Wednesday 22 April 2020

फरीदाबाद चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने लिखा पत्र , एमएसएमई सेक्टर को विशेष प्रोत्साहन देने का आग्रह : एच. के. बत्रा


फरीदाबाद : 22 अप्रैल I फरीदाबाद। वैश्विक महामारी कोरोना से जहां आज पूरा विश्व प्रभावित है वही सूक्ष्म लघु एवं मध्य स्तरीय उद्योगों में भी इस महामारी की मार साफ तौर पर देखी जा सकती है। इन उद्योगों को इस महामारी की मार से राहत दिलाने के उद्देश्य से फरीदाबाद चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रधान एच.के. बत्रा ने आज केंद्र व राज्य सरकारों से गुहार लगाई है कि इन उद्योगों को कुछ राहत दी जाए ताकि यह उद्योग इस महामारी के बाद भी सुचारू रूप से चल सके। गत दिनों हुई फिक़्क़ी कार्यकारिणी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में सभी सदस्यों के साथ चर्चा के दौरान बहुत से सुझाव सामने आए उनके आधार पर जारी अपने 10 सूत्रीय मांग पत्र में एच. के. बत्रा और  महासचिव आशीष जैन ने  मांग की है कि सरकार को उन लगभग 14 हजार लघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों को भी अपना व्यवसाय करने की इजाजत देनी चाहिए जिनके पास सभी प्रकार के लाइसेंस है तथा जो सभी प्रकार के टैक्स राज्य में केंद्र सरकारों को दे रहे हैं लेकिन वह मान्यता प्राप्त उद्योगी क्षेत्रों में नहीं है। इसके साथ ही फिक्की के प्रधान एच.के. बत्रा ने मांग की है कि जो इस वैश्विक महामारी के कारण उद्योग चलाने के लिए नई गाइड लाइन जारी की गई है 
उनमें जिस प्रकार से किसी मजदूर कोराना होने की स्थिति में उद्योगपति के खिलाफ मामला दर्ज करने का प्रावधान किया है उसको वापस लिया जाए क्योंकि इससे उद्योगपतियों में दहशत व्याप्त है। एच के बत्रा ने वैश्विक महामारी के दौरान इन कारखानों में कार्यरत मजदूरों व स्टाफ के वेतन को लेकर भी तीन सुझाव सरकारों को दिए हैं श्री बत्रा के अनुसार या तो सरकार और उद्योगपति दोनों 50-50 प्रतिशत वेतन सांझा करें या फिर सरकार उद्योगपति तथा कर्मचारी तीनों 33-33 प्रतिशत वेतन सांझा करें और उद्योगपति मजदूरों को नुकसान होने वाले इस 33% वेतन को आगे ओवरटाइम में एडजेस्ट कर दे यही नहीं एच के बत्रा ने यह भी सुझाव दिया है कि फिलहाल प्रत्येक कर्मचारी को उद्योगपति 25-100 प्रति परिवार के हिसाब से भोजन के लिए दे दे और फिर जब उद्योग निकट भविष्य में पूर्ण रूप से काम करने लगेंगे तो सुरेश वेतन का भुगतान कर दिया जाए।

जारी प्रेस विज्ञप्ति में फिक्की प्रधान ने सरकार से अनुरोध किया है कि वर्किंग कैपिटल तथा उद्योगों के लोन पर ब्याज को जून माह तक हटाया जाए इसके साथ ही वर्किंग कैपिटल को 25 प्रतिशत तक बिना किसी अतिरिक्त जमानत के बढ़ा दिया जाए। इसी प्रकार उन्होंने सरकार से मांग की है कि कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड के लिए सरकार ने जो 100 कर्मचारियों की सीमा तय की है उसको 250 किया जाए और इसमें 90% कर्मचारी 15000 प्रति माह के वेतन वाले होने चाहिए की शर्त को भी हटाया जाए साथ ही उन्होंने इस योजना को भी 30 जून तक बढ़ाने की मांग की है। जारी प्रेस विज्ञप्ति में एच.के. बत्रा ने सरकार से मांग की है कि अगले 3 माह तक अर्थात 30 जून तक बढ़ाया जाए। उन्होंने सरकार से मांग की कि अगले 3 माह तक बिजली के बिल फिक्स भेजे जाने चाहिए। उन्होंने 9 रूपये प्रति किलो वाट बिजली की दर को घटाकर 5 रूपये प्रति किलो वाट करने की भी मांग की उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष के लिए आयकर की दर भी सरकार को घटा नहीं चाहिए। वही व्यवसायिक वाहनों के इंश्योरेंस तथा परमिट को भी 15 महीने बढ़ाने की मांग एच.के. बत्रा ने सरकार से की है।
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