Tuesday, 5 September 2017

सजदा प्रोग्राम के द्वारा मानव रचना ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को दी श्रृद्धांजलि


फरीदाबाद : 5 सितंबर (National24news) शिक्षक दिवस के अवसर पर मानव रचना कैंपस कविताओं व मधुर संगीत से गूंज उठा। मंगलवार को मानव रचना कैंपस में शिक्षकों को श्रृद्धांजलि देने के लिए सजदा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हरियाणा के लेबर विभाग के एडिशनल चीफ सैक्रेटरी (आईएएस) श्री विजय वर्धन व जाने माने गायक पदमजीत सहरावत ने कविताओं व गीतों के माध्यम से समा बांधा।

कार्यक्रम में बतौर अतिथि फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर श्री हनीफ कुरैशी, आईजी पुलिस आईपीएस श्री भारती अरोड़ा, गुरुग्राम के डिप्टी लेबर कमिश्नर श्री सुधा चौधरी, वन संरक्षक आईएफएस श्री विनोद कुमार, डॉ. अंशु कुमार, मानव रचना शिक्षण संस्थान (एमआरईआई) के प्रेसिडेंट डॉ. प्रशांत भल्ला, वाइस प्रेसिडेंट डॉ. अमित भल्ला, मानव रचना इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी (एमआरआईयू) के वाइस चांसलर डॉ. एन.सी.वाधवा, मानव रचना यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर व एमआरईआई के एमडी डॉ. संजय श्रीवास्तव व टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ मौजूद रहे।

इस मौके पर डॉ. एन.सी.वाधवा ने कहा कि सजदा कार्यक्रम शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को श्रृद्धांजलि देने के लिए आयोजित किया गया। टीचिंग कम्युनिटी देश के विकास में अहम भूमिका निभाती है। हम सभी को इस खास दिन पर शिक्षकों का शत शत नमन करना चाहिए।

एक बेहतर एडमिनिस्ट्रेटिव लीडर व सराहनीय कवि के नाम से जाने जाने वाले श्री विजय वर्धन ने इस मौके पर मानव रचना के फाउंडर चेयरमैन डॉ. ओपी भल्ला को याद किया वह उनके द्वारा किए गए नेक व सराहनीय कार्यों को याद किया। उन्होंने इस मौके पर अपनी सभी गुरुओं को नमन किया। उन्होंने कहा कि हर बच्चे चैंपियन है और वह चैंपियन चाहता है, बच्चे की संरचना व उसके विकास में शिक्षक अहम भूमिका निभाते हैं। हमारे विकास में भी कहीं न कहीं शिक्षक का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सजदा उन्हीं शिक्षकों को श्रृद्धांजलि देता है और ऐसे गुरुओं का शत शत नमन करता है।

इस मौके पर जाने माने गायक श्री पदमजीत सहरावत ने अपने मधुर गीतों से समा बांध दिया। जहां एक ओर उन्होंने शिक्षकों को श्रृद्धांजलि दी वहीं गर्ल चाइल्ड पर बनाए गए लाडली गीत प्रस्तुत किया।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि सजदा में शिक्षकों को श्रृद्धांजलि देने के साथ साथ महिलाओं के सम्मान को बनाए रखने के लिए गीतों के माध्मय से उन्हें श्रृद्धांजलि दी गई है। 

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