फरीदाबाद 30 मार्च । मां वैष्णोदेवी मंदिर में छठे नवरात्रे पर आज मां कात्यायनी की पूजा अर्चना की गई। प्रातकालीन पूजा अर्चना में मंदिर के पुजारी एवं संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया व अन्य पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस शुभ अवसर पर सभी ने मां कात्यायनी की पूजा करते हुए कोरोना महामारी से छुटकारा दिलवाने की प्रार्थना की। इस अवसर पर मंदिर के प्रधान जगदीश भाटिया ने मां कात्यायनी की मउहिमा का बखान करते हुए कहा कि कात्य गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन ने भगवती पराम्बा की उपासना की। कठिन तपस्या की। उनकी इच्छा थी कि उन्हें पुत्री प्राप्त हो।
मां भगवती ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया। इसलिए यह देवी कात्यायनी नाम पड़ा। माँ कात्यायनी की कृपा से ही सारे कार्य पूरे जो जाते हैं। यह वैद्यनाथ नामक स्थान पर प्रकट होकर पूजी गईं। भक्त और उपासक सारे के सारे कष्ट से मुक्ति मिलती है। जहाँ भी जाते हैं लोग उन्हें देखकर शांति और सुख का अनुभव करते हैं। माँ का स्वरुप मनोहक है माँ को सबसे प्यारा रंग नारंगी रंग पसंद है। मां के बाँयी तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार है व नीचे वाले हाथ में कमल का फूल सुशोभित है
उन्होंने कहा कि माँ कात्यायनी को पूजा के समय पांच तरह के मिष्ठान चढ़ाया जाता है जो भक्त माता को पांच तरह की मिठाईयों का भोग लगाकर कुंवारी कन्याओं में प्रसाद रूप में बांटते हैं। माँ कात्यायनी उनकी आय में आने वाली बाधा को दूर करती हैं और व्यक्ति अपनी मेहनत और योग्यता के अनुसार धन अर्जित करने में सफल होता है। माँ की सच्चे मन से पूजा करने वाला भक्त कभी निराश नही होता है और माँ भी अपने बच्चों पर सदैव ध्यान रखती हैं।
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