Thursday 30 August 2018

बदी से नेकी की ओर ले जाने वाला अनोखा मानवता-ई-ओलम्पियाड


चंडीगड़ : 31 अगस्त I हे ईश्वर ! हमें बुराई से अच्छाई की ओर ले चलो। हे ईश्वर ! हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। हे ईश्वर ! हमें मृत्यु से मोक्ष की ओर ले चलो। नि:संदेह वेद-शास्त्र के इस कथन से तो हम सब भली-भांति परिचित ही है, परन्तु इस कथन को चरितार्थ कर, मानव-धर्म से पतित इंसानों को पुन: अच्छाई के मार्ग पर प्रशस्त करने की तरफ कदम बढ़ाया है सतयुग दर्शन ट्रस्ट द्वारा निर्मित मानवता विकास क्लब के निष्काम युवा सदस्यों ने। 

आप सब को यह जानकर हैरानी होगी कि ट्रस्ट द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित मानवता-ई-ओलम्पियाड ने आज यहाँ-वहाँ, जहाँ-तहाँ यानि कोचिंग सेन्टरों व स्कूलों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं में, कालेजों में व विभिन्न अन्य शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे युवाओं में, मॉलों में, पार्कों में व बाजारों में सैर-सपाटा कर रहे इंसानों में, ओद्योगिक क्षेत्रों में व पेशेवर व्यवसायों में कार्यरत लोगों में, समाज से कटे हुए लाचार, अंध, अपंग, अनाथ बच्चों में व वृद्धाश्रमों में निवास कर रहे असहाय वृद्धों में, मानवता अपना कर एक अच्छा इंसान बनने की ऐसी उमंग जाग्रत कर दी है कि आज हर कोई, चाहे वह बाल हो या युवा हो, प्रौढ़ हो या वृद्ध हो, नेता हो या मंत्री हो, गायक हो या कलाकार, सब के सब 15 मिनिट की इस परीक्षा द्वारा, अपने वर्तमान नैतिक स्तर का जायज़ा ले, भौतिक पढ़ाई के साथ-साथ आत्मिक ज्ञान प्राप्ति की अनिवार्य आवश्यकता को स्वीकारने के लिए विवश हो गए हैं। 

उनके अनुसार यह परीक्षा कोई साधारण परीक्षा नहीं है अपितु यह परीक्षा तो वह परीक्षा है जो आत्मनिरीक्षण द्वारा, जन्म-जन्मांतरों से मानव मन में गहनता से छाए हुए अज्ञानमय अंधकार को भेद कर, आत्मज्योति के प्रकाश में, ख़ुद का खुद से परिचय कराने वाली है यानि मानव का उसके निज मानव धर्म मानवता से परिचय करा, आत्मसाक्षात्कार के सुनहरी मार्ग पर प्रशस्त करने वाली है। अन्य शब्दों में वर्तमान कलुषित नकारात्मक वातावरण में, सात्विकता से भरपूर सकारात्मक व उच्च विचारों के रूप में प्रवाहित हो रही इस परीक्षा की निर्मल अवधारणा ने, संसार में भटके हुए हर मानव के मन को इस तरह तरंगित कर दिया है कि सहज ही ह्मदय परिर्वतन की अभिलाषा उसके मन में जाग्रत हो गई है और वह बदी का रास्ता छोड़ नेकी की राह पर चलने के लिए तत्पर हो गया है। इस तरह पवित्रता की वाइबरेशनस यानि प्रकम्मपन इस परीक्षा के माध्यम से हर ह्मदय को झंकृत कर रहा है और प्रत्येक के मन में बुराई का रास्ता छोड़ पूर्णत: सदाचारी बनने की उमंग व उत्साह जाग्रत कर रहा है। सबकी जानकारी हेतु अब तक लगभग साढ़े 5 लाख सजन आनलाइन आयोजित इस परीक्षा को दे चुके हैं और अविचारी चलन त्याग कर विचार में आने के लिए तत्पर हो गए हैं। 

निश्चित ही इन अभूतपूर्व प्रयासों एवं प्राप्त हुई आशातीत सफलता को देखकर यह ज्ञात होता है कि परमेश्वर समय रहते ही हम जीवों के अन्दर आत्मिक ज्ञान प्राप्ति की अभिलाषा जाग्रत कर, बुरे से अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और विचार, सत्-जबान, एक दृष्टि, एकता, एक अवस्था में आकर  सतवस्तु में प्रवेश करने का आवाहन् दे रहे हैं। अत: ईश्वर के हुक्म की मननकारी करते हुए हम सबके लिए बनता है कि हम परमेश्वर द्वारा दर्शाए इस मार्ग का तहे दिल से अनुसरण करें और तद्नुकूल न केवल विचारसंगत जीवने जीने की कला सीखें अपितु उस कला के समुचित वर्त-वर्ताव द्वारा युग परिवर्तन के महत्त्वपूर्ण कार्य में भी निष्कामता से अपना भरपूर सहयोग दें। इस तरह फिर उस परमपिता परमात्मा का संग प्राप्त कर व समभाव नजरों में कर सजन वृत्ति अपनाए और समदर्शिता अनुरूप, परस्पर सजन भाव का व्यवहार करते हुए शांतिपूर्वक पावन जीवन जीते हुए सबके लिए कल्याणकारी साबित हो। 

अंत में सजनों अगर यह समाचार पढ़ने के पश्चात् अगर आप सब के मन में भी ऐसा सदाचारी, धर्मशील इंसान बनने की इच्छा जाग्रत हुई है और आप अपनी इस अभिलाषा को पूरा कर मानव जाति के उत्थान के निमित्त चलाए जा रहे इस प्रयोजन में अपना योगदान देना चाहते हो तो आज ही आनलाइन आयोजित इस परीक्षा को वेबसाइट www.humanityolympiad.org  पर जाकर अंग्रेजी एवं हिंदी किसी भी माध्यम में सम्पन्न करें और परोपकार की भावना से ओत-प्रोत हो सबसे भी कराएं । इस तरह लैपटॉप , स्मार्टफोन, टी.वी., ई-गेजेटस व अन्य आकर्षण इनाम पाने के हकदार बनें। सबकी जानकारी हेतु पुरस्कार वितरण समारोह दिनाँक 7 सितम्बर 2018, विश्व समभाव दिवस के शुभावसर पर फरीदाबाद, गाँव भूपानि स्थित ट्रस्ट के विशाल सभागार में सम्पन्न होगा। समभाव-समदृष्टि तथा मानवता के विषय में उचित मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु सभी से निवेदन है कि वह अवश्य ही घर-परिवार व सगे-सम्बन्धियो सहित इस आयोजन में सम्मिलित हो व अपना स्थान प्रात: साढे नौ बजे तक अवश्य ग्रहण कर लें। 

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