Friday, 10 April 2020

विधायक सीमा त्रिखा ने सफाई कर्मचारियों को माला पहनाकर किया स्वागत

विधायक सीमा त्रिखा ने सफाई कर्मचारियों को माला पहनाकर किया स्वागत

फरीदाबाद, 10 अप्रैल।  देश में कोरोना वायरस जैसी महामारी से लडऩे के लिए पूरा देश एकजुट होकर जूझ रहा है जिसमें अहम भूमिका डॉक्टर, सफाई कर्मचारी, पुलिस निभा रहे है । इसी को देखते हुए आज बढक़र की विधायिका सीमा त्रिखा सडक़ पर उतरे और सफाई कर्मचारियों को बादशाह खान चौक पर माला और शॉल पहनाकर सम्मानित करते हुए उनकी हौसला अफजाई की। इस मौके पर  प्रे फॉर इंडिया के  संस्थापक अशोक जॉर्ज हार्दिक प्रधान ने सफाई सैनिकों की आरती की एवं उनको पगड़ी और फूल माला पहनाई फुटबॉल संघ के रहमान रविंदर भाटिया मिशन जागृति के अध्यक्ष प्रवेश मलिक ने भी सभी सफाई सैनिकों को मालाएं पहनाकर उनका सम्मान किया कहा की वह सफाई कर्मचारियों का सिर झुका कर धन्यवाद करती हैं कि वह संकट की घड़ी में सबसे आगे खड़े हैं और कोरोना जैसी महामारी से जूझने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। वहीं उन्होंने कहा कि वह प्रार्थना करती हैं कि देश इस महामारी से जल्दी बाहर निकले। 

इस मौके पर सीमा त्रिखा ने कहा कि मीडिया भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अपने घरों से बाहर निकल कर कोरोना की हर खबर आप लोगों तक पहुंचा रहा है ताकि आप सतर्क और सुरक्षित रहें। वही वह लोगों से अपील करती हैं कि यदि आपको कोरोना को लेकर कोई भी लक्षण है या आपको कोई जानकारी मिलती है तो कृपया आप नजदीकी पुलिस स्टेशन और स्वास्थ विभाग से संपर्क अवश्य करें ताकि इस कोरोना की चैन को तोड़ के और फिर जिंदगी उसी पटरी पर दोबारा जल्दी लौट पाएगी।  वहीं इस मौके पर कर्मचारी नेता नरेश शास्त्री ने कहा कि विधायक सीमा द्वारा किए गए आज सफाई कर्मचारियों द्वारा सम्मान को लेकर जहां सफाई कर्मचारियों में आत्म सम्मान बढ़ा है। उनका कि पूरे प्रदेश के सफाई कर्मचारी इस कराना महामारी से लडऩे के लिए सबसे आगे हैं लेकिन सरकार ने जो उन्हें करुणा से मरने वालों का दाह संस्कार की जिम्मेदारी कोरोनावायरस मरीजों के कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी आइसोलेशन से कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी दी हुई है वह चाहते हैं कि सफाई कर्मचारियों को भी सम्मान मिलना चाहिए यदि सफाई कर्मचारी की इस संकट की घड़ी में कोई मौत हो जाती है तो उसे शहीद का दर्जा उसके परिवार को एक नौकरी और 10000000 रुपए मिलना चाहिए।  

शास्त्री ने कहा कि वह और उनके सफाई कर्मचारी तब तक डटे रहेंगे जब तक वह हरियाणा से कोरोना जैसी महामारी को पूर्ण रूप से भगा नहीं देते हैं। इस अवसर पर नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के उप महासचिव सुनील चिंडालिया उपाध्यक्ष  ब्रज बत्ती जिला प्रधान गुरचरण खांड्या सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह बालवर सीवरमैन यूनियन के प्रधान सुभाष कुमार सफाई निरीक्षक राजेंद्र सिंह दहिया सुभाष चिंडालिया तथा अन्य निगम अधिकारी भी उपस्थित थे

Tuesday, 7 April 2020

डी ए वी पब्लिक स्कूल एनटीपीसी में ई-क्लास द्वारा शिक्षा आरम्भ : अलका अरोड़ा

डी ए वी पब्लिक स्कूल एनटीपीसी में ई-क्लास द्वारा शिक्षा आरम्भ : अलका अरोड़ा

फरीदाबाद : 7 अप्रैल I डी ए वी पब्लिक स्कूल ,एनटीपीसी फरीदाबाद ने शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों के विकास हेतु 23 मार्च से ही ई -क्लास के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाना आरम्भ कर दिया है। विद्यालय का वार्षिक परीक्षा परिणाम 19 मार्च को ही ऑनलाइन तथा मोबाइल मैसेज के द्वारा घोषित कर दिया गया था।महामारी कोरोना से बचाव हेतु किए गए लॉक डाउन के समय में वर्क फ्रॉम होम होने के कारण स्कूल के सभी अध्यापकों के द्वारा 23 मार्च से लगातार सुबह 8बजे से 2 बजे तक ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है।सभी विद्यार्थियों को स्वनिर्मितऑडियो-वीडियो ,ऑनलाइन-क्लास तथा असाइनमेंट प्रकिया के द्वारा पढ़ाया जा रहा है। 

सभी अध्यापक मोबाइल के माध्यम से प्रत्येक विद्यार्थी से पूर्ण रूप से जुड़े हुए हैं।विद्यार्थी पूर्ण जोश ,सहयोग व उत्साह से प्रत्येक विषय की कक्षा में शामिल हो रहे हैं।अभिभावक अत्यंत प्रसन्नचित्त है तथा अध्यापकों के इस अथक परिश्रम की भरपूर सराहना कर रहे हैं तथा मोबाइल मैसेज के द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षा में व्यस्त रखने के लिए आभार प्रकट कर रहे हैं।स्कूल प्रशासन भीविद्यार्थियों तथा अभिभावकों के पूर्ण सहयोग से अत्यंत प्रसन्न है। शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों की क्रियात्मक गतिविधियों के विकास हेतु चित्रकला तथा संगीत के वाद्य यंत्रों का भी ज्ञान दिया जा रहा है।स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती अलका अरोड़ा विंग सुपरवाइजर के माध्यम से प्रत्येक अध्यापिका से जुड़ी हुई हैं।

Friday, 3 April 2020

आइसोलेशन में  1106  यात्रियों के 103 की रिपोर्ट नेगेटिव , 6 के सैंपल पॉजिटिव : डॉ राम भगत

आइसोलेशन में 1106 यात्रियों के 103 की रिपोर्ट नेगेटिव , 6 के सैंपल पॉजिटिव : डॉ राम भगत

 फरीदाबाद, 3 अप्रैल I उप सिविल सर्जन एवं जिला नोडल अधिकारी-कोरोना डा. रामभगत ने बताया कि जिला में अब तक 1088 यात्रियों को सर्विलांस पर लिया जा चुका है, जिनमें से 156 लोगों का निगरानी में रखने का 28 दिन का पीरियड पूरा हो चुका है। शेष 932 लोग अंडर सर्विलांस हैं। कुल सर्विलांस में रखे गए लोगों में से 1082 होम आइसोलेशन पर हैं। अब तक 169 लोगों के सैंपल लैब में भेजे गए थे, जिनमें से 103 की नेगेटिव रिपोर्ट मिली है तथा 60 की रिपोर्ट आनी शेष है। अब तक 6 लोगों के सैंपल पॉजिटिव मिले हैं जिनमें से ठीक होने के बाद एक को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया है तथा पांच अस्पताल में दाखिल हैं।

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए जिला में सरकारी व निजी अस्पतालों में 34 आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं, जिनमें 1040 बेड की क्षमता की गई है। उन्होंने बताया कि ब्व्टप्क्-19 के संदिग्ध व कंफर्म मामलों के परिवहन के लिए सभी सुविधाओं से युक्त दो एम्बुलेंस तैयार की गई हैं। जिला स्तर पर सभी मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ को ब्व्टप्क्-19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इसी प्रकार पर्यावरण स्वच्छता और शुद्धीकरण के बारे में सरकारी व निजी विभागों के कर्मचारियों को दैनिक आधार पर प्रशिक्षण दिया जा रहे हैं। 

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण की पृष्ठभूमि को देखते हुए आम जनता को सरकार द्वारा स्वास्थ्य संबंधी हिदायतों की अनुपालना करने की सलाह दी जाती है। लोगो को ध्यान रखना चाहिए कि खाँसी व छींकते समय रूमाल या तौलिया का उपयोग अवश्य करें, हाथों को बार-बार साबुन व पानी से धोते रहें। जब तक बहुत जरूरी न हो, घर से बाहर न निकलें। सार्वजनिक स्थलों व सभाओं में जाने से बचें। जिन लोगों ने हाल ही में कोरोना प्रभावित देशों की यात्रा की है, उन्हें राष्ट्रीय, राज्य या जिला हेल्पलाइन नंबरों पर सूचना देनी चाहिए, उन्हें भारत में आगमन की तारीख से 28 दिनों के लिए सभी से अलग रहना है और किसी से भी स्पर्श करने से बचना है, भले ही उसमें कोई लक्षण न हों।

जेसीबी इंडिया ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के साथ साझेदारी

जेसीबी इंडिया ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के साथ साझेदारी

 फरीदाबाद : 3 अप्रैल : अर्थमूविंग एवं कंस्‍ट्रक्‍शन इक्विपमेंट बनाने वाली देश की प्रमुख कंपनी, जेसीबी इंडिया लिमिटेड ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, फरीदाबाद के साथ साझेदारी की है। इस परियोजना को जेसीबी इंडिया के सीएसआर इनिशिएटिव से आंशिक रूप से वित्‍त घोषित  किया जाएगा। कंपनी पीपीई, दवाइयां, टेस्टिंग किट, सिक्युरिटी सूट्स तथा डॉक्टरों और स्वास्थ्य रक्षा में जुटे कर्मचारियों के लिए कंज्‍यूमेबल्‍स बनाने हेतु फंड जुटाने के लिए पूरी तरह से  प्रतिबद्ध है। इससे कोविड-19 प्रकोप के दौरान फरीदाबाद और आसपास के क्षेत्रों में इस बीमारी से प्रभावित मरीजों को पूरी तरह से मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारियों में संयुक्त रूप से तेजी आएगी।  

जेसीबी इंडिया के सीईओ और प्रबंध निदेशक सुबीर कुमार चौधरी ने इस साझेदारी पर टिप्‍पणी करते हुए कहा, “हमने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने, उसके प्रभाव को कम से कम करने के लिए कई स्तरों पर एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के साथ मिलकर रणनीति बनाने की शुरुआत की है ताकि कोविड-19 से पीड़ित मरीजों की मदद की जा सके। कंपनी के मूल्यों को ध्यान में रख कर यह रणनीति अपने संचालन क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों की मदद करने के लिए तैयार की गई है। हमें पूरा विश्वास है कि इस साझेदारी से फरीदाबाद के लोगों को कोरोनावायरस के इलाज के लिए जरूरी सहयोग मिलेगा, जहां भारत में हमारा मुख्‍यालय स्थित है। हम इस तरह की पहल को अन्य क्षेत्रों में भी करने के बारे में सक्रियता से सोच रहे हैं, जहां हमारी दूसरी फैक्ट्रियां स्थित हैं। एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज फरीदाबाद में सबसे बड़ा प्राइवेट अस्पताल है, जिसकी क्रिटिकल केयर यूनिट सबसे बड़ी है जोकि हरियाणा से लेकर पलवल, होडल और मेवात तक को कवर करती है। इसलिए यह महत्‍वपूर्ण है कि कोरोना वायरस की संभावित थर्ड स्टेज में इस क्षेत्र के मरीजों को बेहतर इलाज के लिए इस अस्पताल में भेजा जाएगा।

एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डॉ. एन. के. पांडे ने बताया, “हमने फिलहाल हमारे इमरजेंसी फ्‍लोर को कोविड-19 ट्राइएज और आइसोलेशन सेंटर में बदल दिया है (इस तरह यह वॉर्ड अस्पताल के बाकी विभागों से अलग है)। यहां कम, ज्‍यादा और बहुत ज्‍यादा गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों के लिए अलग-अलग क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र में कम से कम 14 दिन की शिफ्ट करने वाले सभी स्टाफ कर्मियों को आवासीय सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। इस फ्लोर को आधुनिक मेडिकल उपकरणों और सपोर्ट सिस्टम जैसे वेंटिलेटर्स, सीपीएपी, बीआईपीएपी, डिफिब्रिलेटर्स, ब्रोकेंस्कोपी और एक्सरे जैसी सुविधाओं से पहले से ही लैस किया जा चुका है। केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए प्रभावी और गंभीर कदमों के अलावा हम यहां पर कोरोना वायरस के मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारी कर रहे हैं।” 

जेसीबी इंडिया के विषय में :
जेसीबी इंडिया लिमिटेड भारत में पिछले चार दशकों से अर्थमूविंग एवं कंस्‍ट्रक्‍शन इक्विपमेंट की अग्रणी विनिर्माता है। इसकी फरीदाबाद (बल्‍लभगढ़), पुणे और जयपुर में विनिर्माण सुविधायें हैं। कंपनी हमेशा से अपनी सभी फैक्ट्रियों के आसपास रहने वाले समुदायों के प्रति प्रतिबद्ध रही है। भारत में जेसीबी इंडिया ‘मेक इन इंडिया’ प्रोग्राम का प्रतीक है। वर्तमान में यह आठ श्रेणियों में 60 से ज्यादा अलग-अलग प्रॉडक्ट्स का निर्माण करती हैं। इन उत्‍पादों को 100 से ज्यादा देशों को निर्यात किया जाता है। जेसीबी का यूके से बाहर पुणे में सबसे बड़ा डिजाइन सेंटर है जहां ये भविष्‍य के लिए आकर्षक नई तकनीकों को विकसित करती है। यह उत्‍पादन में महिलाओं को शामिल करने में भी अग्रणी है और इसकी जयपुर फैक्‍ट्री में शॉप कर्मचारियों में लगभग 34 प्रतिशत महिलाएं हैं। अपनी सीएसआर पहलों के माध्‍यम से, जेसीबी इंडिया समुदायों के साथ भी काम कर रहा है ताकि एक बेहतर जिंदगी को बढ़ावा दिया जा सके। वर्ष 2000 में लेडी बैमफोर्ड चैरिटेबल ट्रस्‍ट (एलबीसीटी) सेट-अप ने अपनी बल्‍लभगढ़ फैक्‍ट्री के पास एक स्‍कूल की मदद कर कंपनी की सीएसआर यात्रा को आरंभ किया। लगभग दो दशक बाद कंपनी की सीएसआर पहलों ने तीन इन-हाउस फाउंडेशन और चार सस्‍टेनेबल डेवलपमेंट गोल्‍स का विस्‍तार किया, और उन समुदायों तक पहुंच बनाई जिसमें महिलायें, किशोर लड़कियां, बच्‍चे, गांव के कारीगर और युवा शामिल हैं।

ये पहलें 15 हजार से अधिक स्‍टूडेंट्स तक पहुंच बनाती हैं और उन्‍हें क्‍वालिटी एजुकेशन प्रदान करती हैं। साथ ही बाजार पहुंच एवं उत्‍पादन दक्षताओं के साथ 2,000 से अधिक कारीगरों एवं महिला समूहों को भी कवर करती हैं। इसके द्वारा 50 पंचायतों को भी सहयोग दिया जा रहा है और उन्‍हें गुणवत्‍तापूर्ण परियोजनाओं तक पहुंच मुहैया कराई जा रही है। जेसीबी इंडिया ने दो अग्रणी एवं अभिनव सीएसआर परियोजनायें भी शुरू की हैं, नीला हाउस, जोकि जयपुर में क्राफ्‍ट के लिए सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस हैं और साहित्‍य के लिए वार्षिक पुरस्‍कार – जेसीबी प्राइज़ फॉर लिट्रेचर जोकि भारतीय लेखकों द्वारा फिक्‍शन के प्रतिष्ठित कार्य का जश्‍न मनाता है। 

Tuesday, 31 March 2020

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय वार्षिक उत्सव ‘एलिमेंट्स कलमायका-2020’ का आनलाइन करेगा आयोजित : कुलपति प्रो. दिनेश कुमार

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय वार्षिक उत्सव ‘एलिमेंट्स कलमायका-2020’ का आनलाइन करेगा आयोजित : कुलपति प्रो. दिनेश कुमार

 फरीदाबाद, 31 मार्च - कोरोना वायरस महामारी के चलते सभी कालेज बंद होने के कारण उबाऊपन से जूझ रहे युवाओं को रचनात्मक गतिविधियों के लिए प्रेरित करने के लिए जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने एक इनोवेटिव तरीका खोज निकाला है। विश्वविद्यालय अपना वार्षिक उत्सव ‘एलिमेंट्स कलमायका-2020’ पूर्वनिर्धारित तिथि पर ही आयोजित करेगा, लेकिन इस बार पूरा उत्सव आनलाइन आयोजित किया जायेगा। विश्वविद्यालय के डीन स्टूडेंट विभाग द्वारा आयोजित को लेकर सभी तरह की तैयारियों पूरी कर ली गई है। तीन दिवसीय वार्षिक उत्सव 9 से 11 अप्रैल, 2020 तक आयोजित किया जायेगा और इस बार का थीम है ‘द शो मस्ट गो ऑन’।

विभिन्न क्लबों के विद्यार्थियों के साथ सीधा आनलाइन संवाद करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने आज वार्षिक उत्सव ‘एलिमेंट्स कलमायका-2020’ की विधिवत घोषणा की और कहा कि यह एक अच्छी और इनोवेटिव पहल है, जिससे प्रदेश विशेष रूप से उत्तर भारत के सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को जोड़ने का मौका मिलेगा। उन्होंने घोषणा की कि चूंकि विश्वविद्यालय द्वारा वार्षिक उत्सव के आयोजन पर साजो-सामान को लेकर किसी तरह का खर्च नहीं कर रहा है, इसलिए उत्सव के दौरान आयोजित होने वाले इवेंट्स में आकर्षक पुरस्कार राशि दी जायेगी। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिवर्ष वार्षिक उत्सव के आयोजन पर 20 से 30 लाख रुपये की राशि खर्च की जाती है। 


कुलपति ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से उत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा समय है जब सभी विद्यार्थी अपने घरों में उबाऊपन से जूझ रहे है। ऐसे में पढ़ाई के साथ-साथ रचनात्मक गतिविधियों में हिस्सा लेकर विद्यार्थी अपने समय का सही उपयोग कर करते है और खुद को व्यस्त भी रख सकते है। उन्होंने आशा जताई कि ‘एलिमेंट्स कलमायका-2020’ बेहद सफल होगा। यदि यह प्रयोग सफल होता है तो भविष्य में विश्वविद्यालय वार्षिक उत्सव के प्रारूप को बदलने पर विचार कर सकता है ताकि उत्सव में विद्यार्थियों की भागीदारी बढ़े। उन्होंने कहा कि एक संस्थान के रूप में विश्वविद्यालय ने 50 वर्ष पूरे कर लिये है और यह उत्सव लगभग 30 वर्षों से अधिक समय से निरंतर आयोजित किया जा रहा है। 


कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग ने ‘एलिमेंट्स कलमायका-2020’ के आनलाइन प्रारूप की सराहना की तथा कहा कि वार्षिक उत्सव में सभी संबद्ध कालेजों के विद्यार्थियों की भागीदारी को भी सुनिश्चित किया जायेगा।
डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. सोनिया बंसल ने बताया कि एलिमेंट्स कलमायका-2020 में इस बार 63 इवेंट करवाये जा रहे है। इनमें 40 कल्चरल एवं सोशल अवेयरनेस इवेंट रहेंगे तथा 20 से ज्यादा तकनीकी इवेंट्स होंगे। इस समय विश्वविद्यालय में 16 सक्रिय क्लब है, जो उत्सव में भागीदारी करेंगे तथा विभिन्न इवेंट्स की मेजबानी करेंगे। सभी इवेंट डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. नरेश चौहान की देखरेख में आयोजित किये जायेंगे। 
लॉक डाउन : नाकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए एसएमई सेक्टर को आर्थिक सहायता प्रदान करनी जरूरी : प्रभाकर

लॉक डाउन : नाकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए एसएमई सेक्टर को आर्थिक सहायता प्रदान करनी जरूरी : प्रभाकर

फरीदाबाद : 31 मार्च I  मैन्यूफैक्चरस एसोसिएशन फरीदाबाद के महासचिव रमणीक प्रभाकर ने केंद्र सरकार से देश के लघु व टाइनी इंडस्ट्री के लिए विशेष आर्थिक सुविधाएं मुहैया कराने का आग्रह किया है।   प्रभाकर के अनुसार हालांकि केंद्र सरकार द्वारा ईएमआई व अन्य भुगतान की किस्तों को आगे बढ़ाया गया है परंतु वर्तमान स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि उद्योग जगत के लिए यह काफी नहीं है।प्रभाकर का मानना है कि लॉक डाउन की स्थिति में जो उद्योग बंद है उन्हें दोबारा से पटरी पर आने में कम से कम 3 से 4 माह का समय लगेगा क्योंकि उत्पादन पूरी तरह से ठप्प है और पूरे सिस्टम को नए सिरे से आरंभ करना होगा।  प्रभाकर ने इसके साथ-साथ श्रमिकों के वेतन व अन्य समस्याओं की ओर भी केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करते कहा है कि यदि सरकार वास्तव में अर्थव्यवस्था में तेजी प्रदान करना चाहती है तो एमएसएमई सेक्टर के लिए कार्य करना जरूरी है। आपने इसके साथ-साथ देश में मुद्रा प्रवाह को बढ़ाने व एमएसएमई सेक्टर को ऋण उपलब्ध कराने के लिए भी प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया है।


 प्रभाकर का सुझाव है कि जो औद्योगिक संस्थान पिछले काफी समय से चल रहे हैं और जो डिफाल्टर सूची में नहीं है उन्हें तुरंत प्रभाव से वित्तीय सुविधा मुहैया कराई जाएं और इस पर न्यूनतम ब्याज दर हो ताकि यह वित्तीय सहायता कैपिटल पूंजी के रूप में इस्तेमाल की जा सके और उत्पादकता का चक्र बढ़ सके। प्रभाकर ने विश्वास व्यक्त किया है कि केंद्र सरकार, वित्त मंत्रालय व आरबीआई इस संबंध में ठोस व प्रभावी कार्यनीति का परिचय देगा और इससे अर्थव्यवस्था को निश्चित रूप से प्रोत्साहन मिलेगा। 
फरीदाबाद में  6  सैंपल पॉजिटिव , 71  की नेगेटिव रिपोर्ट : डॉ राम भगत

फरीदाबाद में 6 सैंपल पॉजिटिव , 71 की नेगेटिव रिपोर्ट : डॉ राम भगत

फरीदाबाद, 31 मार्च।  उप सिविल सर्जन एवं जिला नोडल अधिकारी-कोरोना डॉ. रामभगत ने बताया कि जिला में अब तक 889 यात्रियों को सर्विलांस पर लिया जा चुका है, जिनमें से 129 लोगों का निगरानी में रखने का 28 दिन का पीरियड पूरा हो चुका है। शेष 760 लोग अंडर सर्विलांस हैं। कुल सर्विलांस में रखे गए लोगों में से 883 होम आइसोलेशन पर हैं। अब तक 90 लोगों के सैंपल लैब में भेजे गए थे, जिनमें से 71 की नेगेटिव रिपोर्ट मिली है तथा 13 की रिपोर्ट आनी शेष है। अब तक 6 लोगों के सैंपल पॉजिटिव मिले हैं जिनमें से ठीक होने के बाद एक को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया है तथा पांच अस्पताल में दाखिल हैं।

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए जिला में सरकारी व निजी अस्पतालों में 34 आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं, जिनमें 1040 बेड की क्षमता की गई है। उन्होंने बताया कि COVID-19 के संदिग्ध व कंफर्म मामलों के परिवहन के लिए सभी सुविधाओं से युक्त दो एम्बुलेंस तैयार की गई हैं।

 जिला स्तर पर सभी मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ को COVID-19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इसी प्रकार पर्यावरण स्वच्छता और शुद्धीकरण के बारे में सरकारी व निजी विभागों के कर्मचारियों को दैनिक आधार पर प्रशिक्षण दिया जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण की पृष्ठभूमि को देखते हुए आम जनता को सरकार द्वारा स्वास्थ्य संबंधी हिदायतों की अनुपालना करने की सलाह दी जाती है। लोगो को ध्यान रखना चाहिए कि खाँसी व छींकते समय रूमाल या तौलिया का उपयोग अवश्य करें, हाथों को बार-बार साबुन व पानी से धोते रहें। जब तक बहुत जरूरी न हो, घर से बाहर न निकलें। सार्वजनिक स्थलों व सभाओं में जाने से बचें। जिन लोगों ने हाल ही में कोरोना प्रभावित देशों की यात्रा की है, उन्हें राष्ट्रीय, राज्य या जिला हेल्पलाइन नंबरों पर सूचना देनी चाहिए, उन्हें भारत में आगमन की तारीख से 28 दिनों के लिए सभी से अलग रहना है और किसी से भी स्पर्श करने से बचना है, भले ही उसमें कोई लक्षण न हों।
सातवें नवरात्रेपर वैष्णोदेवी मंदिर में की गई मां कालरात्रि की पूजा

सातवें नवरात्रेपर वैष्णोदेवी मंदिर में की गई मां कालरात्रि की पूजा

फरीदाबाद : 31 मार्च I सातवें नवरात्रे पर वैष्णोदेवी मंदिर में की गई मां कालरात्रि की पूजामाता कालरात्रि की पूजा करने से मनुष्य समस्त सिद्धियों को प्राप्त कर लेता है- जगदीश भाटियाफरीदाबाद। मां वैष्णोदेवी मंदिर में सातवें  नवरात्रे पर आज मां कालरात्रि की पूजा अर्चना की गई। प्रातकालीन पूजा अर्चना में मंदिर के पुजारी एवं संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया व अन्य पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस शुभ अवसर पर सभी ने मां कालरात्रि की पूजा की तथा उन्हें प्रसाद का भोग लगाया।इस अवसर पर मंदिर के प्रधान जगदीश भाटिया ने मां कालरात्रि की महिमा का बखान करते हुए कहा कि नवरात्र के सातवें दिन मां दुर्गा के कालरात्रि रूप की पूजा की जाती है. शास्‍त्रों के अनुसार बुरी शक्तियों से पृथ्‍वी को बचाने और पाप को फैलने से रोकने के लिए मां ने अपने तेज से इस रूप को उत्‍पन्‍न किया था. दुर्गा जी का सातवां स्वरूप मां कालरात्रि है. इनका रंग काला होने के कारण ही इन्हें कालरात्रि कहा गया और असुरों के राजा रक्तबीज का वध करने के लिए देवी दुर्गा ने अपने तेज से इन्हें उत्पन्न किया था. इनकी पूजा शुभ फलदायी होने के कारण इन्हें 'शुभंकारी' भी कहते हैं.

उन्होंने कहा कि मान्यता है कि माता कालरात्रि की पूजा करने से मनुष्य समस्त सिद्धियों को प्राप्त कर लेता है. माता कालरात्रि पराशक्तियों (काला जादू) की साधना करने वाले जातकों के बीच बेहद प्रसिद्ध हैं. मां की भक्ति से दुष्टों का नाश होता है और ग्रह बाधाएं दूर हो जाती हैं. देवी कालरात्रि का शरीर रात के अंधकार की तरह काला है इनके बाल बिखरे हुए हैं और इनके गले में विधुत की माला है. इनके चार हाथ हैं जिसमें इन्होंने एक हाथ में कटार और एक हाथ में लोहे का कांटा धारण किया हुआ है. इसके अलावा इनके दो हाथ वरमुद्रा और अभय मुद्रा में है. इनके तीन नेत्र है तथा इनके श्वास से अग्नि निकलती है. कालरात्रि का वाहन गर्दभ(गधा) है.मां कालरात्रि की उत्पत्ति की कथा  

कथा के अनुसार दैत्य शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज ने तीनों लोकों में हाहाकार मचा रखा था. इससे चिंतित होकर सभी देवतागण शिव जी के पास गए. शिव जी ने देवी पार्वती से राक्षसों का वध कर अपने भक्तों की रक्षा करने को कहा. शिव जी की बात मानकर पार्वती जी ने दुर्गा का रूप धारण किया और शुंभ निशुंभ का वध कर दिया. परंतु जैसे ही दुर्गा जी ने रक्तबीज को मारा उसके शरीर से निकले रक्त से लाखों रक्तबीज उत्पन्न हो गए. इसे देख दुर्गा जी ने अपने तेज से कालरात्रि को उत्पन्न किया. इसके बाद जब दुर्गा जी ने रक्तबीज को मारा तो उसके शरीर से निकलने वाले रक्त को कालरात्रि ने अपने मुख में भर लिया और सबका गला काटते हुए रक्तबीज का वध कर दिया.मां को गुड़ का भोग प्रिय है  
   वैष्णोदेवी मंदिर ने कोरोना पीडि़तों की मदद के लिए मुख्यमंत्री को भेजी ढाई लाख रुपए की राशि :  जगदीश भाटिया

वैष्णोदेवी मंदिर ने कोरोना पीडि़तों की मदद के लिए मुख्यमंत्री को भेजी ढाई लाख रुपए की राशि : जगदीश भाटिया

  फरीदाबाद 31 मार्च । कोरोना पीडि़तों को लेकर जहां एक ओर राज्य सरकार प्रभावित लोगों की मदद कर रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार के खजाने में मदद पहुंचाने वालों की भी कमी नहीं है। इसी कड़ी में श्री महारानी वैष्णोदेवी मंदिर फरीदाबाद ने मुख्यमंत्री कोरोना रिलिफ फंड में ढाई लाख रुपए की राशि भेंट की है। मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने अपनी कार्यकारिणी के सहयोग से यह राशि हरियाणा सरकार को (आरटीजीएस )चैक के माध्यम से भेजी है। यह राशि सीधे मुख्यमंत्री रिलिफ फंड में ट्रांसर्फर की गई है।  श्री भाटिया  ने कहा कि ऐसी विकट स्थिति में देश के प्रत्येक नागरिक का दायित्व है कि वह यथासंभव सरकार व पीडि़तों की सहायता के लिए आगे आए। उन्होंने कहा कि वैष्णोदेवी मंदिर संस्थान प्रत्येक समय सरकार व आम आदमी की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है। उन्होंने कहा कि इस समय पूरा विश्व भयंकर संकट व महामारी से जूझ रहा है। हजारों लोग अकाल मौत का शिकार हो गए हैं। 

केंद्र की मोदी सरकार व हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भरपूर प्रयास करके इस महामारी से अभी तक अपने लोगों को बचाया हुआ है। इसके तहत ही देश भर में लॉक डाऊन घोषित किया गया है। हालांकि लॉक डाऊन से जहां कोरोना बीमारी से बचाव में मदद मिल रही है, वहीं आम आदमी के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। खासतौर पर मजदूर वर्ग के लिए यह स्थिति बेहद ही संकट पूर्ण है। ऐसे में मोदी व मनोहर लाल सरकार ने लोगों तक मदद पहुंचाने के लिए अपने खजाने खोल दिए हैं। मगर ऐसे हालातों में देश व प्रदेश की सभी संस्था, औद्योगिक घराने व प्रमुख लोगों को भी मदद के लिए आगे आना होगा। तभी इस महामारी को हराया जा सकता है। गरीब व मजदूर लोगों की मदद के लिए आर्थिक सहायता पहुंचाना अति आवश्यक है। श्री भाटिया ने लोगों से अपील की है कि वह ऐसी स्थिति में सरकार के साथ साथ अपने आसपास के लोगों की भी भरपूर मदद करें, ताकि इस महामारी पर जीत पाई जा सके।  

Monday, 30 March 2020

पशुओ को अब नही रहना पड़ेगा भूखा : करण बंगा

पशुओ को अब नही रहना पड़ेगा भूखा : करण बंगा

फरीदाबाद, 30  मार्च। कोरोना वायरस महामारी की वजह से जो गरीब लोग अपने-अपने घरों की तरफ पैदल चले जा रहे हैं, उनकी मदद करना इंसानियत के नाते नेक कार्य है। इन गरीब लोगों में से कोई झांसी, गोंडा, कानपुर, फिरोजाबाद, फैजाबाद व भरतपुर आदि अलग-अलग स्थानों के लिए गरीब मजदूर अपने घरों की ओर जा रहे हैं। उन्हें पिछले दो दिनों से अपने समाजसेवी करण बंगा और उनके साथी के साथ मिलकर मथुरा रोड पर जाकर उनको खाने-पीने का सामान जैसे खाना, बिस्किट, ब्रेड और पानी वितरित किया तथा प्रभु से प्रार्थना की उन्हें उनके गंतव्य स्थानों तक सुरक्षित पहुंचाए। और गौ माता को ब्रेड और केले भी खिलाए व् मानवता के इस कार्य में अतुल , गौरव रामपाल ,दीपक सिंह , विक्रमजीत , जोगिन्दर  आदि विशेष भूमिका निभा रहे हैं।

करण बंगा ने बताया कि आरडब्ल्यूए पार्ट-2 डी द्वारा सोसाइटी के बच्चों द्वारा कोरोना वायरस और इसके तहत बच्चों को घर बैठे ही पेंटिंग बनाकर पेंटिंग द्वारा संदेश देना और अपने घरों के दरवाजे पर टांगने का लक्ष्य बनाया गया है, जिससे लॉक डाउन का उल्लंघन करने वालों को बच्चों द्वारा संदेश पहुंचाया जा सके और हम अपने समाज को बचाने के लिए सहयोग कर सकें। मोबाइल फोन पर एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से सबको जोड़ के उसमें बच्चों द्वारा बनाई गई तस्वीरों की फोटो मंगाते हैं और उनको प्रोत्साहित करते हैं जिससे बच्चे भी जागरूक हो और समाज में भी जागरूकता लाने का उनमें जज्बा आए और हम घर बैठे भी अपने परिवार, समाज, प्रदेश व देश के लिए जागरूकता लाने का प्रयास कर सकते हैं।