फरीदाबाद:16अगस्त (National24news) फरीदाबाद में मानव को उसके वर्तमान नैतिक पतन से पुनः उबारने के प्रयास को लेकर " सतयुग दर्शन ट्रस्ट " द्वारा स्थापित मानवता विकास क्लब द्वारा 12 - 15 अगस्त तक मानवता फेस्ट का आयोजन किया जा रहा है. इस मानवता फेस्ट में देश विदेश के सैकड़ो युवाओ के अलावा उम्रदराज लोग भी हिस्सा ले रहे है. चार दिन के इस आध्यात्मिक कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियो को बुराई छोड़ अच्छाई की और बढ़ने का आवाहन करना है, इस मानवता फेस्ट की शुरुआत हर दिन सुबह पांच बजे से शुरू होती है जिसमे योगा , मेडिटेशन , एरोबिक्स के अलावा मानवता के विकास को लेकर एक्टिविटीज करवाई जा रही है.
जया ओझा - स्पोक्स पर्सन - सतयुग दर्शन ट्रस्ट फरीदाबाद स्थित " सतयुग दर्शन ट्रस्ट " का है जहाँ 12 - 15 अगस्त तक मानवता फेस्ट का आयोजन किया जा रहा है. . इस मानवता फेस्ट में देश विदेश के सैकड़ो युवाओ के अलावा उम्रदराज लोग भी हिस्सा ले रहे है. ट्रस्ट की वोलेंटियर और मानवता विकास क्लब की सदस्य जया ओझा ने बताया की चार दिवसीय इस मानवता फेस्ट में वह सब कुछ सिखाया जा रहा है जो हम स्कूल कालेज और परिवार में नहीं सीख सकते। उन्होंने कहा की जो हममे है वह सबमे है. जया ओझा ने बताया की इस मानवता फेस्ट में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों की शुरुआत सुबह पांच बजे योगा से होती है और फिर उसके बाद मेडिटेशन और एरोबिक्स करवाया जाता है. यही नहीं इसके बाद मानवता विकास को लेकर क्लास लगाई जाती है और अन्य एक्टिविटीज भी करवाई जाती है. सुबह के शेड्यूल और ब्रेकफास्ट के बाद मानवता के ऊपर फ़ोकस किया जाता है और सिखाया जाता है. उन्होंने बताया की भारत के सभी राज्यों से यहाँ बच्चे आये है और विभिन्न एक्टिविटीज में भाग ले रहे है. यहाँ वह कुछ सीखने को मिल रहा है जो स्कूल और परिवार में सीखने को नहीं मिलता। जीरो से 50 साल तक के लोग भी हिस्सा ले रहे है यहाँ तक की कई बच्चे अपने परिवारों के साथ यहाँ आये हुए है।
श्रुति - प्रतिभागी चार दिन के इस मानवता फेस्ट में बच्चो में भारी उत्साह सीखा जा रहा है। इस फेस्ट में हिस्सा लेने वाली नन्ही श्रुति ने बताया की यहाँ हर रोज नयी एक्टिविटीज सिखाई जा रही है जिसमे उनकी शुरुआत सुबह योगा और एरोबिक्स से होती है और फिर दिनभर विभिन्न एक्टिविटीज करवाई जाती है. उसने बताया की वह पहले भी यहाँ आयी थी और आगे भी यहाँ आती रहेंगी क्योंकि उन्हें यहाँ आकर बहुत शान्ति मिलती है. जो यहाँ सीखने को मिल रहा है वह कही भी सीखने को नहीं मिलता।
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