Tuesday 31 July 2018

पटका व स्मृति चिह्न देकर खिलाडिय़ों को किया उपायुक्त सोनल गोयल ने प्रोत्साहित


झज्जर, 31 जुलाई ।  झज्जर प्रशासन की ओर से सोच-पे दस्तक अभियान के साथ ही सामाजिक बदलाव की दिशा में उठाए जा रहे कदमों तथा खिलाडिय़ों को दिए जा रहे प्रोत्साहन की दस्तक अब विदेशों में भी गूंजायमान हो रही है। झज्जर में चल रही गतिविधियों से प्रभावित हो इंडोनेशिया दूतावास ने झज्जर जिला उपायुक्त सोनल गोयल की कार्यशैली की मुक्त कंठ से प्रशंसा की है। इतना ही नहीं भारत दौरे पर आई इंडोनेशिया की नेशनल कबड्डी टीम(महिला व पुरूष वर्ग) ने अपने देश रवाना होने से पूर्व झज्जर पहुंचकर इंडोनेशिया देश की ओर से उपायुक्त गोयल व प्रशासन का आभार भी जताया। 

 गौरतलब है कि इंडोनेशिया की नेशनल कबड्डी टीम इन दिनों हरियाणा के भिवानी जिले में टीम मैनेजर बैंग रेडी व चीफ कोच छाजूराम के नेतृत्व में कबड्डी का अभ्यास करने आई थी। गत 26 जुलाई को झज्जर राजकीय नेहरू कालेज परिसर में झज्जर की टीम के साथ इंडोनेशिया की कबड्डी टीम ने मैत्रीपूर्ण मैच भी खेला था जिसमें प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री ओमप्रकाश धनखड़ ने मैच का शुभारंभ करते हुए इंडोनेशिया व झज्जर की टीम के खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित किया था। झज्जर में खिलाडिय़ों को मिले मान-सम्मान से अभिभूत हो इंडोनेशिया की टीम ने अपने दूतावास में जानकारी दी तो वहां से विशेष तौर पर इंडोनेशिया टीम को झज्जर उपायुक्त का धन्यवाद करने के लिए भेजा गया। झज्जर कैंप कार्यालय में टीम के विदाई कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें इंडोनेशिया की टीम के खिलाडिय़ों व कोच को पटका व स्मृति चिह्न भेंटकर उनके देश के लिए रवाना किया गया। 

अतिथि देवो भव: के अनुरूप निभाई मेजबानी : 
 उपायुक्त सोनल गोयल ने कहा कि जिस प्रकार प्रशासनिक स्तर पर हम आधारीाूत ढांचागत विकास कराने के साथ ही सामाजिक बदलाव में आमजन की भागीदारी के साथ आगे बढ़ रहे हैं उसी प्रकार अतिथि देवो भव: के अनुरूप हम मेजबानी निभाना भी बखूबी जानते हैं। इंडोनेशिया की कबड्डी टीम जब आभार जताने उपायुक्त कैंप कार्यालय पहुंची तो उनका स्वागत ढोल बाजों के साथ किया गया। खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करते हुए उपायुक्त सोनल गोयल ने कहा कि मैत्रीपूर्ण मैच के माध्यम से झज्जर में खेले गए कबड्डी मैच ने हमारे खिलाडिय़ों को भी भाईचारे के साथ टीम भावना का संदेश दिया है। उन्होंने खिलाडिय़ों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह गर्व की बात है कि उनकी टीम के चीफ कोच हरियाणा प्रदेश से ही हैं और वे आगामी खेल स्पर्धाओं में उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हैं। 

 उपायुक्त ने कहा कि आज भारत देश प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकासात्मक गतिविधियों में निरंतर आगे बढ़ रहा है और अन्य देशों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण व्यवहार के चलते दुनिया में सुखद माहौल कायम करने में हमारे देश की अहम भूमिका है। इसी सोच को सार्थक करते हुए हरियाणा प्रदेश मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के दिशा-निर्देशानुसार विकासात्मक परिवर्तन प्रदेश में भी नजर आ रहा है। बात खेल के क्षेत्र की हो तो मनु भाकर ने जिस प्रकार एक के बाद एक अचूक निशानेबाजी से गोल्ड मैडल हासिल किए हैं, सौंदर्य स्पर्धा की बात हो तो झज्जर जिले के गांव बामनौली की बेटी मानुषी छिल्लर ने मिस वल्र्ड का खिताब जीतकर यह सिद्ध कर दिया है कि हम विशेषकर हमारे प्रदेश व देश की बेटियां किसी भी क्षेत्र में दुनिया में पीछे नहीं हैं। विदेशी मेहमानों का सम्मान करने के साथ ही उपायुक्त सोनल गोयल ने उनके साथ विचार सांझे किए और उन्हें सुखद अनुभव के साथ अच्छी यादें अपने देश ले जाने की बात कही। इंडोनेशिया टीम की महिला खिलाडिय़ों ने जहां उपायुक्त के संग सेल्फी लेकर उमंग का परिचय दिया वहीं पुरूष खिलाडिय़ों द्वारा अपने देश के नृत्य के साथ विदाई समारोह को यादगार बना दिया। 

टीम मैनेजर बैंग रेडी व चीफ कोच छाजू राम ने जताया आभार : 
 झज्जर प्रशासन विशेष तौर पर उपायुक्त सोनल गोयल का आभार जताने पहुंचे इंडोनेशिया के कबड्डी टीम मैनेजर बैंग रेडी व चीफ कोच छाजूराम ने कहा कि जब वे भारत दौरे पर आए तो उनका लक्ष्य कबड्डी टीम को बेहतर प्रशिक्षण देते हुए एशियाड खेलों के लिए तैयार करना था। किंतु जब वे झज्जर में मैत्रीपूर्ण मैच खेलने के लिए आए तो न केवल टीम भावना के साथ खिलाडिय़ों को मैच खेलने की सीख मिली बल्कि सामाजिक बदलाव की दिशा में झज्जर प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों ने उन्हें सकारात्मक सोच के साथ आगे बढऩे के लिए भी प्रेरित किया। झज्जर प्रशासन की कार्यशैली की जानकारी जब उन्होंने इंडोनेशिया दूतावास में दी तो इंडोनेशिया की ओर से उपायुक्त सोनल गोयल के सराहनीय प्रयासों का आभार जताने के लिए उन्हें टीम सहित झज्जर भेजा गया। उन्होंने बताया कि अब भारत से उनके खिलाड़ी न केवल अच्छा प्रशिक्षण लेकर वापस लौट रहे हैं बल्कि समाज के प्रति किस प्रकार वे अपने दायित्व निभाएं और कैसे परोपकार की भावना से कार्य किया जाए कुछ ऐसे ही सार्थक संदेश के साथ वे अपने वतन लौट रहे हैं।
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