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Wednesday 2 May 2018

Homeopathy for Cold cough Flu

Homeopathy for Cold cough Flu

FARIDABAD : 2 MY I भरी हुई नाक तब होती है जब नाक और आसन्न ऊतकों और रक्त वाहिकाओं को अधिक तरल पदार्थ के साथ सूज हो जाता है, जिससे "घृणित" लग रहा हो। नाक की भीड़ या अनुनासिक निर्वहन या "बहुरंगी नाक" के साथ नहीं हो सकती है।


आमतौर पर नाक की भीड़ पुराने बच्चों और वयस्कों के लिए एक झुंझलाहट है। लेकिन नाक की भीड़ उन बच्चों के लिए गंभीर हो सकती है जिनकी नींद उनकी नाक की भीड़ या शिशुओं से परेशान होती है, जिनके परिणामस्वरूप एक कठिन समय पर भोजन हो सकता है।


कारण - नाक की भीड़ किसी भी चीज के कारण हो सकती है जो अनुनासिक ऊतकों को उत्तेजित या उत्तेजित करती है। संक्रमण - जैसे सर्दी, फ्लू या साइनसाइटिस - एलर्जी और विभिन्न परेशानी, जैसे कि तम्बाकू धूम्रपान, सब कुछ नाक का कारण हो सकता है कुछ लोगों को बिना किसी स्पष्ट कारण के लिए लंबे समय से चलने वाले नाक हैं - एक शर्त जिसे नॉनलार्लिक राइनाइटिस या वासोमोटर रिनिटिस (वीएमआर) कहा जाता है।

कम सामान्यतः, नाक की भीड़ कणिकाओं या एक ट्यूमर के कारण हो सकती है।


नाक की भीड़ के संभावित कारणों में शामिल हैं: तीव्र साइनसाइटिस, एलर्जी, क्रोनिक साइनसिस, सामान्य सर्दी, डिकॉग्स्टेस्टेंट नाक स्प्रे अति प्रयोग, विच्छेदन सेप्टम, मादक पदार्थों की लत, सूखी हवा, बढ़े हुए एनोनेओड्स, नाक में विदेशी शरीर, हार्मोनल परिवर्तन, फ्लू, दवाएं, जैसे कि उच्च रक्तचाप की दवाएं, नाक जंतु, गैर एलर्जी रैनिटिस, व्यवसायिक अस्थमा, गर्भावस्था, श्वसन संक्रमण संबंधी वायरस, तनाव, थायराइड विकार, तंबाकू का धुआं, बहुभुज के साथ ग्रैनुलोमेटोसिस





NUX VOMICA 30-Nux Vomica नाक बाधा रात के समय में अपने चरम पर है जब राहत प्रदान करने में महान मदद के प्रभावी होम्योपैथिक उपाय नक्स वोमिका रात के घंटों में बेहद भरे हुए नाक वाले रोगियों को आराम प्रदान करने में बहुत फायदेमंद है। रोगियों को इस होम्योपैथिक उपाय की आवश्यकता होती है, रात के समय तीव्र नाक भराई होती है। व्यक्ति यह भी वर्णन कर सकता है कि दिन के दौरान, रात में नाक निर्वहन होता है, इसे अवरुद्ध कर दिया जाता है। इसके अलावा मरीज़ एक तरफ नाक की बाधा और अन्य पर मुक्ति के मुक्त महसूस कर सकते हैं। खुली हवा में जाकर नाक अवरोध को भी बिगड़ता है।

सैम्बुक्स एनआईजी 30-सॅंबुबुस नाक रुकावट के लिए एक और शीर्ष होम्योपैथिक दवा है जो अत्यंत नाक नाक छिद्रों के साथ है। रुकावट के कारण सांस लेने में बहुत मुश्किल है और यह व्यक्ति को बैठने के लिए मजबूर करता है। अधिकतर रात में, घुटन और साँस लेने में कठिनाई के कारण व्यक्ति को नींद से बैठना पड़ता है। नाक अवरोध के लिए शिशुओं को दिया जाने पर सैंबुबुस भी बहुत प्रभावशाली होता है। रुकावट घुटन और मुँह में सांस लेने की ओर जाता है और शिशु को मां की फूड लेने के दौरान बुरी स्थिति का सामना करना पड़ता है

आर्सेनिक्स एल्बम 30-आर्सेनिकम एल्बम का निर्धारण तब किया जाता है जब नाक के अवरोध नाक एलर्जी के कारण होते हैं। यह मुख्य रूप से निर्धारित होता है जब नाक अवरोध के साथ जल नाक निर्वहन जल रहा है। वहाँ नाक से प्रचुर मात्रा में पानी और उत्तेजक निर्वहन है। तीव्र प्यास है और मरीज को खुली हवा में भी बुरा लगता है।

ग्लेज़ैमियम 30-गिल्सिमियम निर्धारित किया जाता है जब नाक रुकावट में बंद महसूस होने के साथ सुस्त सिरदर्द होता है, और एक धाराप्रवाह नाक निर्वहन होता है।

सिनापिस एनआईजीआरए 30 - सिनापीस नीग्रै एलर्जी के कारण नाक की भीड़ के लिए एक और उपाय है। यह तब निर्धारित होता है जब वैकल्पिक नहर एलर्जी की प्रतिक्रिया के कारण अवरुद्ध होते हैं। नाक और आंखों से भी मुक्ति होती है।

कैलकिया कार्ब 30- नाक पॉलीप के कारण कैल्केरा कार्ब नाक रुकावट के लिए बहुत प्रभावी है कार्ब नाक कणों के लिए एक और उत्कृष्ट होम्योपैथिक दवा है। यह ज्यादातर बाएं पक्षीय नाक कणों के लिए संकेत दिया जाता है। बाएं तरफ नलिका अवरुद्ध लगता है नाक से भ्रूण पीला डिस्पैच के साथ इसमें शामिल किया जा सकता है नाक में दुख और विकृत सनसनी भी महसूस होती है। नाक में आक्रामक गंध भी चिह्नित है नाक की जड़ में बहुत अधिक सूजन होती है। क्लेक्वेरा कार्ब का निर्धारण तब किया जाता है जब लोग आसानी से ले जाते हैं। मौसम में बदलाव नाक की शिकायतों से जुड़ा होता है। कैल्केरा कार्ब वसा, पिलपिला व्यक्तियों के लिए अधिक उपयुक्त है, जिनके अंडे की लालसा है।

लैम्ना लघु 30 - पॉलिप्स के कारण नाक अवरोध को हटाने के लिए लेम्ना माइनर शीर्ष होम्योपैथिक उपाय है। इसका उपयोग करने वाले लक्षण श्वास लेने में कठिनाई के साथ नाक कब्ज और गंध की हानि होते हैं। पोस्टेरियर टपकता भी नाक रुकावट के साथ आते हैं। कुछ व्यक्ति नाक डिस्चार्ज का अनुभव करते हैं, जबकि अन्य में, नाक गुहा शुष्क रहता है। अवरुद्ध नाक में आक्रामक गंध है लेम्ना माइनर पॉलीप के लिए सबसे प्रभावी होम्योपैथिक उपाय है जो गीली मौसम में बिगड़ता है। पॉलीप के मामलों में, लेम्ना माइनर नाक अवरोध को कम कर देता है, श्वसन की समस्या से राहत देता है, और गंध की शक्ति फिर से आती है।

संगीन्रिया नाइट्रिकम 3 एक्स - सोंगुनेरिया नाइट्रिकम, पॉलीप के कारण नाक की भीड़ के लिए भी प्रभावी है और यह नाक को नाक के नाक के साथ अवरुद्ध होने पर भी एक प्रभावी होम्योपैथिक दवा है। डिस्चार्ज प्रकृति में बहुत जलते हैं और व्यक्ति को छींकने का भी अनुभव होता है।

काली बीआईटीमाइकियम 30-काली बिच्रिमिक्यू सिनाइसिस के कारण नाक की भीड़ के लिए एक उत्कृष्ट उपाय है, जहां डिस्चार्ज गले में वापस चला जाता है।
रमणीक प्रभाकर को "कर्म श्री अवार्ड" अन्तर्राष्ट्रीय समरसता मंच एवं इन्डो-नेपाल समरसता ऑर्गेनाइजेशन ने किया सम्मानित

रमणीक प्रभाकर को "कर्म श्री अवार्ड" अन्तर्राष्ट्रीय समरसता मंच एवं इन्डो-नेपाल समरसता ऑर्गेनाइजेशन ने किया सम्मानित

फरीदाबाद : 1 मई I अन्तर्राष्ट्रीय समरसता मंच एवं इन्डो-नेपाल समरसता ऑर्गेनाइजेशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित, अन्तर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक सम्मलेन एवं रात्रिभोज कार्यक्रम "सांस्कृतिक विविधिता में एकता" विषय पर चर्चा करते हुए नेपाल सरकार के प्रथम उपराष्ट्रपति महोदय एवं विभिन्न राष्ट्रों के प्रतिनिधियों के संग द इंडियन सोसाइटी ऑफ़ इंटरनेशनल लॉ, नई दिल्ली  में 1 मई 2018 (श्रमिक दिवस) को कार्यक्रम का आयोजन किया गया |

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत परिपेक्ष्य में "समरसता मिशन" | भारत - नेपाल की वैदिक कालीन का पुर्नउत्थान हो,  भारत पुनः वैदिक कालीन जगतगुरु के आसान पर पद स्थापित हो एवं 8वा सबसे ताकतवर भारत को सुरक्षा परिषद् में वीटो पावर के साथ स्थाई सदस्यता प्राप्त हो |

संरक्षक न्यायमूर्ति श्री परमानद झा जी प्रथम उपराष्ट्रपति नेपाल सरकार, श्री मुरली मनोहर जोशी जी पूर्व मंत्री भारत सरकार, महावीर प्रसाद टोरडी अन्तर्राष्ट्रीय संयोजक व् श्री कुलदीप शर्मा जी एडवोकेट ने रमणीक प्रभाकर महासचिव मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन फरीदाबाद को "कर्म श्री अवार्ड" से सम्मानित किया |

श्री मुरली मनोहर जोशी जी पूर्व मंत्री भारत सरकार ने अपने वक्तव्य में रमणीक प्रभाकर की सरहाना करते हुए कहा कि विश्व की सांस्कृतिक एवं सामाजिक व्यवस्था का भारतीय सांस्कृतिक एवं सामाजिक हेतु अन्तर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक समन्वय संगोष्टी में भारत नेपाल के बहुआयामी सम्बन्धो, मानवीय प्रेम एवं एकता के प्रतीक आपकी सेवाओं का मूल्यांकन करते हुए आपके द्वारा जो सेवा एवं सहयोग प्रदान किया गया वह प्रशंसनीय है | हम आपकी राष्ट्रीय सेवा भावना का आदर करते है और मंच उज्जवल भविष्य की कामना करते है |

कार्यक्रम में उपस्थित संरक्षक न्यायमूर्ति श्री परमानद झा जी प्रथम उपराष्ट्रपति नेपाल सरकार, मुख्य अतिथि श्री मुरली मनोहर जोशी जी पूर्व मंत्री महोदय भारत सरकार नई दिल्ली, डा. जी. वी. कृष्णामूर्ति पूर्व चुनाव आयुक्त भारत सरकार नई दिल्ली, श्री महावीर प्रसाद टोरडी जी अन्तर्राष्ट्रीय संयोजक, श्री कुलदीप शर्मा जी एडवोकेट व् अनेक गणमान्य, प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया |

Friday 27 April 2018

अगर मुख्यमंत्री बड़खल से चुनाव लड़े तो फरीदाबाद वासी उन्हें पलकों पर बिठाएंगे- राजीव जेटली

अगर मुख्यमंत्री बड़खल से चुनाव लड़े तो फरीदाबाद वासी उन्हें पलकों पर बिठाएंगे- राजीव जेटली

 फरीदाबाद: 27 अप्रैल 2018,। अगर मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी बड़खल विधानसभा से चुनाव लड़ें तो यह सम्पूर्ण फरीदाबाद के लिए सौभाग्य की बात होगी। प्रदेश के इतिहास के सबसे ईमानदार मुख्यमंत्री मनोहरलाल को फरीदाबाद की जनता अपनी पलकों पर बिठाने को उतावली है।  निर्णय तो मुख्यमंत्री जी का ही होगा किन्तु अगर वह सहमति जताते हैं तो भाजपा का एक एक कार्यकर्ता तन मन और धन से उनके चुनाव में सक्रिय हो जाएगा।

Sunday 22 April 2018

 हितेन के नाबाद 154, शिवम के नाबाद 131, ओएनजीसी की मेगा जीत

हितेन के नाबाद 154, शिवम के नाबाद 131, ओएनजीसी की मेगा जीत

NEW DELHI 22 APRIL I हितेन दलाल के 100 गेंदों पर सात छक्कों व 17 चौकों की मदद से बने आतिशी नाबाद 154 रन व उत्तर प्रदेश के रणजी खिलाड़ी शिवम चौधरी के 98 गेंदों पर तीन छक्कों व 15 चौकों की मदद से बने नाबाद 132 रनों की बदौलत ओएनजीसी ने सेंट स्टीफ़ेंस मैदान पर खेले जा रहे 28वें अखिल भारतीय वोल्गा ओम नाथ सूद स्मृति क्रिकेट टूर्नामेंट में 325 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए स्वामी श्रदानंद कॉलेज को नों विकेट से हराकर सेमी फाइनल प्रवेश किया |

पहले बल्लेबाजी करते हुए स्वामी श्रदानंद कॉलेज ने 40 ओवर में सात विकेट पर 324 रन बनाए | जवाब में ओएनजीसी ने यह लक्ष्य 36.4 ओवर में एक विकेट खोकर पा लिया | मुख्य अतिथि वासदेव गंभीर ने हितेन व शिवम को संयुक्त रूप से बी.डी.एम. मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया | इस मैच में इस टूर्नामेंट के 28 वर्षों के इतिहास में दो रेकॉर्ड भी टूटे | पहली विकेट की साझेदारी का रेकॉर्ड इससे पूर्व ओएनजीसी के ही राधे श्याम गुप्ता (106) व सदाबहार बल्लेबाज रिजवान शमशाद (157) के नाम था, जिन्होने 20 अप्रैल 2006 में श्री गुरु गोबिंद सिंह मैदान पर राम पाल क्रिकेट अकैडमी के विरुध 232 गेंदों में 275 रनों की साझेदारी निभाई थी | पहली बार इस टूर्नामेंट में 325 रनों के लक्ष्य को सफलता से हाँसिल किया गया | इससे पूर्व इस टूर्नामेंट में सर्वाधिक chase 307 रन था | सोनेट क्रिकेट क्लब ने 22 अप्रैल 2014 को आर.एस.के.पी., पीतमपूरा मैदान  पर राजस्थान क्रिकेट असोसियेशन के विरूध 38.1 ओवर में चार विकेट पर 312 रन बनाकर जीत हाँसिल की थी |

स्वामी श्रदानंद कॉलेज ने मैच की पहली ही गेंद पर अपने ओपनर परवेश दहिया (00) का विकेट खो दिया | दूसरे विकेट के लिए विवेक राणा 75 रन (चार छक्के, आठ चौके, 55 गेंदें) ने शुभम दहिया 131 रन (पाँच छक्के, 12 चौके, 110 गेंदें) के साथ मिलकर 112 गेंदों पर 122 रन जोड़े व टीम को बड़े स्कोर की और अग्रसर किया | एक समय पर कॉलेज की टीम का स्कोर 34.3 ओवर में 6 विकेट पर 267 रन था | रोहन राठी (36) ने मनीष सहरावत (31 नाबाद) के साथ मिलकर अंतिम 33 गेंदों पर 57 रन जोड़े व टीम के स्कोर को 324 रनों तक पहुँचा दिया |  सुमित नरवाल व सारंग रावत से दो-दो विकेट लिए |

जीत के लिए 325 रनों का विशाल लक्ष्य ओएनजीसी के लिए उद्दघाटक बल्लेबाजों शिवम चौधरी व हितेन दलाल जाँबाज बल्लेबाजी करते हुए एकतरफा बना दिया | हितेन को मासपेशियों में खींचाव के चलते मैदान से बाहर आना पड़ा | पहले विकेट के लिए शिवम और हितेन ने 177 गेंदों पर 253 रन व शिवम और सार्थक (31 रन) ने 43 गेंदों पर 71 रन जोड़े व अपनी टीम को धमाकेदार जीत के साथ सेमी फाइनल में जगह दिला दी |

संक्षिप्त स्कोर: स्वामी श्रदानंद कॉलेज 40 ओवर में सात विकेट पर 324 रन (शुभम दहिया 131, विवेक राणा 75, रोहन राठी 36, मनीष सहरावत 31 नाबाद, सुमित नरवाल 2/41 व सारंग रावत 2/71) | ओएनजीसी 36.4 ओवर में एक विकेट पर 328 रन (हितेन दलाल 154 नाबाद, शिवम चौधरी 132 नाबाद व सार्थक रंजन 31) |

Wednesday 11 April 2018

ओम नाथ सूद क्रिकेट में गौरव तोमर का विस्फोटक शतक

ओम नाथ सूद क्रिकेट में गौरव तोमर का विस्फोटक शतक

नई दिल्ली  11 अप्रैल।  गौरव तोमर के पाँच छक्कों व 12 चौकों की मदद से बने जाँबाज 127 रन व आरिश आलम के शानदार हरफ़नमौला खेल (2/39 व 43 रन) और शलभ श्रीवास्तव के 60 गेंदों पर आठ चौकोंकि मदद से बने नाबाद 61 रनों की बदौलत डिफेन्स अकाउंट्स स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड ने सेंट स्टीफ़ंस मैदान पर खेले जा रहे 28वें अखिल भारतीय वोल्गा ओम नाथ सूद स्मृति क्रिकेट टूर्नामेंट में हरियाणा क्रिकेट अकैडमी को छ: विकेट से हराकर क्वॉर्टर फाइनल में प्रवेश किया |

पहले बल्लेबाजी करते हुए हरियाणा क्रिकेट अकैडमी ने 40 ओवर में आठ विकेट पर 254 रन बनाए | 255 रनों का लक्ष्य डिफेन्स अकाउंट्स की टीम ने 34.4 ओवर में चार विकेट खोकर आसानी से हाँसिल कर लिया | मुख्य अतिथि सरदार अवल सिंह ने बी.डी.एम. मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार गौरव तोमर को प्रदान किया |

पहले गेंदबाजी का निर्णय डिफेन्स अकाउंट्स की टीम को रास न आया व हरियाणा क्रिकेट अकैडमी के ओपनर्स मोहित हुड्‍डा (31) व अमन खत्री (47) ने पहले विकेट के लिए 7.3 ओवर में न केवल 60 रन जोड़े बल्कि अपनी टीम को एक मजबूत शुरुआत भी दी | एक समय पर हरियाणा क्रिकेट अकैडमी के पाँच विकेट 170 रनों पे खो दिए थे | इसके बाद अखिल कुहार 86 रन (चार छक्के, सात चौके, 70 गेंदे) ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपनी टीम को 254 रनो तक पहुँचा दिया | चरणजीत सिंह ने 58 रनों पर तीन व आरिश आलम ने 39 रनों पर दो विकेट लिए |

जीत के लिए 255 रनों का लक्ष्य डिफेन्स अकाउंट्स स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड की टीम ने 34.4 ओवर में चार विकेट खोकर पा लिया | गौरव ने आरिश के सात मिलकर दूसरे विकेट के लिए 109 रन जोड़े | चौथे विकेट के लिए गौरव और शलभ श्रीवास्तव के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए न केवल 119 रनों की साझेदारी निभाई बल्कि अपनी टीम को क्वॉर्टर फाइनल में भी प्रवेश दिलवा दिया |

संक्षिप्त स्कोर: हरियाणा क्रिकेट अकैडमी 40 ओवर में आठ विकेट पर 254 रन (अखिल कुहार 86, अमन खत्री 47, मोहित हुड्डा 31, चरणजीत सिंह 3/58 व आरिश आलम 2/39) | डिफेन्स अकाउंट्स स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड 34.4 ओवर में चार विकेट पर 256 रन (गौरव तोमर 127, शलभ श्रीवास्तव 61 नाबाद व आरिश आलम 43) |  

Sunday 8 April 2018

 एस्कॉर्ट्स प्रीमियर क्रिकेट लीग का शानदार समापन

एस्कॉर्ट्स प्रीमियर क्रिकेट लीग का शानदार समापन

फरीदाबाद : अप्रैल 8, 2018: भारत के अग्रणी इंजीनियरिंग समूहों में से एक एस्कॉर्ट्स लिमिटेड द्वारा शुरु की गई कॉर्पोरेट क्रिकेट लीग ‘एस्कॉर्ट्स प्रीमियर क्रिकेट लीग’ के प्रथम सीज़न का सफलतापूर्वक समापन हो गया। फरीदाबाद के नाहर सिंह स्टेडियम में खेले गए सबसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में टीम पीटी इंजन वॉरियर्स ने टीम राउडी बॉयज़ को एक रोमांचक मुकाबले में दो विकेटों से हराया। एस्कॉर्ट्स द्वारा आयोजित अपनी तरह के इस पहले मुकाबले को देखने के लिए कंपनी के फरीदाबाद निवासी सभी कर्मचारियों के परिवार और दोस्त भी पहुंचे थे।

टूर्नामेंट के बाद हरिंदर गोसांई को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया, जबकि पवन रावत को मैन ऑफ द सीरीज़ का खिताब दिया गया। वहीं, श्रेष्ठ गेंदबाज़, बल्लेबाज़ और विकेट कीपर की ट्रॉफी क्रमशः विजेता टीम के अजय, केएमसी टाइटन्स के जितेंद्र त्राही और पीटी राइज़िंग स्टार्स के अमनदीप ने जीती। 

इस पहल के बारे में श्री निखिल नंदा, मैनेजिंग डायरेक्टर, एस्कॉर्ट्स लिमिटेड ने बताया, “किसी भी संगठन के सफल संचालन के लिए सबसे ज़रूरी यह है कि उसके सभी कर्मचारी एक टीम के रूप में काम करें। एस्कॉर्ट्स प्रीमियर लीग की शुरुआत हमारे सभी विभागों के कर्मचारियों के बीच आपसी संबंधों को मज़बूत बनाने और उनमें टीम भावना पैदा करने के लिए की गई है। इसके प्रथम सीज़न में हासिल हुए शानदार रिस्पॉन्स को देखते हुए निकट भविष्य में हम ऐसे ही कई अन्य आयोजन करने की योजना रखते हैं। इससे हमारे कर्मचारियों में नई ऊर्जा आएगी और सभी एस्कॉर्टियंस के बीच भाईचारे की भावना विकसित होगी।”

तनाव भरे कॉर्पोरेट जीवन में थोड़ा उत्साह लाने के उद्देश्य से शुरु किये गये एस्कॉर्ट्स प्रीमियर क्रिकेट लीग में 23 टीमों ने हिस्सा लिया, जिनमें एस्कॉर्ट्स लिमिटेड के विभिन्न विभागों से 368 कर्मचारियों का समावेश रहा। इस सीज़न में 3 महीनों से अधिक समय के दौरान कुल 17 मैच खेले गए।

श्री अशोक गुप्ता, हेड, मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशंस, श्री बी. एस. डागर, हेड, एम्पलॉयी रिलेशंस, श्री बिपिन शर्मा, हेड, एम्पलॉयी रिलेशंस – फार्मट्रैक, श्री मनोज जैन, हेड, एम्पलॉयी रिलेशंस – पावरट्रैक और श्री एस. पी. त्यागी, सीनियर मैनेजर, फार्मट्रैक तथा श्री संदीप शर्मा, असिस्टेंट मैनेजर, पावरट्रैक ने विजेता टीम को चैम्पियनशिप ट्रॉफी देकर सम्मानित किया। साथ ही टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को मेडल भी प्रदान किये गये। 

Thursday 29 March 2018

जीवा आयुर्वेद के नए क्लीनिक को मिलाकर दिल्ली में कुल 12 क्लीनिक

जीवा आयुर्वेद के नए क्लीनिक को मिलाकर दिल्ली में कुल 12 क्लीनिक


नई दिल्ली, 30  मार्च, 2018: प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य और जीवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ. प्रताप चौहान ने आसानी से विश्वनीय आयुर्वेदिक उपचार और औषधियां उपलब्ध कराने के लिए आज शालीमार बाग में एक नया क्लीनिक शुरू किया। इसके शुभारंभ के अवसर पर डॉ. प्रताप चौहान ने क्लीनिक में मरीजों को व्यक्तिगत परामर्श प्रदान किया।

जीवा आयुर्वेद अभी 15 लाख लोगों तक पहुंचता है और इसके आगामी क्लीनिकों के शुरू होने से अब जल्द ही 20 लाख लोगों तक इसके पहुंचने की उम्मीद है। नए क्लीनिक का उद्देश्य शालीमार बाग, अशोक नगर और इसके आसपास के क्षेत्र के लोगों को आयुर्वेदिक चिकित्सा की सुविधाएं उपलब्ध कराना है। जीवा आयुर्वेद के पहले से ही रोहिणी और पीतमपुरा में क्लीनिक हैं। नया क्लीनिक जीवा आयुर्वेद के मौजूदा उत्तर दिल्ली के क्लीनिकों की सेवाओं में भी योगदान करेगा।

इसके शुभारंभ के अवसर पर जीवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ. प्रताप चौहान ने कहा, ‘‘आयुर्वेद सार्वभौमिक है। दुनिया भर के सभी मनुष्य एक समान हैं और आयुर्वेद राष्ट्रीयता या जाति से परे बहुत कम कीमत पर किसी भी व्यक्ति को ठीक कर सकती है। आयुर्वेद ‘सर्वे भवंतु निरामया’ की फि लास्फ ी में विश्वास करता है और इसे ध्यान में रखते हुए जीवा आयुर्वेद टेली कंसल्टेशन, टेलीविजन कार्यक्रमों और हमारे क्लीनिक नेटवर्क के माध्यम से पूरे भारत में लाखों लोगों तक पहुंचता है। हम न केवल मरीजों का इलाज कर रहे हैं बल्कि ज्ञान का प्रसार भी कर रहे हैं, जिससे लोग रोग से बच सकते हैं और बीमारियों से दूर रह सकते हैं।’’

वर्षों से जीवा आयुर्वेद अपने प्राचीन सिद्धांतों को कायम रखते हुए आयुर्वेद को तकनीकी नवाचारों के साथ सशक्त बनाता रहा है। जीवा का आयुनीक इन्हीं नवाचारों में से एक है। आयुनीक जीवा आयुर्वेद द्वारा पेश किया गया एक विशिष्ट दृष्टिकोण है जो आयुर्वेदिक डॉक्टरों को रोगियों में प्रभावी ढंग से रोग का पता लगाने और उपचार करने में सशक्त करता है। यह पारंपरिक आयुर्वेद, आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान और निष्कर्षों का सबसे अच्छा मिश्रण है। तकनीकी ज्ञान का सहजता से इस्तेमाल करते हुए, आयुनीक संपूर्ण व्यक्तिगत उपचार और देखभाल प्रदान करता है।

शालीमार बाग के नए क्लिनिक में दो चिकित्सक कक्ष होंगे। इस तरह एक ही छत के नीचे, रोगी व्यक्तिगत उपचार, दवाइयां और जीवा आयुर्वेद के विभिन्न वेलनेस उत्पादों को प्राप्त कर सकेंगे। ये सेवाएं सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक उपलब्ध होंगी और यह क्लीनिक सप्ताह के सभी सातों दिन खुला रहेगा। मरीजों की संख्या के आधार पर और जरूरत के अनुसार, जीवा आयुर्वेद इलाज करने वाले और इलाज के बजाय किसी अन्य कार्य में शामिल कर्मचारियों की संख्या को बढ़ाएगा।



Sunday 18 March 2018

सर्वश्रेष्ठ किडनी स्टोन्स होम्योपैथिक उपचार

सर्वश्रेष्ठ किडनी स्टोन्स होम्योपैथिक उपचार

फरीदाबाद 19 मार्च।  होम्योपैथिक किडनी स्टोन उपचार प्रोटोकॉल में क्लासिकली होम्योपैथिक चिकित्सा चयन का प्रयोग किया जाता है जिसमें कुछ स्वाभाविक रूप से माइक्रो-मिनरल आधारित होमियोपैथिक मदर टिंचर होते हैं, जो कि सबसे हठ रीनल रॉक स्टोन को तोड़ने के लिए भी उपयोग किया जाता है।

गुर्दा की पथरी को तोड़ने के लिए, होम्योपैथी प्रकृति की शक्ति का इस्तेमाल करती है। विभिन्न होम्योपैथिक मदर टिंचर जैसे फ़िलेंथस निरूरी, सिकोरीयम इंटीबुस, बोहेराविया डिफुसा, बरबेरीस वुल्गारिस आदि हैं।

होम्योपैथिक दवा जो कि होम्योपैथिक उपचार में गुर्दे की पथरी के लिए उपयोग की जाती है नीचे वर्णित है -
1. Lycopodium
2. Tabaccum
3. Urticaurens
4. Sarsaparilla
5. Cantharis
गुर्दे की पथरी तोड़ने के लिए लक्षणों के अनुसार इन होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग कर सकते हैं। होम्योपैथी उपचार विशुद्ध रूप से प्राकृतिक है और बिना साइड इफेक्ट है।
उपरोक्त औषधि का उपयोग मदर टिंचर के साथ किया जा सकता है साथ में बहुत सारे पानी का सेवन किया जा सकता है।
 1.      Berberis vul
 2.      Phyllanthus niruri
 3.      Cichorium Intybus
 4.      Boerhavia diffusa
 5.      Berginea linguilata
इन सभी 5 होम्योपैथिक टिंचर गुर्दे की पथरी के लिए बहुत प्रभावी दवाइयां हैं। हालांकि विभिन्न कंपनियों के कई होम्योपैथिक दवाइयां हैं, लेकिन मैं अपने रोगियों में इन उपायों का उपयोग कर रहा हूं और उन्हें बहुत सफल पाया।

गुर्दे की पथरी के लिए जोखिम कारक क्या हैं?
• प्रोटीन, कैल्शियम या ऑक्सलेट में समृद्ध आहार
• कम पानी का सेवन
यूटीआई के प्रारंभिक इतिहास - प्राकृतिक पथ संक्रमण
• मोटापा
गुर्दे के पत्थरों का पारिवारिक इतिहास
• सिस्टिनुरिया

गुर्दा पत्थर क्या हैं?
गुर्दा की पथरी छोटे, कठोर द्रव्यमान हैं जो गुर्दे के भीतर बनाई जाती हैं।

गुर्दा पत्थरों के लक्षण क्या हैं?
गुर्दे की पथरी पर कोई लक्षण नहीं होते हैं। दूसरी बार, वे मूत्र और / या तरफ या पीठ में गंभीर दर्द का कारण बनते हैं। जब गुर्दा की पथरी बड़ी होती है या एक से अधिक होती है, तो वे मूत्र के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकते हैं।

गुर्दे की पथरी के प्रकार -

मुख्य रूप से 4 प्रकार की गुर्दा की पथरी होती है
 कैल्शियम स्टोन्स: जो लोग इस प्रकार के पत्थर के रूप में बनाते हैं उनके मुंह में कैल्शियम, ऑक्सलेट, या पेशाब में बहुत ज्यादा या साइट्रेट पर्याप्त नहीं है। आहार में नमक की उच्च मात्रा में खपत मूत्र में कैल्शियम के उच्च स्तर की ओर जाता है। कुछ रोगियों में पैराथामोन की अधिक मात्रा में गुर्दे की पथरी होगी, जो कैल्शियम नियंत्रित हार्मोन है। लोग मिथक के साथ हमारे पास आते हैं कि दूध पीना गुर्दे के पत्थरों का कारण हो सकता है जो गलत है। दूध पीने से डॉ। अभिषेक के अनुसार गुर्दे की पथरी नहीं होती है। हालांकि कम पानी पीने से गुर्दे की पथरी का वास्तविक कारण होता है।

स्ट्रावेट स्टोन्स: क्रोनिक जीवाणु मूत्र संक्रमण आमतौर पर इन पत्थरों का कारण बनता है। बैक्टीरियल मूत्र संक्रमण मूत्र के परिणाम के रासायनिक परिवर्तन की ओर जाता है, स्ट्रल्वइट प्रकार के गुर्दे के पत्थर के रूप में। कठोरता के कारण इन पत्थरों को तोड़ना मुश्किल है होम्योपैथिक उपचार जैसे कैंटेरिस और बरबेरीस वूल ऐसे किडनी पत्थरों को तोड़ने के लिए प्रभावी हैं
यूरिक एसिड स्टोन्स: इस तरह के पत्थर के रूप तब होते हैं जब मूत्र बहुत अम्लीय होता है, जिससे अत्यधिक यूरिक एसिड उत्पादन होता है। उच्च प्रोटीन आहार से बचें, पानी की बहुत सारी रोज़ का सेवन करें

सिस्टीन स्टोन्स: ये उन व्यक्तियों में पाए जाते हैं जिनके पास सिस्टीन पत्थर का पारिवारिक इतिहास है शरीर रक्त से सिस्टीन के रसायन को साफ करने में सक्षम नहीं है।


किडनी स्टोन्स शरीर को कैसे छोड़ देते हैं?

कई मामलों में, एक व्यक्ति मूत्र के माध्यम से पत्थर को पारित करेगा यह एक दर्दनाक प्रक्रिया हो सकती है, और इसमें कुछ दिन लग सकते हैं।

आप गुर्दा की पथरी कैसे रोक सकते हैं?

अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें: बहुत सारे पानी पीने से प्रति दिन 10-12 ग्लास तरल की सिफारिश की जाती है। पानी और तरल पदार्थ की अधिक मात्रा में मूत्र पतला रखने में मदद मिलती है - जिससे मूत्र में खनिजों के पत्थर बनाने की एकाग्रता कम हो जाती है।

नमक की मात्रा को कम करें जो आपको खाती है: आहार में नमक (सोडियम) को कम करने से मूत्र में कैल्शियम की मात्रा कम हो जाती है जिससे कैल्शियम पत्थर के गठन की प्रवृत्ति कम हो जाती है। डॉ। अभिषेक आहार में कम नमक का सुझाव देते हैं और साथ ही नमकीन नमकीन, प्रसंस्कृत मीट, कैन्ड नूडल्स, चावल, और सूप्स जैसे उच्च सोडियम खाद्य पदार्थों से बचने से बचते हैं।

आहार कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा में समृद्ध होना चाहिए: अन्य मिथक कैल्शियम को कैल्शियम किडनी पत्थरों से पीड़ित रोगियों के आहार में प्रतिबंधित होना चाहिए।


किडनी स्टोन में निम्नलिखित खाद्य से बचें

• Anchovies
• एस्परैगस
• बोउलोन
• जामुन
• बोउलोन
• शोरबा
• चॉकलेट
• कैवियार
• हिलसा
• मूंगफली
• एक प्रकार का फल
• ग्रीन्स
• अंग मांस, यकृत, गुर्दे, दिमाग
• मांस
• स्कैलप्प्स
• चाय
• शंबुक

रेनाल पत्थर के लिए निदान परीक्षण
अल्ट्रासाउंड
• एक्सरे क्यूब
• अंतःशिरा पीललोग्राम
• कुब के सीटी स्कैन - मूत्रमार्ग मूत्राशय

आरा होम्योपैथिक उपचार के लिए गुर्दा की पथरी में हर्बल होम्योपैथिक उपचार और माँ टिंचर के संयोजन का उपयोग किया जाता है जो कि सबसे जिद्दी गुर्दा की पत्थरों को तोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है।

कोई भी होम्योपैथी चिकित्सा का उपयोग गुर्दा की पथरी तोड़ सकता है। होम्योपैथिक उपचार किसी भी दुष्प्रभाव के बिना विशुद्ध रूप से प्राकृतिक है।

Monday 12 March 2018

सरकारी कर्मचारियों द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं की जाएगी बर्दाश्त : राजीव जेटली

सरकारी कर्मचारियों द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं की जाएगी बर्दाश्त : राजीव जेटली

फरीदाबाद :12 मार्च । भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजीव जेटली ने एन.एच.-2 ई ब्लाक मेें बडखल विधानसभा क्षेत्र के एनएच मंडल पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की मीटिंग ली। मीटिंग में श्री जेटली ने माननीय प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा किए गए कार्याे का चर्चा की। इस  अवसर पर बडखल विधायक सीमा त्रिखा, मेयर सुमन बाला, पार्षद मनोज नासवा , मंडल अध्यक्ष राधेश्याम भाटिया, महिला आयोग सदस्य रेनू भाटिया, खेल प्रकोष्ठ उपाध्यक्ष दीप भाटिया ने भी अपने-अपने विचार रखे।  बूथ स्तर के पदािधकारियों को संबोधित करते हुए राजीव जेटली ने कहा कि भाजपा के सभी संासद, मंत्री व विधायक, पदाधिकारी व कार्यकर्ता मोदी जी द्वारा ईमानदारी व पारदर्शिता द्वारा किए जा रहे जनहितैषी कार्याे को जनता तक पहुंचाने में एक वाहक के रुप में कार्य कर रहे है। जेटली ने कहा कि प्रदेश को पहली बार मनोहर लाल के रुप में एक ऐसा मुख्यमंत्री मिला है, जिसने यह भूलकर कि वह प्रदेश का प्रमुख व्यक्ति है

 हरियाणा को सेवादार के रुप में जनता को समर्पित कर दिया है। प्रदेश के इतिहास में मुख्यमंत्री आते रहे व जाते रहे लेकिन राजनीतिज्ञ परंपराओं को बदलने का कार्य जो अपनी सादगी व ईमानदारी से मौजूदा मुख्यमंत्री ने की है, वह प्रदेश के इतिहास में पहले कभी नहीं देखने को मिली। जेटली ने पदाधिकारियों वे कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करते हुए उन समस्याओं के बारे में भी पूछा, जो उन्हें हो रहे विकास कार्याे में किसी भी तरह के बाधा के रुप में प्रतीत होती है, जिस पर पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा दिए गए फीड बैक के जवाब में जेटली ने कहा कि भाजपा का कार्यकर्ता केवल जनहितैषी कार्याे के पूर्ण हो जाने पर गर्वान्वित महसूस करता है। ऐसे में किसी भी पदाधिकारी द्वारा उनकी नजरअंदाजगी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। 

क्योंकि भाजपा कार्यकर्ता माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की नीतियों व विचारों के वाहक है। राजीव जेटली ने कहा कि मोदी व मनोहर लाल की नीतियों व विचारों के बीच में बाधा बनने वाले ऐसे किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अगर कार्यकर्ताओं के जनहितकारी कार्या में किसी भी तरह की बाधा बनने वाले अधिकारी व कर्मचारी की शिकायत मिली तो उन पर मुख्यमंत्री से आग्रह कर कार्यवाही की जाएगी। प्रदेश प्रवक्ता राजीव जेटली ने आंकड़ों सहित कार्यकर्ताओं को बताया कि किस तरह मनोहर सरकार ने मात्र तीन साल में वो जनहित कार्य कर दिखाए, जो पिछले लगभग 40-45 सालों से राजनीतिज्ञ व्यवस्था के हिस्से मात्र भी नहीें थे,

 जिस पर पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने श्री जेटली से कहा कि आपका यह विश्वास दिलाना भाजपा कार्यकर्ताओं को मजबूती व एकजुटता की दिशा में अग्रसर कर रहा है और आगामी चुनावों में कार्यकर्ता भाजपा की एक तरफा जीत के लिए अपना सर्र्वस्व न्यौछावर करेंगे। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष राजकुमार वोहरा, जिला आईटी सैल अमित आहुजा, मंडल अध्यक्ष कर्मबीर बैंसला, उपाध्यक्ष सुदेश भाटिया ,गगनदीप सिंह रिंकू ,गुलशन भाटिया ,महामंत्री सुनील (सनी) भाटिया, मंडल महामंत्री सरनजीत सिंह भाटिया , मंडल मीडिया प्रभारी गुरुचरण सिंह डोरा, महिला मंडल अध्यक्ष प्रियंका कक्कड़ भारद्वाज ,अमित कक्कड़ ,पूनम भाटिया, सुनीता चंदना सहित भारी संख्या में जिला व मंडल पदाधिकारी मौजूद थे।

Monday 5 March 2018

HIGHER DATA YIELD AT LOWER COST FROM GENETIC TECHNOLOGIES

HIGHER DATA YIELD AT LOWER COST FROM GENETIC TECHNOLOGIES

New Delhi : 5 MARCH I The fast paced progresses in the field of genomics over the past quarter-century have resulted in considerable advances in the amount of genomic data available with considerably reduced cost of genome sequencing/genotyping. The underlying costs associated with different methods and strategies for sequencing genomes is of significance as they influence the scope and scale of all genomics research projects. These projects will then translate into genomics based diagnosis and disease management. With the increasing scale of human genetics studies and the growing number of clinical applications for genome sequencing, cost of genome sequencing is an important consideration.

“Since innovation in genome-sequencing technologies and strategies will continue to advance, one can readily expect continuous lowering in the cost for human genome sequencing. The key factors to consider when assessing the 'value' associated with an estimated cost for generating a human genome sequence - in particular, the amount of the genome (whole versus exome), quality, and associated data analysis (if any) - will be expected to remain the same. With software and flowcell advances on existing population scale DNA-sequencing platforms anticipated in the coming years, the nature of the generated sequence data and the associated costs will likely continue to be dynamic. As such, continued attention will need to be paid to the way in which the costs associated with genome sequencing are calculated not just from a sequencing perspective but more holistically from collection to interpretation.” said Praveen Gupta, Managing Director, Premas Life Sciences.

The time is not too far away when most patients entering the health-care system will have their genome sequenced before clinical assessment.

“For that reason, the composition of genetic testing will be vitally transformed to focus on analysis of genomic data in the context of an individual, their immediate and long-term needs, their personal choices and their environment.

“This will not be an overnight revolution, as it will be some time before emergent bioinformatics solutions for interpreting genomic data are able to straddle both high quality and low cost. Once such solutions gain wider traction, high-quality health care will become more accessible to a wider population.” further added Mr. Praveen Gupta

Tuesday 27 February 2018

राजस्थानी वेशभूषा में महिलाओं ने जमकर किया घूमर नृत्य

राजस्थानी वेशभूषा में महिलाओं ने जमकर किया घूमर नृत्य

नई दिल्ली 27 फरवरी ।  दिल में राजस्थान बसाए राजस्थानी वेशभूषा में महिलाओं के घूमर नृत्य ने राजधानी दिल्ली को राजस्थानी रंग से सरोबार कर दिया। मौका था, राजस्थानी समुदाय के होली मंगल मिलन समारोह का जिसमें रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन में दिल्ली एनसीआर से लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।



ओसवाल समाज और विकास मंच गांधी नगर के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार रात को कड़कड़डूमा स्थित सीबीडी ग्राउंड में होली मंगल मिलन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में समां बांधने के लिए राजस्थान के नागौर से आई प्रज्ञा एंड पार्टी के कलाकारों ने राजस्थानी नृत्य, घुमर, कालबेलिया नृत्य,  कच्छी घोड़ी नृत्य पेश किया। इतना ही नहीं कलाकारों ने मुंह से आग निकालते हुए कई हैरतअंगेज कारनामे भी दिखाये। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा मनोरंजन के लिए विचित्र वेशभूषा और परंपरागत वेशभूषा प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया जिसमें महिला-पुरुष और बच्चे अलग अलग वेशभूषा में पहुंचे और उन्होंने रैंपवॉक के साथ नृत्य भी किया। 

जिसमें बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा, समारोह में राजस्थान का सुप्रसिद्ध घींदड़ नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। घींदड़ (एक प्रकार का डांडिया नृत्य) में महिला, पुरुषों के अलावा युवावर्ग ने राजस्थानी वेशभूषा में परंपरागत राजस्थानी गीतों पर एक से बढ़कर एक नृत्य किया। समारोह में रंगोत्सव का भी आयोजन किया गया जिसमें सभी ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली समेत एनसीआर में रहने वाले काफी संख्या में राजस्थानी लोग परिवार सहित हिस्सा लेने पहुंचे।


आयोजनकर्ताओं ने बताया कि होली मंगल मिलन समारोह को पूरी तरह राजस्थानी रंग में रंगने के लिए वेशभूषा, नृत्य और कार्यक्रमों के अलावा खानपान को भी राजस्थानी अंदाज में पेश किया गया। जिसे सभी लोगों ने काफी सराहा। इससे पूर्व समारोह में मुख्यातिथि के रुप में मांगीलाल सेठिया, केएल पटावरी पहुंचे जबकि, विशिष्ट अतिथि के तौर पर दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के अलावा, विधायक ओमप्रकाश शर्मा, विधायक एसके बग्गा, पूर्व विधायक अनिल बाजपेयी के अलावा निगम पार्षद संदीप कपूर, पार्षद संजय गोयल, एसीपी मोहम्मद इकबाल, इंस्पेक्टर रोहताश कुमार पहुंचे। सभी ने समारोह में उपस्थित लोगों को होली की मुबारकवाद देते हुए कार्यक्रम के आयोजन को लेकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि होली जैसे मौकों पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन होना जरुरी है 

इससे लोगों का एक दूसरे से संवाद होता है जो आज के समय में बेहद जरुरी है। इस मौके पर ओसवाल समाज के अध्यक्ष बाबूलाल दुगड़, विकास मंच गांधीनगर के अध्यक्ष ओमप्रकाश सुराणा (नागर जी), कार्यक्रम संयोजक मनोज कुंडलिया, नौरतन लुणिया, संपत बोथरा, मनोज सुराणा, धनपत नाहटा, अमित दुगड़ समेत अन्य पदाधिकारीगण मौजूद रहे।

Sunday 18 February 2018

खाद्य एलर्जी के लिए सर्वश्रेष्ठ होमियोपैथी औषधि

खाद्य एलर्जी के लिए सर्वश्रेष्ठ होमियोपैथी औषधि

फरीदाबाद 19 फरवरी ।  इस लेख में हम खाद्य एलर्जी के कारण, लक्षण और होम्योपैथिक उपचार को संबोधित करेंगे। भोजन की प्रतिक्रिया के प्रकार के बीच का अंतर महत्वपूर्ण है जब वे तीव्रता और विभिन्न उपचार की डिग्री दिखाते हैं।

क) खाद्य एलर्जी: यह एक या अधिक प्रकार के भोजन के एक या एक से अधिक प्रोटीन के प्रति प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया है। खाद्य एलर्जी, कुछ मामलों में, गंभीर एनाफिलेक्सिस को जन्म दे सकती है

बी) गैर एलर्जी प्रतिक्रियाओं: प्रतिक्रियाओं है कि प्रतिरक्षा प्रणाली के सक्रियण के कारण नहीं हैं; उनमें से हम लैक्टोज असहिष्णुता, गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स, पेट दर्द, भोजन की जहर, आदि का उल्लेख कर सकते हैं।

खाने से एलर्जी
खाद्य एलर्जी लगभग 8% बच्चों और 3% वयस्कों को प्रभावित करती है। खाद्य एलर्जी एक मजबूत आनुवंशिक घटक है और 70% रोगियों के पास सकारात्मक पारिवारिक इतिहास है। शास्त्रीय भोजन एलर्जी आईजीई बुलाया एक एंटीबॉडी की कार्रवाई के कारण होता है हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को किसी भी विदेशी पदार्थ से लड़ने के लिए क्रमादेशित किया जाता है जो हमारे शरीर पर हमला करता है, तथापि, कुछ सहिष्णुता होती हैं जब ये पदार्थ जठरांत्र प्रणाली से गुजरते हैं। एक व्यक्ति जो कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी है, उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली कुछ प्रोटीन पर प्रतिक्रिया करती है, क्योंकि यह एक खतरनाक हमलावर है। भोजन एलर्जी के साथ एक रोगी में आमतौर पर अन्य प्रकार की एलर्जी होती है, जैसे कि राइनाइटिस, अस्थमा, त्वचा एलर्जी, आदि, क्योंकि समस्या आईजीई के उत्पादन में है, जो अपर्याप्त लक्ष्य को निर्देशित करता है, अर्थात हमारे शरीर के लिए प्रोटीन हानिकारक नहीं है। एक्जिमा से 1/3 से अधिक बच्चों को भी कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी है।

उदाहरण के लिए, शेलफिश के लिए एक रोगी एलर्जी वास्तव में इन खाद्य पदार्थों में उपस्थित एक या अधिक प्रोटीन से एलर्जी है। इसलिए, चिंराट के लिए एलर्जी रोगी अन्य क्रस्टेशियंस बर्दाश्त नहीं कर सकता, क्योंकि प्रोटीन बहुत समान हैं। उसी तर्क के बाद, मूँगफली के एलर्जी वाले रोगी सोया, मटर या सेम के घूस पर प्रतिक्रिया कर सकते हैं। जब रोगी को प्रोटीन हाइपर एलर्जी हो तो पाचन ट्रैक में आते हैं, आईजीई एंटीबॉडी भड़काऊ प्रतिक्रिया पैदा करती है, गलती से सोच रही है कि यह प्रोटीन शरीर के लिए हानिकारक है।

जब आईजीई एंटीबॉडी प्रोटीन से जुड़े होते हैं, तो वे अन्य कोशिकाओं को सक्रिय करते हैं, जैसे मस्तूल कोशिकाएं (फेफड़े, गले, त्वचा, नाक और आंतों में बड़ी मात्रा में मौजूद हैं) और बोडोफिल जो रक्त में फैलते हैं। ये कोशिकाएं हिस्टामाइन जैसे रसायनों का उत्पादन करती हैं, जो कि आक्रमणकारी एजेंट के विनाश के लिए जिम्मेदार हैं, अंत में, अंत में एलर्जी के विशिष्ट लक्षण पैदा करने के लिए खाद्य एलर्जी का तंत्र समान है, उदाहरण के लिए, एलर्जी रिनिटिस के मुताबिक
कुछ प्रोटीन की शरीर की प्रतिक्रिया अधिक होती है, और इससे बासोफिल और मस्तूल कोशिकाओं द्वारा रसायनों को छोड़ना और एलर्जी की प्रतिक्रिया अधिक होती है। कुछ मामलों में, प्रतिक्रिया इतनी असभ्य है कि यह रोगी के जीवन को खतरे में डालती है, एनाफिलेक्सिस नामक एक शर्त।

खाद्य एलर्जी की लम्बाई भोजन के घूस के कुछ घंटों के बाद एक भोजन एलर्जी के लक्षण दिखाई देते हैं, हालांकि, यह 4 से 6 घंटे तक लग सकता है। चूंकि फेफड़े, गले, त्वचा, नाक और आंतों में बड़ी संख्या में मास्ट कोशिकाएं होती हैं, एलर्जी के लक्षण आमतौर पर इन अंगों से जुड़े होते हैं।

खाद्य एलर्जी का सबसे आम लक्षण अर्चिसिया, खुजली और लाल (खुजली) सजीले टुकड़े हैं जो आमतौर पर ट्रंक पर स्थित होते हैं। एक अन्य आम लेकिन अधिक खतरनाक लक्षण एंजियोएडेमा है, जो श्लेष्म झिल्ली की सूजन होती है जो आमतौर पर होंठों की सुई के साथ प्रकट होता है। जब एंजियोडियोमा गंभीर हो जाता है, जीभ की सूजन और गले के श्लेष्म झिल्ली हो सकता है, जिससे फेफड़ों में वायु प्रवाह की रुकावट हो सकती है। रोगी हवा की रुकावट के कारण श्वास बंद कर सकता है। अन्य एलर्जी लक्षणों में राइनाइटिस, नेत्रश्लेष्मलाशोथ, अस्थमा, दस्त, पेट में दर्द और उल्टी शामिल होते हैं। यदि बेसोफिल और मस्तूल कोशिकाओं का एक विशाल सक्रियण है, तो प्रतिक्रिया इतनी मजबूत हो सकती है कि इससे अत्यधिक वासोडिलेशन का कारण बनता है, जिससे रोगी को धमनीय सदमे के रूप में जाना जाता है, जिसके कारण परिसंचारी शॉक की स्थिति होती है।

ओरल एलर्जी सिंड्रोम
ओरल एलर्जी सिंड्रोम, जिसे पराग-खाद्य एलर्जी सिंड्रोम भी कहा जाता है, एलर्जी सिंड्रोम के रूप में भी जाना जाता है, जो एलर्जी रेजिटाइटिस से लगभग आधे रोगियों को पराग को प्रभावित करता है। ये रोगी कच्चे फलों और सब्जियों को एलर्जी की एक तस्वीर पेश करते हैं जो उनको खाए जाने के तुरंत बाद प्रकट होते हैं। सबसे आम भोजन केले, तरबूज, तरबूज, सेब, आड़ू, बेर, गाजर, ककड़ी, कद्दू, हेज़लनट, अजवाइन, अन्य के बीच में हैं।

शारीरिक व्यायाम के बाद खाद्य एलर्जी
एक प्रकार की एलर्जी है जो स्वयं को प्रकट करती है अगर मरीज कुछ खाद्य पदार्थ खाने से 4 घंटे तक कुछ शारीरिक गतिविधि का अभ्यास करता है। इस प्रकार की एलर्जी के साथ रोगी चिंराट खा सकता है और कुछ भी नहीं महसूस कर सकता है, लेकिन अगर वह खाती है और कुछ प्रकार के व्यायाम का अभ्यास कर रहा है, तो उसे एनाफिलेक्टिक प्रतिक्रिया भी भुगतनी पड़ सकती है।

खाद्य एलर्जी की विषाक्तता  निदान में नैदानिक ​​इतिहास शामिल है, जहां प्रतिक्रियाओं से पहले खाए गए खाद्य पदार्थों और लक्षणों के प्रकट होने के लिए समय बीतने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

त्वचा परीक्षण मदद कर सकता है इन में, एलर्जी चिकित्सक उन रोगियों के प्रति प्रतिक्रियाओं की तलाश में रोगी के प्रकोष्ठ में कई प्रकार के प्रोटीन का इस्तेमाल करता है। परिणाम में केवल 15 मिनट लगते हैं परीक्षण का मुख्य मूल्य तब होता है जब यह ऋणात्मक होता है, जो कि प्रोटीन को त्यागने के लिए कार्य करता है जो किसी भी प्रतिक्रिया का कारण नहीं था। सकारात्मक परीक्षण यह निश्चित नहीं है कि रोगी इस प्रोटीन से एलर्जी है

कुछ मामलों में एनाफिलेक्टेक्टीक प्रतिक्रिया के उच्च जोखिम के साथ, चिकित्सक अधित्याग के जोखिम के कारण इस परीक्षण को नहीं चुन सकते।

यह अब संभव है कि खून में विशिष्ट आईजीई के खुराक को यह पता चले कि मरीज को एलर्जी कैसे विकसित होता है।

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Wednesday 14 February 2018

चुनौतियोंं के खेल में ही है जीवन का असली आनंद : मनोहर लाल

चुनौतियोंं के खेल में ही है जीवन का असली आनंद : मनोहर लाल

चंडीगढ़, 14 फरवरी- भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की वीरवार को जींद में होने वाली रैली की चल रही तैयारियों का जायजा लेने के लिए आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल दोपहर बाद जींद में आयोजन स्थल पर पहुंचे।  निरीक्षण की खासियत रही कि मुख्यमंत्री हैलीपेड से रैली स्थल तक खुद बाईक चलाकर पहुंचे और उनके साथ कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ , जिला अध्यक्ष अमरपाल राणा, रैली का कार्यभार संभाल रहे संजय भाटिया सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने उनके साथ सवारी की। 

          बाईक पर रैली स्थल का जायजा लेने के बाद उन्होंने मुख्य मंच पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अमित शाह का यह हरियाणा दौरा ऐतिहासिक होने वाला है और अपनी तरह की राज्य में यह पहली रैली होगी जब लाखों लोग बाईक  पर सवार होकर रैली स्थल पर पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस मौके पर कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष इस भव्य समारोह में प्रदेश भर से एकत्रत कार्यकर्ताओं को पार्टी की नीतियों पर चलने का पाठ पढ़ाने के साथ ही निष्ठापूर्वक पार्टी के प्रति अपने कर्तव्यों के निर्वहन के प्रति प्रेरित करेंगे,  वे स्वयं और राज्य भर से लाखों युवा कार्यकत्र्ता  मोटर साइकलों पर सवार होकर जींद रैली स्थल पर पहुँच राष्ट्रीय अध्यक्ष का भव्य स्वागत करेंगे। उन्होंने बताया कि अधिक दूरी पर पडऩे वाले जिलों से बाइकों पर आने वाले कुछ कार्यकत्र्ता आज बुधवार शाम को ही रैली स्थल पर पहुँच जायेंगे।

        पत्रकारों द्वारा विपक्षी दलों द्वारा बार बार रैली का विरोध करने और रैली आयोजन में आ रही चुनोतियों के बारे में पूछा गया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनौतियों के खेल में ही तो जीवन का असली आनंद है और हम प्रजातांत्रिक देश के नागरिक हैं और यहाँ सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है परन्तु जिस तरीके से विरोध करने की बाते सामने आ रही हैं वह बिलकुल अप्रासंगिक है, विरोध करने के अन्य बहुत से तरीके है ।

    पत्रकारों द्वारा जब पूछा गया कि क्या यह रैली आगामी चुनाव का शंखनाद है , इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के मेहनती कार्यकत्र्ता मजबूत मानसिकता रखते है और भाजपा को चुनाव की तैयारियों की कोई आवशयकता नहीं है , हम कभी भी किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार हैं। इस मौके पर उनके साथ बीजेपी के संगठन मंत्री सुरेश भट्ट, राज्य महामंत्री संजय भाटिया,वेदपाल एडवोकेट, बीजेपी के सचिव जवाहर सैनी,जिला अध्यक्ष अमरपाल राणा, जशमेर रजाना, बलकार सिंह डाहौला, जिला कार्यकारिणी के सदस्य मौजूद रहे। 

Sunday 11 February 2018

भतीजी की शादी में उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने पेश की बड़ी मिसाल

भतीजी की शादी में उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने पेश की बड़ी मिसाल

नई दिल्ली :11 फरवरी।  हरियाणा के उद्योग एवं पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल ने शादियों में होने वाले दिखावे और फिजूलखर्ची के खिलाफ एक बड़ा संदेश देते हुए एक बार फिर दरियादिली की मिसाल पेश की है।  विपुल गोयल ने अपनी भतीजी की शादी में ऐसा उदाहरण पेश किया है जो समाज के लिए मिसाल हो सकता है | विपुल गोयल के बड़े भाई अशोक गोयल की बेटी टीना गोयल की शादी रविवार को एक सामूहिक विवाह सम्मेलन में सम्पन्न हुई | इस शादी में सादगी और जनकल्याण के लिए दान का विपुल गोयल ने बेजोड़ उदाहरण पेश किया है | बिना दहेज के साधारण तरीके से हुई 

इस शादी के उपलक्ष्य में विपुल गोयल ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में 101 जरूरतमंद लोगों को घर देने का कार्य किया है |  इसके तहत लाभार्थियों को शादी समारोह में घर बनाने के लिए चेक भी वितरित किए गए | साथ ही टीना गोयल के साथ  दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में 31 कन्याओं की भी शादी की गई |

 उन्होने इस शादी में बिना किसी पेपर कार्ड छपवाए मोबाइल मैसेज के जरिए सभी मेहमानों को आमंत्रित किया | साथ ही शादी में महंगी थाली की बजाय सीमित संख्या में मेहमानों को पकवान परोसे गए | विपुल गोयल ने इस शादी के जरिए शादियों में फिजूलखर्ची पर नियंत्रण करने की भी अपील की है | उन्होने कहा कि दहेज प्रथा बेटियों को पढाने और आगे बढ़ाने के लिए सबसे बड़ा अभिशाप है | उन्होने समर्थ और धनवान लोगों से शादी में फिजूलखर्ची करने की बजाय उस पैसे को जनकल्याण में खर्च करने का आह्वान किया | विपुल गोयल ने कहा कि जिस तरह शादी के महंगे कार्ड छपवाने और महंगी कैटरिंग पर पैसा खर्च किया जाता है उस पैसे से कई लोगों का भला हो सकता है, 

 इसीलिए फिजूलखर्ची से बेहतर है कि कुछ पुण्य कमा लिया जाए | इस शादी में बीजेपी के प्रदेश प्रभारी डॉ अनिल जैन ने भी सभी नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया | उन्होने कहा कि सभी समर्थ लोगों को इस पहल से सीख लेनी चाहिए | वहीं विश्व हिंदु परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारी दिनेशचंद्र ने कहा कि कन्यादान करना सबसे पुण्य का काम है और अपनी भतीजी के साथ 31 गरीब बेटियों का कन्यादान कर विपुल गोयल ने एक उदाहरण पेश किया | वहीं श्री सिद्धदाता आश्रम के गुरू पुरुषोतमाचार्य ने कहा कि गरीब लड़कियों का घर बसाने और गरीबों को घर देकर विपुल गोयल ने समाज को परिवर्तनकारी संदेश दिया कि शादियों में जिस तरह पैसा पानी की तरह बहाया जाता है, 

 उस पैसे का जनकल्याण के लिए उपयोग कर आप लोगों का दिल भी जीत सकते हो | वहीं आरएसएस के प्रांत कार्यवाह पवन जिंदल ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान के लिए इस तरह का सादगीपूर्ण विवाह समाज की सोच में बड़ा परिवर्तन ला सकता है | इस शादी में फरीदाबाद के सांसद और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, कैबिनेट मंत्री राव नरवीर,  आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी देवप्रसाद भारद्वाज, गंगाशकर मिश्रा,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी सुनील कुमार, सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की |


Saturday 10 February 2018

कांग्रेसी नेता सुमित गौड़ के इस काग्रेस भवन में मिलेंगी सभी सुविधाएँ

कांग्रेसी नेता सुमित गौड़ के इस काग्रेस भवन में मिलेंगी सभी सुविधाएँ

फरीदाबाद : 10 फ़रवरी I हरियाणा में विधानसभा चुनावों की आहट दिखाई दे रही है। संभव है विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनावों के साथ होंगे और लोकसभा चुनाव तय समय से पहले अगर करवाए जाते हैं तो इसी साल संभव हैं और ऐसे में हरियाणा विधानसभा चुनाव एक साल पहले हो सकते हैं। 

फरीदाबाद में भी सत्ता और विपक्ष के नेता चुनावों की तैयारियों में जुट गए हैं। सत्ता पक्ष जहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैली के लिए बाइकरों को इकठ्ठा कर रहा है तो कांग्रेस भी अपनी तैयारी अलग तरीके से कर रही है। अमित शाह की रैली 15 फरवरी को है उसके बाद हरियाणा में चुनावी शंखनाद बज सकता है। फरीदाबाद में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता तो फ़िलहाल कई विधानसभा क्षेत्रों में खामोश दिख रहे हैं लेकिन युवाओं ने हर विधानसभा क्षेत्र में मोर्चा संभाल रखा है। कांग्रेसी नेता सुमित गौड़ सेक्टर 12 कोर्ट के सामने एक दफ्तर बना रहे हैं जो काग्रेस भवन  होगा जिसमे कई तरह की सुविधाएँ मिलेंगी।

इस दफ्तर में आधार कार्ड एवं अन्य लोगो के जरूरत के कार्य बनवाये जायेंगे। इस दफ्तर में गरीबों को कानूनी सहायता दिलवाने के लिए वकील भी बिठाया जायेगा। दफ्तर में एक छत के नीचे जनता को बहुत सारी सुविधाएं मिलेंगी। दफ्तर कोर्ट के मुख्य रोड पर खोला जा रहा है जहां लगभग लगभग 500 कार्यकर्ता एक साथ बैठ सकते हैं। सुमित गौड़ पुराने कांग्रेसी नेता हैं और गलत काम बर्दाश्त नहीं करते। गौड़ पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा के भांजे हैं और जब कांग्रेस सत्ता में थी तब इन्होने अपनी ही पार्टी के विधायक के खिलाफ आवाज बुलंद किया था। 

 सुमित गौड़ का कहना है कि जनता की समस्याओं के निवारण के लिए मैं कभी गलत काम बर्दाश्त नहीं करता। उन्होंने कहा कि मेरे लिए जनता सर्वपरि है। गौड़ हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर के काफी करीबी हैं और कालेज के समय से उनकी तंवर से दोस्ती है। गौड़ के इस दफ्तर का नाम कांग्रेस भवन रखा जा सकता है। अगले हफ्ते तक ये दफ्तर पूरी तरह से बनकर तैयार हो जायेगा। 

Friday 9 February 2018

वेलेंटाइन दिवस पर किसिंग रोग से बचे ,जानिए क्यों ?

वेलेंटाइन दिवस पर किसिंग रोग से बचे ,जानिए क्यों ?

फरीदाबाद : 10 फ़रवरी I क्रोनिक मोनोन्यूक्लिओस जिसे मोनो के नाम से भी जाना जाता है एक तीव्र संक्रामक बीमारी है जो कि रक्त को परिसंचारी रक्त में असामान्य रूप से बड़ी संख्या में मोनोन्यूक्लियर ल्यूकोसाइट्स की उपस्थिति से होता है।
इसे 'चुंबन रोग' कहा जाता है क्योंकि यह चुंबन के माध्यम से फैल सकता है। कुछ अन्य परिस्थितियों जो संभावित रूप से मोनोन्यूक्लियोसिओसिस के संचरण की सुविधा देती हैं, एक संक्रमित व्यक्ति की सर्दी, खाँसी या छींकने का जोखिम होती है; और एक संक्रमित व्यक्ति के साथ साझा चश्मा, व्यंजन या भोजन के बर्तन के माध्यम से

क्रोनिक मोनोन्यूक्लूसिस को 'क्रोनिक थिगम सिंड्रोम' भी कहा जाता है - और इसका सबसे आम कारण एपस्टीन-बार वायरस (ईबीवी) है। इस रोग के लक्षण लक्षण बुखार, थकान और गले में गले हैं; जो आम तौर पर सीधे मौखिक संपर्क, या लार के माध्यम से प्रेषित होता है।

ईबी वायरस में 4-6 सप्ताह का ऊष्मायन अवधि है, और बच्चों के मामले में ऊष्मायन अवधि कम है। हालांकि, संक्रमित होने के कई दिनों बाद वायरस संक्रमित व्यक्ति के लार में रह सकता है। डॉ। अभिषेक कसाना एमडी की सलाह है कि लक्षण कम होने के बावजूद, लंबे समय तक निवारक उपायों को लिया जाना चाहिए।

वर्ष के अन्य मौसमों की तुलना में मोनो या चुंबन रोग की घटना अधिक वसंत ऋतु में अधिक होती है; हालांकि यह आम सर्दी या कुछ श्वसन संक्रमण के रूप में संक्रामक नहीं है। यह रोग मुख्य रूप से बच्चों और युवा वयस्कों को प्रभावित करता है

चुंबन बीमारी आमतौर पर बहुत गंभीर बीमारी नहीं होती है लेकिन, एपस्टाइनब्रायर वायरस उन रोगियों में गंभीर बीमारी का कारण हो सकता है जिनके प्रतिरक्षण में बिगड़ा हुआ है, विशेष रूप से रोगी जो एचआईवी या रोगी से ग्रस्त हैं जो अंग प्रत्यारोपण के बाद प्रतिरक्षा दमनकारी दवा पर हैं।

मोनोन्यूक्लियोसिस की रोकथाम के लिए कोई टीका नहीं है, और आज तक मोनो के लिए कोई विशिष्ट उपचार का उल्लेख नहीं है। डॉ। अभिषेक कसाना के अनुसार चुंबन रोग का उपचार मुख्य रूप से लक्षण है; पर्याप्त आराम के साथ, तरल पदार्थ के पर्याप्त सेवन के साथ संतुलित स्वस्थ आहार

क्रोनिक मोनोन्युल्योसिस के लक्षण

• गर्दन और बगल में सुस्ती / बढ़े लिम्फ नोड्स
• सूजन तिल्ली
• गले में गले, जो एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग के बावजूद बनी रहती हैं।
• सूजन टॉन्सिल, जो श्वास को प्रभावित कर सकती है।
• त्वचा के लाल चकत्ते
• बुखार
• थकान
• सरदर्द


कैसरिंग रोग के अनुपालन

• मेनिनजाइटिस, एन्सेफलाइटिस, गुइलेन-बैरी सिंड्रोम और तंत्रिका तंत्र की अन्य जटिलताओं।
तिल्ली का इज़ाफ़ा
• खून की कमी
• सूजन टॉन्सिल के कारण साँस लेने में कठिनाई
• हेपेटाइटिस और जंडीस जैसी लीवर की समस्याएं
• थ्रोम्बोसाइटोपेनिया
• मायोकार्डिटिस



पुरानी मोनोन्यूक्लिओसिस के लिए कोई विशेष होम्योपैथिक चिकित्सा नहीं है, होम्योपैथिक उपचार होम्योपैथिक चिकित्सक द्वारा किए गए विभिन्न उपायों के आसपास घूमता है ताकि लक्षणों को नियंत्रित करके पीड़ित रोगियों को राहत प्रदान किया जा सके।

कुछ होम्योपैथिक दवाएं ईबीवी के साथ क्रोनिक मोनोन्यूक्लियोटिक के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती हैं, क्योंकि ये दवा प्रभावी रूप से किसी भी दुष्प्रभाव या जटिलताओं के बिना रोग का प्रबंधन कर सकती हैं।

कुछ होम्योपैथिक दवाएं, जो विशिष्ट रूप से, ईबीवी के साथ क्रोनिक मोनोन्यूक्लिओसिस संक्रमण के प्रबंधन में बेहद उपयोगी साबित हो सकती हैं:

1 कार्बो-शाका, मैगेल-एल, सैर्कोलेक्टिक एसिड, नेट्रम -लल

2 चीन

3 मैगेल-एल

4 साराकोलिक एसिड

5 एन एट्र्रम -लल





Saturday 3 February 2018

अगली पीढ़ी को साफ और हरित पर्यावरण वापिस करना हमारा कर्तव्य है': डॉ.हर्षवर्धन

अगली पीढ़ी को साफ और हरित पर्यावरण वापिस करना हमारा कर्तव्य है': डॉ.हर्षवर्धन

नई दिल्ली :3 फ़रवरी I केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने शिक्षक समुदाय को अपने हरित सामाजिक उत्तरदायित्व की याद दिलाई,शिक्षकों को "हरित,अच्छे कार्यों" के अभियान में सम्मिलित होने का आह्वान किया

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने शिक्षक समुदाय से "हरित, अच्छे कार्यों" के अभियान में सम्मिलित होने का आह्वान किया है, जो कि लोगों और छात्रों को विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के विषय पर संवेदनशील बनाने के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था।

उत्तर दिल्ली नगर निगम के सभी सरकारी विद्यालयों के लगभग 700 प्रधानाचार्यों को संबोधित करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि पर्यावरण वैश्विक चिंता का विषय है, जितना आज से पहले कभी नहीं था।

"सम्पूर्ण विश्व ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के खतरों से चिंतित है। दिल्ली में लोग पहले ही वायु प्रदूषण का सामना कर रहे हैं। पर्यावरण और जीवन पर उसका प्रभावहर वैश्विक मंच की कार्य सूची पर हैं, हर कोई अपेक्षा के साथ भारत की ओर देख रहा है क्योंकि उन्हें लगता है कि भारतवासियों के पास पर्यावरण की सुरक्षा डीएनए में है।

हमारे पूर्वजों ने पर्यावरण की सुरक्षा को अपनी जीवन शैली का एक हिस्सा बना दिया था। यह हमारी संस्कृति का अभिन्नअंगथा – हमारे पूर्वजों ने नदियों, वायु, पेड़ों, जंगलों और पृथ्वी की पूजा की और वे ज़मीन के साथ सामंजस्य से जीवन व्यतीत करते थे,"डॉ.हर्षवर्धन ने कहा


मंत्री महोदय ने प्रधानाचार्यों से अपने "हरित सामाजिक दायित्व" के विषय में याद कराया, जो की कॉर्पोरेट जगत के सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के समान है। पल्स पोलियो अभियान में नगर निगम विद्यालयों के  "पोलियो सैनिकों" द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने "हरित सैनिकों" की आवश्यकता को रेखांकित किया और हरित अच्छे कार्यों के आंदोलन को व्यापक बनाने पर और इसे जमीनी स्तर पर सफलता पूर्वक ले जाने पर बल दिया।

डॉ.हर्षवर्धन ने कहा कि हमारे लिए स्वच्छ और हरित पर्यावरण को बहाल करना असंभव नहीं है। उन्होंने कहा, "यह केवल एक तकनीकी मुद्दा नहीं है, अपितु एक नैतिक उत्तरदायित्व है जोकि अगले पीढ़ी को स्वच्छ और हरित पर्यावरण को बहाल करे और उसे वापिस लौटा दे।" इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने "हरित अच्छे कार्यों " के नाम से एक लोकोन्मुख अभियान आरम्भ किया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान को शिक्षकों, छात्रों और अन्य स्वैच्छिक संगठनों की भागीदारी के द्वारा ही व्यापक बनाया जाए।


डॉ.हर्षवर्धन प्रधानाचार्यों को सम्बोधित करते हुए

'डॉ.हर्षवर्धन'  के नाम से एक मोबाइल एप्लिकेशन –



अभियान पर पूरे भारत में लोगों तक पहुंचने के लिए तैयार किया गया है, जिसे हाल ही में आरम्भ किया गया है।

डॉ.हर्षवर्धन ने प्रधानाध्यापकों की सभा को संबोधित करते हुए डिजिटल प्रौद्योगिकी के सीमावर्ती क्षेत्रों में शोध के लिए बजटीय आवंटन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री जी को 2018 के आम बजट में धन आबंटित करने के लिए उनके व्यावहारिक दृष्टिकोण के लिए धन्यवाद दिया। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग साइबर भौतिक सिस्टम पर एक मिशन लॉन्च करेगा जिस सेरोबोटिक्स, कृत्रिमबुद्धि, डिजिटल निर्माण, बड़े डेटा विश्लेषण, क्वांटम संचार और चीजों के इंटरनेट के क्षेत्र में उत्कृष्टता के केंद्रों की स्थापना का समर्थन हो सकेगा।, "भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया के किसी भी देश से पीछे नहीं है,"डॉ. हर्षवर्धन ने कहा।
प्रधानमंत्री ने एडवॉन्टेज असम - विश्व निवेशक शिखर सम्मेलन 2018 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

प्रधानमंत्री ने एडवॉन्टेज असम - विश्व निवेशक शिखर सम्मेलन 2018 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

असम : 3 फ़रवरी I प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज गौहाटी में एडवॉन्टेज असम - विश्व निवेशक शिखर सम्मेलन 2018 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

शिखर बैठक में प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर-पूर्व केंद्र सरकार की ऐक्ट ईस्ट नीति के केंद्र में है। उन्होंने आगे कहा कि ऐक्ट ईस्ट नीति आसियान देशों की जनता के साथ पारस्परिक जन संबंधों, व्यापारिक संबंधों एवं अन्य रिश्तों को बढ़ाने पर आधारित है।

प्रधानमंत्री ने भारत और आसियान की मित्रता के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हाल ही में आयोजित आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन का भी स्मरण किया। उन्होंने आगे कहा कि भारत और आसियान देशों के संबंध हजारों वर्ष पुराने हैं। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में 10 आसियान देशों के नेताओं का मुख्य अतिथि के रूप में स्वागत करना भारत के लिये प्रतिष्ठा का विषय था। प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के संतुलित और तेज गति वाले विकास से भारत की विकास यात्रा को और ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का उद्देश्य लोगों के जीवन में गुणवत्तामय बदलाव लाना है। उन्होंने कहा कि इनका उद्देश्य 'जीवन को सरल बनाना है'।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट में घोषित 'आयुष्मान भारत' योजना संपूर्ण विश्व में इस तरह की सबसे बड़ी योजना है। उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्य बीमा योजना 45-50 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचायेगी। उन्होंने गरीबों को स्वास्थ्य सुविधायें मुहैया कराने के लिये केंद्र सरकार द्वारा उठाये गये अन्य कदमों का भी जिक्र किया।

श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार लागत व्यय को कम कर के और उचित मूल्य की व्यवस्था करके किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने किसानों के कल्याण के लिये केंद्र सरकार द्वारा उठाये अन्य कदमों का भी ब्योरा दिया।

प्रधानमंत्री ने लोगों को सस्ते घर मुहैया कराने के लिये सरकार द्वारा उठाये कदमों की जानकारी दी। उन्होंने एलईडी बल्बों के वितरण के लिये उजाला योजना का भी जिक्र किया जिसकी वजह से घरों के बिजली के बिल को काफी कम करने में मदद मिली है। उन्होंने राष्ट्रीय बांस अभियान के पुनर्गठन का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उत्तर-पूर्व के लिये बेहद महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के नौकरशाही ढांचे में सुधार से परियोजनाओं के अमल में काफी तेजी आयी है।

प्रधानमंत्री ने मुद्रा योजना के तहत उद्यमियों को गारंटी मुक्त कर्ज मुहैया कराने की दिशा में उठाये गये कदमों का जिक्र किया। उन्होंने केंद्रीय बजट में लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम सेक्टर को करों में राहत दिये जाने की बात का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने काले धन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिये केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले तीन वर्षों में कई अहम आर्थिक सुधार किये हैं जिससे व्यापार करने की प्रक्रिया सरल हुई है। उन्होंने आगे कहा कि इन सुधारों के परिणाम स्वरूप विश्व बैंक द्वारा जारी व्यापार करने की सुगमता की रिपोर्ट के अनुसार 190 देशों के बीच भारत 42 स्थान चढ़ कर 100वें स्थान पर पहुंच गया है।

महान असमी संगीतकार भूपेन हज़ारिका को उद्धृत करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के सपनों को पूरा करना और 2022 तक एक नये भारत का निर्माण करना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है।

प्रधानमंत्री ने उत्तर-पूर्व क्षेत्र में परिवहन के एक नये बुनियादी ढांचे के विकास के लिये उठाये गये कदमों का भी जिक्र किया। उन्होंने राज्य में व्यवसाय और विकास के लिये मैत्रीपूर्ण वातावरण तैयार करने के लिये असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल को बधाई दी।

Friday 19 January 2018

उपराष्ट्रपति ने कृषि को व्यावहारिक और लाभकारी बनाने के लिए 12 पहलों को रेखांकित किया

उपराष्ट्रपति ने कृषि को व्यावहारिक और लाभकारी बनाने के लिए 12 पहलों को रेखांकित किया

नई दिल्ली 19 जनवरी I  उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि यद्यपि कृषि अधिकतर भारतीयों की मुख्य आजीविका है, परंतु किसानों को यह व्यवसाय आकर्षक नहीं लगता क्योंकि इसमें आय तथा उत्पादकता कम है। उन्होंने आज बेंग्लुरु में सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन संस्थान में 14वां डॉ. वी. के. आर. वी. स्मृति व्याख्यान देते हुए यह कहा। इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल श्री वाजूभाई रूदाभाई वाला, संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री अनंत कुमार और अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि तीव्र, समावेशी और सतत विकास की रणनीतियों को किसानों की समस्याओं को हल करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ई-नाम और मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसी सरकारी पहलों से किसानों को उत्पादकता में सुधार करने और बेहतर लाभ प्राप्त करने की दिशा में मदद मिल रही हैं।

उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि किसानों की उपलब्धियों पर गौरव करने के लिए हमारे पास तर्कसंगत कारण हैं। हमने खाद्यन्न की कमी पर कामयाबी से विजय प्राप्त कर ली है। हम खाद्यान्न आयात करने की स्थिति से बढ़कर इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो गए हैं और अब खाद्यान्न का निर्यात कर रहे हैं। पहले हम मामूली तरीके से किसानी करते थे, लेकिन अब प्रौद्योगिकी आधारित खेती करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि इस समय कई फसलों के उत्पादन में भारत शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है। विश्व में भारत सबसे अधिक दुग्ध उत्पादन कर रहा है और वह हरित, श्वेत, नील और पीत क्रांतियों में बड़े बदलावों से गुजर रहा है।

उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के निवेशों में बढ़ोतरी की आवश्यकता है। हमें इस बात की जरूरत है कि दीर्घकालीन और मध्यकालीन कार्य योजना बनाएं, जिनके तहत निजी और सार्वजनिक निवेशों को लामबंद किया जा सके। हमें रणनीतिक दिशाएं भी तय करनी होंगी, ताकि इस क्षेत्र को दोबारा ऊर्जावान बनाया जा सके।

किसानों की उत्पादकता और उनके लाभार्जन के लिए उपराष्ट्रपति ने 12 पहलों को रेखांकित किया-

पहली, बेहतर बीजों का इस्तेमाल ताकि उत्पादकता में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हो।
दूसरी, कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए उर्वरकों का संतुलित इस्तेमाल जरूरी।
तीसरी, सीमान्त और छोटे किसानों द्वारा नवाचार अपनाने की दिशा में सामयिक संस्थागत ऋण मुख्य भूमिका निभाता है।
चौथी, दुग्ध पालन, मछली पालन और मुर्गी पालन जैसी संबंधित गतिविधियों के साथ खेती को जोड़ना और विस्तार करना। इस कदम से किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान होता है।
पांचवी, भारत में खेती के यंत्रीकरण को बढ़ाना होगा।
छठवीं, कृषि गतिविधियों को तेज करने और कृषि को बागवानी से जोड़ने तथा पहाड़ में कृषि के यंत्रीकरण से किसानों की आय बढ़ सकती है।
सातवीं, कृषि आधारित उद्योगों के प्रोत्साहन के मद्देनजर ईको-प्रणाली को मजबूत करना होगा।
आठवीं, पानी के इस्तेमाल के प्रति बेहतर समझ बनानी होगी।
नौवीं, किसानों को उपभोक्ता मूल्य के बड़े हिस्से को समझना होगा।
दसवीं, हमें भू-नीति में मूलभूत सुधारों पर गौर करना होगा।
ग्यारहवीं, हमें जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर कृषि गतिविधियों को विकसित करने की जरूरत है।
बारहवीं, ज्ञान को साझा करने की प्रक्रियाओं को दुरुस्त करना होगा।
 राष्‍ट्रपति ने राष्‍ट्रपति भवन के अग्रभाग की गतिशील प्रकाश व्‍यवस्‍था का उद्घाटन किया

राष्‍ट्रपति ने राष्‍ट्रपति भवन के अग्रभाग की गतिशील प्रकाश व्‍यवस्‍था का उद्घाटन किया

नई दिल्ली 19 जनवरी I  राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आज सायं (19 जनवरी, 2018) केंद्रीय आवास एवं शहरी मामले राज्‍य मंत्री (स्‍वंतत्र प्रभार) श्री ह‍रदीप सिंह पुरी एवं अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्तियों की उपस्थिति में राष्‍ट्रपति भवन के अग्र भाग की गतिशील प्रकाश व्‍यवस्‍था का उद्घाटन किया।

राष्‍ट्रपति भवन के अग्र भाग की गतिशील प्रकाश व्‍यवस्‍था इसकी सुंदरता को रेखांकित करने के लिए की गई है। राष्‍ट्रपति भवन को दैदीप्‍यमान बनाने के लिए कुल 628 लाइट फिटिंग्‍स लगाई हैं। रोशनी फैलाने के लिए इन फिटिंग्‍स पर संकीर्ण से व्‍यापक रेंज के लेंसों का उपयोग किया गया है। जयपुर कॉलम पर कमल जैसी विशिष्‍ट वस्‍तुओं को रेखांकित करने के लिए एक संकीर्ण बीम लेंस का उपयोग किया गया है जबकि बड़े क्षेत्र पर रोशनी फैलाने के लिए एक व्‍यापक बीम लेंस का उपयोग किया गया है।

इस प्रकाश व्‍यवस्‍था में जिन वस्‍तुओं को मुख्‍य रूप से रेखांकित किया गया है वे हैं जयपुर स्‍तंभ, मुख्‍य भवन का गुंबद, छतरी, बॉलकनी एवं भू‍मि स्‍तर पर झरने तथा लोगिया कॉलम।