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Thursday 11 October 2018

Homeopathy for Cold cough Flu

Homeopathy for Cold cough Flu

FARIDABAD : 12 October  I  भरी हुई नाक तब होती है जब नाक और आसन्न ऊतकों और रक्त वाहिकाओं को अधिक तरल पदार्थ के साथ सूज हो जाता है, जिससे "घृणित" लग रहा हो। नाक की भीड़ या अनुनासिक निर्वहन या "बहुरंगी नाक" के साथ नहीं हो सकती है।


आमतौर पर नाक की भीड़ पुराने बच्चों और वयस्कों के लिए एक झुंझलाहट है। लेकिन नाक की भीड़ उन बच्चों के लिए गंभीर हो सकती है जिनकी नींद उनकी नाक की भीड़ या शिशुओं से परेशान होती है, जिनके परिणामस्वरूप एक कठिन समय पर भोजन हो सकता है।


कारण - नाक की भीड़ किसी भी चीज के कारण हो सकती है जो अनुनासिक ऊतकों को उत्तेजित या उत्तेजित करती है। संक्रमण - जैसे सर्दी, फ्लू या साइनसाइटिस - एलर्जी और विभिन्न परेशानी, जैसे कि तम्बाकू धूम्रपान, सब कुछ नाक का कारण हो सकता है कुछ लोगों को बिना किसी स्पष्ट कारण के लिए लंबे समय से चलने वाले नाक हैं - एक शर्त जिसे नॉनलार्लिक राइनाइटिस या वासोमोटर रिनिटिस (वीएमआर) कहा जाता है।

कम सामान्यतः, नाक की भीड़ कणिकाओं या एक ट्यूमर के कारण हो सकती है।


नाक की भीड़ के संभावित कारणों में शामिल हैं: तीव्र साइनसाइटिस, एलर्जी, क्रोनिक साइनसिस, सामान्य सर्दी, डिकॉग्स्टेस्टेंट नाक स्प्रे अति प्रयोग, विच्छेदन सेप्टम, मादक पदार्थों की लत, सूखी हवा, बढ़े हुए एनोनेओड्स, नाक में विदेशी शरीर, हार्मोनल परिवर्तन, फ्लू, दवाएं, जैसे कि उच्च रक्तचाप की दवाएं, नाक जंतु, गैर एलर्जी रैनिटिस, व्यवसायिक अस्थमा, गर्भावस्था, श्वसन संक्रमण संबंधी वायरस, तनाव, थायराइड विकार, तंबाकू का धुआं, बहुभुज के साथ ग्रैनुलोमेटोसिस





NUX VOMICA 30-Nux Vomica नाक बाधा रात के समय में अपने चरम पर है जब राहत प्रदान करने में महान मदद के प्रभावी होम्योपैथिक उपाय नक्स वोमिका रात के घंटों में बेहद भरे हुए नाक वाले रोगियों को आराम प्रदान करने में बहुत फायदेमंद है। रोगियों को इस होम्योपैथिक उपाय की आवश्यकता होती है, रात के समय तीव्र नाक भराई होती है। व्यक्ति यह भी वर्णन कर सकता है कि दिन के दौरान, रात में नाक निर्वहन होता है, इसे अवरुद्ध कर दिया जाता है। इसके अलावा मरीज़ एक तरफ नाक की बाधा और अन्य पर मुक्ति के मुक्त महसूस कर सकते हैं। खुली हवा में जाकर नाक अवरोध को भी बिगड़ता है।

सैम्बुक्स एनआईजी 30-सॅंबुबुस नाक रुकावट के लिए एक और शीर्ष होम्योपैथिक दवा है जो अत्यंत नाक नाक छिद्रों के साथ है। रुकावट के कारण सांस लेने में बहुत मुश्किल है और यह व्यक्ति को बैठने के लिए मजबूर करता है। अधिकतर रात में, घुटन और साँस लेने में कठिनाई के कारण व्यक्ति को नींद से बैठना पड़ता है। नाक अवरोध के लिए शिशुओं को दिया जाने पर सैंबुबुस भी बहुत प्रभावशाली होता है। रुकावट घुटन और मुँह में सांस लेने की ओर जाता है और शिशु को मां की फूड लेने के दौरान बुरी स्थिति का सामना करना पड़ता है

आर्सेनिक्स एल्बम 30-आर्सेनिकम एल्बम का निर्धारण तब किया जाता है जब नाक के अवरोध नाक एलर्जी के कारण होते हैं। यह मुख्य रूप से निर्धारित होता है जब नाक अवरोध के साथ जल नाक निर्वहन जल रहा है। वहाँ नाक से प्रचुर मात्रा में पानी और उत्तेजक निर्वहन है। तीव्र प्यास है और मरीज को खुली हवा में भी बुरा लगता है।

ग्लेज़ैमियम 30-गिल्सिमियम निर्धारित किया जाता है जब नाक रुकावट में बंद महसूस होने के साथ सुस्त सिरदर्द होता है, और एक धाराप्रवाह नाक निर्वहन होता है।

सिनापिस एनआईजीआरए 30 - सिनापीस नीग्रै एलर्जी के कारण नाक की भीड़ के लिए एक और उपाय है। यह तब निर्धारित होता है जब वैकल्पिक नहर एलर्जी की प्रतिक्रिया के कारण अवरुद्ध होते हैं। नाक और आंखों से भी मुक्ति होती है।

कैलकिया कार्ब 30- नाक पॉलीप के कारण कैल्केरा कार्ब नाक रुकावट के लिए बहुत प्रभावी है कार्ब नाक कणों के लिए एक और उत्कृष्ट होम्योपैथिक दवा है। यह ज्यादातर बाएं पक्षीय नाक कणों के लिए संकेत दिया जाता है। बाएं तरफ नलिका अवरुद्ध लगता है नाक से भ्रूण पीला डिस्पैच के साथ इसमें शामिल किया जा सकता है नाक में दुख और विकृत सनसनी भी महसूस होती है। नाक में आक्रामक गंध भी चिह्नित है नाक की जड़ में बहुत अधिक सूजन होती है। क्लेक्वेरा कार्ब का निर्धारण तब किया जाता है जब लोग आसानी से ले जाते हैं। मौसम में बदलाव नाक की शिकायतों से जुड़ा होता है। कैल्केरा कार्ब वसा, पिलपिला व्यक्तियों के लिए अधिक उपयुक्त है, जिनके अंडे की लालसा है।

लैम्ना लघु 30 - पॉलिप्स के कारण नाक अवरोध को हटाने के लिए लेम्ना माइनर शीर्ष होम्योपैथिक उपाय है। इसका उपयोग करने वाले लक्षण श्वास लेने में कठिनाई के साथ नाक कब्ज और गंध की हानि होते हैं। पोस्टेरियर टपकता भी नाक रुकावट के साथ आते हैं। कुछ व्यक्ति नाक डिस्चार्ज का अनुभव करते हैं, जबकि अन्य में, नाक गुहा शुष्क रहता है। अवरुद्ध नाक में आक्रामक गंध है लेम्ना माइनर पॉलीप के लिए सबसे प्रभावी होम्योपैथिक उपाय है जो गीली मौसम में बिगड़ता है। पॉलीप के मामलों में, लेम्ना माइनर नाक अवरोध को कम कर देता है, श्वसन की समस्या से राहत देता है, और गंध की शक्ति फिर से आती है।

संगीन्रिया नाइट्रिकम 3 एक्स - सोंगुनेरिया नाइट्रिकम, पॉलीप के कारण नाक की भीड़ के लिए भी प्रभावी है और यह नाक को नाक के नाक के साथ अवरुद्ध होने पर भी एक प्रभावी होम्योपैथिक दवा है। डिस्चार्ज प्रकृति में बहुत जलते हैं और व्यक्ति को छींकने का भी अनुभव होता है।

काली बीआईटीमाइकियम 30-काली बिच्रिमिक्यू सिनाइसिस के कारण नाक की भीड़ के लिए एक उत्कृष्ट उपाय है, जहां डिस्चार्ज गले में वापस चला जाता है।
ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली: जगदीश भाटिया

ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली: जगदीश भाटिया

फरीदाबाद 11 अक्टूबर । सिद्धपीठ श्री वैष्णोदेवी मंदिर में नवरात्रों के दूसरे दिन मां ब्रहमचारिणी की भव्य पूजा अर्चना की गई। प्रातकालीन आरती में सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और मां ब्रहमचारिणी की भव्य पूजा की। इस अवसर पर मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया , उद्योगपति आर. के बत्तरा, सुरेंद्र गेरा एडवोकेट, कांशीराम, अनिल ग्रोवर, नरेश, रोहित, बलजीत भाटिया, अशोक नासवा, प्रीतम धमीजा, सागर कुमार, गिर्राजदत्त गौड़, फकीरचंद कथूरिया नेतराम एवं राजीव शर्मा प्रमुख रूप से उपस्थित थे। मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने बताया कि नवरात्रों के विशेष अवसर पर मंदिर के कपाट चौबीस घंटे खुले रहते हैं। भक्तों के  लिए प्रतिदिन विशेष तौर पर प्रसाद व खीर का वितरण किया जाता है। 

मंदिर में पूजा के उपरांत श्री भाटिया ने मां ब्रहमचारिणी के संदर्भ में बताया कि 

नवदुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है।  शास्त्रों में मां के   हर रूप की पूजा विधि और कथा का महत्व बताया गया है ।  मां ब्रह्मचारिणी की कथा जीवन के कठिन क्षणों में भक्तों को संबल देती है.

ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली।  देवी का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य है ।  मां के दाएं हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में यह कमण्डल धारण किए हैं. पूर्वजन्म में इस देवी ने हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लिया था और नारदजी के उपदेश से भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी. इस कठिन तपस्या के कारण इन्हें तपश्चारिणी अर्थात् ब्रह्मचारिणी नाम से जाना गया ।  एक हजार वर्ष तक इन्होंने केवल फल-फूल खाकर बिताए और सौ वर्षों तक केवल जमीन पर रहकर शाक पर निर्वाह किया.

कुछ दिनों तक कठिन उपवास रखे और खुले आकाश के नीचे वर्षा और धूप के घोर कष्ट सहे. तीन हजार वर्षों तक टूटे हुए बिल्व पत्र खाए और भगवान शंकर की आराधना करती रहीं. इसके बाद तो उन्होंने सूखे बिल्व पत्र खाना भी छोड़ दिए ।  कई हजार वर्षों तक निर्जल और निराहार रह कर तपस्या करती रहीं. पत्तों को खाना छोड़ देने के कारण ही इनका नाम अपर्णा नाम पड़ गया । 

कठिन तपस्या के कारण देवी का शरीर एकदम क्षीण हो गया. देवता, ऋषि, सिद्धगण, मुनि सभी ने ब्रह्मचारिणी की तपस्या को अभूतपूर्व पुण्य कृत्य बताया, सराहना की और कहा- हे देवी आज तक किसी ने इस तरह की कठोर तपस्या नहीं की. यह आप से ही संभव थी. आपकी मनोकामना परिपूर्ण होगी और भगवान चंद्रमौलि शिवजी तुम्हें पति रूप में प्राप्त होंगे,  अब तपस्या छोडक़र घर लौट जाओ. जल्द ही आपके पिता आपको लेने आ रहे हैं. मां की कथा का सार यह है कि जीवन के कठिन संघर्षों में भी मन विचलित नहीं होना चाहिए. मां ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से सर्व सिद्धि प्राप्त होती है ।
साहिल नंबरदार ने विजेता खिलाडिय़ों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया

साहिल नंबरदार ने विजेता खिलाडिय़ों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया

फरीदाबाद 11 अक्टूबर । एनआईटी -3 स्थित खेल परिसर में गुरूवार को बालीबाल का मुकाबला खेला गया। प्रतियोगिता में गुडग़ांव और मेवात की टीमों ने भी हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में समाजसेवी साहिल नंबरदार मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इस दौरान समाजसेवी सुशील तंवर, सोनू भड़ाना, इंद्रजीत रावत, संदीप भड़ाना, राज तंवर मौजूद रहे। कार्यक्रम में मौजूद मिशन जागृति मंच के सदस्य प्रवेश मलिक ने ऐसी प्रतियोगिताओं से भाईचारे को बढ़ावा मिलता है। वहीं युवा प्रतिभाओं को निखरने का मौका मिलता है। कार्यक्रम में स्पाटन क्लब फरीदाबाद ने विजेता की ट्राफी जीती। इस दौरान साहिल नंबरदार ने विजेता खिलाडिय़ों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि सभी खिलाडिय़ों को खेल भावना के साथ प्रतियोगिता में भाग लेना चाहिए।

Wednesday 10 October 2018

मानव जनहित एकता परिषद ने महिला विंग की घोषणा

मानव जनहित एकता परिषद ने महिला विंग की घोषणा

 
फरीदाबाद 10 अक्टूबर । परिषद के द्वारा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष प्रियंका भारद्वाज कक्कड़ व टीम की घोषणा सेक्टर 23 फरीदाबाद में प्रधान महासचिव सचिन तंवर जिला अध्यक्ष हन्नी बक्शी की अध्यक्षता में की गई ।महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष कुसुम शर्मा, उपाध्यक्ष शैली बब्बर, महामंत्री रानी,सचिवस्नेह,वंदना,अनीता,मंजू,मीडिया प्रभारी बेला को,प्रभारी मनीशा कोष ,सरंक्षक मीनू को बनाया गया ।
 नवरात्रों के पहले दिन वैष्णोदेवी मंदिर में हुई शैलपुत्री की भव्य पूजा

नवरात्रों के पहले दिन वैष्णोदेवी मंदिर में हुई शैलपुत्री की भव्य पूजा

 फरीदाबाद 10 अक्टूबर ।  नवरात्रों की शुरूआत के साथ ही सिद्धपीठ मां वैष्णोदेवी मंदिर में बुधवार को भव्य पूजा अर्चना की गई। नवरात्र के पहले दिन मंदिर में प्रातकाल से भक्तों का तांता लगना आरंभ हो गया। मंदिर में  भव्य स्तर पर पूजा अर्चना की गई।

 नवरात्र के प्रथम दिन मंदिर में मां शैलपुत्री की पूजा की गई। इस अवसर पर भक्तों ने मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना करते हुए अपने मन की मुराद मांगी। इस अवसर पर शहर के प्रमुख लोगों ने भी मंदिर में पहुंचकर मां शैलपुत्री की पूजा की और उनके भव्य दर्शन किए। 

 इस अवसर पर मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया। मंदिर में आज लखानी अरमान गु्रप के चेयरमैन के.सी. लखानी, उद्योगपति आर.के.बत्तरा, मंदिर संस्थान के चेयरमैन प्रताप भाटिया, उद्योगपति आर के जैन, उद्योगपति आनंद मल्होत्रा, रमेश सहगल, पूर्व विधायक चंदर भाटिया, राहुल मक्कड, धीरज पुंजानी, प्रदीप झांब, फकीर चंद कथूरिया, नेतराम, ललित भाटिया,एसपी भाटिया, एवं गिर्राजदत्त गौड़ प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

 पूजा अर्चना के अवसर पर मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने बताया कि  शैलपुत्री देवी का वह अवतार है जिसने पर्वतों के राजा हिमवंत (या हिमालय) की पुत्री के रूप में जन्म लिया था. इन्हें पार्वती के नाम से भी जाना जाता था. पार्वती यह नाम पर्वत शब्द से निकला है. पहाड़ को संस्कृत में पर्वत कहा जाता है. अपने पूर्व जन्म में देवी पार्वती सती थी. नवरात्रि के दूसरे दिन देवी दुर्गा के उमा या  ब्रह्मचारिणी  रूप की पूजा की जाती है. देवी का यह रूप परम सत्य जानने के लिए तप या गहरी तपस्या को दर्शाता है । श्री भाटिया ने बताया कि जो भक्त सच्चे मन से मां शैलपुत्री की पूजा करते हुए मन की मुराद मांगता है, वह अवश्य पूर्ण होती है।