Tuesday 14 April 2020

 पंजाबी विकास सभा जरूरतमंदों को खिला रहा है खाना

पंजाबी विकास सभा जरूरतमंदों को खिला रहा है खाना

फरीदाबाद 14 अप्रैल, कोरोना महामारी  के चलते लॉक डाउन के करण फरीदाबाद  सहित देश भर में हजारों लोगों के सामने खाने क समस्या खड़ी हो गई है। लॉक डाउन के दौर जरूरतमंदों को भोजन व राशन  वितरित करने में, भूखों को दो वक्त का खाना खिलाने के लिए सरकार और सामजिक संगठन दिल खोलकर मदद कर रहे हैं इनमें पंजाबी विकास सभा एक है जो प्रतिदिन 500 से 600 लागों को खाना खिला रहे हैं। संस्था द्वारा प्रतिदिन भोजन के 500 पैकेट गरीब बस्ती और कस्बों में बांटे जा रहे में पंजाबी विकास सभा ने प्रधान त्रिलोक गुलियानी  , राजीव बत्रा वरिष्ठ उपप्रधान,  सतीश वधवा ,लवली पासी,ओमप्रकाश मक्कड़,राजू पासी,जसवीर सिंह जस्सा ,अशोक गुलाटी ,रवि टुटेजा , द्वारा कमेटी का गठन किया गया है, जो जरूतमंदों को खाना मुहैया कराने का काम कर रही है। पंजाबी सभा के प्रधान त्रिलोक गुलियानी   ने लोगों से आहवान किया कि संकट के इस समय में जरूरतमंदों की मदद करें व कोरोना से बचने के लिए सरकार द्वारा बताए गए निर्देषों का पालन करें। तभी हम कोरोना को हरा सकते हैं।

Friday 10 April 2020

कहीं सूखा राशन तो कहीं भिजवाया लोगों को खाना

कहीं सूखा राशन तो कहीं भिजवाया लोगों को खाना

फरीदाबाद, 10 अप्रैल : टीम विजय प्रताप का राशन वितरण अभियान लगातार जारी है और लगभग बडख़ल विधानसभा क्षेत्र में हर जगहर जाकर लोगों को राशन सामग्री पहुृंचानें एवं खाने की व्यवस्था करने का काम कर रही है। लॉकडाउन अवधि के चलते अपने घरों पर रहने को मजबूर जरूरतमंद एवं असहाय लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य निरंतर रूप से किया जा रहा है। शुक्रवार को टीम विजय प्रताप ने लगभग 350 लोगों का खाना दयालपुर, 300 लोगों का खाना कल्याणपुरी झुग्गी, 200 लोगों का खाना नेहरू कॉलोनी, एनआईटी पुलिया के पास 250 लोगों को खाना एवं 100 परिवारों का राशन गांव बडख़ल, दयालनगर, एन.एच.2, 3 व एसजीएम नगर में दिया। इसके अतिरिक्त नेहरू कॉलोनी, डबुआ कॉलोनी पुलिस चौकी के पास टीम विजय प्रताप ने खाने के 250 पैकेट बांटे। 

विजय प्रताप ने अपनी टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसी विकट परिस्थितियों में भी हमारी टीम लगातार क्षेत्र में आकर सेवा कर रही है और लोगों को खाना एवं राशन पहुंचा रही है। उन्होंने जल्द ही इस महामारी के खत्म होने की कामना की और लोगों के सुखद भविष्य की आशा व्यक्त की। विजय प्रताप ने लोगों को अपने घरों में रहने और पूर्ति सावधानियां बरतने की भी सलाह दी। इसके अतिरिक्त उन्होंने अपनी टीम को भी सोशल डिस्टेंस, मॉस्क एवं सैनीटाइजर का लगातार प्रयोग करते रहने की सलाह दी। राशन वितरण टीम में सुल्ली, मनोज भड़ाना, कालू, राहुल सरदाना आदि ने मिलकर लोगों को राशन पहुंचाया। 
प्रगतिशील किसान मंच ने कोरोन रिलीफ फंड में दिए 51 हजार रूपए

प्रगतिशील किसान मंच ने कोरोन रिलीफ फंड में दिए 51 हजार रूपए

फरीदाबाद : 10 अप्रैल । लगातार बढ़ते जा रहे कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते आज प्रगतिशील किसान मंच के प्रधान एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सत्यवीर डागर ने हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड के लिए इक्यावन हजार रुपए की राशि का एक चेक जिला उपायुक्त यशपाल यादव को सौंपा। इस मौके पर वरिष्ठ युवा कांग्रेसी नेता राजन ओझा भी श्री डागर के साथ उपस्थित थे। इस मौके पर सत्यवीर डागर ने जिला उपायुक्त को आश्वस्त किया कि प्रगतिशील किसान मंच रोजाना लगभग 500 लोगों के लिए एक समय का भोजन भी उपलब्ध कराएगा। इस विषय में अधिक जानकारी देते हुए सत्यवीर डागर ने बताया कि इस समय पूरे देश और विश्व की भांति फरीदाबाद भी कोरोना की मार झेल रहा है। ऐसे में प्रत्येक नागरिक का यह फर्ज बनता है कि वह इस महामारी के मुकाबले के लिए आगे आए और सरकार व प्रशासन का इसमें सहयोग करें। उन्होंने कोरोना के खिलाफ सार्थक प्रयास करने के लिए जिला उपायुक्त यशपाल यादव को बधाई देते हुए कहा कि जिस तरह से जिले में इस महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा रही है उससे जिले की जनता में प्रशासन के प्रति विश्वास पैदा हुआ है।

 सतवीर डागर ने सभी का आभार भी व्यक्त किया कि वह भी बढ़-चढक़र इस लड़ाई में हिस्सा ले और जो भी यथासंभव सहयोग हो सके कोरोना रिलीफ फंड में करें। उन्होंने बताया कि बुधवार से ही प्रगतिशील किसान मंच के तत्वाधान में लगभग 500 लोगों के लिए एक समय के भोजन की व्यवस्था की गई है और यह भोजन उन लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा जो की दिहाड़ी मजदूर हैं और इन दिनों लॉकडाउन के चलते काम पर नहीं जा पा रहे हैं। सत्यवीर डागर ने बताया कि प्रगतिशील किसान मंच हर प्रकार के प्रकोप के दौरान जनता के साथ खड़ा रहा है फिर चाहे यह आपका गुजरात बिहार या देश में अन्य कहीं पर भी हो प्रगतिशील किसान मंच से जो हो पाया है वह सहायता इस मंच ने हमेशा की है। 

उन्होंने आमजन से अपील भी की की लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन करें और कोरोना वायरस से बचने के लिए सबसे पहले सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। सत्यवीर डागर के अनुसार यह जरूरी नहीं है कि हर कोई हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें क्योंकि साबुन से भी 20 सेकेंड तक हाथ धोने के बाद कोरोना वायरस नहीं रहता है। किसान नेता ने बताया कि जरूरी नहीं है कि हम सब बाजार से जाकर मास्क खरीद कर लाए और मुंह पर लगाएं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचल में गमछा की पुरानी परंपरा है और यह परंपरा भी हमें कोरोना वायरस के प्रकोप से बचा सकती है। उनके अनुसार किसी भी तरह से मुंह डका होना चाहिए वही मास्क का काम करता है। श्री डागर के अनुसार कोरोना वायरस से बचाव ही इसका इलाज है इसलिए हमें घर पर रहते हुए सरकार व प्रशासन के दिशा निदेर्शों का पालन करना चाहिए।
मानव रचना की रिसर्च टीम ने तैयार किया कम लागत वाला वेंटिलेटर

मानव रचना की रिसर्च टीम ने तैयार किया कम लागत वाला वेंटिलेटर

फरीदाबाद, 10 अप्रैल: COVID-19 के कारण वर्तमान स्वास्थ्य सेवा स्थिति बहुत प्रभावशाली नहीं है। देश के अस्पताल और स्वास्थ्य सेवा केंद्रों को चिकित्सा उपकरणों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। भारत में, जनसंख्या की संख्या के लिए वेंटिलेटर का अनुपात काफी कम है।

मानव रचना इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर (MRIIC) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने आपातकालीन जरूरतों वाले रोगियों के लिए अस्थायी ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रदान करने के लिए दूरस्थ रूप से कम लागत वाले पोर्टेबल आपातकालीन वेंटिलेटर का प्रोटोटाइप तैयार किया है। वेंटिलेटर के सभी सुरक्षा और तकनीकी मानकों को अंतर्राष्ट्रीय बेंचमार्क के अनुसार निर्धारित किया गया है। वेंटिलेटर अत्यधिक लागत प्रभावी है(लगभग पांच हजार रुपये) ।

शोधकर्ताओं की टीम ने इस ई-वेंटिलेटर का नाम ANSH रखा है।डॉक्टर एप्लिकेशन के माध्यम से सभी आवश्यक महत्वपूर्ण मापदंडों को निर्बाध रूप से नियंत्रित कर सकते हैं। इसका ऐप एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म के लिए उपलब्ध है और ब्लूटूथ तकनीक पर काम करता है।

मानव रचना इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर के डायरेक्टर डॉ. उमेश दत्ता और उनकी छात्र टीम जिसमें देवदत्त, नीलांशु, ध्रुव शर्मा और ईशलोक वशिष्ठ शामिल हैं, उन्होंने यह ई-वेंटिलेटर तैयार किया है। उन्होंने कहा, ई-वेंटिलेटर समय की आवश्यकता है और स्थिति को प्रभावी ढंग से निपटने में पेशेवर पेशेवरों की मदद कर सकता है। हमने अंबु बैग का उपयोग किया है जो आमतौर पर चिकित्सा क्षेत्र में उन रोगियों को मैनुअल ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है जो ठीक से सांस नहीं ले पा रहे हैं। मैकेनिकल लीनियर मोशन आर्म की मदद से, हम अलग-अलग गति के साथ अंबू बैग में पुश बल का अनुकरण कर रहे हैं। परिवर्तनशील गति के साथ, डॉक्टर मरीज की आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं और रोगी की स्थिति के अनुसार कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ने का समय भी निर्धारित कर सकते हैं।


जिला मजिस्ट्रेट फरीदाबाद की अनुमति से टीम ने 48 घंटों के भीतर इस ई-वेंटिलेटर को तैयार किया है। इस वेंटिलेटर का क्लीनिकल परीक्षण चल रहा है।
विधायक सीमा त्रिखा ने सफाई कर्मचारियों को माला पहनाकर किया स्वागत

विधायक सीमा त्रिखा ने सफाई कर्मचारियों को माला पहनाकर किया स्वागत

फरीदाबाद, 10 अप्रैल।  देश में कोरोना वायरस जैसी महामारी से लडऩे के लिए पूरा देश एकजुट होकर जूझ रहा है जिसमें अहम भूमिका डॉक्टर, सफाई कर्मचारी, पुलिस निभा रहे है । इसी को देखते हुए आज बढक़र की विधायिका सीमा त्रिखा सडक़ पर उतरे और सफाई कर्मचारियों को बादशाह खान चौक पर माला और शॉल पहनाकर सम्मानित करते हुए उनकी हौसला अफजाई की। इस मौके पर  प्रे फॉर इंडिया के  संस्थापक अशोक जॉर्ज हार्दिक प्रधान ने सफाई सैनिकों की आरती की एवं उनको पगड़ी और फूल माला पहनाई फुटबॉल संघ के रहमान रविंदर भाटिया मिशन जागृति के अध्यक्ष प्रवेश मलिक ने भी सभी सफाई सैनिकों को मालाएं पहनाकर उनका सम्मान किया कहा की वह सफाई कर्मचारियों का सिर झुका कर धन्यवाद करती हैं कि वह संकट की घड़ी में सबसे आगे खड़े हैं और कोरोना जैसी महामारी से जूझने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। वहीं उन्होंने कहा कि वह प्रार्थना करती हैं कि देश इस महामारी से जल्दी बाहर निकले। 

इस मौके पर सीमा त्रिखा ने कहा कि मीडिया भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अपने घरों से बाहर निकल कर कोरोना की हर खबर आप लोगों तक पहुंचा रहा है ताकि आप सतर्क और सुरक्षित रहें। वही वह लोगों से अपील करती हैं कि यदि आपको कोरोना को लेकर कोई भी लक्षण है या आपको कोई जानकारी मिलती है तो कृपया आप नजदीकी पुलिस स्टेशन और स्वास्थ विभाग से संपर्क अवश्य करें ताकि इस कोरोना की चैन को तोड़ के और फिर जिंदगी उसी पटरी पर दोबारा जल्दी लौट पाएगी।  वहीं इस मौके पर कर्मचारी नेता नरेश शास्त्री ने कहा कि विधायक सीमा द्वारा किए गए आज सफाई कर्मचारियों द्वारा सम्मान को लेकर जहां सफाई कर्मचारियों में आत्म सम्मान बढ़ा है। उनका कि पूरे प्रदेश के सफाई कर्मचारी इस कराना महामारी से लडऩे के लिए सबसे आगे हैं लेकिन सरकार ने जो उन्हें करुणा से मरने वालों का दाह संस्कार की जिम्मेदारी कोरोनावायरस मरीजों के कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी आइसोलेशन से कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी दी हुई है वह चाहते हैं कि सफाई कर्मचारियों को भी सम्मान मिलना चाहिए यदि सफाई कर्मचारी की इस संकट की घड़ी में कोई मौत हो जाती है तो उसे शहीद का दर्जा उसके परिवार को एक नौकरी और 10000000 रुपए मिलना चाहिए।  

शास्त्री ने कहा कि वह और उनके सफाई कर्मचारी तब तक डटे रहेंगे जब तक वह हरियाणा से कोरोना जैसी महामारी को पूर्ण रूप से भगा नहीं देते हैं। इस अवसर पर नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के उप महासचिव सुनील चिंडालिया उपाध्यक्ष  ब्रज बत्ती जिला प्रधान गुरचरण खांड्या सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह बालवर सीवरमैन यूनियन के प्रधान सुभाष कुमार सफाई निरीक्षक राजेंद्र सिंह दहिया सुभाष चिंडालिया तथा अन्य निगम अधिकारी भी उपस्थित थे

Tuesday 7 April 2020

डी ए वी पब्लिक स्कूल एनटीपीसी में ई-क्लास द्वारा शिक्षा आरम्भ : अलका अरोड़ा

डी ए वी पब्लिक स्कूल एनटीपीसी में ई-क्लास द्वारा शिक्षा आरम्भ : अलका अरोड़ा

फरीदाबाद : 7 अप्रैल I डी ए वी पब्लिक स्कूल ,एनटीपीसी फरीदाबाद ने शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों के विकास हेतु 23 मार्च से ही ई -क्लास के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाना आरम्भ कर दिया है। विद्यालय का वार्षिक परीक्षा परिणाम 19 मार्च को ही ऑनलाइन तथा मोबाइल मैसेज के द्वारा घोषित कर दिया गया था।महामारी कोरोना से बचाव हेतु किए गए लॉक डाउन के समय में वर्क फ्रॉम होम होने के कारण स्कूल के सभी अध्यापकों के द्वारा 23 मार्च से लगातार सुबह 8बजे से 2 बजे तक ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है।सभी विद्यार्थियों को स्वनिर्मितऑडियो-वीडियो ,ऑनलाइन-क्लास तथा असाइनमेंट प्रकिया के द्वारा पढ़ाया जा रहा है। 

सभी अध्यापक मोबाइल के माध्यम से प्रत्येक विद्यार्थी से पूर्ण रूप से जुड़े हुए हैं।विद्यार्थी पूर्ण जोश ,सहयोग व उत्साह से प्रत्येक विषय की कक्षा में शामिल हो रहे हैं।अभिभावक अत्यंत प्रसन्नचित्त है तथा अध्यापकों के इस अथक परिश्रम की भरपूर सराहना कर रहे हैं तथा मोबाइल मैसेज के द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षा में व्यस्त रखने के लिए आभार प्रकट कर रहे हैं।स्कूल प्रशासन भीविद्यार्थियों तथा अभिभावकों के पूर्ण सहयोग से अत्यंत प्रसन्न है। शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों की क्रियात्मक गतिविधियों के विकास हेतु चित्रकला तथा संगीत के वाद्य यंत्रों का भी ज्ञान दिया जा रहा है।स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती अलका अरोड़ा विंग सुपरवाइजर के माध्यम से प्रत्येक अध्यापिका से जुड़ी हुई हैं।

Friday 3 April 2020

आइसोलेशन में  1106  यात्रियों के 103 की रिपोर्ट नेगेटिव , 6 के सैंपल पॉजिटिव : डॉ राम भगत

आइसोलेशन में 1106 यात्रियों के 103 की रिपोर्ट नेगेटिव , 6 के सैंपल पॉजिटिव : डॉ राम भगत

 फरीदाबाद, 3 अप्रैल I उप सिविल सर्जन एवं जिला नोडल अधिकारी-कोरोना डा. रामभगत ने बताया कि जिला में अब तक 1088 यात्रियों को सर्विलांस पर लिया जा चुका है, जिनमें से 156 लोगों का निगरानी में रखने का 28 दिन का पीरियड पूरा हो चुका है। शेष 932 लोग अंडर सर्विलांस हैं। कुल सर्विलांस में रखे गए लोगों में से 1082 होम आइसोलेशन पर हैं। अब तक 169 लोगों के सैंपल लैब में भेजे गए थे, जिनमें से 103 की नेगेटिव रिपोर्ट मिली है तथा 60 की रिपोर्ट आनी शेष है। अब तक 6 लोगों के सैंपल पॉजिटिव मिले हैं जिनमें से ठीक होने के बाद एक को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया है तथा पांच अस्पताल में दाखिल हैं।

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए जिला में सरकारी व निजी अस्पतालों में 34 आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं, जिनमें 1040 बेड की क्षमता की गई है। उन्होंने बताया कि ब्व्टप्क्-19 के संदिग्ध व कंफर्म मामलों के परिवहन के लिए सभी सुविधाओं से युक्त दो एम्बुलेंस तैयार की गई हैं। जिला स्तर पर सभी मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ को ब्व्टप्क्-19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इसी प्रकार पर्यावरण स्वच्छता और शुद्धीकरण के बारे में सरकारी व निजी विभागों के कर्मचारियों को दैनिक आधार पर प्रशिक्षण दिया जा रहे हैं। 

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण की पृष्ठभूमि को देखते हुए आम जनता को सरकार द्वारा स्वास्थ्य संबंधी हिदायतों की अनुपालना करने की सलाह दी जाती है। लोगो को ध्यान रखना चाहिए कि खाँसी व छींकते समय रूमाल या तौलिया का उपयोग अवश्य करें, हाथों को बार-बार साबुन व पानी से धोते रहें। जब तक बहुत जरूरी न हो, घर से बाहर न निकलें। सार्वजनिक स्थलों व सभाओं में जाने से बचें। जिन लोगों ने हाल ही में कोरोना प्रभावित देशों की यात्रा की है, उन्हें राष्ट्रीय, राज्य या जिला हेल्पलाइन नंबरों पर सूचना देनी चाहिए, उन्हें भारत में आगमन की तारीख से 28 दिनों के लिए सभी से अलग रहना है और किसी से भी स्पर्श करने से बचना है, भले ही उसमें कोई लक्षण न हों।

जेसीबी इंडिया ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के साथ साझेदारी

जेसीबी इंडिया ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के साथ साझेदारी

 फरीदाबाद : 3 अप्रैल : अर्थमूविंग एवं कंस्‍ट्रक्‍शन इक्विपमेंट बनाने वाली देश की प्रमुख कंपनी, जेसीबी इंडिया लिमिटेड ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, फरीदाबाद के साथ साझेदारी की है। इस परियोजना को जेसीबी इंडिया के सीएसआर इनिशिएटिव से आंशिक रूप से वित्‍त घोषित  किया जाएगा। कंपनी पीपीई, दवाइयां, टेस्टिंग किट, सिक्युरिटी सूट्स तथा डॉक्टरों और स्वास्थ्य रक्षा में जुटे कर्मचारियों के लिए कंज्‍यूमेबल्‍स बनाने हेतु फंड जुटाने के लिए पूरी तरह से  प्रतिबद्ध है। इससे कोविड-19 प्रकोप के दौरान फरीदाबाद और आसपास के क्षेत्रों में इस बीमारी से प्रभावित मरीजों को पूरी तरह से मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारियों में संयुक्त रूप से तेजी आएगी।  

जेसीबी इंडिया के सीईओ और प्रबंध निदेशक सुबीर कुमार चौधरी ने इस साझेदारी पर टिप्‍पणी करते हुए कहा, “हमने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने, उसके प्रभाव को कम से कम करने के लिए कई स्तरों पर एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के साथ मिलकर रणनीति बनाने की शुरुआत की है ताकि कोविड-19 से पीड़ित मरीजों की मदद की जा सके। कंपनी के मूल्यों को ध्यान में रख कर यह रणनीति अपने संचालन क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों की मदद करने के लिए तैयार की गई है। हमें पूरा विश्वास है कि इस साझेदारी से फरीदाबाद के लोगों को कोरोनावायरस के इलाज के लिए जरूरी सहयोग मिलेगा, जहां भारत में हमारा मुख्‍यालय स्थित है। हम इस तरह की पहल को अन्य क्षेत्रों में भी करने के बारे में सक्रियता से सोच रहे हैं, जहां हमारी दूसरी फैक्ट्रियां स्थित हैं। एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज फरीदाबाद में सबसे बड़ा प्राइवेट अस्पताल है, जिसकी क्रिटिकल केयर यूनिट सबसे बड़ी है जोकि हरियाणा से लेकर पलवल, होडल और मेवात तक को कवर करती है। इसलिए यह महत्‍वपूर्ण है कि कोरोना वायरस की संभावित थर्ड स्टेज में इस क्षेत्र के मरीजों को बेहतर इलाज के लिए इस अस्पताल में भेजा जाएगा।

एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डॉ. एन. के. पांडे ने बताया, “हमने फिलहाल हमारे इमरजेंसी फ्‍लोर को कोविड-19 ट्राइएज और आइसोलेशन सेंटर में बदल दिया है (इस तरह यह वॉर्ड अस्पताल के बाकी विभागों से अलग है)। यहां कम, ज्‍यादा और बहुत ज्‍यादा गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों के लिए अलग-अलग क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र में कम से कम 14 दिन की शिफ्ट करने वाले सभी स्टाफ कर्मियों को आवासीय सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। इस फ्लोर को आधुनिक मेडिकल उपकरणों और सपोर्ट सिस्टम जैसे वेंटिलेटर्स, सीपीएपी, बीआईपीएपी, डिफिब्रिलेटर्स, ब्रोकेंस्कोपी और एक्सरे जैसी सुविधाओं से पहले से ही लैस किया जा चुका है। केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए प्रभावी और गंभीर कदमों के अलावा हम यहां पर कोरोना वायरस के मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारी कर रहे हैं।” 

जेसीबी इंडिया के विषय में :
जेसीबी इंडिया लिमिटेड भारत में पिछले चार दशकों से अर्थमूविंग एवं कंस्‍ट्रक्‍शन इक्विपमेंट की अग्रणी विनिर्माता है। इसकी फरीदाबाद (बल्‍लभगढ़), पुणे और जयपुर में विनिर्माण सुविधायें हैं। कंपनी हमेशा से अपनी सभी फैक्ट्रियों के आसपास रहने वाले समुदायों के प्रति प्रतिबद्ध रही है। भारत में जेसीबी इंडिया ‘मेक इन इंडिया’ प्रोग्राम का प्रतीक है। वर्तमान में यह आठ श्रेणियों में 60 से ज्यादा अलग-अलग प्रॉडक्ट्स का निर्माण करती हैं। इन उत्‍पादों को 100 से ज्यादा देशों को निर्यात किया जाता है। जेसीबी का यूके से बाहर पुणे में सबसे बड़ा डिजाइन सेंटर है जहां ये भविष्‍य के लिए आकर्षक नई तकनीकों को विकसित करती है। यह उत्‍पादन में महिलाओं को शामिल करने में भी अग्रणी है और इसकी जयपुर फैक्‍ट्री में शॉप कर्मचारियों में लगभग 34 प्रतिशत महिलाएं हैं। अपनी सीएसआर पहलों के माध्‍यम से, जेसीबी इंडिया समुदायों के साथ भी काम कर रहा है ताकि एक बेहतर जिंदगी को बढ़ावा दिया जा सके। वर्ष 2000 में लेडी बैमफोर्ड चैरिटेबल ट्रस्‍ट (एलबीसीटी) सेट-अप ने अपनी बल्‍लभगढ़ फैक्‍ट्री के पास एक स्‍कूल की मदद कर कंपनी की सीएसआर यात्रा को आरंभ किया। लगभग दो दशक बाद कंपनी की सीएसआर पहलों ने तीन इन-हाउस फाउंडेशन और चार सस्‍टेनेबल डेवलपमेंट गोल्‍स का विस्‍तार किया, और उन समुदायों तक पहुंच बनाई जिसमें महिलायें, किशोर लड़कियां, बच्‍चे, गांव के कारीगर और युवा शामिल हैं।

ये पहलें 15 हजार से अधिक स्‍टूडेंट्स तक पहुंच बनाती हैं और उन्‍हें क्‍वालिटी एजुकेशन प्रदान करती हैं। साथ ही बाजार पहुंच एवं उत्‍पादन दक्षताओं के साथ 2,000 से अधिक कारीगरों एवं महिला समूहों को भी कवर करती हैं। इसके द्वारा 50 पंचायतों को भी सहयोग दिया जा रहा है और उन्‍हें गुणवत्‍तापूर्ण परियोजनाओं तक पहुंच मुहैया कराई जा रही है। जेसीबी इंडिया ने दो अग्रणी एवं अभिनव सीएसआर परियोजनायें भी शुरू की हैं, नीला हाउस, जोकि जयपुर में क्राफ्‍ट के लिए सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस हैं और साहित्‍य के लिए वार्षिक पुरस्‍कार – जेसीबी प्राइज़ फॉर लिट्रेचर जोकि भारतीय लेखकों द्वारा फिक्‍शन के प्रतिष्ठित कार्य का जश्‍न मनाता है। 

Tuesday 31 March 2020

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय वार्षिक उत्सव ‘एलिमेंट्स कलमायका-2020’ का आनलाइन करेगा आयोजित : कुलपति प्रो. दिनेश कुमार

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय वार्षिक उत्सव ‘एलिमेंट्स कलमायका-2020’ का आनलाइन करेगा आयोजित : कुलपति प्रो. दिनेश कुमार

 फरीदाबाद, 31 मार्च - कोरोना वायरस महामारी के चलते सभी कालेज बंद होने के कारण उबाऊपन से जूझ रहे युवाओं को रचनात्मक गतिविधियों के लिए प्रेरित करने के लिए जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने एक इनोवेटिव तरीका खोज निकाला है। विश्वविद्यालय अपना वार्षिक उत्सव ‘एलिमेंट्स कलमायका-2020’ पूर्वनिर्धारित तिथि पर ही आयोजित करेगा, लेकिन इस बार पूरा उत्सव आनलाइन आयोजित किया जायेगा। विश्वविद्यालय के डीन स्टूडेंट विभाग द्वारा आयोजित को लेकर सभी तरह की तैयारियों पूरी कर ली गई है। तीन दिवसीय वार्षिक उत्सव 9 से 11 अप्रैल, 2020 तक आयोजित किया जायेगा और इस बार का थीम है ‘द शो मस्ट गो ऑन’।

विभिन्न क्लबों के विद्यार्थियों के साथ सीधा आनलाइन संवाद करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने आज वार्षिक उत्सव ‘एलिमेंट्स कलमायका-2020’ की विधिवत घोषणा की और कहा कि यह एक अच्छी और इनोवेटिव पहल है, जिससे प्रदेश विशेष रूप से उत्तर भारत के सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को जोड़ने का मौका मिलेगा। उन्होंने घोषणा की कि चूंकि विश्वविद्यालय द्वारा वार्षिक उत्सव के आयोजन पर साजो-सामान को लेकर किसी तरह का खर्च नहीं कर रहा है, इसलिए उत्सव के दौरान आयोजित होने वाले इवेंट्स में आकर्षक पुरस्कार राशि दी जायेगी। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिवर्ष वार्षिक उत्सव के आयोजन पर 20 से 30 लाख रुपये की राशि खर्च की जाती है। 


कुलपति ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से उत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा समय है जब सभी विद्यार्थी अपने घरों में उबाऊपन से जूझ रहे है। ऐसे में पढ़ाई के साथ-साथ रचनात्मक गतिविधियों में हिस्सा लेकर विद्यार्थी अपने समय का सही उपयोग कर करते है और खुद को व्यस्त भी रख सकते है। उन्होंने आशा जताई कि ‘एलिमेंट्स कलमायका-2020’ बेहद सफल होगा। यदि यह प्रयोग सफल होता है तो भविष्य में विश्वविद्यालय वार्षिक उत्सव के प्रारूप को बदलने पर विचार कर सकता है ताकि उत्सव में विद्यार्थियों की भागीदारी बढ़े। उन्होंने कहा कि एक संस्थान के रूप में विश्वविद्यालय ने 50 वर्ष पूरे कर लिये है और यह उत्सव लगभग 30 वर्षों से अधिक समय से निरंतर आयोजित किया जा रहा है। 


कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग ने ‘एलिमेंट्स कलमायका-2020’ के आनलाइन प्रारूप की सराहना की तथा कहा कि वार्षिक उत्सव में सभी संबद्ध कालेजों के विद्यार्थियों की भागीदारी को भी सुनिश्चित किया जायेगा।
डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. सोनिया बंसल ने बताया कि एलिमेंट्स कलमायका-2020 में इस बार 63 इवेंट करवाये जा रहे है। इनमें 40 कल्चरल एवं सोशल अवेयरनेस इवेंट रहेंगे तथा 20 से ज्यादा तकनीकी इवेंट्स होंगे। इस समय विश्वविद्यालय में 16 सक्रिय क्लब है, जो उत्सव में भागीदारी करेंगे तथा विभिन्न इवेंट्स की मेजबानी करेंगे। सभी इवेंट डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. नरेश चौहान की देखरेख में आयोजित किये जायेंगे। 
लॉक डाउन : नाकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए एसएमई सेक्टर को आर्थिक सहायता प्रदान करनी जरूरी : प्रभाकर

लॉक डाउन : नाकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए एसएमई सेक्टर को आर्थिक सहायता प्रदान करनी जरूरी : प्रभाकर

फरीदाबाद : 31 मार्च I  मैन्यूफैक्चरस एसोसिएशन फरीदाबाद के महासचिव रमणीक प्रभाकर ने केंद्र सरकार से देश के लघु व टाइनी इंडस्ट्री के लिए विशेष आर्थिक सुविधाएं मुहैया कराने का आग्रह किया है।   प्रभाकर के अनुसार हालांकि केंद्र सरकार द्वारा ईएमआई व अन्य भुगतान की किस्तों को आगे बढ़ाया गया है परंतु वर्तमान स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि उद्योग जगत के लिए यह काफी नहीं है।प्रभाकर का मानना है कि लॉक डाउन की स्थिति में जो उद्योग बंद है उन्हें दोबारा से पटरी पर आने में कम से कम 3 से 4 माह का समय लगेगा क्योंकि उत्पादन पूरी तरह से ठप्प है और पूरे सिस्टम को नए सिरे से आरंभ करना होगा।  प्रभाकर ने इसके साथ-साथ श्रमिकों के वेतन व अन्य समस्याओं की ओर भी केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करते कहा है कि यदि सरकार वास्तव में अर्थव्यवस्था में तेजी प्रदान करना चाहती है तो एमएसएमई सेक्टर के लिए कार्य करना जरूरी है। आपने इसके साथ-साथ देश में मुद्रा प्रवाह को बढ़ाने व एमएसएमई सेक्टर को ऋण उपलब्ध कराने के लिए भी प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया है।


 प्रभाकर का सुझाव है कि जो औद्योगिक संस्थान पिछले काफी समय से चल रहे हैं और जो डिफाल्टर सूची में नहीं है उन्हें तुरंत प्रभाव से वित्तीय सुविधा मुहैया कराई जाएं और इस पर न्यूनतम ब्याज दर हो ताकि यह वित्तीय सहायता कैपिटल पूंजी के रूप में इस्तेमाल की जा सके और उत्पादकता का चक्र बढ़ सके। प्रभाकर ने विश्वास व्यक्त किया है कि केंद्र सरकार, वित्त मंत्रालय व आरबीआई इस संबंध में ठोस व प्रभावी कार्यनीति का परिचय देगा और इससे अर्थव्यवस्था को निश्चित रूप से प्रोत्साहन मिलेगा।