फरीदाबाद, 29 अक्टूबर । पूर्व में घोषित की गई हड़ताल को लेकर के हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर यूनियन की हड़ताल 30 अक्तूबर 2018 को हरियाणा प्रदेश के सभी बिजली कर्मचारी रहेंगे जो आज रात 10 बजे से हड़ताल पर चले जायेंगे जिससे हरियाणा प्रदेश में बिजली का संकट गहमा सकता है । आज बल्लभगढ़ के सिटी पार्क में एकत्र होकर कर्मचारियों को हड़ताल का खाका तैयार कर अभी से कर्मचारियों से जुट जाने को कहा क्योंकि रोडवेज कर्मचारियों की जो 14 दिन से चल रही हड़ताल के समर्थन में हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित यूनियनें बिजली विभाग, पब्लिक हेल्थ, पी डब्लू डी, राजकीय अध्यापक संघ, निगमों, बोर्डों सहित 41 विभागीय यूनियन के कर्मचारी भी लगातार 9 दिनों से हड़ताल पर हैं व यह रोडवेज की हड़ताल आगे 2 नवम्बर तक बढ़ाई गई है ।
संबोधन में सर्कल सचिव सन्तराम लाम्बा ने कहा कि बिजली विभाग के कर्मचारियों ने आज समस्त प्रदेश में सभाएँ कर हड़ताल में बड़ी भागेदारी निभाने की जिम्मेदारी कर्मचारी नेताओं को सौंपी व सरमायेदारों की पार्टी भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की । उन्होंने कहा कि जिस तरीके से समाज का हर वर्ग से सरकारिया वादाखिलाफी इस सरकार ने की है और अपने उन वायदों में जो कर्मचारियों व जनता से किये जैसे किसानों को स्वामीनाथन आयोग, हर वर्ष 200000 युवाओं को रोजगार, कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान, रिस्क एलाउंस, कैशलैस मेडिक्लेम, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना आदि कोई वायदों में से एक भी वादा पूरा नहीं किया । जिसके चलते सरकार के मंत्री लोगों से वोट की आस तो पहले ही छोड़ चुके हैं लेकिन जाते जाते अपनी नोट की आस और अपने बिजनेस की हवस को पूरा करने के लिए जनसेवा के इन विभागों को अपनी जागीर बनाने पर तुले हुई हैं ।
सरकार को बचाए रखने के लिए मुख्यमंत्री ने उन्हें ऐसे करने की पूरी छूट भी दे रखी है । आज रोडवेज कर्मचारी अपने किसी वेतन भत्ते को बढ़ाने की बजाय युवा पीढ़ी के लिए मौजूद रोजगार के अवसरों को निजीकरण के माध्यम से समाप्त करने, जनसेवा को मात्र व्यापार बनाने के विरोध में आंदोलनरूपी हड़ताल कर रहे हैं । बल्लभगढ़ रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रधान जयसिंह गिल व हरियाणा कर्मचारी महासंघ के मीडिया प्रभारी लेखराज चौधरी ने कहा कि जिस प्रकार जन स्वास्थ्य विभाग का दायित्व बनता है कि जल जीवन की मूलभूत आवश्यकता होने के कारण विभाग उसे हर नागरिक को नाम मात्र मूल्य पर उपलब्ध करवाएं और अगर सरकार कहे कि 10 रुपए की एक बोतल पानी बेचने वाली कंपनियों की तरह विभाग मुनाफा कमा कर दिखाए तो निश्चित तौर पर आज प्रदेश का नागरिक पानी को भी मोहताज हो जाएगा इसलिए जनसेवा के विभाग को मात्र नफे नुकसान के तराजू से ना तोला जायें उन्होंने कहा कि अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार सरकारी विभागों का इस तरह अंधाधुंध निजीकरण कर रही है कि फर्क करना मुश्किल हो गया है कि सरकार कहां तक है और बाजार कहां तक है ।
हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी जनहित के मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं उनकी अपनी खुद की कोई वेतन या भत्तों की मांग नहीं है लेकिन सरकार की हठधर्मिता की वजह से कर्मचारी को संघर्ष तथा जनता को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। आम जनता बेहतर और सुरक्षित परिवहन सेवा तथा अपने युवा बच्चों के लिए रोजगार जैसे दूरगामी प्रभावों को देखते हुए सीमित समय के लिए हो रही असुविधा के बावजूद भी रोडवेज कर्मचारियों का सहयोग और समर्थन कर रही है।
उन्होंने जनता को हो रही असुविधा के लिए खेद प्रकट करते हुए कहा कि सरकार द्वारा माँगे ना माने जाने पर कर्मचारियों के पास हड़ताल को करने का कोई विकल्प नहीं छोड़ा है अभी तो रोडवेज के पहिये थमे हैं कहीं बिजली गुल होने प्रदेश में आपातकाल जैसी परिस्तिथि पैदा ना हो इसके लिये सरकार व सरकार के मंत्री यूनियन नेताओं से बात करे और अगर फिर भी सरकार अपनी जिद पर अड़ी रहती है तो निश्चित तौर पर जनता के सहयोग और समर्थन तथा सभी विभागों के कर्मचारी संगठनों के साथ मंत्रणा करके और भी व्यापक आंदोलन का निर्णय लेना पड़ा तो वह पीछे नहीं हटेंगे। कर्मचारियों की इस सभा मे रोडवेज से प्रधान राजसिंह सौरौत, सुरेश, करमचंद, पीडब्ल्यूडी से रामसरन, योगेश, एक्साइज से दयानंद, बजरंलाल, बिजली कर्मचारी प्रधान बृजपाल तँवर, राजबीर, शेरसिंह, विनोद, मदनगोपाल, सुरेंदर, अजय, मुकेश, नरेश, आज़ाद सिंह, राजपाल सहित अन्य यूनियन पदाधिकारियों ने सभा को संबोधित किया । जिसमे विजय कुमार, पन्नालाल, राम प्रसाद, अशोक राठी, सुरेश, धीरसिंह, रमेश, अशोक लाम्बा, सुधीर कौशिक, दीपेश शर्मा सहित सैंकड़ों कर्मचारी भी मौजूद रहे।
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