फरीदाबाद 23मई(National24news.com) फरीदाबाद का सिविल अस्पताल इन दिनों अपनी बदहाली पर आंसू बहाते हुए चिल्ला - चिल्लाकर कह रहा है कि डॉ विरेन्द्र यादव तुम वापिस आ जाओ और मुझे बचा लो, अस्पताल में आलम ये हैं कि पीएमओ पद पर कार्य कर चुके डा. विरेन्द्र यादव के चले जाने के बाद पूरे अस्पताल में गंदगी फैल गई। शहर के सबसे बडे अस्पताल में ओपीडी से लेकर महिला प्रसूति वार्डो तक गंदगी ने अपना घर बना लिया है शौचालयों का हाल तो पूछिये मत साहिब जच्चा-बच्चा को शौचालय छोड नीचे जंगल में जाना पड रहा है। अस्पताल में आये महिला और पुरूषों का बस ये ही कहना है कि इससे पहले जब वो आये थे तो पीएमओ विरेन्द्र यादव के समय में अस्पताल के अंदर न तो गंदगी थी और न ही किसी प्रकार के ईलाज करवाने में कोई परेशानी। उनके जाने के बाद तो अस्पताल की बद से बदतर हालत हो गई है, इतना ही नहीं अस्पताल की महिला कर्मचारी शांति देवी तो भावुक होकर भगवान से दिन रात सिर्फ साहब डा. विरेन्द्र यादव के आने की प्र्राथना कर रही हैै।
सिविल अस्पताल फरीदाबाद में डा. विरेन्द्र यादव के चले जाने के बाद मरीजों और अस्पताल की नर्सो पर क्या गुजर रही है इसका अंदाजा तो वो खुद ही लगा सकती हैं, साफ सुथरा रहने वाला अस्पताल देखते देखते कैसे गंदगी में डूब गया आईये आपको दिखाते हैं, अस्पताल परिसर की ओपीडी से लेकर तीसरी मंजिल तक डस्टबीनों में कूडा जमा हो रखे हैं कोई सफाई कर्मचारी कूडा उठाने को तैयार नहीं है, इसका खामियाजा अस्पताल में आने वाले मरीजों को उठाना पड रहा है, जच्चा- बच्चा वार्ड का आलम ये है कि पिछले कई दिनों से न तो कोई कूडा उठाने आया है और न ही कोई झाडू पौंछा लगाने आया है, इतना ही नहीं शौचालय की तो बात ही न करें तो अच्छा होगा, जिसमें गंदगी इस कदर फैल चुकी है कि जच्चा- बच्चा को उपरी मंजिल से उतर कर नीचे जंगल में जाना पड रहा है।
इस बारे में मरीजों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल के अंदर साफ सफाई कही भी नहीं है वार्ड में तो गंदगी और शौचालय में तो गंदगी है, उन्हें समझ नहीं आ रह है कि वो अस्पताल में ईलाज करवाने आये हैं या बिमार होने। मरीजों का कहना है अस्पताल परिसर में ये गंदगी का ढेर हाल ही में लगा है इससे पहले जब वो अस्पताल में आये थे तो पीएमओ पद पर कार्यरत डा. विरेन्द्र यादव ने पूरे अस्पताल की दशा सुधार रखी थी, वो एक ऐसे अधिकारी थे जिनके कार्यकाल में कूडे के ढेर और गंदगी कहीं भी नजर नहीं आती थी, वो चाहते हैैं कि डा. विरेन्द्र यादव फिर से अस्पताल में आयें और अस्पताल की दशा सुधारें।
वहीं अस्पताल में काम करने वाली महिला कर्मचारी से बात की गई तो वो अस्पताल की हालत को देखकर भावुक हो गई और कहा कि अस्पताल का इन दिनों बहुत बुरा हाल है जब हमारे साहब डॉ. विरेन्द्र यादव यहां थे तो सब कुछ ठीक चल रहा था वो तो दिन रात भगवान से हाथ जोडकर सिर्फ एक ही दुआ मांगती है कि हे प्रभु मेरे साहब को वापिस भेज दो और उन्हें उम्मीद है कि डा. विरेन्द्र यादव आयेंगे और अस्पताल की दशा को सुधारेंगे।
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