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Saturday 9 March 2019

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने नागपुर मेट्रो का शुभारम्‍भ किया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने नागपुर मेट्रो का शुभारम्‍भ किया

नई दिल्ली 10 मार्च : प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए नागपुर मेट्रो का शुभारम्‍भ किया। डिजिटल तरीके से पट्टिका का अनावरण कर नागपुर मेट्रो के 13.5 किलोमीटर लंबे खपरी- सीताबुलडी सेक्‍शन का उद्घाटन किया गया।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र में दूसरी मेट्रो सेवा के लिए नागपुर के लोगों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लिए यह विशेष क्षण है, क्योंकि 2014 में उन्होंने ही नागपुर मेट्रो की आधारशिला रखी थी। उन्‍होंने कहा कि मेट्रो से नागपुर के लोगों के लिए बेहतर, किफायती और पर्यावरण अनुकूल परिवहन सुविधा उपलब्‍ध होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार नागपुर की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लगातार विकास कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि नागपुर मेट्रो से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्‍ध होंगे और यह शहर के विकास में भी सहायक होगी।

पूरे देश में आधुनिक परिवहन प्रणाली निर्मित करने के लिए केंद्र सरकार की पहलों के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्ष में मेट्रो का 400 किलोमीटर परिचालन नेटवर्क का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में 800 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क का कार्य प्रगति पर है।

प्रधानमंत्री ने हाल ही में शुरू किए गए कॉमन मोबिलिटी कार्ड, वन नेशन-वन कार्ड के लाभों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्वदेश में बनाया गया यह कार्ड, डेबिट कार्ड को मोबिलिटी कार्ड के साथ मिला देता है। स्‍वदेश में इस प्रकार के कार्ड बनने से ऐसे कार्ड तैयार करने के लिए अन्य देशों पर निर्भरता समाप्‍त हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्‍व में कुछ देशों के पास ही परिवहन के लिए इस प्रकार के सामान्य मोबिलिटी कार्ड हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार समाधान निकालने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण अपनाती है। उन्होंने फिर कहा कि सरकार देश के सभी नागरिकों के जीवन में सुगमता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

Monday 25 February 2019

एस्कॉर्ट्स लिमिटेड के चेयरमैन निखिल नंदा ने एस्कॉर्ट्स कुबोता इंडिया ने फरीदाबाद में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए आधारशिला रखी

एस्कॉर्ट्स लिमिटेड के चेयरमैन निखिल नंदा ने एस्कॉर्ट्स कुबोता इंडिया ने फरीदाबाद में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए आधारशिला रखी

फरीदाबाद, 26 फरवरी 2019: एस्कॉर्ट्स लि. और कुबोता कॉर्पोरेशन ने फरीदाबाद में एस्कॉर्ट्स की ज़मीन पर एस्कॉर्ट्स कुबोता इंडिया प्रा. लि. के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की आधारशिला रखी। दिनांक 22 फरवरी को इस परियोजना की औपचारिक शुरुआत के कार्यक्रम में दोनों कंपनियों की मैनेजमेंट टीमें उपस्थित रहीं। 

एस्कॉर्ट्स कुबोता इंडिया का यह प्लांट आधुनिक तकनीक वाले ट्रैक्टरों का निर्माण करेगा और भारत एवं विदेशी बाज़ारों में बिक्री करेगा। इस नए प्लांट में रु. 300 करोड़ का शुरुआती निवेश किया जाएगा। प्रारंभिक चरण में प्लांट की क्षमता 50,000 ट्रैक्टरों की होगी। लगभग 7 एकड़ क्षेत्रफल में फैली यह नई इकाई जून 2020 तक संचालन शुरु कर देगी। 

यह नवगठित कंपनी, कुबोता की अग्रणी जापानी तकनीक और एस्कॉर्ट्स की भारतीय उत्कृष्ट इंजीनियरिंग का इस्तेमाल करते हुए ट्रैक्टर निर्माण करेगी और पूरे विश्व में शीर्ष स्थान हासिल करेगी। कुबोता और एस्कॉर्ट्स के बीच क्रमशः 60:40 अनुपात वाला यह मैन्युफैक्चरिंग ज्वाइंट वेंचर दोनों भागादीरों के लिए घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने में फायदेमंद होगा। 

इस ज्वाइंट वेंचर हेतु समझौते पर एस्कॉर्ट्स लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर निखिल नंदा और कुबोता कॉर्पोरेशन, जापान के प्रेसिडेंट एवं रिप्रेजेंटेटिव डायरेक्टर मासातोषी किमाता ने दिसंबर 2018 में हस्ताक्षर किये थे। 

एस्कॉर्ट्स लिमिटेड के बारे में संपादक के लिए नोट

एस्कॉर्ट्स समूह देश के अग्रणी इंजीनियरिंग समूहों में से एक है जो कि कृषि मशीनों, मैटेरियल हैंडलिंग, निर्माण उपकरणों, रेलवे उपकरण जैसे उच्च विकास क्षेत्रों में गतिविधियां संचालित करता है। समूह ने अपने उत्पादों और प्रक्रिया नवीनीकरण के द्वारा अपने संचालन के पिछले सात दशकों में 50 लाख ग्राहकों से भी अधिक का विश्वास जीता है। एस्कॉर्ट्स कृषि मशीनीकरण, रेलवे तकनीक के आधुनिकिकरण में क्रांति की अगुवाई करते हुए और भारतीय निर्माण क्षेत्र के स्वरूप के बदलाव में शामिल होकर ग्रामीण और शहरी भारत में रहने वाले लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए प्रयत्नशील है।


कुबोता कॉर्पोरेशन के बारे में संपादक को नोट

कुबोता ग्रुप एक ग्लोबल मेन्युफैक्चरिंग कंपनी है, जो कृषि, जल और रहिवासी पर्यावरण उत्पादों में विशेषज्ञता रखती है। इस ग्रुप का नेटवर्क विश्वभर के 100 देशों में मौजूद है। कुबोता के रिसर्च एवं डेवलपमेंट में वास्तविक प्रक्रियाओं को महत्व दिया जाता है। एक कृषि एवं जल विशेषज्ञ के रूप में हम भोजन, पानी और पर्यावरण के भविष्य को चुनौती देते हुए उसे हासिल करते हैं और अपने ग्राहकों की ज़रूरत पूरी करते 

हैं। सक्रिय प्रबंधन, सुविधाजनक उत्पादों और निरंतर सहायता के साथ कुबोता ग्रुप वैश्विक कृषि एवं जल संबंधी उद्योगों में पूरे विश्व में अग्रणी है।

Tuesday 19 February 2019

फेडेक्स एक्सप्रेस, एयरो इंडिया 2019 में करेगी अपने समाधानों का प्रदर्शन

फेडेक्स एक्सप्रेस, एयरो इंडिया 2019 में करेगी अपने समाधानों का प्रदर्शन

नई दिल्ली, 19 फरवरी I फेडेक्स कॉर्प (NYSE: FDX) की अनुषंगी और दुनिया की सबसे बड़ी एक्सप्रेस ट्रांसपोर्टेशन कंपनी, फेडेक्स एक्सप्रेस एयरो इंडिया 2019 में अपने समाधानों को प्रदर्शित करेगी। एयरो इंडिया 2019, 20-24 फरवरी के बीच बेंगलुरू में आयोजित हो रहा है।


एयरो इंडिया में भारतीय उड्डयन बाजार के महत्व और वैश्विक व्यापार को समर्थन देने में इंडस्ट्री की भूमिका को भी उजागर किया जायेगा। एयर कार्गो इंडस्ट्री 6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य से अधिक के सामानों का ट्रांसपोर्टेशन करती है - जिसमें से अधिकांश सामान ऊँची कीमतों वाले होते हैं जिन्हें ग्राहक या बाजार तक शीघ्र पहुँचाना होता है, या उनकी विशिष्ट ट्रांसपोर्टेशन आवश्यकताएँ होती हैं।[1] दुनिया का लगभग 1% निर्यात हवाई मार्गे से किया जाता है और उनके मूल्य के स्वरूप के चलते, ये सामान मूल्य की दृष्टि से वैश्विक व्यापार के लगभग 35% के बराबर होते हैं।[2]


भारतीय उड्डयन बाजार और अधिक विकास के लिए तैयार है, और अनुमान है कि वर्ष 2022 तक यह संपूर्ण रूप से तीसरा सबसे बड़ा उड्डयन बाजार बन जायेगा। भारतीय मेंटनेंस, रिपेयर एवं ओवरहॉल (एमआरओ) का वर्तमान बाजार आकार 700-800 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बीच बताया जाता है, और वर्ष 2020 तक इसके बढ़कर 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाने का अनुमान है।[3]


दुनिया भर में 670 से अधिक एयरक्राफ्ट के बेड़े का परिचालन करने वाले, फेडेक्स के पास ऐसे श्रृंखलाबद्ध समाधान हैं जो उड्डयन उद्योग की विभिन्न शिपिंग आवश्यकताएँ पूरी करते हैं: तीव्र परिवहन, डेडिकेटेड एयरोस्पेस विशेषज्ञों द्वारा सक्रियतापूर्ण निगरानी, कस्टम क्लियरेंस में कुशलता, डेडिकेटेड लॉजिस्टिक्स एवं अंतर्राष्ट्रीय फ्रेट फॉरवार्डिंग।


फेडेक्स एक्सप्रेस इन इंडिया के प्रबंध निदेशक - ऑपरेशंस, मोहम्मद सयेग ने कहा, "हमारे ग्राहकों की लगातार बदलती आवश्यकताओं के साथ, फेडेक्स ऐसे नये-नये समाधान विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है जो संभावनाशील लोगों को जोड़ते हैं। हमारे समाधान एयरोस्पेस बिजनेस के लिए आवश्यक रफ्तार, पहुँच, भरोसा एवं इंडस्ट्री एक्सपर्टाइज प्रदान करते हैं, ताकि यथासंभव कुशलता से परिचालन किया जा सके।"


लॉजिस्टिक्स में फेडेक्स की वैश्विक दक्षता और 220 से अधिक देशों व क्षेत्रों को जोड़ने वाला हवाई नेटवर्क उड्डयन ग्राहकों को दुनिया भर के बाजारों के लिए तीव्र कनेक्टिविटी उपलब्ध कराता है। फेडेक्स की पहुँच भारत के 19,000 से अधिक पोस्टल कोड्स तक है। फेडेक्स की डेडिकेटेड हेल्पलाइन और हेल्पडेस्क भी है, ताकि यह अपने एविएशन ग्राहकों की मदद कर सके।


फेडेक्स एक्सप्रेस, बेंगलुरू के येलाहांका एयरफोर्स स्टेशन के स्टाल सी1.9, हॉल सी में अपने समाधानों को प्रदर्शित करेगा।

Sunday 3 February 2019

 इटली मैं विश्व किकबॉक्सिंग महासंघ' संतोष कुमार अग्रवाल ने भाग लिया

इटली मैं विश्व किकबॉक्सिंग महासंघ' संतोष कुमार अग्रवाल ने भाग लिया

फरीदाबाद 3 फरवरी : इटली के मिलान शहर के कांफ्रेंस हॉल, शेराटन होटल में सम्पन्न 'विश्व किकबॉक्सिंग महासंघ' की "विशेष आम सभा" में फरीदाबाद के संतोष कुमार अग्रवाल ने भाग लिया।

वाको इंडिया किकबॉक्सिंग महासंघ के महासचिव तारकेश मिश्रा ने बताया की कल दिनांक 2 फरवरी को इटली के मिलान शहर में "वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ किकबॉक्सिंग आर्गेनाईजेशन" की "विशेष आम सभा" बुलाई गई थी, जिसमें भाग लेने के लिए भारत देश से 'वाको इंडिया किकबॉक्सिंग महासंघ' के राष्ट्रीय अध्यक्ष  संतोष कुमार अग्रवाल को आमंत्रित किया गया था। इस बैठक में भारत से एकमात्र प्रतिनिधि के तौर पर श्री संतोष कुमार अग्रवाल ने भारत देश का प्रतिनिधित्व किया। 

राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संतोष कुमार अग्रवाल ने बताया की इस आम सभा में मुख्य रूप से वर्ल्ड प्रेजिडेंट का चुनाव होना था, इस आम सभा में मुख्य रूप से विभन्न देशों के 51 प्रतिनिधि / अध्यक्ष ने हिस्सा लिया।इस आम सभा में 'यूरोपियन किकबॉक्सिंग महासंघ' के अध्यक्ष श्री रॉय बेकर (आयरलैंड)  को अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है. श्री अग्रवाल ने श्री रॉय बेकर के अध्यक्ष बनने पर उन्हें पूरे वाको इंडिया किकबॉक्सिंग परिवार की तरफ से बधाई दी है एवं आशा व्यक्त की है की उनके कुशल मार्गदर्शन में पूरे विश्व में किकबॉक्सिंग खेल का और अधिक समुचित विकास होगा।

श्री अग्रवाल ने यह भी बताया की इस दौरान भारत में किकबॉक्सिंग खेल के और अधिक विकास एवं प्रचारित, प्रसारित एवं तकनिकी दृष्टिकोण से और अधिक सशक्त बनाने के लिए उनकी विशेष बैठक वहां आये हुए विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के साथ हुई जिनमें प्रमुख हैं: रूस, मौरीसस, कज़ाख़स्तान, इस्टोनिया, जॉर्डन, तुर्की, उक्रैन एवं सर्बिआ आदि हैं. उन्होंने कई देशों के मुख्य प्रशिक्षकों को भी भारत आने का न्योता दिया.      

श्री संतोष कुमार अग्रवाल ने बताया की वर्तमान में किकबॉक्सिंग खेल 128 देशों में खेला जाता है और वहां पर इसका राष्ट्रीय संगठन भी है, अभी हाल ही में दिनांक 30 नवंबर 2018 को टोक्यो में आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी खेलों की शीर्ष संस्था "अंतराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति" की 'कार्यकारिणी बैठक' में किकबॉक्सिंग खेल की अंतरराष्ट्रीय संस्था 'वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ किकबॉक्सिंग ऑर्गनिज़ाशन्स' को मान्यता दे दी है, भारत में भी यह खेल काफी लोकप्रिय हो रहा है और लगभग सभी राज्यों में इसकी मान्यता प्राप्त इकाई काम कर रही है।

Sunday 27 January 2019

भारतीय लड़कियों को इसमें बढ़ाने के लिए सलवार सूट में कर रहीं फाइट….

भारतीय लड़कियों को इसमें बढ़ाने के लिए सलवार सूट में कर रहीं फाइट….

नई दिल्ली : 28 जनवरी I डब्ल्यूडब्ल्यूई के एनएक्सटी प्रोग्राम के तहत सलवार-सूट में फाइट करने वाली पहली भारतीय महिला कविता देवी का इस खेल से जुड़ना एक अचरज ही रहा है। वह इससे पहले साउथ एशियन वेटलिफ्टिंग और वुशु नेशनल चैंपियन थीं। भारत में हुई डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर्स फाइट को वह देखने पहुंची थीं। वहां पर डब्ल्यूडब्ल्यूई की एक महिला रेसलर के ओपन चैलेंज पर यह सलवार-सूट में ही रिंग में उतर गईं। और उसे सिर से उठाकर रिंग में पटक दिया। उन्हें नहीं मालूम था कि डब्ल्यूडब्ल्यूई अधिकारी ट्राईआउट प्रोग्राम के तहत भारत से नए रेसलर्स की खोज भी कर रहे थे। इसके बाद उन्हें दुबई ट्राईआउट प्रोग्राम में आने का न्यौता दिया गया । और वहां डब्ल्यूडब्ल्यूई की ट्रेनिंग के लिए चुन लिया गया। खली से भी उन्होंने ट्रेनिंग प्राप्त की है। आपको बता दें कि कविता भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों फर्स्ट लेडी अवॉर्ड से सम्मानित हो चुकी हैं।

दो साल लगेंगे मुख्य रोस्टर में जाने को

कविता ने बताया कि डब्ल्यूडब्ल्यूई के मुख्य रोस्टर में जाने के लिए एनएक्सटी प्रोग्राम में दो साल की कड़ी ट्रेनिंग कराई जाती है। इसके तहत फाइट एवं चैंपियनशिप भी डब्ल्यूडब्ल्यूई की तरह ही आयोजित होती हैं। इस प्रोग्राम में रेसलर को मुख्य रोस्टर में लड़ने के तहत परिपक्व किया जाता है। इसलिए ही अभी वह एनएक्सटी प्रोग्राम का हिस्सा हैं। कविता बताती हैं कि इस ट्रेनिंग में कई बार दो साल से ज्यादा का वक्त भी लग सकता है और कम भी। चयनकर्ता जब पूरी तरह से निश्चित हो जाते हैं कि रेसलर मुख्य रोस्टर में लड़ने लायक है, तभी उसे इस प्रोग्राम से मुख्य रोस्टर में डाला जाता है।

सलवार-सूट को इसलिए बनाया ड्रेस

कविता का कहना है कि भारतीय लड़कियां इस खेल में आगे आएं। वह परंपरा और संस्कृति की वजह से पीछे न रह जाएं। इसके लिए ही उन्होंने सलवार-सूट को अपनी ड्रेस बनाया है। ताकि वह दिखा सकें कि सलवार-सूट में भी फाइट हो सकती है। इस खेल में करियर बनाया जा सकता है। जरूरी नहीं कि इस खेल के लिए छोटे-छोटे कपड़े पहने जाएं। इसके लिए ही एक बार फिर भारत में मुंबई में डब्ल्यूडब्ल्यूई ट्राईआउट कराने जा रहा है। जिसके लिए इस बार ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता है।

कठिन रहा है सफर

जींद माली गांव की रहने वाली कविता ने बताया कि उनका किसान परिवार था। खेल से सब कोसो दूर थे। वह पहली लड़की थीं। जिसने खेल को चुना। शुरू में उन्हें समाज के तानों के साथ परिवार की बेरूखी का भी सामना करना पड़ा। लेकिन उनकी मेहनत की वजह से ही उनको परिवार को धीरे-धीरे सहयोग मिलने लगा। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में पांच भाई-बहन हैं। उनके बड़े भाई संजय ने उन्हें सबसे पहले सपोर्ट किया। सबसे पहले वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग उन्होंने ली। इसके लिए  जिम गईं। 2008 में इस वजह से ही सशस्त्र सीमा बल में कांस्टेबल की नौकरी भी मिली। शादी होने पर पति गौरव तौमर की सलाह पर वुशु की ट्रेनिंग ली। और उसमें भी दो साल सीनियर नेशनल चैंपियन रही। उन्होंने तब मेडल जीते जब वह एक बच्चे की मां भी थीं। पति के सपोर्ट से ही वह विभिन्न प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीत सकीं। वह बताती हैं कि उनको विभाग की तरफ से सपोर्ट नहीं मिलने की वजह से नौकरी छोड़नी पड़ी। लेकिन वह खुश है कि वह डब्ल्यूडब्ल्यूई का हिस्सा हैं। अब उनका लक्ष्य डब्ल्यूडब्ल्यूई के मुख्य रोस्टर में जगह बनाने का है।