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Monday 10 December 2018

मंच से मुख्यमंत्री का बड़ा बयान : अभिभावक खुद ही प्राईवेट स्कूलों में मनमानी फीस देते है, उसके बाद शिकायत करते है

मंच से मुख्यमंत्री का बड़ा बयान : अभिभावक खुद ही प्राईवेट स्कूलों में मनमानी फीस देते है, उसके बाद शिकायत करते है

फरीदाबाद 10 दिसंबर। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि लोग पहले तो खुद अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में दाखिल कराने के लिए छिपी हुई फीस देते हैं और फिर शिकायत करते हैं, होना यह चाहिए कि पहले शिकायत करें। नई दिल्ली स्थित होटल ताज पैलेस मे आयोजित एक कार्यक्रम में दिये गये मुख्यमंत्री के इस बयान की हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने निंदा करते हुए कहा है कि मंच ने कई बार मुख्यमंत्री से मुलाकात करके उन्हें मांगपत्र व ज्ञापन सौंपकर स्कूलों की मनमानी की शिकायत की है और दर्जनों पत्र भेजकर उन्हें बताया है कि स्कूल प्रबंधक सीबीएसई, हुडा व शिक्षा नियमावली के सभी नियम कानूनों का उल्लंघन करके अभिभावकों का आर्थिक व मानसिक शोषण कर रहे हैं 

लेकिन मुख्यमंत्री ने आज तक मंच के ज्ञापन पर मांगपत्र पर कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की है इतना ही नहीं मुख्यमंत्री के गृह जिले करनाल में ने जब अभिभावकों ने मुख्यमंत्री से प्राइवेट स्कूलों की मनमानी व लूटखसोट की शिकायत की तो उन्होंने अभिभावकों को धमकाते हुए कहा कि अपने बच्चों के भविष्य की खातिर स्कूल वालों से समझौता कर लो। मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिवकुमार जोशी व जिला सचिव डा0 मनोज शर्मा ने कहा है कि मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री पूरी तरह से प्राइवेट स्कूल प्रंबधकों को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं इसी के चलते उनके हौसले बुलंद हैं और वे सभी नियम कानूनों का उल्लंघन करके शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रहे हैं इसका सबसे बड़ा सबूत केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गूजर के ग्रेटर फरीदाबाद में खोले गये निजी स्कूल का उद्घाटन करना है। 

शिक्षामंत्री भी यह बयान देते है कि सबसे ज्यादा स्कूल अगर भाजपा नेताओं के है तो क्या हुआ उनको भी तो कमाने का अधिकार है। मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री द्वारा बार-बार स्कूल प्रबंधकों के हित में ऐसे बयान देना अभिभावकों के जख्मों पर नमक छिड़कने के समान है। मंच इसकी निंदा करता है उनके इस प्रकार के बयानों से हरियाणा के सभी अभिभावकों में काफी रोष है और वे आगामी होने वाले विधानसभा चुनावों में अपने इस अपमान का बदला जरूर लेंगे। मंच शीघ्र ही सभी जिलों के अभिभावक संगठनों की एक बड़ी बैठक करनाल में आयोजित करेगा जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों को दिए जा रहे संरक्षण पर विचार किया जाएगा और आगामी विधानसभा चुनाव में ऐसी सरकार को बदलने के लिए अपने अधिकारों का किस प्रकार प्रयोग किया जाए इसकी रणनीति बनाई जाएगी।

Thursday 1 November 2018

  मानव रचना करेगा बसों पर लागू और राजधानी का प्रदूषण कम करेगा परियायंत्र

मानव रचना करेगा बसों पर लागू और राजधानी का प्रदूषण कम करेगा परियायंत्र

फरीदाबाद, 1 नवंबर: प्रदूषण कम करने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। दीवाली से पहले सरकार एक और प्रोजेक्ट लेकर आ रही है, जिसके तहत सड़क पर चलने वाली गाड़ियां ही प्रदूषण खत्म करेंगी। फरीदाबाद स्थित मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज के छात्रों ने एक ऐसा यंत्र बनाया है जो प्रदूषण कम करने में कारगर है। गहन रिसर्च के बाद तैयार किए गए इस प्रोजेक्ट को सीपीसीबी की ओर से मंजूरी दी गई। आज केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मानव रचना की पाँच बसों पर लगे परियायंत्र को हरिझंडी दिखाई है। कुल 30 बसों पर परियायंत्र लगाने की मंजूरी दी गई है। यह ईपीसी फंड के तहत सीपीसीबी और मानव रचना बसों पर मिलकर लागू करेगा। बसों पर लगे इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद जल्द इसे कारों, ऑटो और बाइक्स पर भी लागू किया जाएगा।

मानव रचना इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर के छात्र अमित और प्राचि ने अपने मेंटर डॉ. बीएस गिल के साथ मिलकर तीन साल की मेहनत के बाद परियायंत्र तैयार किया है। डॉ. बीएस गिल का कहना है कि, परियायंत्र 98 प्रतिशत तक पीएम को इकट्ठा कर सकता है और यही इसकी यूएसपी है। आपको बता दें, परियायंत्र बस की उलटी दिशा से तेज हवा के साथ आ रहे धूल कणों को फिल्टर इकट्ठा करता जाएगा, हर महीने उसे साफ करके धूल हटाई जाएगी। परियायंत्र बिना बिजली के चलता है और एक परियायंत्र छह रूम एयर फिल्टर जैसा काम करता है। सिर्फ यही नहीं परियायंत्र आंधी-तूफान और बारिश में भी क्षतिग्रस्त नहीं होगा।

छात्रों का यह प्रोजेक्ट कई अवॉर्ड जीत चुका है। राजस्थान सरकार भी जल्द इस प्रोजेक्ट को अपनी सभी सरकारी बसों पर लगाने जा रही है। इसके अलावा जल्द ही दिल्ली में भी परियायंत्र लगी बसें सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी।केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दिखाई परियायंत्र को हरिझंडी

Monday 29 October 2018

प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने मैं नहीं हम एप जारी करने और सेल्‍फ 4 सोसायटी पर आई.टी. पेशेवरों के साथ संवाद का मूल पाठ

प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने मैं नहीं हम एप जारी करने और सेल्‍फ 4 सोसायटी पर आई.टी. पेशेवरों के साथ संवाद का मूल पाठ

NEW DELHI , 29 अक्टूबर। मंत्री परिषद के मेरे सभी साथी, भारत के औद्योगिक जीवन को गति देने वाले, आईटी प्रोफेशन को बल देने वाले सभी अनुभवी महानुभाव, और आईटी के क्षेत्र से जुड़ी हुई हमारी युवा पीढ़ी, गांव में CSC के सेंटर में बैठे हुए बहुत आशाओं के साथ सपनों संजो करके जी रहे हमारे स्कूल, कॉलेज के students, आईआईटी समेत अनेक institutions के विद्यार्थी, मेरे लिए प्रसन्नता का विषय है कि जो मुझे सबसे प्रिय काम है ऐसे अवसर पर आज आपके बीच आने का मौका मिला है।

हमारे मंत्री श्री रविशंकर जी, सरकार के काम का ब्योरा दे रहे थे, लेकिन मैं इस काम के लिए आपके बीच नहीं आया हूं। कोई भी इंसान अपने करियर में कितना भी आगे चला जाए, वैभव कितना ही प्राप्त कर ले, पद-प्रतिष्ठा कितनी ही प्राप्त कर लें। एक प्रकार से जीवन में जो सपने देखें हो वो सारे सपनें अपनी आंखों के सामने उसे अपने स्व-प्रयत्न से साकार की, उसके बावजूद भी उसके मन में संतोष के लिए तड़प, भीतर संतोष कैसे मिले? और हमने अनुभव किया है कि सब प्राप्ति के बाद व किसी और के लिए कुछ करता है, कुछ जीने का प्रयास करता है, उस समय उसका satisfaction level बहुत बढ़ जाता है।

मैं अभी प्रारंभ की फिल्म में श्रीमान अज़ीम प्रेम जी को सुन रहा था। 2003-04 में जब मैं गुजरात का मुख्य मंत्री था और वो कार्यकाल में मुझसे मिलने आते थे तो अपने business के संबंध में, सरकार के साथ किसी काम के संबंध में वो बात करते थे। लेकिन उसके बाद मैंने देखा पिछले 10-15 साल से जब भी मिलना हुआ है एक बार भी वे अपना, कंपनी का, अपने corporate work का उसके काम की कभी चर्चा नहीं करते। चर्चा करते हैं तो जिस मिशन को लेकर इन दिनों काम कर रहे हैं वो education का, उसी की चर्चा करते हैं और इतना involve हो करके करते हैं जितना कि वो अपनी कंपनी के लिए नहीं करते। तो मैं अनुभव करता हूं कि उस उम्र में, उम्र के इस पढ़ाव पर जीवन में इतनी बड़ी कंपनी बनाई, इतनी बड़ी सफलता की, यात्रा की, लेकिन संतोष मिल रहा है, 

अभी जो काम कर रहे हैं उससे। इसका मतलब यह हुआ कि व्यक्ति के जीवन में, ऐसा नहीं है कि हम जिस प्रोफेशन में है, अगर मान लीजिए की डॉक्टर है तो किसी की सेवा नहीं करता है... करता है, एक scientist है लेबोरेटरी के अंदर अपनी जिंदगी खपा देता है और कोई ऐसी चीज खोज करके लाता है जो पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों की जिंदगी को बदलने वाली है। इसका मतलब नहीं यह नहीं की है वो समाज के लिए काम नहीं करता है। इसका मतलब यह नहीं है कि वह खुद के लिए जीता था या खुद के नाम के लिए कर रहा था, जी नहीं। वो कर रहा था लोगों के लिए, लेकिन अपने हाथों से अपने आंखों के सामने, अपनी मौजूदगी में जो करता है, उसका संतोष अलग होता है। और आज वो संतोष आखिरकार की जो मूल प्रेरणा होती है हर इंसान, कुछ आप भी अपने आप देख लीजिए, अपने खुद के जीवन से देख लीजिए, स्वांत: सुखाय, कुछ  लोग यह करते है कि मुझे संतोष मिलता है, मुझे भीतर से आनंद मिलता है, मुझे ऊर्जा मिलती है।

हम रामायण में सुन रहे हैं कि गिलहरी भी रामसेतु के निर्माण में राम के साथ जुड़ गई थी। लेकिन एक गिलहरी ने तो प्रेरणा पा करके उस पवित्र कार्य में जुड़ना अच्छा माना, लेकिन दूसरा भी एक दृष्टिकोण हो सकता है कि राम जी को अगर सफल होना है, ईश्वर भले ही हो उसको भी गिलहरी की जरूरत पड़ती है, जब गिलहरी जुड़ जाती है तो सफलता प्राप्त होती है। सरकार कितने ही initiative लेती हो, सरकार कितना ही बजट खर्च करती हो लेकिन जब तक जन-जन का उसमें हिस्सा नहीं हो, भागीदारी नहीं होगी तो हम जो परिणाम चाहते हैं, इंतजार नहीं कर सकता हिन्दुस्तान। दुनिया भी हिन्दुस्तान को अब इंतजार करते हुए देखना नहीं चाहती है। दुनिया भी हिन्दुस्तान को, हिन्दुस्तान लीड करे इस अपेक्षा से देख रही है। 

अगर यह दुनिया की अपेक्षा है तो हमें भी हमारे देश को उसी रूप से करना होगा। अगर वो करना है तो हिन्दुस्तान के सामान्य मानव की जिंदगी में बदलाव कैसे आये। मेरे पास जो कौशल है, सामर्थ्य है, जो शक्ति हो, जो अनुभव है उसका कुछ उपयोग मैं किसी के लिए कर सकता हूं क्या ? एक बात निश्चित है कि किसी ऐसे स्थान है, जहां पर कोई भी गरीब आए, कोई भूखा आए, तो खाना मिल जाता है। वहां जो देने वाले लोग हैं वे भी बड़े समर्पित भाव से देते हैं। खाने वाला जो जाता है वहां, एक स्थिति ऐसी आ जाती है, एक institutional arrangement है, व्यवस्था है, मैं जाऊंगा, मुझे मिल जाएगा। जाने वाले को भी उसके प्रति विशेष attention नहीं होता है कि देने वाले कौन है। देने वाले के मन में भी कुछ conscious नहीं होता है कि आया कौन था। क्यों? क्योंकि उसकी एक आदत बन जाती है, कोई आता है 

वो खाना खिलाता है, वो चल देता है। लेकिन एक गरीब किसी गरीब परिवार के दरवाजे पर खड़ा है, भूखा है, और एक गरीब अपनी आधी रोटी बांट करके दे देता है। दोनों को जीवन भर याद रहता है। उसमें संतोष मिलता है। व्यवस्था के तहत होने वाली चीजों की बजाय स्व प्रेरणा से होने वाली चीजें कितना बड़ा परिवर्तन करती है यह हम सबने देखा है। हम कभी हवाई जहाज से जा रहे हैं बगल में कोई बुजुर्ग बैठे हैं, पानी पीना है, बोटल है लेकिन खुल नहीं रही है, हमारा ध्यान जाता है, हम तुरंत उसको खोल देते हैं, हमें संतोष मिलता है। यानि किसी के लिए जीने का आनंद कुछ और होता है।

मैंने एक परंपरा विकसित करने का प्रयास किया है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद, जब मैं मुख्यमंत्री था तब भी किया करता था, किसी university के convocation में जाता हूं, तो मुझे बुलाने वालों से मैं आग्रह करता हूं कि आप उस university के नजदीक में कहीं सरकारी स्कूल हो, झुग्गी-झोपड़ी के गरीब बच्चे पढ़ते हो, आठवीं, नौंवी, दसवीं के, तो वो मेरे 50 special guest होंगे और उस convocation में उनको जगह दीजिए, उनको बैठाइये, उनको निमंत्रित कीजिए और वो आते है

Sunday 28 October 2018

इधर लोगों की प्रदूषण से सांस फूली, उधर बोर्ड बोला मशीन है खराब

इधर लोगों की प्रदूषण से सांस फूली, उधर बोर्ड बोला मशीन है खराब

फरीदाबाद, 29 अक्टूबर I शहर में प्रदूषण की मात्रा अधिक हुई तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मशीन में गड़बड़ी बता दी। बोर्ड का कहना है कि मशीन में गड़बड़ी होने के कारण पीएम 2.5 का स्तर काफी अधिक दिखा रहा था। लेकिन अब मशीन को सही कर लिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि मशीन में कुछ दिक्कतें होने से पीएम 2.5 का स्तर बढ़ा हुआ बताया जा रहा था। मशीन की कमियों को दूर करा दिया गया है, जिससे उ मीद है कि आने वाले दिनों में जिले में प्रदूषण का सही स्तर पता चल सकेगा।

प्रदूषण के मामले में फरीदाबाद देशभर के टॉप 10 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है। शुक्रवार को पीएम 2.5 का स्तर 381 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया था। फरीदाबाद में सेक्टर 16 ए स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय के ऊपर एक मशीन लगी हुई है, जिससे प्रदूषण के स्तर का पता चलता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर विजय चौधरी ने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी दो दिन पहले फरीदाबाद आए थे। 

उन्होंने कहा कि मशीन पीएम 2.5 का स्तर 300 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक बता रही है, जबकि इतना अधिक प्रदूषण विजुअल नहीं हो रहा है। इसलिए उन्होंने मशीन को चैक कराने के आदेश दिए। क्योंकि मशीन का संचालन प्राइवेट कंपनी करती है, इसलिए हमने कंपनी के अधिकारियों को बुलाया। उन्होंने मशीन को अपडेट किया है। उ मीद है कि अब प्रदूषण का स्तर कम होगा और पीएम 2.5 का सही स्तर हमें पता चल पाएगा। विजय चौधरी ने बताया कि शनिवार रात से रविवार दोपहर तक मशीन बंद रही थी। रविवार को दोपहर लगभग 12 बजे से शाम 4 बजे तक पीएम 2.5 का औसत स्तर 93 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया है।
फरीदाबाद बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल दें इस्तीफा : विकास चौधरी

फरीदाबाद बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल दें इस्तीफा : विकास चौधरी

फरीदाबाद 28 अक्टूबर । फरीदाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर की सूची में आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा के पर्यावरण एवं उद्योग मंत्री विपुल गोयल पर बड़ा निशाना साधते हुए उन्हें ‘शोमैन’ (मदारी) की संज्ञा देते हुए सीधे-सीधे तौर पर उनसे इस्तीफे की मांग की है। हरियाणा कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता विकास चौधरी ने आज सेक्टर-9 स्थित कांग्रेस कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में कहा कि बड़े दुख का विषय है कि हरियाणा सरकार में पर्यावरण एवं उद्योग मंत्री के औहदे पर विराजमान विपुल गोयल का गृहक्षेत्र फरीदाबाद ही है, लेकिन फरीदाबाद का प्रदूषण स्तर निरंतर बढ़ता जा रहा है। हालात ऐसे पैदा हो गए है कि स्वच्छता के मामले में देश में फरीदाबाद का नाम बदनाम होने के बाद अब प्रदूषण के क्षेत्र में भी फरीदाबाद नंबर वन बन गया है। होना तो यह चाहिए था कि फरीदाबाद को स्थानीय पर्यावरण मंत्री होने के नाते यहां के लोगों को प्रदूषण से मुक्ति के रुप में एक बड़ी सौगात मिलती, 

लेकिन मंत्री जी को सैर-सपाटे व ईवेट मैनेजमेंट से ही फुर्सत नहीं है, जिसके चलते कोई भी ऐसा ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे यहां के लोगों को बढ़ते प्रदूषण से राहत मिल सके।उन्होंने कहा कि पर्यावरण ही नहीं उद्योगमंत्री के रुप में भी विपुल गोयल नाकारा ही साबित हुए है क्योंकि उनके कार्यकाल में फरीदाबाद में एक भी बड़ी कंपनी की मदर यूनिट स्थापित नहीं हुई है।  उन्होंने कहा कि जब मंत्री जी अपने कार्य को ही अंजाम नहीं दे रहे तो ऐसे में उन्हें मंत्री पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है वह फरीदाबाद की जनता से माफी मांगकर तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे। उन्होंने खुली चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही फरीदाबाद के प्रदूषण को ठीक नहीं किया गया तो कांग्रेस पार्टी चुप नहीं बैठेंगी चाहे उन्हें सडक़ों पर उतरकर धरना-प्रदर्शन के रुप में कितना बड़ा आंदोलन ही क्यों न करना पड़े।  पत्रकार सम्मेलन में कांग्रेस ओबीसी सैल हरियाणा के चेयरमैन राकेश भड़ाना, असंगठित कांग्रेस वर्ग के प्रदेश चेयरमैन ज्ञानचंद आहुजा, पूर्व जिला महासचिव नीरज गुप्ता, व्यापार सैल फरीदाबाद के अध्यक्ष रणजीत रावल, ओबीसी सैल फरीदाबाद के जिलाध्यक्ष नरेश वैष्णव, फरीदाबाद विधानसभा ओबीसी सैल अध्यक्ष सुनील यादव, सोनू अलावलपुर आदि अनेकों कांग्रेसी नेता भी उपस्थित थे।

 प्रदेश प्रवक्ता विकास चौधरी ने भाजपा पर हल्ला बोलते हुए इन्हें झूठ और जुमले की सरकार बताते हुए कहा कि 3 साल पूर्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मंत्री विपुल गोयल ने मोदी-अमित शाह की नजरों में अपने आपको श्रष्ेठ मंत्री दिखाने के लिए एक शोमैन की तरह फरीदाबाद में एक घण्टे मेें 2 लाख पौधे लगाने का नाटक कर लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाने का काम किया था, लेकिन तीन साल में बगैर रखरखाव व देखभाल के उन 2 लाख पौधों में से मात्र 2 हजार पौधे भी जीवित नहीं बचे है। वहीं 2 साल पूर्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ही मंत्री जी द्वारा शहर के 40 वार्डाे में स्वच्छता व प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए पार्षदों को 40 ट्रैक्टर देने के लिए फोटोसैशन कराया था, वह सभी 40 ट्रैक्टर मात्र 15 दिन में ही कंपनी यह कहकर वापिस ले गई, कि इनकी पैमेंट नहीं हुई है इसलिए यह ट्रैक्टर मामला भी फोटोसैशन तक रह गया है। इसके एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण लेबल को कम करने को लेकर दिल्ली में पिछले वर्ष राष्ट्रीय स्तर की एक बड़ी बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें हरियाणा की ओर से पर्यावरण और उद्योगमंत्री विपुल गोयल ने भाग लेकर प्रदूषण रोकने के क्षेत्र में बड़े कदम उठाने का वायदा किया था, लेकिन आज उस बैठक को भी एक वर्ष बीत गया है और प्रदूषण घटने की बजाए फरीदाबाद को प्रदूषण बढऩे में देश में नंबर वन तमगा मिल गया है। पर्यावरण व उद्योग मंत्री के रुप में विपुल गोयल की इस उपलब्धि को देखते हुए कांग्रेस पार्टी उनसे इस्तीफे की मांग कर रही है। श्री चौधरी ने कहा कि फरीदाबाद में प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन गई है अगर जल्द ही इस पर काबू नहीं किया गया तो यहां पर महामारी फैल सकती है

, इसका प्रमाण फरीदाबाद के किसी भी नर्सिंग होमों व बड़े अस्पतालों के साथ-साथ गली मोहल्ले में खुले क्लिनिकों में बैठे डाक्टरों के यहां सांस, दमा, खुजली, एलर्जी व आंखों में जलन आदि अनेकों गंभीर समस्याओं के सैकडों मरीजों की संख्या प्रतिदिन प्रत्येक डाक्टर पर देखी जा सकती है। उन्होंने भाजपा पर बड़ा सवाल दागते हुए कहा कि स्वदेशी के नाम पर चाईनीज वस्तुओं का विरोध करने वाली भाजपा राज में फरीदाबाद में चाईना की बड़ी कंपनी ईकोग्रीन को सफाई का ठेका दिया जाता है और हैरानी की बात तो यह है कि एक ओर तो खेतों में पराली जलाने पर पूरे गांव की बिजली काटने के साथ-साथ किसानों पर मुकदमें दर्ज किए जाते है, वहीं दूसरी ओर ईको ग्रीन द्वारा बडे बडे कूडे को खुले में जलाने पर फरीदाबाद के मंत्री व विधायकों द्वारा ईकोग्रीन कंपनी को वाहवाही दी जाती है, जो जनता की समझ से परे है। इसके अलावा फरीदाबाद से गुजर रही आगरा कैनाल में यहां के लोगों को मिल रहा जहरीला पानी भी एक बडी समस्या है, जिसे दूर कराने के लिए हरियाणा सरकार व स्थानीय पर्यावरण व उद्योगमंत्री ने कोई ठोस कार्यवाही आज तक नहीं की है, जिससे कि यहां की जनता को इस जहरीले पानी से निजात मिल सके। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता अब पर्यावरण व उद्योग मंत्री तथा भाजपाईयों की नौटंकी को अच्छी प्रकार से समझ चुकी है और अब इनके बहकावे में आने वाली नहीं है क्योंकि लोगों को ज्यादा दिनों तक बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। जनता की समझ में आ गया है कि फरीदाबाद में विकास केवल और केवल कांग्रेस के शासन में ही हुआ है। भाजपाईयों ने फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी का नाम तो दिया है, लेकिन फरीदाबाद आज देश की नरक सिटी बनकर रह गई है। सिक्स लेन, मेट्रो व बाईपास, यूनिवर्सिटी के अलावा जितनी भी बडी परियोजनाएं है वो सब कांग्रेस पार्टी की ही देन है।