Wednesday 7 August 2019

मानसून में रखें साफ-सफाई का ध्यान : डॉ. राम चंद्र सोनी


फरीदाबाद : 8 अगस्त I  बारिश का झमाझम मौसम और पकौड़ों का स्वाद मन को खुशी तो देता है, लेकिन खान-पान के प्रति बरती जाने वाली लापरवाही कई बार गंभीर रूप धारण कर लेती है। बरसात का मौसम एक ओर तो गर्मी से निजात दिलाता है, लेकिन दूसरी ओर बीमारियों को पनपने का मौका भी देता है। बरसात के दिनों में वायरल इंफेक्शन आम बात है। इस मौसम में पेट से संबंधित बीमारियों के फैलने का भय बना रहता है। डॉ. राम सोनी ने बताया कि उनके पास पीलिया के मरीज भी बाद गए है रोज़ाना 3 -4 मरीज पीलिया के आ रहे हैं

एशियन अस्पताल के एचओडी गैस्ट्रोइंटेरोलॉजी डॉ. राम चंद्र सोनी का कहना है कि मानसून में पेट दर्द की समस्या आम बात है। उल्टी-दस्त, पेट दर्द आदि की समस्या को लेकर अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस मौसम में पेट से संबंधित बीमारियां ज्यादा होती है। इन बीमारियों के लक्षण भी कई प्रकार के होते हैं पेट में दर्द होना, उल्टी होना, बदन दर्द और कमर दर्द। डॉक्टर का कहना है कि इस मौसम में बैक्टीरिया ज्यादा प्रभावित होता है और संक्रमण फैलाता है। बाहर का खाना, तला हुुआ, बासी भोजन का सेवन करना, खुले में रखे भोजन का सेवन करने से  भी बीमारियों को फैलने का मौका मिलता है। इस प्रकार का खाना खाने के २४ घंटे के भीतर बीमारियों के लक्षण उभरने लगते हैं।

डॉ. सोनी का कहना है कि अगर हम स्वयं साफ-सफाई की ओर ज्यादा ध्यान दें तो बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। फिल्टर्ड और उबला हुआ पानी पीना चाहिए। बासी या खुले में रखा खाना नहीं खाना चाहिए। फल व सब्जियों को धोकर खाना चाहिए। जंक फूड के सेवन से बचना चाहिए। तले व मसालेदार खाने के सेवन से बचना चाहिए। बार-बार हाथ धोने चाहिएं। संतुलित भोजन का सेवन करना चाहिए। 

डॉ. सोनी के अनुसार मानसून हेपेटाइटिस ए और ई के वायरस को प्रभावित करता है। इस बीमारी का प्रमुख कारण दूषित पानी है। खान-पान की लापरवाही लिवर को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है।  इसके लक्षणों के पाए जाने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके जांच करानी चाहिए। ताकि समय रहते बीमारी का पता लगाकर उचित इलाज किया जा सके। इसके अलावा इस रोग से बचने के लिए साफ-सफाई की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।
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