फरीदाबाद 29 जून(National24news) फरीदाबाद नगर निगम में व्याप्त महाभ्रष्टाचार को रोकने और घोटालों की जांच के लिए उच्च स्तरीय विशेष जांच दल गठित करने की मांग को लेकर भ्रष्टाचार विरोधी मंच का निगम मुख्यालय पर चल रहा सत्याग्रह आज 44वें दिन भी जारी रहा, जबकि अनशनकारी बाबा रामकेवल का आमरण अनशन आज पांचवें दिन में प्रवेश कर गया है। स्थानीय बादशाह खान हस्पताल के चिकित्सक डा. घनश्याम के नेतृत्व में अनशनकारी बाबा जी का चिकित्सीय परीक्षण करने पर ब्लड प्रैशर और प्लस रेट कम पाई गई। उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता डा. ब्रहमदत्त पदमश्री और निगम अधिकारी रतन लाल रोहिल्ला के साथ लगातार 40 दिन तक सत्याग्रह करने के बाद हरियाणा सरकार व निगम प्रशासन के निगम के भ्रष्टाचार के प्रति संवेदनहीन रवैये और निगम के अतिरिक्त आयुक्त डा. पार्थ गुप्ता के द्वारा सत्याग्रहियों के प्रति की गई अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में अनशनकारी बाबा जी ने 25 जून से आमरण अनशन शुरू कर दिया है, जो कि अभी जारी है। अनशन के दौरान वे केवल नींबू पानी आदि तरल पदार्थ ग्रहण कर रहे हैं। बाबा जी ने आज धमकी दी है कि यदि सरकार ने हठधर्मिता का त्याग नहीं किया तो वे अपनी जीभ में छेद करके सूई डाल लेंगे।
इधर निगम अधिकारी रतन लाल रोहिल्ला ने आज यहां बताया कि हरियाणा सरकार के आचरण नियमावली में राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना करने, देशद्रोह या राजद्रोह करने, राजनैतिक गतिविधियों में भाग लेने, दो देशों के बीच या किसी राज्य के साथ या केन्द्र व राज्य के बीच सम्बन्ध खराब होने वाली गतिविधियों में भाग लेने की मनाही है। इन नियमों में कहीं भी नहीं लिखा हुआ है कि कोई कर्मचारी अपने विभाग को लूट कर के खाने वालों के विरोध में आवाज नहीं उठा सकता है बल्कि बिहस्ल ब्लोअरस प्रोटेक्शन एक्ट 2011 की धारा 4 किसी भी सरकारी कर्मचारी को व्यापक जनहित में भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने की अनुमति देती है। हरियाणा सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस पालिसी भी उसे ऐसा करने की अनुमति देती है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य व नगर निगम प्रशासन का खुफिया तंत्र बहुत बुरी तरह से उसके पीछे लगा हुआ है, उसकी व उसके बच्चों तक की जांच में जुटा हुआ है। रोहिल्ला ने खुफिया तंत्र के द्वारा की जा रही इस जांच का स्वागत किया और कहा कि खुफिया तंत्र यह भी पता करें कि वे नगर निगम के भ्रष्टाचार के मामलों का कितने सालों से भंडाफोड़ कर रहे हैं, उसने अपनी जन्म भूमि में कितने साल रिक्शा चलाई हैं और रिक्शा चालक के रूप में स्टीट लाईट में कितने साले पढ़ाई की है, कितने साल दही भल्ले बेचे हैं, अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाया है या हाई-फाई स्कूलों में पढ़ाया है, हिसार में अपने एक 62 गज के मकान के इलावा कितनी सम्पति है उनके नाम, कितने लोगों को रिश्वत दी है और कितने लोगों से रिश्वत ली है, अपनी डयूटी पूर्ण निष्ठा, समर्पण व ईमानदारी से की है या नहीं - इस बात का भी खुफिया तंत्र को अवश्य ही पता करना चाहिये। सरकार उसकी हर प्रकार की जांच कर ले, लेकिन ऐसी ही जांच भ्रष्टाचारियों की भी होनी चाहिये।
उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचारी व भ्रष्टाचारियों के दलाल भ्रष्टाचारी विरोधी मंच के मुख्य कार्यकर्ताओं को बदनाम करके चल रहे आंदोलन को तारपीडो करना चाहते हैं। रतन लाल रोहिल्ला ने शहरवासियों को आह्वान किया है कि वे दिगभ्रमित न हो और भ्रष्टाचार विरोधी मंच को पूर्ण सहायोग देते हुए निगम मुख्यालय पर चल रहे अनशन को जब भी समय मिले अपना समर्थन देने पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि वर्तमान निग्मायुक्त को उन्होंने अनेकों बार यहां के भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों को मौखिक तौर से लिखित रूप में अवगत करवाया था और इन लोगों से सावधान रहने के लिए आगाह किया था, लेकिन उसकी बातों को अनसुना कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार उसे टर्मिनेट कर दे, सस्पेंड कर दें या जेल में डाल दें - वे देशहित में निगम के भ्रष्टाचार को उजागर करते रहेंगे।
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