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Monday, 3 May 2021

 रोटरी क्लब फरीदाबाद मिडटाउन ने अपने निवर्तमान प्रधान रो० जे पी सिंह मक्कड़ को यहां जूम पर आयोजित प्रार्थना सभा में श्रद्धांजलि दी

रोटरी क्लब फरीदाबाद मिडटाउन ने अपने निवर्तमान प्रधान रो० जे पी सिंह मक्कड़ को यहां जूम पर आयोजित प्रार्थना सभा में श्रद्धांजलि दी

 

फरीदाबाद। रोटरी क्लब फरीदाबाद मिडटाउन ने अपने निवर्तमान प्रधान रो० जे पी सिंह मक्कड़ को यहां जूम पर आयोजित प्रार्थना सभा में श्रद्धांजलि दी।  क्लब की मींटिंग में चार्टर प्रेजीडेंट रो0 जे पी मल्होत्रा सहित रोटेरियन बंधुओं ने जहां दिवंगत आत्मा को याद किया वहीं परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की गई। उल्लेखनीय है रो0 जे पी सिंह मक्कड़ का स्वर्गवास कोविड के कारण ३० अप्रैल को हो गया था।  रो० जे पी मल्होत्रा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वे वास्तव में एक समर्पित सेवादार थे जिन्होंने समाज व मानव कल्याण के कार्यों में सदैव आगे बढक़र काम किया।  रो० सतीश गोंसाई ने उनके निधन को रोटरी लहर व समाज के प्रति ऐसा नुकसान बताया जिसकी पूर्ति संभव नहीं। क्लब के प्रधान पंकज गर्ग ने स्व0 मक्कड़ को एक आदर्श रोटेरियन के रूप में याद किया। क्लब के पूर्व प्रधान सर्वश्री मनोहर पुनयानी, सुनील गुप्ता, जी पी एस चौपड़ा, अनिल बहल, सुधीर जैनी, अमरजीत लाम्बा, जितेंद्र सिंह छाबड़ा, पीजेएस सरना ने रोटेरियन मक्कड़ को याद करते हुए उनके कार्यों का उल्लेख किया। प्रेसीडेंट नोमिनी विजय राघवन, रो0 राजेश कुमार, राकेश जैन, ललित हसीजा, दिनेश जांगड़, आशीष वर्मा ने भी रोटेरियन मक्कड़ को याद किया। इस अवसर पर १ मिनट का मौन भी रखा गया। मींटिंग में सर्वश्री विजेंद्र गोयल, सतींद्र छाबड़ा, सचिन जैन, सचिन खोसला, उपेंद्र सिंह, सतेंद्र चौहान, दीपा कपूर, जे के मनोचा, इंद्रपाल लाल, ऋषभ जैन, सिमर सरना, प्रतिभा गोंसाई, अनिता मल्होत्रा, सुदेश लाम्बा, मिनी चौपड़ा, रितु गुप्ता, विभा खोसला, मीनल गर्ग, डाक्टर पुनीता हसीजा, नूपुर जैनी, अनु छाबड़ा, गुनीत कौर, पूनम बहल, ओ पी भाटिया, अशोक बुद्धिराजा, चेतन साहनी, विजी राघवन सहित फरीदाबाद चैम्बर आफ  कामर्स के प्रधान एच के बत्तरा, जिला गवर्नर संजीव राय मेहरा, पीडीजी विनय भाटिया, डीजीएन अशोक खंतूर, मोहित भाटिया ने भी स्वर्गीय जे पी एस मक्कड़ को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

Tuesday, 27 April 2021

 आईएमएसएमई ऑफ इंडिया व हनुमंत फाउंडेशन सहित विभिन्न संगठनों की पहल, 200 बैड का सेवा केंद्र शीघ्र

आईएमएसएमई ऑफ इंडिया व हनुमंत फाउंडेशन सहित विभिन्न संगठनों की पहल, 200 बैड का सेवा केंद्र शीघ्र

फरीदाबाद, 27 अप्रैल। प्रमुख औद्योगिक संगठन आईएमएसएमई ऑफ इंडिया ने कोरोना के फरीदाबाद में बढ़ते मामलों को लेकर तथा बैड व अन्य मैडीकल सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए डीपीएस ग्रेटर फरीदाबाद में 200 बैड के कोरोना सेवा केंद्र के लिए सभी वर्गों से एकजुट होकर आगे आने का आह्वान किया है।उल्लेखनीय है कि आईएमएसएमई ऑफ इंडिया, हनुमंत फाउंडेशन व विभिन्न संगठनों ने एकजुट होकर इस इमरजेंसी कोविड सेंटर को आरंभ करने का निर्णय लिया है।आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के चेयरमैन श्री राजीव चावला व हनुमंत फाउंडेशन के चेयरमैन रोहित जैनेेंद्र जैन के अनुसार इस कोरोना सेवा केंद्र में 200 बैड लगाए जाएंगे, जहां ऑक्सीजन, आईसीयू (लेवल-2), वरिष्ठ चिकित्सकों के निर्देशन में मरीजों की देखरेख की जाएगी। इसके अलावा मरीजों को फूड, दवाईयां व हर संभव सहयोग दिया जाएगा।एकॉड अस्पताल के निदेशक डा. प्रबल राय, सीनियर चिकित्सक डा. ऋषि गुप्ता के साथ राजीव अरोड़ा एससीएस हेल्थ, जिला उपायुक्त गरिमा मित्तल तथा सिविज सर्जन व फरीदाबाद प्रशासन भी इस सेवा केंद्र के लिए एकजुटता से कार्यरत बताए गए हैं।श्री चावला के अनुसार उम्मीद व्यक्त की जा सकती है कि मई के प्रथम सप्ताह में जनता को समर्पित कर दिया जाएगा।श्री रोहित जैनेन्द्र जैन ने बताया कि मां अमृतानंदमयी(अम्मा) ने भी अपने आशीर्वाद के साथ मां अमृतानंदमयी अस्पताल की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन इस कोविड केयर सेंटर को देने का दिया है।

श्री रोहित जेनेंद्र जैन ने बताया कि इस इमरजेंसी कोविड केयर सेंटर को चलाने में स्वयं वे श्री राजीव चावला व उनके अन्य सहयोगी  तरह सक्षम हैं परंतु वर्तमान हालातों की नजाकत को देखते हुए तथा मरीजों को और अधिक बेहतर सुविधाएं देने के लिए इस इमरजेंसी कोविड सेंटर में मरीजों से न्यूनतम शुल्क लिया जाएगा और यह सेंटर जनहित में समय की मांग को देखते हुए बिना लाभ के चलाया जाएगा ताकि केवल स्टाफ व अन्य मैडीकल खर्च निकल सके। हिंदुस्तान सिक्योरिटी के डायरेक्टर विवेक दत्ता ने भी इस प्रोजेक्ट में अपना सहयोग देने का विश्वास दिलाया है।जानकारी के अनुसार 200 बैड से शुरुआत कर भविष्य में इस अस्पताल को 500 बैड के इमरजेंसी कोविड केयर सेंटर में सभी आईसीयू मैडीकल सुविधाओं से लैस करके जनता को समर्पित किया जा सकता है।

Friday, 12 March 2021

एफआईए एवं मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद ने संयुक्त रूप से शुरू किया स्वास्थ्य जागरूकता अभियान

एफआईए एवं मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद ने संयुक्त रूप से शुरू किया स्वास्थ्य जागरूकता अभियान

 

फरीदाबाद, मार्च 13  I एफआईए एवं मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद में कार्यरत विभिन्न उद्योगों एवं कंपनियों के कर्मचारियों को स्वास्थ्य जागरूक बनाए के लिए शुरू किया"एफआईए - मैट्रो स्वास्थ्य जागरूकता अभियान"

पदम विभूषण ,पदम भूषण बीसीरॉय से सम्मानित मैट्रो अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर पुरषोत्तम लाल ने बताया कि" विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व के बहुत सारे देशों में आधे से ज्यादा कर्मचारी अनौपचारिक क्षेत्र के उद्योगों में कार्यरत है, और यह सब किसी स्वास्थ्य बीमा या सुविधा के अंतर्गत नहीं आते।

एक अनुमान के मुताबिक विकास शील देशों में लगभग सवा करोड़ लोग हर साल नॉन कम्युनि के बल डिसीज़ आधारित लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारियों से अपनी जान से हाथ धो बैठते है।"




फ़रीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रेसिडेंट श्री बीआर भाटिया ने इस मौके पर बताया किएक कर्मचारी औसतन अपना एक तिहाई जीवन अपने कार्य स्थल पर गुजारता है।कर्मचारियों की सेहत का किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का सीधा संबंध है।कार्य क्षेत्र पर उपस्थित विभिन्न प्रकार के जोखिम जैसे किगर्मी, शोर, धुल, रसायन, मशीन, स्ट्रेस इत्यादि बीमारियों को बढ़ाती है।कर्मचारी जोकि स्ट्रेस एवं इस परिस्तिथियों 




में कार्य के उपरांत उनके धूम्रपान करने, व्यायामना कर ने एवं अस्वस्थ भोजन कर ने की संभावना को बढ़ाते है।"

मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद के मेडिकल डारेक्टर एवं डाइरेक्ट रइंटरवेंशनल का र्डियोलॉजिस्ट डॉनी रज जैन ने बताया कि"विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हृदय रोग, सुनन ने की क्षमता में कमी, चर्मरोग, लंग कैंसर, उच्च रक्त चाप, मधुमेह आदि बीमारियां कार्य स्थल से जुड़ी हैं ।इस कारण यह बहुत भी जरूरी है कि कर्मचारी अपनी स्वास्थ्य जीवन शैली खान पान के प्रति जागरूक रहें। इसके लिए उन्हें अपनी दिन चर्या में सैर एवं व्यायाम, धूम्र पान पर सख्त रोक,अपने वजन पर कंट्रोल,४० साल से ऊपर के लोगों को साल में एक बार ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर एवं सामान्य ख़ून की जाँच जरूर कराए ।यदि शरीर के को ई दर्द, गांठ, साँस फूलना आदि का कोई लक्षण देखें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें, क्योंकि समय पर लीस लाह ईलाज़ पर खर्च एवं जीवन दोनों को बचाता है।"






मैट्रो अस्पताल के सीओओ एवं मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मंजिन्दर भट्टी ने बताया कि"इन्हीं तथ्यों को देखते हुए एफआईए फ़रीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन एवं मैट्रो अस्पताल फ़रीदाबाद ने फ़रीदाबाद में कार्यरत निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने के लिए स्वास्थ्य जागरूकता अभियान की शुरुआत की है।इस अभियान के अंतर्गत फ़रीदाबाद की निजी कंपनियों के कर्मचारियों की जांच मैट्रो अस्पताल के डॉक्टरों की टीम अगले साल में करेगी।फरीदाबाद में ४०० से ज्यादा उद्योग एवं इनमें  ४० लाख कर्मचारी काम करते है ।"

 

 

Sunday, 7 March 2021

फरीदाबाद में सडक़ों की दशा में सुधार के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर व कनैक्टिविटी के संबंध में नीति तैयार की गई

फरीदाबाद में सडक़ों की दशा में सुधार के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर व कनैक्टिविटी के संबंध में नीति तैयार की गई

 

फरीदाबाद, 8 मार्च । हरियाणा सरकार का लक्ष्य एमएसएमई सैक्टर का विकास और रोजगार में बढ़ौतरी है और इस संबंध में विभिन्न योजनाओं द्वारा उद्योगहित में कार्य किया जा रहा है। एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक श्री अनुराग अग्रवाल ने यहां पीएचडी चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन फरीदाबाद के साथ आयोजित एमएसएमई कन्क्लेव में उक्त विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार ने अपने उद्देश्य के अनुरूप औद्योगिक नीति 2020 तैयार की है ताकि विकास को और तीव्र गति प्रदान की जा सके।

श्री अग्रवाल ने बताया कि फरीदाबाद में सडक़ों की दशा में सुधार के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर व कनैक्टिविटी के संबंध में नीति तैयार की गई है। आपने बताया कि अतिरिक्त एफएआर उद्योगों के लिये स्वीकृत कर दिया गया है ताकि श्रमिकों को रोकने संबंधी प्रबंधों को बेहतर बनाया जा सके। यही नहीं ग्रुप हाउसिंग साईट्स को भी अनुमति प्रदान की जा रही है।  जेवर एयरपोर्ट तथा यमुना एक्सप्रेस हाइवे के लिये रोड़ कनेक्टिविटी के संबंध में जानकारी देते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि इस संबंध में एमएसएमई सैक्टर के हित में योजनाएं जारी हैं।

इससे पूर्व श्री अनुराग अग्रवाल व प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान श्री जे पी मल्होत्रा ने इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिये प्रभावी पग उठाने का आग्रह किया।  श्री मल्होत्रा ने श्री अग्रवाल से आग्रह किया कि वे कोर्ट केसिज तथा विभिन्न कारणों से लंबित प्रोजैक्टों को पूरा करने के लिये कदम उठाएं। आपने डीएलएफ तथा एनआईटी क्षेत्र में कॉमन इफलुएन्ट ट्रीटमैंट प्लांट स्थापित करने, नॉन कन्फर्मिंग एरिया में उद्योगों को नियमित करने, 70 प्रतिशत से अधिक उद्योग होने की स्थिति में औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने का आग्रह करते हुए जानकारी दी कि एक सर्वे के अनुसार 212029 उद्योगों में से 15246 यनिट नॉन कन्फर्मिंग क्षेत्र में कार्यरत हैं। 

पीएचडी चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के हरियाणा स्टेट चैप्टर के चेयर प्रणव गुप्ता ने कहा कि कृषि के बाद एमएसएमई सैक्टर ऐसा क्षेत्र है जहां सबसे अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है। आपने कहा कि एमएसएमई सैक्टर को प्रोत्साहन देने के लिये प्रभावी नीतियां जरूरी हैं जिनमें इंफ्रास्ट्रक्चर तथा वित्त संबंधी योजनाएं आवश्यक हैं। ईवाई के प्रबंधक श्री उपेंद्र सिंह ने अपनी प्रेजैन्टेशन में सरकार द्वारा एमएसएमई सैक्टर के हित में जारी योजनाओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। श्री उपेंद्र सिंह ने कहा कि टैक्सटाईल, आटोमोबाइल, फूड एंड ब्रेवरज और इंजीनियरिंग सैक्टर में एमएसएमई सैक्टर की काफी भागीदारी है। 

पीएचडी चैम्बर के हरियाणा स्टेट को-चेयर निखिल सरदाना ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करते विश्वास व्यक्त किया कि यह कान्कलेव निश्चित रूप से एमएसएमई सैक्टर के लिये काफी उपयोगी रहेगा।  इस अवसर पर सर्वश्री विजय राघवन, पवन कोहली, टी सी धवन, राकेश जग्गी, अनिल जैन, दीपक मुखी, कुलदीप सिंह, अश्विनी खन्ना, सुनील गुप्ता, ए के सिंघल, एस के दिलबागी, सोम दुआ, रविन्द्र नाथ, वी थ्यागरंजन, अमित कोच्छर, राजेश देशवाल, एस एस सरोत, सुभाष मदान, समर, बिजेंद्र बंसल सहित एचएसआईआईडीसी और डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सदस्यों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

Tuesday, 12 May 2020

अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देने वाले एमएसएमई के लिए बढ़ने वाली है और मुश्किलें: छोटे उद्योगों को राहत की जरूरत : रमणीक प्रभाकर

अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देने वाले एमएसएमई के लिए बढ़ने वाली है और मुश्किलें: छोटे उद्योगों को राहत की जरूरत : रमणीक प्रभाकर

फरीदाबाद : 12 मई I  मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन फरीदाबाद के महासचिव रमणीक प्रभाकर ने कहा एमएसएमई आर्थिक विकास, नवाचार और रोजगार सृजन के सबसे बड़े संवाहक हैं भले ही ये  आकार में छोटे हों, लेकिन देश की तरक्की में उनकी बड़ी अहमियत है मौजूदा कोरोना संकट का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव भी उन पर ही पड़ता दिख रहा है, क्योंकि उनके पास बड़ी कंपनियों जितने संसाधन नहीं हैं। चूंकि मांग में लगातार गिरावट जारी है और हाल-फिलहाल सुधार के आसार नहीं दिखते इसलिए इन उद्यमियों के लिए कर्ज की अदायगी से लेकर कर्मचारियों को वेतन देने जैसी जिम्मेदारियों को पूरा करना भी मुश्किल होगा।

छोटे उद्यमियों के समक्ष वेतन, बिजली बिल, किराया, कर्ज जैसी समस्याएं मुंह बाएं खड़ी हैं

उन समस्याओं का खाका खींचा जाना बेहद आवश्यक है जिनसे एमएसएमई करीब साल भर तक जूझने को मजबूर होंगे।
 लॉकडाउन समाप्ति के कम से कम तीन महीने तक तो ये दुश्वारियां बहुत परेशान करने वाली हैं। तमाम छोटे उद्यमों को इस संकट से भी दो-चार होना पड़ सकता है कि उनके ऑर्डर निरस्त हो जाएं। छोटे उद्यम पीएसयू और बड़ी दिग्गज कंपनियों से भुगतान में लेटलतीफी जैसी समस्याएं भी झेलते हैं। आने वाले महीनों में यह समस्या और विकराल हो सकती है। चूंकि इन इकाइयों में काम करने वाले अधिकांश कामगार अपने गांव-घर की ओर कूच कर गए हैं ऐसे में उन्हेंं सामान्य कामकाज बहाल करने में लंबा समय लग सकता है।

 इसी तरह ऑर्डर निरस्त होने, श्रम विवादों, कर्ज के मूल और ब्याज की अदायगी होने जैसे तमाम कारणों के चलते  कदमों की भी बाढ़ सकती है। मुश्किलों के ऐसे भंवर में फंसे एमएसएमई को उबारने में बैंक और एनबीएफसी भी हिचक दिखाएंगे ऐसी स्थिति में सरकार से अपेक्षाएं बढ़ना स्वाभाविक है। भारत सरकार को कई मोर्चों पर सक्रियता के साथ कदम उठाने होंगे।  इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड संहिता, 2016 यानी आइबीसी के तहत ऋणदाताओं द्वारा एमएसएमई को उचित रियायत दी जाए ताकि उन्हें संपदा बिक्री में बेहतर हिस्सा मिल सके। उनके खिलाफ आइबीसी में मामला भी दर्ज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि ऐसे अधिकांश मामलों में अभी तक समाधान नहीं निकल सका है और अंतत: वे संपदा बिक्री की ओर ही बढ़ रहे हैं। एक लाख या उससे अधिक के डिफॉल्ट के मामलों में एमएसएमई को इस संहिता के उपयोग की अनुमति दी जानी चाहिए जैसा कि हालिया अधिसूचना से पहले सौ लाख तक के मामले में था।

एमएसएमई से जुड़े मामलों में त्वरित फैसलों के लिए सरकार को अलग ट्रिब्यूनल्स गठित करने चाहिए। सराफेसी एक्ट को भी एक साल के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया जाए। लॉकडाउन के दौरान दिए गए वेतन और मजदूरी के 50 प्रतिशत हिस्से को कैरी फारवर्ड प्रावधान के साथ आयकर में छूट दी जानी चाहिए या फिर उसका भुगतान ईएसआइसी-सरकार द्वारा किया जाए। बिजली के मामले में भी बिजली का  कनेक्शन किसी सूरत में काटा जाए। इसके साथ ही भुगतान परिदृश्य के आधार पर ही एमएसएमई को उनका जीएसटी बकाया अदा करने की अनुमति दी जाए।  एमएसएमई की समस्याएं इतनी व्यापक हैं कि केवल सरकार के भरोसे ही उनका समाधान संभव नहीं, इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक जैसे संस्थान की भी अहम भूमिका है। एमएसएमई ने किसी किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से मियादी कर्ज लिया होता है। ऐसे में उन्हें राहत देने के लिए लॉकडाउन हटाए जाने के छह महीने तक इनकी किस्तों की मियाद नए सिरे से तय की जाए। इन मियादी कर्जों के तीन वर्षों में पुनर्भुगतान के प्रावधान के साथ ही उसमें छह महीनों की स्थगन अवधि की भी गुंजाइश हो।  रिजर्व बैंक को लॉकडाउन के दौरान सभी कर्जों पर ब्याज माफ कर देना चाहिए। सभी एमएसएमई को एक बार कर्ज पुनर्गठन का मौका मिले जिसमें एनपीए खातों को भी शामिल किया जाए। पुनगर्ठन के बाद सभी एमएसएमई को स्डैंडर्ड रूप में वर्गीकृत करें। विल्फुल डिफॉल्टरों को इस योजना से अलग रखा जा सकता है। 

बाहरी क्रेडिट रेटिंग-सिबिल की आवश्यकता को भी अगले दो वर्षों के लिए खत्म कर देना चाहिए। मौजूदा इकाइयों के लिए अतिरिक्त तदर्थ कार्यशील पूंजी में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए। आरबीआइ और भारतीय बैंक संघ यानी आइबीए को चाहिए कि वे बैंकों से एमएसएमई के लिए एक साझा राहत योजना तैयार करने के लिए कहें।  चूंकि कोरोना के कहर के चलते इतनी दिक्कतें अचानक से गई हैं तो भुगतान के मोर्चे पर समस्याएं भी आएंगी। ऐसे में समय रहते उनके समाधान पर भी विचार किया जाए। इस स्थिति में पीएसयू और सभी सरकारी विभागों द्वारा एमएसएमई के बकाये का तत्काल भुगतान किया जाना चाहिए। यदि लॉकडाउन से पहले किसी ऑर्डर के मामले में आदेश एमएसएमई के पक्ष में आया हो तो उनके खिलाफ अपील की अनुमति दी जाए। अपने सभी आर्पूितकर्ता एमएमएमई के लिए पीएसयू-सरकारी विभागों द्वारा लैटर ऑफ क्रेडिट जारी किया जाना चाहिए। उचित खरीदारों के साथ एमएसएमई के सभी लेनदेन केवल टीआरईडीएस के जरिये होने चाहिए।  संकट के दौर में हमें सूक्ष्म एवं लघु उपक्रम सुविधा परिषदों यानी एमएसईएफसी को भी सशक्त बनाना होगा। प्रत्येक जिले में इसकी एक शाखा गठित की जाए जिनकी सुनवाई के लिए राज्य स्तर पर अपीलीय इकाई बने। इसमें सभी एमएसएमई को शामिल किया जाए। ऑनलाइन कॉज लिस्ट और आदेश एमएसईएफसी की एक साझा वेबसाइट पर उपलब्ध होने चाहिए। इसके फैसलों को राजस्व वसूली अधिनियम के तहत प्रर्वितत किया जाना चाहिए।

कोरोना वायरस के संक्रमण से उपजा संकट एक बहुत बड़ी आपदा है फिर भी विश्वास है कि हम भारतीय इस आपदा को एक अवसर बनाएंगे। एमएमएमई मंत्री नितिन गडकरी ने भी बार-बार इस संकल्प को दोहराया है। सस्ते श्रम, युवा पीढ़ी और नई कंपनियों के लिए कर की न्यूनतम दर जैसे कई आकर्षक पहलू इस दौर में भारत को आकर्षक बनाते हैं। वहीं अमेरिका और चीन के बीच तनातनी भी भारत के लिए फायदेमंद हो सकती है।