Wednesday, 6 December 2017

एनएचएम कर्मचारियों का दूसरे दिन भी धरना जारी ,कहा इस बार सूखा आश्वासन नहीं


 फरीदाबाद :6  दिसम्बर।  पूरे प्रदेश के सिविल अस्पतालों में शुरू किया गया नेशनल हेल्थ मिशन यानि कि एनएचएम कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन फरीदाबाद के सिविल अस्पताल में दूसरे दिन भी जारी रहा। समान काम समान वेतन और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे कर्मचारियों की स्वास्थ्य विभाग के किसी भी बडे अधिकारी ने सुध नहीं ली है, जिससे गुस्साये कर्मचारियों ने दो दिवसीय हडताल को बढाते हुए और दो दिन का कर दिया और उसके बाद भी अधिकारियों ने बात नहीं की तो पूरी तरह से स्वास्थ्य सेवायें बंद करके कर्मचारी अनिश्चित कालीन हडताल पर भी जा सकते है वहीँ उन्होंने कहा की जब तक उनकी मांगे लिखित में पूरी होने का भरोसा नहीं दिया जाएगा तब तक वह हड़ताल पर रहेंगे।  

नेशनल हेल्थ मिशन यानि कि एनएचएम के कर्मचारियों द्वारा प्रदेश में शुरू की गई दो दिवसीय हडताल दुसरे दिन भी फरीदाबाद में देखने को मिली जहां सैंकडों महिलाओं और पुरूषों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।  प्रदेश के 12 हजार 5 सौ एनएचएम कर्मचाारी धरने पर बैठे हुए हैं जिनमें से फरीदाबाद के 670 एनएचएम कर्मचारी भी हडताल पर बैठे हैं। इस हड़ताल में नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों  के अलावा डाक्टर , एएनएम , नर्स , फार्मेसिस्ट और 102 एम्बुलेंस के ड्रावर  तक इस हड़ताल में शामिल है।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए हरियाणा एनएचएम कर्मचारी संघ के जिला प्रधान ने बताया की आज एनएचएम कर्मचारियों को काम के अनुसार मेहनताना नहीं दिया जा रहा है।  उन्होंने कहा की हमें समान काम समान वेतन दिया जाए क्योंकि आज की तारीख में उन्हें एक रेगुलर कर्मचारी के मुकाबले एक तिहाई या एक चौथाई तन्खा ही दी जाती है जिसके चलते उनका गुजारा नहीं हो पा रहा है। कर्मचारियों ने दो दिवसीय हडताल पर किसी भी स्वास्थ्य विभाग की कोई प्रतिक्रिया न आने से गुस्साये कर्मचारियों ने हडताल को तीन और बढा दिया है उसके बाद भी उनकी मांगे नहीं मानी गई तो स्वास्थ्य सेवायें पूरी तरह से बंद करके अनिश्चित कालीन हडताल कर दी जायेगी। कर्मचारियों ने कहा पिछली बार की तरह इस बार सूखा आश्वासन नहीं चलेगा बल्कि जब तक उनकी मांगे लिखित पूरी होने का भरोसा नहीं दिया जाएगा तब तक वह हड़ताल पर बने रहेंगे और अपनी मांगो को मनवाकर ही रहेंगे।  

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