Wednesday, 3 May 2017

प्रकाश जावड़ेकर और जम्‍मू-कश्‍मीर के शिक्षा मंत्री के बीच उच्‍चस्‍तरीय बैठक



नई दिल्ली: 3 मई (National24news.com) केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और जम्‍मू-कश्‍मीर के शिक्षा मंत्री श्री अल्‍ताफ बुखारी के बीच राज्‍य में शिक्षा से संबंधित मामलों पर विचार विमर्श के लिए आज नई दिल्‍ली में उच्‍चस्‍तरीय बैठक हुई। इस बैठक में श्री अल्‍ताफ बुखारी के साथ जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार में शिक्षा राज्‍य मंत्री श्रीमती प्रिया सेठ के अलावा मानव संसाधन विकास मंत्रालय और राज्‍य सरकार के वरिष्‍ठ अधिकारी भी मौजूद थे। बाद में, श्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के दौरान लिए गए निर्णयों के बारे में मीडिया को जानकारी दी।

 जावड़ेकर ने बताया कि हमने इस साल आरयूएसए के अंतर्गत राज्‍य के लिए स्‍वीकृत दो इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए 52 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है। इसमें से 25 करोड़ रुपए की राशि इसी सप्‍ताह जारी की जाएगी। ये इंजीनियरिंग कॉलेज कश्‍मीर घाटी के सापाकोरा और जम्‍मू के कठुआ में स्‍थापित किए जाएंगे और भले ही इनके भवनों के निर्माण में अभी दो वर्ष का समय और लगना हो, इसके बावजूद वहां पढ़ाई इसी साल से शुरू हो जाएगी। पढ़ाई तत्‍काल शुरू कराने के फैसले से निश्चित रूप से छात्र लाभान्वित होंगे।

      उन्‍होंने कहा कि इंजीनियरिंग के छात्रों के समान ही अब पॉलिटेक्‍नीक के छात्रों को भी छात्रवृत्ति उपलब्‍ध कराई जाएगी। 

 जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत जम्‍मू-कश्‍मीर के 5000 छात्रों को देशभर में फैले विभिन्‍न कॉलेजों में इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्रबंधन और आतिथ्‍य क्षेत्र में उच्‍च शिक्षा जारी रखने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। अभी तक सीटों का कोटा प्रति कॉलेज दो सीट था, जिसे अब बढ़ाकर 10 सीट कर दिया गया है। बढ़ाए गए कोटे पर भी छात्रवृत्ति लागू होगी। श्री जावड़ेकर ने कहा कि आईआईएम जम्‍मू के स्‍थायी परिसर के निर्माण के लिए भी कार्य आरंभ हो चुका है और राज्‍य सरकार की ओर से इस उद्देश्‍य के लिए जिस जमीन की पेशकश  की गई है, उसकी उपयुक्‍तता का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति सप्‍ताह भर के भीतर ही जम्‍मू का दौरा करेगी और बाद में इस बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।  

 जावड़ेकर ने राज्‍य में छात्राओं के लिए सात छात्रावासों का निर्माण किए जाने की भी सूचना दी। उन्‍होंने बताया कि बेमिना, पालोदा, थात्री , राजौरी, कुपवाड़ा, पुलवामा और करगिल में इन छात्रावासों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है। इनमें से बेमिना और पालोदा में बड़े छात्रावास बनाए जाएंगे, जिनमें से प्रत्‍येक के लिए 12.5 करोड़ रुपए की राशि का अनुदान उपलब्‍ध कराया जाएगा। शेष छात्रावासों का निर्माण 5-5 करोड़ रुपए की राशि से किया जाएगा।

 जावड़ेकर ने कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर की लड़कियां शिक्षा प्राप्‍त करने की इच्‍छुक हैं  इसलिए हमने उन्‍हें उचित गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर बल देने के लिए यह फैसला लिया है। उन्‍होंने कहा कि राज्‍य के प्राथमिक शिक्षकों के बकाया वेतन का भुगतान करने के लिए राहत के उपाय के तौर पर 200 करोड़ रुपए की राशि हमारे विशेष कोष से मंजूर की गई है। उन्‍होंने कहा कि हम भविष्‍य में भी इस तरह की समस्‍याओं का समाधान करते रहेंगे। श्री जावड़ेकर ने राज्‍य में माध्‍यमिक शिक्षा के लिए 34 करोड़ रुपए के आवर्ती अनुदान को भी इसी सप्‍ताह मंजूरी दिए जाने की सूचना दी।

 जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा राज्‍य के लिए घोषित 19500 करोड़ रुपए की राशि भी पहले ही इसी सप्‍ताह जारी की जा चुकी है। उन्‍होंने कहा कि इससे राज्‍य में शिक्षा का बेहतर माहौल तैयार करने में मदद मिलेगी, जिससे राज्‍य को कई तरह से लाभ होगा। श्री जावड़ेकर ने राज्‍य के अशांत हालात का हवाला देते हुए कहा कि स्‍कूलों को जलाए जाने की घटनाओं के बावजूद छात्रों की उपस्थिति 98-99 प्रतिशत बनी रही है। उन्‍होंने कहा कि यह अच्‍छी शिक्षा प्राप्‍त करने के प्रति छात्रों की इच्‍छा और तलाश को दर्शाती है।  उन्‍होंने कहा कि यह तलाश कश्‍मीरियत की भी है, क्‍योंकि उनकी राय में शिक्षा वैयक्तिक, परिवार और समाज के उत्‍थान का सबसे बड़ा साधन है तथा जम्‍मू एवं कश्‍मीर घाटी की जनता इस बात से भली-भांति अवगत है।
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