Showing posts with label India News. Show all posts
Showing posts with label India News. Show all posts

Friday 3 April 2020

जेसीबी इंडिया ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के साथ साझेदारी

जेसीबी इंडिया ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के साथ साझेदारी

 फरीदाबाद : 3 अप्रैल : अर्थमूविंग एवं कंस्‍ट्रक्‍शन इक्विपमेंट बनाने वाली देश की प्रमुख कंपनी, जेसीबी इंडिया लिमिटेड ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, फरीदाबाद के साथ साझेदारी की है। इस परियोजना को जेसीबी इंडिया के सीएसआर इनिशिएटिव से आंशिक रूप से वित्‍त घोषित  किया जाएगा। कंपनी पीपीई, दवाइयां, टेस्टिंग किट, सिक्युरिटी सूट्स तथा डॉक्टरों और स्वास्थ्य रक्षा में जुटे कर्मचारियों के लिए कंज्‍यूमेबल्‍स बनाने हेतु फंड जुटाने के लिए पूरी तरह से  प्रतिबद्ध है। इससे कोविड-19 प्रकोप के दौरान फरीदाबाद और आसपास के क्षेत्रों में इस बीमारी से प्रभावित मरीजों को पूरी तरह से मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारियों में संयुक्त रूप से तेजी आएगी।  

जेसीबी इंडिया के सीईओ और प्रबंध निदेशक सुबीर कुमार चौधरी ने इस साझेदारी पर टिप्‍पणी करते हुए कहा, “हमने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने, उसके प्रभाव को कम से कम करने के लिए कई स्तरों पर एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के साथ मिलकर रणनीति बनाने की शुरुआत की है ताकि कोविड-19 से पीड़ित मरीजों की मदद की जा सके। कंपनी के मूल्यों को ध्यान में रख कर यह रणनीति अपने संचालन क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों की मदद करने के लिए तैयार की गई है। हमें पूरा विश्वास है कि इस साझेदारी से फरीदाबाद के लोगों को कोरोनावायरस के इलाज के लिए जरूरी सहयोग मिलेगा, जहां भारत में हमारा मुख्‍यालय स्थित है। हम इस तरह की पहल को अन्य क्षेत्रों में भी करने के बारे में सक्रियता से सोच रहे हैं, जहां हमारी दूसरी फैक्ट्रियां स्थित हैं। एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज फरीदाबाद में सबसे बड़ा प्राइवेट अस्पताल है, जिसकी क्रिटिकल केयर यूनिट सबसे बड़ी है जोकि हरियाणा से लेकर पलवल, होडल और मेवात तक को कवर करती है। इसलिए यह महत्‍वपूर्ण है कि कोरोना वायरस की संभावित थर्ड स्टेज में इस क्षेत्र के मरीजों को बेहतर इलाज के लिए इस अस्पताल में भेजा जाएगा।

एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डॉ. एन. के. पांडे ने बताया, “हमने फिलहाल हमारे इमरजेंसी फ्‍लोर को कोविड-19 ट्राइएज और आइसोलेशन सेंटर में बदल दिया है (इस तरह यह वॉर्ड अस्पताल के बाकी विभागों से अलग है)। यहां कम, ज्‍यादा और बहुत ज्‍यादा गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों के लिए अलग-अलग क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र में कम से कम 14 दिन की शिफ्ट करने वाले सभी स्टाफ कर्मियों को आवासीय सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। इस फ्लोर को आधुनिक मेडिकल उपकरणों और सपोर्ट सिस्टम जैसे वेंटिलेटर्स, सीपीएपी, बीआईपीएपी, डिफिब्रिलेटर्स, ब्रोकेंस्कोपी और एक्सरे जैसी सुविधाओं से पहले से ही लैस किया जा चुका है। केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए प्रभावी और गंभीर कदमों के अलावा हम यहां पर कोरोना वायरस के मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारी कर रहे हैं।” 

जेसीबी इंडिया के विषय में :
जेसीबी इंडिया लिमिटेड भारत में पिछले चार दशकों से अर्थमूविंग एवं कंस्‍ट्रक्‍शन इक्विपमेंट की अग्रणी विनिर्माता है। इसकी फरीदाबाद (बल्‍लभगढ़), पुणे और जयपुर में विनिर्माण सुविधायें हैं। कंपनी हमेशा से अपनी सभी फैक्ट्रियों के आसपास रहने वाले समुदायों के प्रति प्रतिबद्ध रही है। भारत में जेसीबी इंडिया ‘मेक इन इंडिया’ प्रोग्राम का प्रतीक है। वर्तमान में यह आठ श्रेणियों में 60 से ज्यादा अलग-अलग प्रॉडक्ट्स का निर्माण करती हैं। इन उत्‍पादों को 100 से ज्यादा देशों को निर्यात किया जाता है। जेसीबी का यूके से बाहर पुणे में सबसे बड़ा डिजाइन सेंटर है जहां ये भविष्‍य के लिए आकर्षक नई तकनीकों को विकसित करती है। यह उत्‍पादन में महिलाओं को शामिल करने में भी अग्रणी है और इसकी जयपुर फैक्‍ट्री में शॉप कर्मचारियों में लगभग 34 प्रतिशत महिलाएं हैं। अपनी सीएसआर पहलों के माध्‍यम से, जेसीबी इंडिया समुदायों के साथ भी काम कर रहा है ताकि एक बेहतर जिंदगी को बढ़ावा दिया जा सके। वर्ष 2000 में लेडी बैमफोर्ड चैरिटेबल ट्रस्‍ट (एलबीसीटी) सेट-अप ने अपनी बल्‍लभगढ़ फैक्‍ट्री के पास एक स्‍कूल की मदद कर कंपनी की सीएसआर यात्रा को आरंभ किया। लगभग दो दशक बाद कंपनी की सीएसआर पहलों ने तीन इन-हाउस फाउंडेशन और चार सस्‍टेनेबल डेवलपमेंट गोल्‍स का विस्‍तार किया, और उन समुदायों तक पहुंच बनाई जिसमें महिलायें, किशोर लड़कियां, बच्‍चे, गांव के कारीगर और युवा शामिल हैं।

ये पहलें 15 हजार से अधिक स्‍टूडेंट्स तक पहुंच बनाती हैं और उन्‍हें क्‍वालिटी एजुकेशन प्रदान करती हैं। साथ ही बाजार पहुंच एवं उत्‍पादन दक्षताओं के साथ 2,000 से अधिक कारीगरों एवं महिला समूहों को भी कवर करती हैं। इसके द्वारा 50 पंचायतों को भी सहयोग दिया जा रहा है और उन्‍हें गुणवत्‍तापूर्ण परियोजनाओं तक पहुंच मुहैया कराई जा रही है। जेसीबी इंडिया ने दो अग्रणी एवं अभिनव सीएसआर परियोजनायें भी शुरू की हैं, नीला हाउस, जोकि जयपुर में क्राफ्‍ट के लिए सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस हैं और साहित्‍य के लिए वार्षिक पुरस्‍कार – जेसीबी प्राइज़ फॉर लिट्रेचर जोकि भारतीय लेखकों द्वारा फिक्‍शन के प्रतिष्ठित कार्य का जश्‍न मनाता है। 

Monday 2 March 2020

 ड्रेगन मार्शल आर्ट  अकादमी 15  खिलाड़ियों को मिली ब्लैक बेल्ट

ड्रेगन मार्शल आर्ट अकादमी 15 खिलाड़ियों को मिली ब्लैक बेल्ट

फरीदाबाद 3 मार्च  I ड्रेगन मार्शल आर्ट  अकादमी  द्वारा सेक्टर 21डी स्थित ट्रेनिंग सेंटर में 15 खिलाड़ियों को ब्लैक बेल्ट व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। खिलाड़ियों को ब्लैक बेल्ट व प्रमाणपत्र नेशनल किक बाक्सिंग फेडरेशन वाको इंडिया की ओर से प्रदान किए गए। कार्यक्रम में जगबीर सिंह तेवतिया ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने खिलाड़ियों को प्रमाणपत्र एवं बेल्ट प्रदान कर सम्मानित करते हुए पदक हासिल करने वाले खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। 

उन्होंने कहा कि यह खेल फिजिकल फिटनेस के साथ आत्मरक्षा का भी सुगम साधन है और लड़कियों एवं महिलाओं को यह खेल जरूर सीखना चाहिए। ड्रैगन मार्शल आर्ट्स अकेडमी के टैक्निकल डायरेक्टर रामभंडारी एवं चीफ कोच सुनील राजपूत ने बताया कि जिले के 15 खिलाड़ियों को ब्लैक बेल्ट वाको इंडिया की ओर से प्रदान की गई है। 

इन 15 खिलाड़ियों में 13 गर्ल्स खिलाड़ी व 2 ब्वॉयज खिलाड़ी है। खास बात यह है कि यह सभी खिलाड़ी नेशनल चैंपियन है। सुनील राजपूत ने बताया कि नितिशा कैला,नीहारिका कैला,अविका मांगलिक,झलक वाधवा,सिया बजाज,युवी राजपूत,सैमुअल अलवारिस,अनमोल जोशी,दिव्यांशी साची,काजल सेठी,नव्या खोसला,अनन्या चोपडा,भाविका डुडेजा,ग्रीष्मा जयसवाल व वंशिका सेठी को ब्लैक बेल्ट प्रदान की गई। 

इस अवसर पर किक बॉक्सिंग प्रशिक्षकों में संतोष थापा, दिव्या व आमिर खान आदि उपस्थित रहे।

Thursday 27 February 2020

मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक कप-2020 में छाए मानव रचना के छात्र

मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक कप-2020 में छाए मानव रचना के छात्र

फरीदाबाद, 28 फरवरी:  मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज के छात्रों ने बेंग्लुरू में आयोजित हुए मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक कप 2020 में मोस्ट पॉपुलर टीम का अवॉर्ड अपने नाम किया है। एग्जीबिशन देखने आए लोग अंत के कैनोपी में लगी एक मशीन के जरिए मोस्ट पॉपुलर टीम का चयन करते हैं, जिस व्यक्ति को जो भी प्रोजेक्ट पसंद आता है वह उसके लिए वोट करता है। छात्रों ने एक ऐसी मशीन बनाई जिसके जरिए सिंगल यूज प्लास्टिक को री-यूजएबल बनाया जाता है। हम सब जानते हैं कि आज के समय में प्लास्टिक को जिंदगी से हटाया नहीं जा सकता लेकिन री-यूज जरूर किया जा सकता है।

इसी को ध्यान में रखते हुए छात्रों ने यह मशीन बनाई है। छात्रों द्वारा बनाया गए इस प्रोजेक्ट का नाम ‘Plastic Salvager’ और उनकी टीम का नाम ‘ईको वारियर्स’ है। यह मशीन अपनी मेंटर डॉ. आशीष ग्रोवर के नेतृत्व में इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर के छात्र राहुल सोनी, परवेज हसन, इकबाल आलम और अरविंद ने यह मशीन तैयार की है।

मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक कप-2020 के जजिस और विजिटर्स द्वारा इस मशीन की सराहना की गई। MRIIRS के इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ. अनीता खोसला इस साल मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक कप की ज्यूरी और एडवाइजर कमेटी की सदस्य भी रही।

Tuesday 18 February 2020

 डॉक्टर संदीप पानेसर को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रेरणा पत्र देकर सम्मानित किया

डॉक्टर संदीप पानेसर को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रेरणा पत्र देकर सम्मानित किया

फरीदाबाद 18 फ़रवरी  ।  फरीदाबाद के डॉक्टर संदीप पानेसर को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रेरणा पत्र देखकर सम्मानित किया है । डॉक्टर संदीप पानेसर चाइना में जाने वाले उस दल में शामिल थे जोकि एयर इंडिया के विमान में जाकर वहां पर कोरोना वायरस की चपेट में आए लोगों में फंसे भारतीयों को लेकर आया था । इस दल में 3 डॉक्टर व दो नर्स  शामिल थी । इस कार्य में दल के सभी मेंबर्स को इस बीमारी को होने का खतरा था ,लेकिन उन्होंने हिम्मत दिखाते हुए वहां फंसे हुए भारतीयों को अपने देश में लाने का सराहनीय कार्य  किया ।

Saturday 1 February 2020

सूरजकुंड मेला भारत के लोगों के कला-कौशल, प्रतिभा व उद्यमशीलता का स्थापित मंच : रामनाथ कोविंद

सूरजकुंड मेला भारत के लोगों के कला-कौशल, प्रतिभा व उद्यमशीलता का स्थापित मंच : रामनाथ कोविंद

सूरजकुंड (फरीदाबाद)  01 फरवरी- विश्व प्रसिद्ध फरीदाबाद के सूरजकुंड मेले में आज एक और इतिहास जुड़ गया जब भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 34वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफट मेले के उद्घाटन अवसर पर थीम राज्य हिमाचल प्रदेश व हरियाणा सरकार को मेले के आयोजन के लिए किए गए प्रबंधों की तारीफ की।

 सूरजकुंड अन्तरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला, 2020 में पहुंचने वाले सभी 26 देशों व देश के राज्यों से आए हस्तशिल्पियों, कलाकारों को बधाई देते हुए कहा कि भारत त्यौहारों व मेलों का देश है। सूरकुंड का यह मेला भारत के लोगों के कला-कौशल, प्रतिभा और उद्यमशीलता के प्रदर्शन का एक स्थापित मंच बन गया है।

  राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि वर्ष 1987 में इस मेले का पहली बार आयोजन किया गया था। आज यह मेला विलुप्त हो रहे हस्तशिल्प और हथकरघा की विशेष कला-विधाओं को संरक्षित करने और बढ़ावा देने तथा कारीगरों को उनके काम को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से उचित मंच प्रदान कर रहा है। पिछले तैतीस वर्षों से निरन्तर, इस मेले में आगंतुकों और शिल्पकारों की संख्या बढ़ती गई है। इस मेले की बढ़ती लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि यह मेला वास्तव में भारत के हस्तशिल्प, हथकरघा और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की विविधता को उपयोगी व रोचक तरीके से प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि यह मेला केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है।

  भारत की सांस्कृतिक विरासत का जिक्र करते हुए श्री कोविंद ने कहा कि भारत त्योहारों और मेलों का देश है। इस मेले में शिल्पकारों और हथकरघा कारीगरों के अलावा विविध अंचलों के पहनावों, लोक-कलाओं, लोक-व्यंजनों, लोक-संगीत और लोक-नृत्यों का भी संगम होता है। उन्होंने कहा कि इस मेले में भारत के गांवों की खुशबू और हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा के विविध रंग, यहां आने वालों को हमेशा आकर्षित करते रहेंगे।

राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि हर वर्ष के मेले में भारत का कोई एक राज्य थीम स्टेट और कोई एक देश ‘पार्टनर नेशन’ होता है। किसी एक राज्य को थीम बना कर उसकी कला, संस्कृति, सामाजिक परिवेश और परंपराओं को यहां प्रदर्शित किया जाता है। इस वर्ष हिमाचल प्रदेश थीम स्टेट और उज्बेकिस्तान ‘पार्टनर नेशन’ है। इस मेले में देवभूमि हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक कला को विशेष रुप से दर्शाया जा रहा है।

वहीं पाटर्नर देश उज्बेकिस्तान के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी भौगोलिक सीमा नहीं मिलती लेकिन हमारे बीच दिलों के रिश्ते हमेशा से रहे हैं और आशा है कि भविष्य में भी यह और अधिक सुदृढ़ होंगे। उन्होंने कहा कि यह मेला भारत व उज्बेकिस्तान के लोगों के बीच संस्कृति, कला एवं कृषि के क्षेत्र में मजबूत साझेदारी प्रस्तुत करेगा। 

 थीम राज्य हिमाचल प्रदेश व हरियाणा के सूरजकुंड मेले को पर्यटकों को आकर्षित करने का मंच बताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इन त्योहारों और मेलों ने देश और विदेश के पर्यटकों को आकर्षित किया है। भारत के सभी त्योहार और मेले हमारी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पारंपरिक उल्लास के प्रतीक तो हैं ही, इनका हमारी अर्थव्यवस्था से भी गहरा सम्बन्ध है। कयोंकि ऐसे मेलों में शिल्पकारों और बुनकरों की उत्साही भागीदारी को देखकर साधारण शिल्पकारों और कारीगरों को भी अपने हुनर की वास्तविक पहचान और कीमत मिल पाती है। यह मेला उन्हें अपने उत्पादों को सीधे ग्राहकों को प्रदर्शित करने और बेचने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है। इस मेले ने भारत की विभिन्न लुभावनी शिल्प परंपराओं को विलुप्त होने से भी बचाया है। अनेक शिल्पकारों, कारीगरों और बुनकरों के लिए यह मेला वर्ष भर की उनकी आय का प्रमुख स्रोत होता है।

मेले की विशेषता बताते हुए राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि यह मेला कई मायनों में अलग है। परांपरागत झोपड़ीनुमा दुकान ग्रामीण भारत को दर्शाती है। वहीं ग्राहकों द्वारा किया जा रहा डिजिटल पेमेंट नये भारत की एक तस्वीर प्रस्तुत करता है। उन्होंने मेला के मोबाइल एप्लिकेशन, अन्य डिजिटल प्लेटफार्म और ऑनलाइन टिकटिंग सुविधाओं की व्यवस्था की भी सराहना की।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष हम राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती मना रहे है। देश और दुनिया में उनके अमूल्य विचारों को पहुंचाने का यह एक स्वर्णिम अवसर है। सूरजकुण्ड मेला को देखने लाखों लोग आयेंगे। स्वच्छता, खादी-उत्पादों और हथकरघा से बनी वस्तुओं के प्रसार के लिए हम गांधी जी के संदेश को इस मेले में आसानी से लाखों लोगों तक पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मेले आर्थिक आत्मनिर्भरता में भी योगदान देते हैं। हम सबको देश के शिल्पकारों द्वारा बनाई गई वस्तुओं पर गर्व करना होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि मैने कल संसद के बजट सत्र के शुभारंभ पर दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘उज्ज्वल कल के लिए लोकल’ का मूल मंत्र हमें अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद में दिए गए अपने इस आग्रह को मैं पुन: दोहराता हूं कि पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक, देश के प्रत्येक जनप्रतिनिधि को और सभी राज्य सरकारों द्वारा ‘उज्ज्वल कल के लिए लोकल’ को एक आंदोलन में परिवर्तित किया जाए। स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देकर हम सभी अपने क्षेत्र के शिल्पकारों तथा लघु उद्यमियों की बहुत बड़ी मदद दे सकते हैं।

   राष्ट्रपति ने स्कूली बच्चों की मेले में नि:शुल्क प्रवेश की दी गई सुविधा के लिए मेला प्राधिकरण के अधिकारियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि इससे बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे और युवा इस मेले को देख