Wednesday, 14 June 2017

उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर रही है भाजपा सरकार : ललित नागर


फरीदाबाद :14 जून(National24news)  हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नहरपार फरीदाबाद के मास्टर रोड के लिए अधिग्रहण की गई 19 गांवों की जमीन का बकाया मुआवजा न मिलने से किसान दर-दर की ठोंकरे खाने को मजबूर हो रहे है। दर्जनों बार प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायतें देने के बाद भी किसानों की समस्याओं को सरकार व प्रशासन द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इसी को लेकर आज किसान संघर्ष समिति, नहरपार के किसानों ने तिगांव विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसी विधायक ललित नागर के नेतृत्व में सेक्टर-12 स्थित जिला मुख्यालय पर एकत्रित होकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। 

इसके उपरांत किसानों ने विधायक ललित नागर के साथ जिला उपायुक्त की अनुपस्थिति में एडीसी जितेंद्र दहिया को ज्ञापन सौंपा। श्री नागर व किसानों ने एडीसी महोदय को बताया कि उन्होंने मुआवजे को लेकर कई बार धरने-प्रदर्शन के बाद हुडा प्रशासक से बातचीत भी हुई लेकिन झूठे आश्वासनों के सिवाय अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ इसलिए आज उन्हें जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ा है। एडीसी जितेंद्र दहिया ने विधायक ललित नागर व अन्य किसानों को विश्वास दिलाया कि वह एक सप्ताह के दौरान उन्हें वार्ता के लिए बुलाएंगे और उनकी सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।  ज्ञापन देने से पूर्व किसानों को संबोधित करते हुए विधायक ललित नागर ने कहा कि केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार की लचर कार्यशैली के चलते देश व प्रदेश का अन्नादाता आज बदहाली के दौर से गुजर रहा है। 

सरकार ने किसानों की जमीन तो अधिग्रहित कर ली परंतु मुआवजा नहीं दिया, जबकि हाईकोर्ट ने किसानों के हक में आदेश देते हुए सरकार को मुआवजा देने के निर्देश जारी किए हुए है, इसके बावजूद सरकार व प्रशासनिक अधिकारी अदालत के आदेशों की अवहेलना कर रहे है। उन्होंने कहा कि किसान पिछले एक साल के दौरान कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंप चुके है परंतु अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। उन्होंने कहा कि किसान किसी धर्म या जाति का नहीं होता बल्कि यह वह किसान है जो जेठ के महीने में 48 डिग्री तापमान में काम करता है और माह के जाडे में अंधेरी रात में खेतों में सिंचाई करता है और बारिश के मौसम में भी बिना किसी सुरक्षा के अपनी फसलों की रक्षा करता है ताकि देश की जनता का पेट भरने का काम किया जा सके। अगर किसान रूष्ट होकर सडक़ों पर उतर गया तो न तो सरकार बचेगी और न ही प्रशासन बचेगा। विधायक ललित नागर ने मंदसौर मध्यप्रदेश में पुलिस की गोलियों के शिकार होकर मारे गए आधा दर्जन किसानों की असमय मृत्यु पर गहरा दुख जताते हुए इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अगर सरकार का यही रवैया रहा तो मध्यप्रदेश, महाराष्ट, व राजस्थान के बाद हरियाणा में भी किसान सडक़ों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा सरकार ने हरियाणा और देश के अंदर प्राईवेट बीमा कंपनियों को ठेका सौंपा दिया है, जो जमींदारों की जेब काटने का काम कर रही है। जमींदारों के एकाउंट से जबरदस्ती पैसे काट रहे है बीमा के रुप में, जो मुआवजा मिलना चाहिए उन्हें नहीं मिलता है। उन्होंने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एक सप्ताह के अंदर किसानों को बकाया मुआवजा नहीं मिला तो वह किसानों के साथ मिलकर जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन करने से भी गुरेज नहीं करेंगे। 

इस मौके पर किसान संघर्ष समिति के प्रधान अमरचंद चंदीला, सतपाल नरवत, प्रकाश नरवत, महेश पंडित, धीरू खटाना, आनंद कौशिक, जितेंद्र त्यागी, लीलू चंदीला, जगबीर सरपंच, संतराज चंदीला, बिजेंद्र चंदीला, राजबीर नागर, चंदर सिंह नरवत, मनफूल सिंह, धीरी चंदीला, बलजीत नरवत, जगत सिंह चंदीला, रत्नसिंह चंदीला, सुखबीर चौहान सहित अनेकों किसान मौजूद थे। 

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