Tuesday, 23 May 2017

फरीदाबाद के सत्याग्रहियो ने किया अब mcf के 84 लाख के घोटाले का पर्दाफाश


फरीदाबाद 23मई(National24news.com) फरीदाबाद नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार व अनियमितताओं के विरोध में गत 17 जनवरी से निगम मुख्यालय पर सत्याग्रह कर रहे अनशनकारी बाबा रामकेवल, पदमश्री डा. ब्रहमदत्त और निगम अधिकारी रतन लाल रोहिल्ला और इनके समर्थक आन्दोलनकारियों ने भ्रष्टाचार विरोधी मंच का गठन कर लिया है, जो कि नगर निगम के भ्रष्टाचार के साथ-साथ हर विभाग के भ्रष्टाचार के विरोध में आवाज उठायेगा। अब निगम मुख्यालय पर भ्रष्टाचार के विरोध में चल रही सभी गतिविधियां मंच के बैनर तली होगी। मंच ने अपने गठन के तुरंत बाद नगर निगम में हुए 84 लाख रूपये के एक घोटाले का पर्दाफाश कर दिया है। उन्होंने बताया कि मंच के कार्यकर्ताओं के पास पर्याप्त मात्रा में ऐसे घोटाले हैं

जिनके आधार पर मंच के द्वारा एक विस्तृत चार्जशीट/मैमोंरेडम तैयार किया जा रहा है, जिसे एक-दो दिन में हरियाणा सरकार व नगर निगम प्रशासन को सौंपकर इन घोटालों की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरा या एस.आई.टी. से करवाने की मांग की जायेगी। मंच ने शहरवासियों, बुद्धिजीवियों, सामाजिक संगठनों, मजदूर, महिला, छात्र, युवा, कर्मचारी संगठनों से आह्वान किया है कि शहर में बेहतर मुलभूत सुविधाओं की खातिर वे इस आंदोलन का हिस्सा बनें।  मंच ने निगम के छोटे अधिकारियों व कर्मचारियों को भी आह्वान किया है कि वे बड़े भ्रष्ट अधिकारियों के चंगुल से बाहर निकल कर के आंदोलन का समर्थन करें, क्योंकि इस भ्रष्टाचार के चलते उनके वेतन, पैंशन, भत्ते व अन्य सुविधायें सर्वाधिक प्रभावित हो रहे हैं और हो सकता है कि भ्रष्टाचार के कारण आर्थिक तंगी के चलते सरकार या निगम प्रशासन कर्मियों की छंटनी शुरू कर दे। 

नवगठित भ्रष्टाचार विरोधी मंच की ओर से अनशनकारी बाबा रामकेवल, पदमश्री डा. ब्रहमदत्त और निगम अधिकारी रतन लाल रोहिल्ला ने आज यहां 84 लाख रूपये के उक्त घोटाले का पर्दाफाश करते हुए बताया गया है कि नियमानुसार किसी भी ठेकेदार को विकास कार्यों के लिए निगम की ओर से दिये जाने वाले सीमेंट या अन्य सामान की कीमत की वसूली ऐसे ठेकेदारों के रनिंग बिल से वसूल की जानी जरूरी होती है।  उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में 180  ठेकेदारों को विकास कार्यों के लिए निगम की ओर से लगभग 56000 सीमेंट के बैंग दिये गये, जिनकी 150 रूपये प्रति बैग की दर से लगभग  84 लाख रूपये की वसूली ठेकेदारों से वसूल की जानी थी, जो कि नहीं की गई है।  मंच ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इनमें से काफी ठेकेदारों ने निगम में काम करना ही बंद कर दिया है तो ऐसे में इन ठेकेदारों से 84 लाख रूपये की वसूली कैसे हो पायेगी।  

प्राप्त जानकारी के अनुसार इन ठेकेदारों में से काफी ठेकेदार इस वसूली से बचने की खातिर नाम बदलकर नगर निगम में ही काम कर रहे हैं, जिनसे वसूली आराम से की जा सकती है, लेकिन निगम अधिकारियों की मिलीभगत व भ्रष्टाचार के चलते 84 लाख रूपये की वसूली में किसी प्रकार की रूचि नहीं ली जा रही है।

              मंच ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि उनके द्वारा 17 जनवरी से भ्रष्टाचार के विरोध में किये जा रहे सत्याग्रह के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री जी व मुख्यमंत्री जी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत व भ्रष्टाचार मुक्त हरियाणा के लिए ही काम किया जा रहा है, लेकिन नगर निगम क्षेत्र से सम्बन्धित मंत्रीगण, विधायकगण, महापौर व अन्य पार्षदगण के द्वारा इस आंदोलन के बारे में एक भी शब्द नहीं बोला गया है।  उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों से उनके द्वारा एक-एक करके घोटालों का पर्दाफाश किया जा रहा है, इस पर निगम प्रशासन मौन साधे हुए है।  
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