांस्य पदक हासिल किया। पदकों का वितरण श्री कुंदन कुमार, रेजिडेंट कमिश्नर, तथा भारत के सर्वोच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति श्री एहसानुद्दीन अमानुल्लाह द्वारा किया गया, जिससे इस कार्यक्रम की भव्यता और भी बढ़ गई। शूटिंग प्रतियोगिताएं इस वर्ष के खेलो इंडिया यूथ गेम्स की प्रमुख आकर्षणों में से एक हैं, जो 4 से 15 मई तक कई स्थानों पर आयोजित की जा रही हैं। दिल्ली गर्व के साथ साइक्लिंग, जिमनास्टिक्स और शूटिंग की मेज़बानी कर रही है, जहां देशभर से आए युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ी उच्च स्तर की प्रतिस्पर्धा में हिस्सा ले रहे हैं। 25 मीटर पिस्टल महिला स्पर्धा का समापन खेलों में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि को दर्शाता है, जो युवाओं की भावना, अनुशासन और खेल उत्कृष्टता को उजागर करता है — यही वह मूल्य हैं जिन्हें खेलो इंडिया पहल लगातार प्रोत्साहित कर रही है।

Thursday, 8 May 2025

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025: ट्रैक साइक्लिंग में बिहार की बेटियों ने दिखाया दमखम, ओवरऑल चैंपियनशिप में प्राप्त किया तीसरा स्थान

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025: ट्रैक साइक्लिंग में बिहार की बेटियों ने दिखाया दमखम, ओवरऑल चैंपियनशिप में प्राप्त किया तीसरा स्थान



# समापन पर मुख्यातिथि  रेजीडेंट कमिश्नर बिहार सरकार श्री कुंदन कुमार ने खिलाड़ियों को किया सम्मानित

नई दिल्ली।

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के अंतर्गत इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम, दिल्ली में ट्रैक साइक्लिंग स्पर्धाओं का शानदार समापन हुआ। ट्रैक पर रफ्तार और जोश की इस जंग में झारखंड की लड़कियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ओवरऑल चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। वहीं लड़कों के वर्ग में राजस्थान ने परचम लहराया। बिहार की लड़कियों ने भी कड़ी टक्कर दी और तीसरा स्थान हासिल करने में सफल रहीं। 

इस अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बिहार के रेजीडेंट कमिश्नर श्री कुंदन कुमार(आईएएस) और मध्यप्रदेश सरकार के सचिव श्री जॉन किंग्सले(आईएएस) उपस्थित रहे। दोनों ने विजेता खिलाड़ियों को मेडल और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया और सभी राज्यों  के प्रतिभागियों को उनके समर्पण व प्रदर्शन के लिए बधाई दी। रेजीडेंट कमिश्नर श्री कुंदन कुमार ने बिहार की गर्ल्स साइक्लिस्ट से भी मुलाकात की और बिहार का नाम रोशन करने के लिए उन्हें बधाई दी। जबकि इस दौरान स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के आईजी स्टेडियम एडमिनिस्ट्रेटर श्री अतुल कुमार सिंह, ज्वाइंट एडमिनिस्ट्रेटर श्री विजय भट्‌ट, लेबर कमिश्नर बिहार सरकार एवं CAO बिहार भवन श्री कुमार दिग्विजय, ARC बिहार भवन श्री शम्स अफरोज  और उपनिदेशक सूचना एवं जनसंपर्क श्री दिनेश कुमार भी मौजूद रहे। 

बिहार की लड़कियों ने दी कड़ी टक्कर, ओवर ऑल रैंकिंग में पाया तीसरा स्थान

लड़कियों की श्रेणी में झारखंड ने 2 गोल्ड और 1 ब्रॉन्ज मेडल के साथ कुल 16 अंक हासिल कर पहला स्थान प्राप्त किया। इस जीत में सबसे अहम योगदान टीम स्प्रिंट इवेंट में आए 1 गोल्ड मेडल का रहा, जिससे टीम को सीधे 10 अंक प्राप्त हुए। राजस्थान ने 3 गोल्ड मेडल हासिल कर 15 अंक के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया। वहीं बिहार ने 2 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज के जरिए 10 अंक जुटाकर तीसरी पायदान पर जगह बनाई। तीसरा स्थान प्राप्त करने में अहम योगदान टीम स्प्रिंट में आए 1 सिल्वर मेडल का रहा। जिससे बिहार टीम को 6 अंक प्राप्त हुए थे । 

लड़कों की ओवरऑल टीम रैंकिंग में राजस्थान ने मारी बाजी

लड़कों के वर्ग में राजस्थान ने अपना दबदबा कायम रखते हुए 3 गोल्ड, 1 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज मेडल के साथ कुल 19 अंक अर्जित कर पहला स्थान प्राप्त किया। झारखंड ने 1 गोल्ड और 2 सिल्वर के साथ 14 अंक जुटाकर दूसरा स्थान हासिल किया। झारखंड की टीम स्प्रिंट में आई जीत निर्णायक रही। जिस वजह से वह महाराष्ट्र को पछाड़ने में सफल रहा। महाराष्ट्र ने 2 गोल्ड और 1 सिल्वर के बल पर 13 अंक के साथ तीसरा स्थान पाया।

फाइनल डे का रोमांच: केईरीन इवेंट में सबीना और सिद्धेश छाए

आखिरी दिन के सबसे चर्चित इवेंट केईरीन रेस में लड़कियों और लड़कों के वर्ग में जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला। गर्ल्स केईरीन में झारखंड की सबीना कुमारी ने रफ्तार और संतुलन का शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। तमिलनाडु की थबिता एस. ने सिल्वर और तमिलनाडु की ही निरैमथी जे. ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। बॉयज केईरीन इवेंट में महाराष्ट्र के सिद्धेश सरजेराव घोरपड़े ने बाज़ी मारते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया। झारखंड के बिकाश औरॉन ने सिल्वर और तेलंगाना के आर. तनिष कुमार सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।

खेल ही हैं भविष्य की नींव: श्री कुंदन कुमार

समापन समारोह में बोलते हुए मुख्यातिथि श्री कुंदन कुमार ने कहा, "ये सिर्फ मेडल नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, मेहनत और संकल्प का प्रतीक हैं। ट्रैक साइक्लिंग जैसे इवेंट्स में युवाओं का जोश देखकर लगता है कि भारत का भविष्य खेलों में बेहद उज्ज्वल है। केंद्र और राज्य सरकारें इन प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।"

खिलाड़ियों ने दिखाया जुनून, दर्शकों ने बढ़ाया उत्साह

पूरे टूर्नामेंट के दौरान ट्रैक पर खिलाड़ियों की रफ्तार के साथ-साथ दर्शकों का जोश भी चरम पर रहा। हर रेस, हर मोड़ पर तालियों की गूंज ने माहौल को और जीवंत बना दिया। आयोजकों की माने तो ट्रैक साइक्लिंग में इस बार रिकॉर्ड संख्या में राज्य और खिलाड़ियों ने भाग लिया, जो खेलो इंडिया की सफलता और विस्तार का प्रमाण है।

Wednesday, 7 May 2025

 बिहार की बेटी  ब्रॉन्ज जीतने में रही सफल, ट्रैक साइक्लिंग में राजस्थान का रहा दबदबा

बिहार की बेटी ब्रॉन्ज जीतने में रही सफल, ट्रैक साइक्लिंग में राजस्थान का रहा दबदबा

इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम दिल्ली में 6 से 8 मई तक आयोजित की जा रही साइक्लिंग की यह प्रतियोगिता

नई दिल्ली। खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के तहत दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में ट्रैक साइक्लिंग के रोमांचक मुकाबलों का दूसरे दिन भी आयोजन हुआ। दूसरे दिन हुए मुकाबलों में राजस्थान का दबदबा रहा। राजस्थान 3 गोल्ड और 1 ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहा। बिहार की बेटी सुहानी कुमारी भी ब्रॉन्ज जीतने में सफल रही।  इस मौके पर मुख्यातिथि के रूप में एमसीडी नजफगढ़ के डिप्टी कमिश्नर आईएएस संतोष कुमार राय उपस्थित रहे। उन्होंने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया और विजेताओं को सम्मानित किया। इस मौके पर लेबर कमिश्नर बिहार सरकार एवं CAO बिहार भवन श्री कुमार दिग्विजय, ARC बिहार भवन श्री शम्स अफरोज  और उपनिदेशक सूचना एवं जनसंपर्क श्री दिनेश कुमार भी मौजूद रहे। 

राजस्थान की हर्षिता जाखड़ ने मारी बाज़ी

गर्ल्स की 2000 मीटर इंडिविजुअल पर्सूट रेस में राजस्थान की हर्षिता जाखड़ ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया। हर्षिता की रफ्तार और आत्मविश्वास ने दर्शकों का दिल जीत लिया। उन्होंने इस दौरान 46.4 की एवरेज स्पीड निकाली। वहीं हरियाणा की भूमिका ने सिल्वर मेडल जीता और बिहार की सुहानी कुमारी ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।

लड़कों की 3000 मीटर रेस में भी राजस्थान का दबदबा

बॉयज़ 3000 मीटर इंडिविजुअल पर्सूट में भी राजस्थान के खिलाड़ियों ने दमखम दिखाया। इस मुकाबले में गोल्ड मेडल राजस्थान के सीताराम बेनीवाल को मिला जबकि महाराष्ट्र के सिद्धेश घोरपड़े ने सिल्वर पर कब्जा जमाया। ब्रॉन्ज मेडल भी राजस्थान के ही खाते में गया। महावीर सरन ने इसे हासिल किया। 

स्प्रिंट 200 मीटर में महाराष्ट्र और राजस्थान ने जीता गोल्ड

गर्ल्स 200 मीटर स्प्रिंट इवेंट में महाराष्ट्र की साइक्लिस्ट आकांक्षा महात्रे ने जबरदस्त फुर्ती दिखाई और गोल्ड मेडल जीता। केरल की साइक्लिस्ट अनिकक्षिया मारिया थॉमस ने सिल्वर जबकि झारखंड की प्रतिभागी सबिना कुमारी ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। जबकि बॉयज में राजस्थान  के अदित्या जाखड़ ने गोल्ड, झारखंड के विकास ने सिल्वर जीता और तेलांगना के आर थानिश ने ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया।  

खिलाड़ियों को बताया 'राष्ट्र का भविष्य'

मुख्यातिथि आईएएस संतोष कुमार राय ने मेडलिस्ट खिलाड़ियों को सम्मानित करने के बाद अपने संबोधन में कहा, "खेलों के माध्यम से देश का नाम रोशन करने वाले ये युवा खिलाड़ी भारत के उज्ज्वल भविष्य की नींव हैं। सरकार और प्रशासन की ओर से हर संभव सहयोग दिया जा रहा है, ताकि ये खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी देश का झंडा बुलंद करें।"

बिहार की साइक्लिस्ट सुहानी कुमारी ने  ब्रॉन्ज जीतने के बाद कहा, "बिहार सरकार द्वारा किया जा रहा यह आयोजन काफी अच्छा है। मेरा सपना इंटरनेशनल स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का है। इसके लिए मैं जी-तोड़ मेहनत कर रही हूं।" 

इस प्रतियोगिता में देश भर से आए खिलाड़ियों ने न केवल अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया  है बल्कि अनुशासन, समर्पण और टीम भावना की मिसाल भी पेश की है। ट्रैक साइक्लिंग के ये मुकाबले खेलो इंडिया की इस बार की थीम 'खेल के रंग बिहार के संग' के तहत आयोजित किए जा रहे हैं।