Friday 28 July 2017

केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल को करना पड़ा निशानेबाज़ों के गुस्से का सामना,खिलाडियों पर जीएसटी का सबसे ज़्यादा बोझ


नई दिल्ली : 28जुलाई (National24news) शूटिंग के लिए बन्दूकें और अन्य सामान आयत करने पर देना पड़ रहा है बारह से अठाइस परसेंट तक का टैक्स, जबकि पहले ये सामान ड्यूटी और टैक्स फ्री था  गुरुवार को दिल्ली की डॉ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज पर एक 10 मीटर मिनी शूटिंग रेंज का उद्घाटन करने पहुंचे केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल को खेल सैमसन के आयात पर जीएसटी से नाराज़ निशानेबाज़ों के सवालों से जूझना पड़ा, इस मौके पर केन्दीय मंत्री और ओलिम्पिक पदक विजेता राजयवर्धन सिंह राठौर और देश के कई जाने-माने निशानेबाज़ भी उपस्थित थे। अमेठी की रहने वाली इंटरनैशनल शूटर रूचि के पिता जितेंद्र सिंह ने खेल मंत्री विजय गोयल से उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान पूछा कि ''शूटिंग के लिए विदेशों से बंदूक, कारतूस और अन्य सामान इंपोर्ट करने पर निशानेबाज़ों को अठारह से अठाइस परसेंट तक जीएसटी देना पड़ रहा है, ऐसे में आप खेल मंत्री होने के नाते खिलाड़ियों के हित में क्या कर रहे हैं।" जितेंद्र सिंह ने ये सवाल कार्यक्रम के दौरान कई बार पूछा तो इस पर विजय गोयल ने कार्यक्रम के बाद जवाब देने को कहा, लेकिन कार्यक्रम खत्म होते ही वो बिना कोई जवाब दिए ही निकल गए।

बाद में जितेंद्र सिंह ने बातचीत में कहा कि निशानेबाज़ी पहले ही महंगा खेल है। हमारे देश में अच्छी किस्म के हथियार और कारतूस नहीं बनते तो हमें शूटिंग के लिए विदेशों से सामान इम्पोर्ट करना पड़ता है। अब से पहले यह सब सामान ड्यूटी फ्री हुआ करता था, अब पिस्टल और रिवॉल्वर के आयात पर अठाइस परसेंट, राइफल, शॉटगन, एयर गन और कारतूस मंगवाने पर अठारह परसेंट और शूटिंग के साथ ही अन्य खेलों के बाकी इक्विपमेंट इम्पोर्ट करने पर बारह परसेंट जीएसटी देना पड़ रहा है। ज़्यादातर निशानेबाज़ अपने खर्च पर शूटिंग करते हैं, ऐसे में उन पर और ज़्यादा बोझ बढ़ेगा। 

इस पर जाने माने निशानेबाज़ जसपाल राणा का कहना है कि "सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए कि हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कैसे करें। निशानेबाज़ी का सामान पहले ही काफी महंगा है और अब जीएसटी लगने से और ज़्यादा महंगा हो गया है। केंद्रीय मंत्री विजय गोयल कि ज़िम्मेदारी बनती है कि वो देश के खिलाडियों के हित में वित्त मंत्रालय और जीएसटी काउंसिल से सिफारिश करके खिलाडियों के इम्पोर्टेड सामान से जीएसटी हटवाएं ताकि निशानेबाज़ बेहतर प्रैक्टिस करें और देश का नाम रोशन करें।"

जसपाल राणा ने कहा कि "सरकार खिलाडियों को कुछ देने के बजाय और ज़्यादा टैक्स वसूल रही है। खेल मंत्री निशानेबाज़ों के सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं जबकि कई लोगों का माल एयरपोर्ट पर ही फंसा हुआ है" जसपाल ने कहा कि "यहां पांच लेन की शूटिंग रेंज का उद्घाटन करने के लिए मंत्री जी आ गए, जबकि डॉ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज पर ही अस्सी लेन की शूटिंग रेंज की हालत खस्ता है।"

निशानेबाज़ खेल सामान के आयात पर जीएसटी लगने से सबसे ज़्यादा परेशान हैं, क्यूंकि बोझ भी इन्ही पर ज़्यादा पड़ा है। कई निशानेबाज़ों ने अपने सामान का इम्पोर्ट रुकवा दिया है। कुछ निशानेबाज़ों ने कस्टम विभाग को अठारह से अठाइस परसेंट जीएसटी देकर सामान छुड़ाया है। निशानेबाज़ों को उम्मीद है कि सरकार खिलाडियों की आवाज़ सुनेगी और इम्पोर्ट से जीएसटी हटा देगी। ज़्यादातर निशानेबाज़ इसी उम्मीद में हैं, और फ़िलहाल सामान नहीं मंगवा रहे हैं। लेकिन इससे उन निशानेबाज़ों की प्रैक्टिस का नुक्सान हो रहा है, और इस तरह परफॉर्मेंस भी ख़राब होगी। 


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