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Wednesday 12 December 2018

दवाओं की ऑनलाइन बिक्री : मनसुख मंडाविया रसायन एव उर्वरक राज्य मंत्री

दवाओं की ऑनलाइन बिक्री : मनसुख मंडाविया रसायन एव उर्वरक राज्य मंत्री

NEW DELHI  ( 13 दिसम्बर ) केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, नौवहन तथा रसायन एव उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख एल.मंडाविया ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि दवाओँ की ऑनलाइन बिक्री के लिए पृथक दिशा-निर्देश के संबंध में कहा कि औषधि और प्रसाधन नियम, 1945 में औषधियों की बिक्री, भंडारण और विपणन के प्रावधान है।

श्री मंडाविया ने कहा कि स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने ई-फॉरमेसी के माध्यम से दवाओं की बिक्री भंडारण और विपणन के नियमन के लिए औषधि व प्रसाधन नियम में संशोधन के लिए मसौदा प्रकाशित किया है।

मसौदे के अनुसार ई-फॉरमेसी पोर्टल में दवा विक्रेता के नाम, पंजीयन संख्या और फॉरमेसी परिषद से संबंधित विभिन्न ब्यौरे की जानकारी दी जाएगी।

Monday 10 December 2018

कुबोता और एस्कॉर्ट्स ने विश्व में अग्रणी स्थान हासिल करने के लिए हाथ मिलाया

कुबोता और एस्कॉर्ट्स ने विश्व में अग्रणी स्थान हासिल करने के लिए हाथ मिलाया

फरीदाबाद 11 दिसंबर।  एस्कॉर्ट्स लि. और कुबोता कॉर्पोरेशन का लक्ष्य मज़बूत घरेलू एवं निर्यात बाज़ार में हिस्सेदारी प्राप्त करना है, जिसके लिए दोनों कंपनियां तकनीकी सहयोग और उच्च-क्षमता वाले यूटिलिटी ट्रैक्टर रेंज के लिए वैश्विक संयुक्त उपक्रम बनाएंगे

दोनों कंपनियां साथ मिलकर भारत और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार के लिए नए उत्पाद विकसित करेंगी
नई साझा निर्माण व्यवस्था के लिए संयुक्त उपक्रम बनाया जाएगा, जिसकी शुरुआती क्षमता 50 हज़ार ट्रैक्टरों की होगी। यह ट्रैक्टर दोनों कंपनियों द्वारा घरेलू बाज़ार में अपने निजी चैनल नेटवर्क के माध्यम से बेचे जाएंगे
इस भागीदारी के तहत, चुनिंदा बाज़ारों में आपसी सहमति के अनुसार कुबोता अपने ग्लोबल डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क के जरिये एस्कॉर्ट्स के ट्रैक्टर्स एक्सपोर्ट करेगी
एस्कॉर्ट्स और केबीटी भारत में स्वतंत्र रूप से अपने डिस्ट्रिब्यूशन चैनल को विकसित करना जारी रखेंगे, साथ ही दोनों कंपनियां साझा विकास और भविष्य में कुछ ग्रीनफील्ड अवसरों के लिए अपने तकनीकी प्लेटफॉर्म्स एक दूसरे को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराएंगी

नई दिल्ली, 10 दिसंबर, 2018: भारत के अग्रणी इंजीनियरिंग समूह एस्कॉर्ट्स लि और जापान की सबसे बड़ी एवं विश्व की अग्रणी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी कुबोता कॉर्पोरेशन ने अपने वैश्विक संयुक्त उपक्रम की घोषणा की है। यह ज्वाइंट वेंचर घरेलू एवं निर्यात बाज़ारों के लिए उच्च क्षमता तकनीक वाले ट्रैक्टरों का निर्माण करेगा। इस भागीदारी के तहत कुबोता की अग्रणी जापानी तकनीक और एस्कॉर्ट्स की उत्कृष्ट इंजीनियरिंग क्षमताओं को उपयोग करते हुए एक बढ़ते बाज़ार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। दोनों कंपनियां मिलकर पूरे विश्व में अग्रणी स्थान हासिल करने के लिए उच्च क्षमता वाले गुणवत्तापूर्ण यूटिलिटी ट्रैक्टर बनाएंगी। 

कुबोता और एस्कॉर्ट्स के बीच हुए क्रमशः 60:40 निर्माण संयुक्त उपक्रम में रु. 300 करोड़ का शुरुआती निवेश किया जाएगा। इससे दोनों भागीदारों को विश्वभर में अपनी मौजूदा एवं भविष्य की क्षमताओं को इस सेग्मेंट में बेहतर बनाने हेतु सहायता मिलेगी। इस संयुक्त उपक्रम का उद्देश्य घरेलू एवं निर्यात बाज़ारों में, मध्यम से लंबी अवधि के दौरान अग्रणी स्थान हासिल करना है। 

इस अवसर पर बोलते हुए निखिल नंदा, चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, एस्कॉर्ट्स लि. ने कहा, “एस्कॉर्ट्स योजनाबद्ध तरीके से तकनीकी एवं निर्माण साझेदारियों के जरिये एक वैश्विक संगठन के रूप में विकसित हो रहा है। कुबोता के साथ हमारे वैश्विक संयुक्त उपक्रम का लक्ष्य घरेलू एवं निर्यात बाज़ारों में तकनीक आधारित साझा विकास हासिल करना है। हमारी मौजूदा शक्तियों, डिस्ट्रिब्यूशन और इंजीनियरिंग मानकों के साथ हम कारोबारी अवसरों वाले अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में जाएंगे और विश्व में अग्रणी स्थान हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।”

मासातोशी किमाता, प्रेसिडेंट एवं रिप्रेजेंटेटिव डायरेक्टर, कुबोता कॉर्पोरेशन, जापान ने कहा, “एस्कॉर्ट्स ग्रुप के साथ भागीदारी की घोषणा करते हुए हम उत्साहित हैं। एस्कॉर्ट्स के पास एक मज़बूत तकनीकी विरासत और कृषि उपकरण समाधानों का एक विविध उत्पाद पोर्टफोलियो है। वहीं कुबोता के पास एक प्रमाणित वैश्विक तकनीक है और हम साथ मिलकर भारत सहित अन्य विकासशील अर्थव्यवस्थाओं पर ध्यान देंगे, जिन्हें अत्यधिक मशीनीकृत कृषि कार्यों की बढ़ती मांग के लिए उच्च क्षमता वाले आधुनिक ट्रैक्टरों की ज़रूरत है। अपने देशों में अग्रणी स्थिति रखने वाले कुबोता और एस्कॉर्ट्स साथ मिलकर अपनी-अपनी शक्तियों, तकनीक एवं निर्माण उत्कृष्टता को संगठित करते हुए एक ग्लोबल लीडर बनने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे।” 

इस संयुक्त उपक्रम के लिए समझौता-पत्र पर एस्कॉर्ट्स लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर निखिल नंदा और कुबोता कॉर्पोरेशन, जापान के प्रेसिडेंट एवं रिप्रेजेंटेटिव डायरेक्टर मासातोशी किमाता ने हस्ताक्षर किये। 

एस्कॉर्ट्स लिमिटेड के बारे में संपादक के लिए नोट
एस्कॉर्ट्स समूह देश के अग्रणी इंजीनियरिंग समूहों में से एक है जो कि कृषि मशीनों, मैटेरियल हैंडलिंग, निर्माण उपकरणों, रेलवे उपकरण जैसे उच्च विकास क्षेत्रों में गतिविधियां संचालित करता है। समूह ने अपने उत्पादों और प्रक्रिया नवीनीकरण के द्वारा अपने संचालन के पिछले सात दशकों में 50 लाख ग्राहकों से भी अधिक का विश्वास जीता है। एस्कॉर्ट्स कृषि मशीनीकरण, रेलवे तकनीक के आधुनिकिकरण में क्रांति की अगुवाई करते हुए और भारतीय निर्माण क्षेत्र के स्वरूप के बदलाव में शामिल होकर ग्रामीण और शहरी भारत में रहने वाले लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए प्रयत्नशील है।

कुबोता कॉर्पोरेशन के बारे में संपादक को नोट
कुबोता ग्रुप एक ग्लोबल मेन्युफैक्चरिंग कंपनी है, जो कृषि, जल और रहिवासी पर्यावरण उत्पादों में विशेषज्ञता रखती है। इस ग्रुप का नेटवर्क विश्वभर के 100 देशों में मौजूद है। कुबोता के रिसर्च एवं डेवलपमेंट में वास्तविक प्रक्रियाओं को महत्व दिया जाता है। एक कृषि एवं जल विशेषज्ञ के रूप में हम भोजन, पानी और पर्यावरण के भविष्य को चुनौती देते हुए उसे हासिल करते हैं और अपने ग्राहकों की ज़रूरत पूरी करते हैं। सक्रिय प्रबंधन, सुविधाजनक उत्पादों और निरंतर सहायता के साथ कुबोता ग्रुप वैश्विक कृषि एवं जल संबंधी उद्योगों में पूरे विश्व में अग्रणी है। 

Sunday 25 November 2018

रमणीक प्रभाकर को इन्डो नैपाल एकता अवार्ड 2018 से सम्मानित किया

रमणीक प्रभाकर को इन्डो नैपाल एकता अवार्ड 2018 से सम्मानित किया

फरीदाबाद 25 नवंबर ।  इंडो नैपाल समरसता मंच द्वारा रमणीक प्रभाकर को इन्डो नैपाल एकता(2018) अवार्ड, सोने का तगमा,शॉल व पग़ड़ी बाँध कर  से सम्मानित किया गया कार्यक्रम का आयोजन  ISIL ऑडिटोरियम, भगवान दास रोड़, नई दिल्ली में किया गया । 

इस कार्यक्रम में लगभग 500 लोगो ने हिस्सा लिया जिसमे 50 प्रतिभागियों को इन्डो नैपाल एकता अवार्ड 2018 से सम्मानित किया गया जो भारत के अलग अलग राज्यो से आए थे । इसमे अलग अलग देशो नेपाल, भूटान, श्रीलंका, व इत्यादि  से भी लोग आए हुए थे । 

 अंतराष्ट्रीय समरसता मंच एक गैर राजनेतिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक व सामाजिक संस्था है जो सर्व धर्म समभाव की विचारधारा के अनुसार विश्व बंधुत्व की भावना से मानव सेवा हितार्थ सांस्कृतिक समन्वय एवं शोध कार्यो द्वारा मानवीय एकता व समरसता के लिए विभिन्न क्षेत्रो में कार्यरत व्यक्तियो का एक ऐसा समूह है जो स्व प्रेरणा एवं स्वम अनुशासन के माध्यम से जनहित के कार्यो के लिए सदस्य के रूप में कार्य करते है । मंच का कार्य अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय सामाजिक व्यवस्था के अनुसार भारत नैपाल की वैदिक कालीन सांस्कृतिक का पूर्ण उत्थान हो, भारत पुनः वैदिक कालीन जगत गुरु के आसन पर पदस्थापित हो एवं संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में वीटो पावर के साथ स्थाई सदस्यता दिलाने के उद्देश्य से राष्ट्र सदस्यो का मित्रवत सहयोग की आशा से चलाया जा रहा प्रेरित अभियान है । 

 मंच पर मुख्य रूप से उपस्थित प्रधान महावीर टोरडी, सांसद अमर सिंह, एडवोकेट ए. पी. सिंह, श्री लोकेन्द्र बहादुर चन्द, पूर्व प्रधानमंत्री नेपाल, मुख्य अतिथि टोप बहादुर रायमाझी, पूर्व उप प्रधानमंत्री नेपाल, सचिव कुलदीप शर्मा, एडवोकेट सर्वोच्य न्यायालय नेपाल द्वारा रमणीक प्रभाकर को इन्डो नैपाल एकता अवार्ड(2018) से सम्मानित किया गया ।

इसके अलावा कई राज्यो के गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया और कार्यक्रम को सफल बनाया ।

Monday 29 October 2018

प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने मैं नहीं हम एप जारी करने और सेल्‍फ 4 सोसायटी पर आई.टी. पेशेवरों के साथ संवाद का मूल पाठ

प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने मैं नहीं हम एप जारी करने और सेल्‍फ 4 सोसायटी पर आई.टी. पेशेवरों के साथ संवाद का मूल पाठ

NEW DELHI , 29 अक्टूबर। मंत्री परिषद के मेरे सभी साथी, भारत के औद्योगिक जीवन को गति देने वाले, आईटी प्रोफेशन को बल देने वाले सभी अनुभवी महानुभाव, और आईटी के क्षेत्र से जुड़ी हुई हमारी युवा पीढ़ी, गांव में CSC के सेंटर में बैठे हुए बहुत आशाओं के साथ सपनों संजो करके जी रहे हमारे स्कूल, कॉलेज के students, आईआईटी समेत अनेक institutions के विद्यार्थी, मेरे लिए प्रसन्नता का विषय है कि जो मुझे सबसे प्रिय काम है ऐसे अवसर पर आज आपके बीच आने का मौका मिला है।

हमारे मंत्री श्री रविशंकर जी, सरकार के काम का ब्योरा दे रहे थे, लेकिन मैं इस काम के लिए आपके बीच नहीं आया हूं। कोई भी इंसान अपने करियर में कितना भी आगे चला जाए, वैभव कितना ही प्राप्त कर ले, पद-प्रतिष्ठा कितनी ही प्राप्त कर लें। एक प्रकार से जीवन में जो सपने देखें हो वो सारे सपनें अपनी आंखों के सामने उसे अपने स्व-प्रयत्न से साकार की, उसके बावजूद भी उसके मन में संतोष के लिए तड़प, भीतर संतोष कैसे मिले? और हमने अनुभव किया है कि सब प्राप्ति के बाद व किसी और के लिए कुछ करता है, कुछ जीने का प्रयास करता है, उस समय उसका satisfaction level बहुत बढ़ जाता है।

मैं अभी प्रारंभ की फिल्म में श्रीमान अज़ीम प्रेम जी को सुन रहा था। 2003-04 में जब मैं गुजरात का मुख्य मंत्री था और वो कार्यकाल में मुझसे मिलने आते थे तो अपने business के संबंध में, सरकार के साथ किसी काम के संबंध में वो बात करते थे। लेकिन उसके बाद मैंने देखा पिछले 10-15 साल से जब भी मिलना हुआ है एक बार भी वे अपना, कंपनी का, अपने corporate work का उसके काम की कभी चर्चा नहीं करते। चर्चा करते हैं तो जिस मिशन को लेकर इन दिनों काम कर रहे हैं वो education का, उसी की चर्चा करते हैं और इतना involve हो करके करते हैं जितना कि वो अपनी कंपनी के लिए नहीं करते। तो मैं अनुभव करता हूं कि उस उम्र में, उम्र के इस पढ़ाव पर जीवन में इतनी बड़ी कंपनी बनाई, इतनी बड़ी सफलता की, यात्रा की, लेकिन संतोष मिल रहा है, 

अभी जो काम कर रहे हैं उससे। इसका मतलब यह हुआ कि व्यक्ति के जीवन में, ऐसा नहीं है कि हम जिस प्रोफेशन में है, अगर मान लीजिए की डॉक्टर है तो किसी की सेवा नहीं करता है... करता है, एक scientist है लेबोरेटरी के अंदर अपनी जिंदगी खपा देता है और कोई ऐसी चीज खोज करके लाता है जो पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों की जिंदगी को बदलने वाली है। इसका मतलब नहीं यह नहीं की है वो समाज के लिए काम नहीं करता है। इसका मतलब यह नहीं है कि वह खुद के लिए जीता था या खुद के नाम के लिए कर रहा था, जी नहीं। वो कर रहा था लोगों के लिए, लेकिन अपने हाथों से अपने आंखों के सामने, अपनी मौजूदगी में जो करता है, उसका संतोष अलग होता है। और आज वो संतोष आखिरकार की जो मूल प्रेरणा होती है हर इंसान, कुछ आप भी अपने आप देख लीजिए, अपने खुद के जीवन से देख लीजिए, स्वांत: सुखाय, कुछ  लोग यह करते है कि मुझे संतोष मिलता है, मुझे भीतर से आनंद मिलता है, मुझे ऊर्जा मिलती है।

हम रामायण में सुन रहे हैं कि गिलहरी भी रामसेतु के निर्माण में राम के साथ जुड़ गई थी। लेकिन एक गिलहरी ने तो प्रेरणा पा करके उस पवित्र कार्य में जुड़ना अच्छा माना, लेकिन दूसरा भी एक दृष्टिकोण हो सकता है कि राम जी को अगर सफल होना है, ईश्वर भले ही हो उसको भी गिलहरी की जरूरत पड़ती है, जब गिलहरी जुड़ जाती है तो सफलता प्राप्त होती है। सरकार कितने ही initiative लेती हो, सरकार कितना ही बजट खर्च करती हो लेकिन जब तक जन-जन का उसमें हिस्सा नहीं हो, भागीदारी नहीं होगी तो हम जो परिणाम चाहते हैं, इंतजार नहीं कर सकता हिन्दुस्तान। दुनिया भी हिन्दुस्तान को अब इंतजार करते हुए देखना नहीं चाहती है। दुनिया भी हिन्दुस्तान को, हिन्दुस्तान लीड करे इस अपेक्षा से देख रही है। 

अगर यह दुनिया की अपेक्षा है तो हमें भी हमारे देश को उसी रूप से करना होगा। अगर वो करना है तो हिन्दुस्तान के सामान्य मानव की जिंदगी में बदलाव कैसे आये। मेरे पास जो कौशल है, सामर्थ्य है, जो शक्ति हो, जो अनुभव है उसका कुछ उपयोग मैं किसी के लिए कर सकता हूं क्या ? एक बात निश्चित है कि किसी ऐसे स्थान है, जहां पर कोई भी गरीब आए, कोई भूखा आए, तो खाना मिल जाता है। वहां जो देने वाले लोग हैं वे भी बड़े समर्पित भाव से देते हैं। खाने वाला जो जाता है वहां, एक स्थिति ऐसी आ जाती है, एक institutional arrangement है, व्यवस्था है, मैं जाऊंगा, मुझे मिल जाएगा। जाने वाले को भी उसके प्रति विशेष attention नहीं होता है कि देने वाले कौन है। देने वाले के मन में भी कुछ conscious नहीं होता है कि आया कौन था। क्यों? क्योंकि उसकी एक आदत बन जाती है, कोई आता है 

वो खाना खिलाता है, वो चल देता है। लेकिन एक गरीब किसी गरीब परिवार के दरवाजे पर खड़ा है, भूखा है, और एक गरीब अपनी आधी रोटी बांट करके दे देता है। दोनों को जीवन भर याद रहता है। उसमें संतोष मिलता है। व्यवस्था के तहत होने वाली चीजों की बजाय स्व प्रेरणा से होने वाली चीजें कितना बड़ा परिवर्तन करती है यह हम सबने देखा है। हम कभी हवाई जहाज से जा रहे हैं बगल में कोई बुजुर्ग बैठे हैं, पानी पीना है, बोटल है लेकिन खुल नहीं रही है, हमारा ध्यान जाता है, हम तुरंत उसको खोल देते हैं, हमें संतोष मिलता है। यानि किसी के लिए जीने का आनंद कुछ और होता है।

मैंने एक परंपरा विकसित करने का प्रयास किया है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद, जब मैं मुख्यमंत्री था तब भी किया करता था, किसी university के convocation में जाता हूं, तो मुझे बुलाने वालों से मैं आग्रह करता हूं कि आप उस university के नजदीक में कहीं सरकारी स्कूल हो, झुग्गी-झोपड़ी के गरीब बच्चे पढ़ते हो, आठवीं, नौंवी, दसवीं के, तो वो मेरे 50 special guest होंगे और उस convocation में उनको जगह दीजिए, उनको बैठाइये, उनको निमंत्रित कीजिए और वो आते है

Sunday 28 October 2018

इधर लोगों की प्रदूषण से सांस फूली, उधर बोर्ड बोला मशीन है खराब

इधर लोगों की प्रदूषण से सांस फूली, उधर बोर्ड बोला मशीन है खराब

फरीदाबाद, 29 अक्टूबर I शहर में प्रदूषण की मात्रा अधिक हुई तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मशीन में गड़बड़ी बता दी। बोर्ड का कहना है कि मशीन में गड़बड़ी होने के कारण पीएम 2.5 का स्तर काफी अधिक दिखा रहा था। लेकिन अब मशीन को सही कर लिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि मशीन में कुछ दिक्कतें होने से पीएम 2.5 का स्तर बढ़ा हुआ बताया जा रहा था। मशीन की कमियों को दूर करा दिया गया है, जिससे उ मीद है कि आने वाले दिनों में जिले में प्रदूषण का सही स्तर पता चल सकेगा।

प्रदूषण के मामले में फरीदाबाद देशभर के टॉप 10 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है। शुक्रवार को पीएम 2.5 का स्तर 381 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया था। फरीदाबाद में सेक्टर 16 ए स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय के ऊपर एक मशीन लगी हुई है, जिससे प्रदूषण के स्तर का पता चलता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर विजय चौधरी ने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी दो दिन पहले फरीदाबाद आए थे। 

उन्होंने कहा कि मशीन पीएम 2.5 का स्तर 300 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक बता रही है, जबकि इतना अधिक प्रदूषण विजुअल नहीं हो रहा है। इसलिए उन्होंने मशीन को चैक कराने के आदेश दिए। क्योंकि मशीन का संचालन प्राइवेट कंपनी करती है, इसलिए हमने कंपनी के अधिकारियों को बुलाया। उन्होंने मशीन को अपडेट किया है। उ मीद है कि अब प्रदूषण का स्तर कम होगा और पीएम 2.5 का सही स्तर हमें पता चल पाएगा। विजय चौधरी ने बताया कि शनिवार रात से रविवार दोपहर तक मशीन बंद रही थी। रविवार को दोपहर लगभग 12 बजे से शाम 4 बजे तक पीएम 2.5 का औसत स्तर 93 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया है।