फरीदाबाद श्री धार्मिक लीला कमेटी के निर्देशक हरीश चन्द्र आज़ाद ने बताया कि कल रात रामलीला के मंच पर माता शबरी का श्रीराम से मिलन, श्रीराम व हनुमान और सुग्रीव से मिलन तथा बाली का वध हुआ। मंचन की शुरूआत मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी राजीव जेटली व समाजसेवी रेनू भाटिया और राजन भाटिया ने ज्योति प्रज्वलित करके करी। मंच पर इन सभी आतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
निर्देशक हरीश आज़ाद ने बताया कि प्रथम दृश्य में माता शबरी बनी रिया खरबंदा का प्रभूराम से मिलन हुआ और अपने प्रभूराम को सामने देखकर शबरी प्रसन्न व व्याकुल हो जाती है। फिर उनको मीठे बेर स्वयं चख-चख कर खिलाती है तथा सीता को ढूंढने के लिये सुग्रीव का स्थान बताती हैं। अगले दृश्य में श्रीराम का हनुामन व सुग्रीव से मिलन होता है जहाँ सुग्रीव उन्हें बताता है कि रावण सीता का हरण करके ले गया है। फिर सुग्रीव बाली का अत्याचार बताते हैं तो श्रीराम उन्हें बाली से लडऩे भेजते हैं।
अगले दृश्य में बाली व सुग्रीव का भंयकर युद्व होता है लेकिन श्रीराम दोनों भाईयों की शक्ल एक जैसी होने की बजह से बाली को नहीं पहचान पाते इसलिये किसी तरह से सुग्रीव जान बचाकर भागकर राम के पास आता है तो श्रीराम उन्हें माला पहनाकर भेजते है। अगले दृश्य में फिर से बाली सुग्रीव युद्व होता है जिसमें बाली राम द्वारा मार गिराये जातें है और दर्शक जय श्रीराम के जयकारे लगाते हैं। बाली बने नरेश चावला का डायलॉग छीन लूँ दुश्मन का आधा बल यह मुझे वरदान है युद्व भूमि में तो बाली भगवान का भी भगवान है दर्शकों की तालियाँ बटोरता है तो सुग्रीव बने अमित नागपाल ने भी अपने अभिनय की छाप छोड़ी। हनूमान का किरदार निभा रहे रोहित खरबंदा ने भी कमाल का अभिनय किया।
आज दर्शकों पे प्रथम पुरस्कार के लिये राम का अभिनय कर रहे जितेश गेरा व शबरी बनी रिया खरबंदा को वोटिंग की तथा दूसरे पुरस्कार के लिये बाली बने नरेश चावला को वोटिंग करी तथा पर्दे के पीछे बेहतरीन सेवा के लिये करण भाटिया व प्रिन्स रहेजा को सम्मानित किया गया।
0 comments: