Friday 8 September 2017

10 सितंबर को फतेहाबाद में होगा राज्य स्तरीय मुक्ति दिवस सम्मेलन: डा. अनिल प्रताप सिंह


फरीदाबाद : 8 सितंबर (National24news) आगामी 10 सितंबर को फतेहाबाद नई अनाज मंडी में आयोजित किए जाने वाला राज्य स्तरीय मुक्ति दिवस सम्मेलन एतिहासिक होगा  क्योंकि आजाद भारत के 70 साल के इतिहास में यह पहला अवसर है जब कोई मुख्यमंत्री इन समुदायों के कार्यक्रम में शामिल हो रहा है। यह जानकारीं प्रैस को जारी विज्ञप्तिं में भाजपा फरीदाबाद जिला मीडिया मीडिया प्रभारी ठा. अनिल प्रताप ङ्क्षसह नेे बताया कि फतेहाबाद में होने वाले मुक्ति दिवस सम्मेलन में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अतिरिक्त केंद्र व हरियाणा मंत्रिमंडल के अन्य कई मंत्रीगण भी शामिल होंगे।

ठा. अनिल प्रताप सिंह ने बताया कि इस सम्मेलन में विमुक्त, घुमन्तु, अद्र्ध.घुमन्तु एवं टपरीवास समाज के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल अनेक कल्याणकारी घोषणाओं का पिटारा खोलेंगे। उन्होंने बताया कि विमुक्त घुमंतु दिवस के उपलक्ष्य में सरकारी स्तर पर इस प्रकार का आयोजन करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। इसके साथ ही हरियाणा प्रदेश ने ही पूरे देश में विमुक्त.घुमंतु समुदायों के संबंध में आदतन अपराधी अधिनियम हैबिच्यूअल ऑफेंडर एक्टद्ध को समाप्त करने की पहल की है।

श्री सिंह ने कहा कि मुक्ति दिवस सम्मेलन में हरियाणा के विभिन्न जिलों से विमुक्त, घुमन्तु, अद्र्ध-घुमन्तु एवं टपरीवास समुदाय के लोग अपने पारंपरिक परिधानों में ऊंटों के काफिलों के साथ ढोलए नगाड़ोंए बीन व सारंगी की धुन बजाते हुए फतेहाबाद में पहुंचेंगे।  सरकार ने प्रदेश गठन के बाद विमुक्त.घुमंतु समुदायों को स्थायी तौर पर बसाने की पहल करने जैसे अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए है। विमुक्त, घुमंतुए अर्ध घुमंतु तथा टपरीवास जाति समिति ने सरकार के दिशा निर्देशों पर इन समुदायों के कल्याण के लिए अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की। अब इन समुदायों के बच्चों के लिए प्री तथा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति दी जा रही है ताकि ये बच्चे भी उच्च शिक्षा ग्रहण कर सके। 

श्री सिंह ने  बताया कि आगामी 10 सितंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल इन समुदायों के बच्चों की निशुल्क कोचिंग व इनके रहने के लिए विभिन्न जिलों में हॉस्टल बनाने की भी घोषणा करेंगे। उन्होंने बताया कि विमुक्त.घुमंतु जातियों को स्थायित्व प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश में उनके राशन कार्ड भी बनाए जा रहे हैं। साथ ही इन जातियों के पहचान पत्र व आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया भी आरंभ की गई है।



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