Wednesday, 12 July 2017

रोजाना के रहने के तरीकों में करें आवश्यक तेलों का इस्तेमाल : पुनीति, डायरेक्टर व ब्यूटी एक्सपर्ट


फरीदाबाद:12जुलाई(National24news)सौंदर्य और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद प्राकृतिक गुणों से भरपूर आवश्यक तेल लोगों के लिए बहुत खास बनते जा रहे हैं। ये खास आॅयल विभिन्न प्रकार के पौधों और जड़ी बूटियों से बनकर तैयार होते हैं। इन तेलों में अमेजिंग प्रोपर्टीज मौजूद हैं जिनका इस्तेमाल अरोमा थेरेपी और नेचुरोपेथी में भी किया जाता है। 

आवश्यक तेलों में मूल रूप से हाइड्रोफोबिक यानि जल विरोधी तरल पदार्थ पाया जाता है जिसमें पौधों से प्राप्त वोलेटाइल अरोमा कंपाउंड होते हैं। एक तेल इसलिए खास बन जाता है क्योंकि जिस पौधे से यह निकाला गया है उसकी खास किस्म की खुशबू इस तेल में मौजूद होती है। 

इस प्रकार के खास तेलों को कैरियर तेल भी कहा जाता है इसलिए इन्हें माॅइश्चराइजर, बाॅडी लाॅशन और हेयर आॅयल या फिर पानी के साथ इस्तेमाल किया जाए। 

इन तेलों की 3-4 बूंदों से ज्यादा मात्रा उपयोग करने पर त्वचा में जलन के साथ साथ स्किन को नुकसान पहुंच सकता है। इन आवश्यक तेलों की सबसे अच्छी खूबी यही है कि इन्हें आप पूरे साल किसी भी मौसम में अप्लाई कर सकते हैं। विभिन्न गुणों और अनुकूलताओं से भरपूल दूसरे तेलों को सभी लोगों की त्वचा पर अप्लाई करना आसान नहीं है जबकि आवश्यक तेल हर प्रकार की त्वचा पर इस्तेमाल किये जा सकते हैं। 

आइये कुछ आवश्यक तेलों और इनके अंदर छुपी विशेषताओं पर खास नजर डालें 

लैवेंडर आॅयल-आमतौर पर यह तेल शरीर को विशेष रूप से रिलेक्स देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस तेल की सुगंध ना केवल बाॅडी को रिलेक्स पहुंचाती है बल्कि तनाव भी दूर करने में भी मददगार है। इस तेल की एक या दो बूंदों की कनपटियों पर मालिश से बहुत आराम मिलता है जिससे आरामदायक नींद में वृद्धि होती है। इस तेल को नारियल तेल के साथ इस्तेमाल करने पर जूं और उनके अंड़ों से छुटकारा मिल जाता है। पीरियड के दौरान कैरियर तेल के रूप में पेट की मसाज के लिए इस्तेमाल करने पर यह तेल पीरियड ऐंठन दूर करने में मदद करता है और सनबर्न को भी ठीक करता है। समर के मौसम में अक्सर लोगों को सनबर्न और थकान की समस्या ज्यादा होती है। लैवेंडर आॅयल इस कंडीशन से निपटने में विशेष रूप से सहायक है।

टी ट्री आॅयल-यह तेल पिंपल्स और उनके कारण त्वचा पर पड़ने वाले निशान से राहत दिलाता है। इस तेल को नियमित हेयर आॅयल के साथ यूज करने पर सिर में होने वाली रूसी और खुजली खत्म हो जाती है। यह तेल त्वचा में चर्म रोग और फोड़े जैसी समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है। शुष्क मौसम के दौरान सिर में होने वाली खुजली और पपड़ी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।

रोजमैरी आॅयल-यह तेल बालों के विकास के लिए बहुत फायदेमंद है और इसमे मौजूद गुण बालों को और ज्यादा मोटा करने में मदद करते हैं। यह तेल मेमोरी में सुधार करता है। यह जिगर की सूजन और पित्ताशय के कार्योें के लिए फायदेमेंद है। बालों के लिए जरूरत के समय पोषण प्रदान करता है। त्वचा को ज्यादा साफ करने में भी मदद करता हैे। 

चंदन का आॅयल- यह तेल एंटीसेप्टिक, एंटीइन्फ्लैमटोरी और  एंटीस्पैज्मॉडिक होता है। साथ ही यह कीटाणुनाशक भी है। मानसून के दौरान बहुत कारगर होता है क्योंकि बारिस के दौरान संक्रमण की ज्यादा संभावना होती है। 

लेमन ग्रास आॅयल- यह तेल तनाव से राहत दिलाता है। फेशियल साउना- 1 या 2 बूंदें स्टीम के रूप में इस्तेमाल करने पर तुरंत असर दिखाती है और फेशियल मास्क भी फैश और क्लीन त्वचा के लिए बहुत फायदेमेंद है। लेमन ग्रास आॅयल सिर दर्द, अनिद्रा, अपच, उच्च रक्तचाप, थकान और डीटाक्सफकेशन में भी मदद करता है। सर्दियों और मानसून के लिए लाभकारी और आपकी त्वचा को ताजगी प्रदान करता है।

गुलाब का तेल-यह तेल एंटी एंग्जाइटी एजेंट के रूप में कार्य करता है जो हार्मोनल संतुलन को बनाए रखता है। यह बाॅडी को रिलेक्स करके तनाव को दूर करता है। 

नारंग पुष्प तेल- कड़वा नारंगी पेड़ों से प्राप्त आॅयल के बारे में दिलचस्प बात यह है कि यह आपको बेहतरीन नींद प्रदान करने और तनाव मुक्त करन में लाभप्रद है। यह चिंता, अवसाद, हिस्टीरिया, भय, सदमे और तनाव के लिए एक प्राकृतिक उपाय है। अपने अगले स्नान या पैरों के स्नान में नारोली आवश्यक तेल के 3-4 बूंदों का उपयोग करें।

इन दिनों बाजार में आवश्यक तेल आसानी से उपलब्ध हैं और इसे आसानी से खरीदा जा सकता है। आवश्यक तेल की एक 10 मिलीलीटर की बोतल नियमित तेल की 200 मिलीलीटर की बोतल की तुलना में महंगा हो सकती है लेकिन आवश्यक तेल की हर बूंद इस्तेमाल करने के लायक है। 

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