Showing posts with label faridabad haryana indianews. Show all posts
Showing posts with label faridabad haryana indianews. Show all posts

Tuesday 7 November 2023

मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल, 21C में मची सस्टेनेबल दिवाली की धूम

मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल, 21C में मची सस्टेनेबल दिवाली की धूम

फरीदाबाद : 8 नवंबर - मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल, 21C में 5 नवंबर, 2023 को दीपावली के शुभ अवसर पर बहुत ही विशेष और सुंदर आयोजन किया गया - *रेडिएंस - दिवाली कार्निवाल - थोड़ा हट के!*
..और अपने नाम के अनुरूप ही यह आयोजन 'थोड़ा हट के' अपनी चमक बिखराता हुआ पूरे विद्यालय को सुंदर प्रकाश से प्रकाशित कर रहा था।
हमारे मुख्य अतिथि डॉ. धीरज वर्मा, सह उपाध्यक्ष (स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण एवं स्थिरता- दक्षिण एशिया) की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा में चार चाँद लगा दिए। उन्होंने इस सस्टेनेबल दिवाली आयोजन के लिए मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल, 21C की सराहना करते हुए कहा कि जिस प्रकार विद्यालय पर्यावरण की रक्षा हेतु अपने छात्रों और उनके अभिभावकों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है वह अत्यंत प्रशंसनीय है और विद्यालय के यही प्रयास इसे बाकी विद्यालयों से *थोड़ा हट के* बनाते हैं।

विद्यालय की ओर सेआयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण अनेक प्रतियोगिताएँ एवं गतिविधियाँ थीं जिनमें विद्यालय के छात्रों एवं उनके अभिभावकों ने बढ़ - चढ़कर भाग लिया। रंगोली प्रतियोगिता द्वारा विद्यालय सुंदर रंगों और फूलों की रंगोलियों से सज गया। उत्सव की बात हो और वहाँ व्यंजनों और पकवानों की बात न हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। स्वादिष्ट मिठाइयों और व्यंजनों को बनाकर अभिवावकों ने अपनी पाककला से न केवल निर्णायकों को अपितु विद्यालय में सभी को प्रभावित किया। त्योहारों पर सजने- सँवरने का तो अंदाज़ ही अलग होता है, तो यहाँ भी अभिभावकों ने अपने फ़ैशन पसंद होने का परिचय दिया। फ़ैशन शो की निर्णायक 2022 की मिस उत्तराखंड रहीं सुश्री गुंजन कंवर को भी विजेता चुनने में काफ़ी प्रयास करना पड़ा।

इसके अतिरिक्त हमारे शेफ़ ने त्योहारों की मिठास को बढ़ाने वाली विभिन्न मिठाइयों को बनाने की विधियों को वहाँ उपस्थित सभी लोगों के साथ साझा किया।

बेकार पड़ी वस्तुओं को, पिछले वर्ष के बचे सजावट के सामान को नया रूप देकर दिवाली को सस्टेनेबल बनाने की ओर बल दिया गया। विभिन्न खेलों और स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टॉल अपनी अलग ही छटा बिखेर रहे थे।

मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल, 21C में सभी को साथ लेकर चलने की परंपरा और संस्कृति रही है इसलिए विभिन्न एन. जी.ओ. द्वारा भी स्टॉल लगाए गए जिनका उद्देश्य समाज कल्याण की भावना का प्रसार करना है। संपूर्ण विद्यालय गहन और सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ - सा प्रतीत हो रहा था।

सभी प्रतिभागियों , अभिभावकों, एवं विभिन्न अतिथियों ने इस *थोड़ा हट के!* कार्यक्रम और सस्टेनेबल दिवाली मनाने में विद्यालय के प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

इस अवसर पर विद्यालय में उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों को दीपावली की शुभकामनाएँ देते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती सीमा अनीस ने कहा कि दिवाली की रोशनी सभी के जीवन में चमकते जुगनुओं के रूप में बनी रहे। सभी का जीवन सुखद आशाओं, नए सपनों और उज्ज्वल दिनों से भरा रहे। उन्होंने कहा कि आज समय की मांग है कि हम अपने पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लें और अपने सुंदर ग्रह को संभाल कर रखें।

Tuesday 31 October 2023

बिहार फाउंडेशन ने बिहार सदन में ऑस्कर नामांकित "चंपारण मटन" फिल्म की स्क्रीनिंग की मेजबानी की

बिहार फाउंडेशन ने बिहार सदन में ऑस्कर नामांकित "चंपारण मटन" फिल्म की स्क्रीनिंग की मेजबानी की


नई दिल्ली, 27 अक्टूबर, 2023 -

बिहार फाउंडेशन ने शुक्रवार को दिल्ली में फिल्म 'चंपारण मटन' की स्क्रीनिंग नई दिल्ली फिल्म फाउंडेशन (एनडीएफएफ)और बिहार से... बाय द पनाश (panache) के सहयोग से की। ऑस्कर के सेमीफाइनल में पहुंची और बीजिंग फिल्म फेस्टिवल (17-24 नवंबर) में दिखाई जाने वाली बिहार के लाल रंजन कुमार द्वारा बनाई गई यह शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म शुक्रवार को रेस्तरां 'बिहार से... बाय द पनाश' के नवीनीकरण के साथ द्वारका स्थित बिहार सदन में दिखाई गई। इसके अलावा इस फिल्म को लेकर 'बिहार ब्रांड के निर्माण में सिनेमा की भूमिका' विषय पर एक पैनल डिस्कशन भी आयोजित किया गया। ताकि इस फिल्म के माध्यम से बिहार की संस्कृति को और बढ़ावा दिया जा सके और  राज्य को एक ब्रांड के रूप में स्थापित किया जा सके। 

इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों, विशिष्ट अतिथियों और फिल्म के निर्माता फलक खान (मुख्य अभिनेत्री) और निर्देशक रंजन कुमार ने भाग लिया।। स्क्रीनिंग के दौरान, दिल्ली में बिहार के रेजिडेंट एवं इनवेस्टमेंट कमिश्नर और बिहार फाउंडेशन सीईओ, श्री कुंदन कुमार ने उपस्थित लोगों को बताया कि यह कार्यक्रम बिहार को ब्रांड के रूप में स्थापित करने के लिए है ताकि प्रवासी भारतीयों को बिहार की ब्रांडिंग के लिए प्रेरित किया जा सके और लोगों को हमारे राज्य की संभावनाओं के बारे में बताया जा सके। उन्होंने कहा कि वह हमारे उद्योगों और हमारे प्रिय राज्य दोनों के लिए आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के आयोजनों के माध्यम से विभिन्न उद्योगों और व्यवसायों के साथ सहयोग करने के लिए उत्सुक हैं। 

कार्यक्रम के महत्व के बारे में बोलते हुए बिहार के रेजिडेंट कमिश्नर श्री कुंदन कुमार ने कहा, "यह शाम सिर्फ सिनेमा के बारे में नहीं है, यह बिहार की सांस्कृतिक जीवंतता और कला की दुनिया में इसके योगदान का उत्सव है। बिहार राज्य का एक समृद्ध इतिहास है और उसने भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बिहार फाउंडेशन और एनडीएफएफ को इस रचनात्मक भावना को बढ़ावा देने  के लिए एक साथ आते देखना खुशी की बात है।"

बिहार के सूचना आयुक्त और राज्य के पूर्व मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारि शरण ने बिहार फाउंडेशन के उल्लेखनीय प्रयासों की सराहना की और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं।  शरण ने इस अवसर पर राज्य की बेहतरी के लिए अपनी अथक प्रतिबद्धता के लिए बिहार कैडर के समर्पित अधिकारियों की सराहना भी की।

"चंपारण मटन" के मुख्य अभिनेता चंदन रॉय व्यस्त कार्यक्रम के कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने अपनी शुभकामनाएं साझा कीं और कहा, "मैं वास्तव में फिल्म का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। 'चंपारण मटन' की कहानी मेरे दिल करीब है और मुझे इतने प्रतिष्ठित मंच पर इसे देख कर खुशी हो रही है। इस कार्यक्रम ने सिनेमा की दुनिया में बिहार के बढ़ते प्रभाव को प्रदर्शित किया है।''

फिल्म के सह-कलाकार फलक खान ने कहा, "बिहार विविध प्रतिभाओं की भूमि है, और इस तरह के आयोजन इस क्षेत्र से उभरने वाली अनूठी कहानियों को उजागर करते हैं। मुझे उम्मीद है कि उनकी फिल्म 'चंपारण मटन' लोगों को प्रेरित करती रहेगी। "

बता दें कि इस फिल्म को पूणे स्थित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआई) में डायरेक्शन की पढ़ाई कर रहे बिहार के एक छात्र रंजन ने बनाया है। फाइनल ईयर प्रोजेक्ट के तहत रंजन को एक फिल्म बनानी थी। रंजन ने चंपारण मटन को लेकर ही एक कहानी गढ़ी। वैसे तो रंजन ने इस फिल्म को अच्छे अंक हासिल करने के मकसद से बनाया था लेकिन एफटीआई द्वारा इस फिल्म को विभिन्न फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया तो कहानी को काफी पंसद किया गया जिसके बाद इसे ऑस्कर के लिए भेजा गया और यह सेमीफाइनल राउंड के लिए चयनित की गई। यहीं नहीं बीजिंग में होने वाले 22वें अंतरराष्ट्रीय छात्र और वीडियो फेस्टिवल के लिए 95 देशों से चयनित 2360 फिल्मों में इसका भी चयन हुआ  और अब दल में शामिल 40 जजों ने समीक्षा कर 77 उत्कृष्ट कार्यों को शॉर्टलिस्ट किया है, जिसमें  'चंपारण मटन' फिल्म भी शामिल है। इस फिल्म को 17-24 नवंबर में बीजिंग में होने वाले फेस्टिवल में दिखाया जाएगा। 

फिल्म की बात करें तो यह लॉकडाउन के बैकड्रॉप पर बनी है। जहां ज्यादात्तर लोगों की नौकरियां चली गई थीं। फिल्म एक आम परिवार के रिश्तों और उनके संघर्ष की कहानी है।  फिल्म को बुनियादी सिद्धांतों पर बेहतर तरीके से बुनने की कोशिश की है। फिल्म में बज्जिका भाषा का प्रयोग किया गया है। 9 दिन में इसको शूट किया गया। इसे बनाने पर 2 लाख 76 हजार रुपए का पूरा खर्च आया। फिल्म स्क्रीनिंग के बाद, 'बिहार ब्रांड के निर्माण में सिनेमा की भूमिका' पर एक पैनल चर्चा हुई, जहां फिल्म उद्योग की प्रसिद्ध हस्तियों ने अपने अनुभव साझा किए।

कार्यक्रम के एक अन्य  प्रमुख आकर्षण में, 'बिहार से... बाय द पनाश' रेस्तरा  का एक नए रूप में अनावरण किया गया, जो बढ़िया भोजन और समारोहों के लिए एक अद्वितीय माहौल प्रदान करता है। रेस्तरां एक उत्कृष्ट मेनू प्रदान करता है जिसमें कई प्रकार के बिहारी व्यंजन शामिल हैं, जो अपने सभी ग्राहकों के लिए स्वादिष्ट आनंद का वादा करता है। शाम का समापन 'बिहार से... बाय द पनाश' रेस्तरां द्वारा आयोजित एक शानदार रात्रिभोज के साथ हुआ, जिसमें सभी उपस्थित लोगों को नेटवर्क बनाने और बिहार के व्यंजनों के स्वाद का आनंद लेने का अवसर मिला।

बिहार फाउंडेशन के बारे में:
बिहार फाउंडेशन प्रवासी भारतीयों को जोड़ने और सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। यह अपनेपन की भावना को बढ़ावा देता है, बिहार के विकास में योगदान को प्रोत्साहित करता है और राज्य की परिवर्तनकारी यात्रा में सक्रिय रूप से भाग लेता है। फाउंडेशन का प्राथमिक उद्देश्य बिहार की प्रगति और समृद्धि के लिए समर्पित व्यक्तियों और संगठनों का एक मजबूत नेटवर्क बनाना है।

एनडीएफएफ द्वारा भारतीय सिनेमा अभियान के बारे में:
नई दिल्ली फिल्म फाउंडेशन (एनडीएफएफ) द्वारा "सिनेमा ऑफ इंडिया" अभियान देश में सार्थक और सामाजिक रूप से जागरूक सिनेमा को बढ़ावा देने का एक प्रयास है। यह गैर-लाभकारी पंजीकृत सोसायटी भारतीय फिल्म निर्माताओं को ऐसी सामग्री बनाने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है जो न केवल मनोरंजन करती है बल्कि सार्थक सिनेमा को बढ़ावा देती है।