फरीदाबाद 12 जुलाई। खट्टर सरकार ने एनएसयूआई फरीदाबाद के समक्ष लगातार चौथी बार फिर अपने शर्ते मानी । उक्त वाक्य एनएसयूआई के प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री ने पत्रकार वार्ता में व्यक्त किए। कृष्ण अत्री ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि तीसरे सेमेस्टर में दाखिला लेने के लिए पहले सेमेस्टर के 50 प्रतिशत विषय में पास होना तथा पांचवे सेमेस्टर में दाखिले के लिए पहले सेमेस्टर के 100 प्रतिशत विषय मे पास होना अनिवार्य का नियम एमडीयू ने इस वर्ष भी लागू किया था लेकिन एनएसयूआई के विरोध के बाद आज एमडीयू ने अपना यह नियम वापिस ले लिया।
गौरतलब है कि एनएसयूआई के प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री के नेतृत्व में छात्रों ने एमडीयू के तुगलकी फरमान के खिलाफ बिगुल बजा दिया था। लगातार 9 दिन तक विरोध प्रदर्शन करने के बाद आज एमडीयू ने अपना नियम वापिस ले लिया है। प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री ने बताया कि पिछले कई दिनों से एनएसयूआई के बैनर तले इस नियम के खिलाफ अलग-अलग कॉलेजों में प्रदर्शन किया और कल लघु सचिवालय का घेराव कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी तब जाकर आज एमडीयू ने छात्रों के संघर्ष के समक्ष अपने घुटने टेके हैं। अत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार प्राइवेट कॉलेज और सरकारी कॉलेजों के छात्रों के साथ भेदभाव की नीति अपना रही है। सरकारी कॉलेजों में जहां एमडीयू के इस नियम का हवाला देते हुए छात्रों का एडमिशन नहीं लिया जा रहा था, वहीं प्राइवेट कॉलेजों में यह नियम देखने को ही नहीं मिल रहा था। प्राइवेट कॉलेजों में छात्रों को एडमिशन शुरू से ही दिया जा रहा था।
अत्री ने बताया कि लगातार चार वर्षों (2015, 2016, 2017, 2018) से एमडीयू एडमिशन के समय यह नियम लागू कर देती है लेकिन एनएसयूआई के विरोध के बाद हर वर्ष अपने इस नियम को वापिस ले लेती है। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई छात्रों के हितों के लिए हमेशा संघर्ष करती आई है और करती रहेगी। अत्री ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि एमडीयू के तुगलकी फरमान के खिलाफ एनएसयूआई 4 जुलाई से विरोध कर रही है और आज उन्हें इस मामले में सफलता मिली है। तुगलकी फरमान के खिलाफ एनएसयूआई फरीदाबाद द्वारा किए गए प्रदर्शन इस प्रकार है - 1) 4 जुलाई को नेहरू कॉलेज की प्राचार्या को ज्ञापन सौंपा गया ।
2) 5 जुलाई को नेहरू कॉलेज के गेट पर नियम की प्रतियां जलाकर ।
3) 6 जुलाई को नेहरू कॉलेज के गेट पर हस्ताक्षर अभियान चलाकर ।
4) 7 जुलाई को अग्रवाल कॉलेज के गेट पर हस्ताक्षर अभियान चलाया तथा प्रिंसिपल को ज्ञापन सौंपा ।
5) 9 जुलाई को डीएवी कॉलेज के गेट पर शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा का पुतला फूंका गया।
6) 11 जुलाई को सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय का घेराव किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
एनएसयूआई के जिला उपाध्यक्ष सुनील मिश्रा, जिला महासचिव रूपेश झा, विकास फागना और दिनेश कटारिया ने संयुक्त रूप से कहा कि खट्टर सरकार का छात्र विरोधी चेहरा निकल कर सामने आया है लेकिन एनएसयूआई खट्टर सरकार के इन मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि जब-जब खट्टर सरकार छात्र विरोधी फैसले लेगी, तब-तब एनएसयूआई छात्र हितों के लिए उनके सामने खड़ी रहेगी।
इस आंदोलन में एनएसयूआई के बैनर तले छात्र नेता मोहित त्यागी, कुंज बैसोया, अजीत त्यागी, रोहित कबीरा, अभिषेक वत्स, सोनू सिंह, उत्तम गौड़, अंकित सिंह, अश्विनी ठाकुर, सौरभ देशवाल, नरेश राणा, आरिफ खान, करण सिंह, गौरव कौशिक, सदफ, बिन्दु, अर्पिता, नेहा, सीमा, पंकज, शिवम दत्त आदि ने सहयोग किया।
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