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Sunday 3 February 2019

 इटली मैं विश्व किकबॉक्सिंग महासंघ' संतोष कुमार अग्रवाल ने भाग लिया

इटली मैं विश्व किकबॉक्सिंग महासंघ' संतोष कुमार अग्रवाल ने भाग लिया

फरीदाबाद 3 फरवरी : इटली के मिलान शहर के कांफ्रेंस हॉल, शेराटन होटल में सम्पन्न 'विश्व किकबॉक्सिंग महासंघ' की "विशेष आम सभा" में फरीदाबाद के संतोष कुमार अग्रवाल ने भाग लिया।

वाको इंडिया किकबॉक्सिंग महासंघ के महासचिव तारकेश मिश्रा ने बताया की कल दिनांक 2 फरवरी को इटली के मिलान शहर में "वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ किकबॉक्सिंग आर्गेनाईजेशन" की "विशेष आम सभा" बुलाई गई थी, जिसमें भाग लेने के लिए भारत देश से 'वाको इंडिया किकबॉक्सिंग महासंघ' के राष्ट्रीय अध्यक्ष  संतोष कुमार अग्रवाल को आमंत्रित किया गया था। इस बैठक में भारत से एकमात्र प्रतिनिधि के तौर पर श्री संतोष कुमार अग्रवाल ने भारत देश का प्रतिनिधित्व किया। 

राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संतोष कुमार अग्रवाल ने बताया की इस आम सभा में मुख्य रूप से वर्ल्ड प्रेजिडेंट का चुनाव होना था, इस आम सभा में मुख्य रूप से विभन्न देशों के 51 प्रतिनिधि / अध्यक्ष ने हिस्सा लिया।इस आम सभा में 'यूरोपियन किकबॉक्सिंग महासंघ' के अध्यक्ष श्री रॉय बेकर (आयरलैंड)  को अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है. श्री अग्रवाल ने श्री रॉय बेकर के अध्यक्ष बनने पर उन्हें पूरे वाको इंडिया किकबॉक्सिंग परिवार की तरफ से बधाई दी है एवं आशा व्यक्त की है की उनके कुशल मार्गदर्शन में पूरे विश्व में किकबॉक्सिंग खेल का और अधिक समुचित विकास होगा।

श्री अग्रवाल ने यह भी बताया की इस दौरान भारत में किकबॉक्सिंग खेल के और अधिक विकास एवं प्रचारित, प्रसारित एवं तकनिकी दृष्टिकोण से और अधिक सशक्त बनाने के लिए उनकी विशेष बैठक वहां आये हुए विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के साथ हुई जिनमें प्रमुख हैं: रूस, मौरीसस, कज़ाख़स्तान, इस्टोनिया, जॉर्डन, तुर्की, उक्रैन एवं सर्बिआ आदि हैं. उन्होंने कई देशों के मुख्य प्रशिक्षकों को भी भारत आने का न्योता दिया.      

श्री संतोष कुमार अग्रवाल ने बताया की वर्तमान में किकबॉक्सिंग खेल 128 देशों में खेला जाता है और वहां पर इसका राष्ट्रीय संगठन भी है, अभी हाल ही में दिनांक 30 नवंबर 2018 को टोक्यो में आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी खेलों की शीर्ष संस्था "अंतराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति" की 'कार्यकारिणी बैठक' में किकबॉक्सिंग खेल की अंतरराष्ट्रीय संस्था 'वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ किकबॉक्सिंग ऑर्गनिज़ाशन्स' को मान्यता दे दी है, भारत में भी यह खेल काफी लोकप्रिय हो रहा है और लगभग सभी राज्यों में इसकी मान्यता प्राप्त इकाई काम कर रही है।

Sunday 27 January 2019

भारतीय लड़कियों को इसमें बढ़ाने के लिए सलवार सूट में कर रहीं फाइट….

भारतीय लड़कियों को इसमें बढ़ाने के लिए सलवार सूट में कर रहीं फाइट….

नई दिल्ली : 28 जनवरी I डब्ल्यूडब्ल्यूई के एनएक्सटी प्रोग्राम के तहत सलवार-सूट में फाइट करने वाली पहली भारतीय महिला कविता देवी का इस खेल से जुड़ना एक अचरज ही रहा है। वह इससे पहले साउथ एशियन वेटलिफ्टिंग और वुशु नेशनल चैंपियन थीं। भारत में हुई डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर्स फाइट को वह देखने पहुंची थीं। वहां पर डब्ल्यूडब्ल्यूई की एक महिला रेसलर के ओपन चैलेंज पर यह सलवार-सूट में ही रिंग में उतर गईं। और उसे सिर से उठाकर रिंग में पटक दिया। उन्हें नहीं मालूम था कि डब्ल्यूडब्ल्यूई अधिकारी ट्राईआउट प्रोग्राम के तहत भारत से नए रेसलर्स की खोज भी कर रहे थे। इसके बाद उन्हें दुबई ट्राईआउट प्रोग्राम में आने का न्यौता दिया गया । और वहां डब्ल्यूडब्ल्यूई की ट्रेनिंग के लिए चुन लिया गया। खली से भी उन्होंने ट्रेनिंग प्राप्त की है। आपको बता दें कि कविता भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों फर्स्ट लेडी अवॉर्ड से सम्मानित हो चुकी हैं।

दो साल लगेंगे मुख्य रोस्टर में जाने को

कविता ने बताया कि डब्ल्यूडब्ल्यूई के मुख्य रोस्टर में जाने के लिए एनएक्सटी प्रोग्राम में दो साल की कड़ी ट्रेनिंग कराई जाती है। इसके तहत फाइट एवं चैंपियनशिप भी डब्ल्यूडब्ल्यूई की तरह ही आयोजित होती हैं। इस प्रोग्राम में रेसलर को मुख्य रोस्टर में लड़ने के तहत परिपक्व किया जाता है। इसलिए ही अभी वह एनएक्सटी प्रोग्राम का हिस्सा हैं। कविता बताती हैं कि इस ट्रेनिंग में कई बार दो साल से ज्यादा का वक्त भी लग सकता है और कम भी। चयनकर्ता जब पूरी तरह से निश्चित हो जाते हैं कि रेसलर मुख्य रोस्टर में लड़ने लायक है, तभी उसे इस प्रोग्राम से मुख्य रोस्टर में डाला जाता है।

सलवार-सूट को इसलिए बनाया ड्रेस

कविता का कहना है कि भारतीय लड़कियां इस खेल में आगे आएं। वह परंपरा और संस्कृति की वजह से पीछे न रह जाएं। इसके लिए ही उन्होंने सलवार-सूट को अपनी ड्रेस बनाया है। ताकि वह दिखा सकें कि सलवार-सूट में भी फाइट हो सकती है। इस खेल में करियर बनाया जा सकता है। जरूरी नहीं कि इस खेल के लिए छोटे-छोटे कपड़े पहने जाएं। इसके लिए ही एक बार फिर भारत में मुंबई में डब्ल्यूडब्ल्यूई ट्राईआउट कराने जा रहा है। जिसके लिए इस बार ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता है।

कठिन रहा है सफर

जींद माली गांव की रहने वाली कविता ने बताया कि उनका किसान परिवार था। खेल से सब कोसो दूर थे। वह पहली लड़की थीं। जिसने खेल को चुना। शुरू में उन्हें समाज के तानों के साथ परिवार की बेरूखी का भी सामना करना पड़ा। लेकिन उनकी मेहनत की वजह से ही उनको परिवार को धीरे-धीरे सहयोग मिलने लगा। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में पांच भाई-बहन हैं। उनके बड़े भाई संजय ने उन्हें सबसे पहले सपोर्ट किया। सबसे पहले वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग उन्होंने ली। इसके लिए  जिम गईं। 2008 में इस वजह से ही सशस्त्र सीमा बल में कांस्टेबल की नौकरी भी मिली। शादी होने पर पति गौरव तौमर की सलाह पर वुशु की ट्रेनिंग ली। और उसमें भी दो साल सीनियर नेशनल चैंपियन रही। उन्होंने तब मेडल जीते जब वह एक बच्चे की मां भी थीं। पति के सपोर्ट से ही वह विभिन्न प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीत सकीं। वह बताती हैं कि उनको विभाग की तरफ से सपोर्ट नहीं मिलने की वजह से नौकरी छोड़नी पड़ी। लेकिन वह खुश है कि वह डब्ल्यूडब्ल्यूई का हिस्सा हैं। अब उनका लक्ष्य डब्ल्यूडब्ल्यूई के मुख्य रोस्टर में जगह बनाने का है। 

Thursday 17 January 2019

मानव रचना के छात्र पहुंचे माइक्रोसॉफ्ट इमैजिन कप के सेमी-फाइनल में

मानव रचना के छात्र पहुंचे माइक्रोसॉफ्ट इमैजिन कप के सेमी-फाइनल में

फरीदाबाद 17 जनवरी: मानव रचना के छात्र एक बार फिर विदेश में भारत का झंडा लहराना के लिए तैयार हैं। बी.टेक सीएसई के छात्रों ने माइक्रोसॉफ्ट इमैजिन कप-2019 के सेमी फिनाल राउंड में जगह बनाई है। अब छात्र 12 फरवरी को सिडनी में होने वाले ग्रांड फिनाले में हिस्सा लेंगे। छात्रों की ओर से एक ऐसा  स्मार्ट मास्क बनाया गया है जो प्रदूषण से बचाएगा साथ ही अस्थमा पेशेंट्स के लिए इन्हेलर का भी काम करेगा।  इस मास्क का नाम ‘कायली’ है।

मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज के बी.टेक सीएसई (छठे सेमेस्टर) के छात्रों वासू कौशिक, आकाश भड़ाना और भरत सुंदल ने यह मास्क अपने मेंटर उमेश दत्ता की देखरेख में पूरा किया है।

आपको बता दें, सेमी फाइनल में एशिया के 12 देशों का चयन हुआ है, जिसमें सिर्फ भारत ऐसा देश है जिसके तीन प्रोजेक्ट शामिल हैं और इनमें से एक प्रोजेक्ट मानव रचना के छात्रों का है। माइक्रोसॉफ्ट इमैजिन कप को जीतने वाले को एक लाख यूएस डॉलर का ईनाम दिया जाएगा।

Wednesday 12 December 2018

दवाओं की ऑनलाइन बिक्री : मनसुख मंडाविया रसायन एव उर्वरक राज्य मंत्री

दवाओं की ऑनलाइन बिक्री : मनसुख मंडाविया रसायन एव उर्वरक राज्य मंत्री

NEW DELHI  ( 13 दिसम्बर ) केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, नौवहन तथा रसायन एव उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख एल.मंडाविया ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि दवाओँ की ऑनलाइन बिक्री के लिए पृथक दिशा-निर्देश के संबंध में कहा कि औषधि और प्रसाधन नियम, 1945 में औषधियों की बिक्री, भंडारण और विपणन के प्रावधान है।

श्री मंडाविया ने कहा कि स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने ई-फॉरमेसी के माध्यम से दवाओं की बिक्री भंडारण और विपणन के नियमन के लिए औषधि व प्रसाधन नियम में संशोधन के लिए मसौदा प्रकाशित किया है।

मसौदे के अनुसार ई-फॉरमेसी पोर्टल में दवा विक्रेता के नाम, पंजीयन संख्या और फॉरमेसी परिषद से संबंधित विभिन्न ब्यौरे की जानकारी दी जाएगी।

Monday 10 December 2018

कुबोता और एस्कॉर्ट्स ने विश्व में अग्रणी स्थान हासिल करने के लिए हाथ मिलाया

कुबोता और एस्कॉर्ट्स ने विश्व में अग्रणी स्थान हासिल करने के लिए हाथ मिलाया

फरीदाबाद 11 दिसंबर।  एस्कॉर्ट्स लि. और कुबोता कॉर्पोरेशन का लक्ष्य मज़बूत घरेलू एवं निर्यात बाज़ार में हिस्सेदारी प्राप्त करना है, जिसके लिए दोनों कंपनियां तकनीकी सहयोग और उच्च-क्षमता वाले यूटिलिटी ट्रैक्टर रेंज के लिए वैश्विक संयुक्त उपक्रम बनाएंगे

दोनों कंपनियां साथ मिलकर भारत और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार के लिए नए उत्पाद विकसित करेंगी
नई साझा निर्माण व्यवस्था के लिए संयुक्त उपक्रम बनाया जाएगा, जिसकी शुरुआती क्षमता 50 हज़ार ट्रैक्टरों की होगी। यह ट्रैक्टर दोनों कंपनियों द्वारा घरेलू बाज़ार में अपने निजी चैनल नेटवर्क के माध्यम से बेचे जाएंगे
इस भागीदारी के तहत, चुनिंदा बाज़ारों में आपसी सहमति के अनुसार कुबोता अपने ग्लोबल डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क के जरिये एस्कॉर्ट्स के ट्रैक्टर्स एक्सपोर्ट करेगी
एस्कॉर्ट्स और केबीटी भारत में स्वतंत्र रूप से अपने डिस्ट्रिब्यूशन चैनल को विकसित करना जारी रखेंगे, साथ ही दोनों कंपनियां साझा विकास और भविष्य में कुछ ग्रीनफील्ड अवसरों के लिए अपने तकनीकी प्लेटफॉर्म्स एक दूसरे को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराएंगी

नई दिल्ली, 10 दिसंबर, 2018: भारत के अग्रणी इंजीनियरिंग समूह एस्कॉर्ट्स लि और जापान की सबसे बड़ी एवं विश्व की अग्रणी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी कुबोता कॉर्पोरेशन ने अपने वैश्विक संयुक्त उपक्रम की घोषणा की है। यह ज्वाइंट वेंचर घरेलू एवं निर्यात बाज़ारों के लिए उच्च क्षमता तकनीक वाले ट्रैक्टरों का निर्माण करेगा। इस भागीदारी के तहत कुबोता की अग्रणी जापानी तकनीक और एस्कॉर्ट्स की उत्कृष्ट इंजीनियरिंग क्षमताओं को उपयोग करते हुए एक बढ़ते बाज़ार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। दोनों कंपनियां मिलकर पूरे विश्व में अग्रणी स्थान हासिल करने के लिए उच्च क्षमता वाले गुणवत्तापूर्ण यूटिलिटी ट्रैक्टर बनाएंगी। 

कुबोता और एस्कॉर्ट्स के बीच हुए क्रमशः 60:40 निर्माण संयुक्त उपक्रम में रु. 300 करोड़ का शुरुआती निवेश किया जाएगा। इससे दोनों भागीदारों को विश्वभर में अपनी मौजूदा एवं भविष्य की क्षमताओं को इस सेग्मेंट में बेहतर बनाने हेतु सहायता मिलेगी। इस संयुक्त उपक्रम का उद्देश्य घरेलू एवं निर्यात बाज़ारों में, मध्यम से लंबी अवधि के दौरान अग्रणी स्थान हासिल करना है। 

इस अवसर पर बोलते हुए निखिल नंदा, चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, एस्कॉर्ट्स लि. ने कहा, “एस्कॉर्ट्स योजनाबद्ध तरीके से तकनीकी एवं निर्माण साझेदारियों के जरिये एक वैश्विक संगठन के रूप में विकसित हो रहा है। कुबोता के साथ हमारे वैश्विक संयुक्त उपक्रम का लक्ष्य घरेलू एवं निर्यात बाज़ारों में तकनीक आधारित साझा विकास हासिल करना है। हमारी मौजूदा शक्तियों, डिस्ट्रिब्यूशन और इंजीनियरिंग मानकों के साथ हम कारोबारी अवसरों वाले अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में जाएंगे और विश्व में अग्रणी स्थान हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।”

मासातोशी किमाता, प्रेसिडेंट एवं रिप्रेजेंटेटिव डायरेक्टर, कुबोता कॉर्पोरेशन, जापान ने कहा, “एस्कॉर्ट्स ग्रुप के साथ भागीदारी की घोषणा करते हुए हम उत्साहित हैं। एस्कॉर्ट्स के पास एक मज़बूत तकनीकी विरासत और कृषि उपकरण समाधानों का एक विविध उत्पाद पोर्टफोलियो है। वहीं कुबोता के पास एक प्रमाणित वैश्विक तकनीक है और हम साथ मिलकर भारत सहित अन्य विकासशील अर्थव्यवस्थाओं पर ध्यान देंगे, जिन्हें अत्यधिक मशीनीकृत कृषि कार्यों की बढ़ती मांग के लिए उच्च क्षमता वाले आधुनिक ट्रैक्टरों की ज़रूरत है। अपने देशों में अग्रणी स्थिति रखने वाले कुबोता और एस्कॉर्ट्स साथ मिलकर अपनी-अपनी शक्तियों, तकनीक एवं निर्माण उत्कृष्टता को संगठित करते हुए एक ग्लोबल लीडर बनने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे।” 

इस संयुक्त उपक्रम के लिए समझौता-पत्र पर एस्कॉर्ट्स लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर निखिल नंदा और कुबोता कॉर्पोरेशन, जापान के प्रेसिडेंट एवं रिप्रेजेंटेटिव डायरेक्टर मासातोशी किमाता ने हस्ताक्षर किये। 

एस्कॉर्ट्स लिमिटेड के बारे में संपादक के लिए नोट
एस्कॉर्ट्स समूह देश के अग्रणी इंजीनियरिंग समूहों में से एक है जो कि कृषि मशीनों, मैटेरियल हैंडलिंग, निर्माण उपकरणों, रेलवे उपकरण जैसे उच्च विकास क्षेत्रों में गतिविधियां संचालित करता है। समूह ने अपने उत्पादों और प्रक्रिया नवीनीकरण के द्वारा अपने संचालन के पिछले सात दशकों में 50 लाख ग्राहकों से भी अधिक का विश्वास जीता है। एस्कॉर्ट्स कृषि मशीनीकरण, रेलवे तकनीक के आधुनिकिकरण में क्रांति की अगुवाई करते हुए और भारतीय निर्माण क्षेत्र के स्वरूप के बदलाव में शामिल होकर ग्रामीण और शहरी भारत में रहने वाले लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए प्रयत्नशील है।

कुबोता कॉर्पोरेशन के बारे में संपादक को नोट
कुबोता ग्रुप एक ग्लोबल मेन्युफैक्चरिंग कंपनी है, जो कृषि, जल और रहिवासी पर्यावरण उत्पादों में विशेषज्ञता रखती है। इस ग्रुप का नेटवर्क विश्वभर के 100 देशों में मौजूद है। कुबोता के रिसर्च एवं डेवलपमेंट में वास्तविक प्रक्रियाओं को महत्व दिया जाता है। एक कृषि एवं जल विशेषज्ञ के रूप में हम भोजन, पानी और पर्यावरण के भविष्य को चुनौती देते हुए उसे हासिल करते हैं और अपने ग्राहकों की ज़रूरत पूरी करते हैं। सक्रिय प्रबंधन, सुविधाजनक उत्पादों और निरंतर सहायता के साथ कुबोता ग्रुप वैश्विक कृषि एवं जल संबंधी उद्योगों में पूरे विश्व में अग्रणी है।