Sunday, 4 June 2017

आईएमए डाक्टर अपनी मांगो को लेकर 6 जून को दिल्ली जाकर करेगे विरोध प्रदर्शन : डॉ सुरेश अरोड़ा



फरीदाबाद :4 जून (National24news.com) नैशनल आईएमए के आह्वान पर छ: जून को होने वाले दिल्ली चलो आंदोलन को स्टेट व फरीदाबाद आईएमए ने समर्थन दिया है। इस आंदोलन शहर के 400 से ज्यादा डॉक्टर हिस्सा लेंगे।  यह आंदोलन डॉक्टरों के विरूद्ध बेवजह हो रही  कार्रवाई और हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए हैं । डॉक्टरों के दिल्ली जाने पर छ: जून को फरीदाबाद के सभी हॉस्पिटल बंद रहेंगे।  जिला आईएमए के प्रधान डॉ़ सुरेश अरोड़ा ने बताया कि देश भर से पचास  हजार डॉक्टर दिल्ली चलो अांदोलन का हिस्सा होंगे। सभी डॉक्टर दिल्ली के राजघाट में इकठ्ठा होंगे और इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम तक पैदल यात्रा निकालेंगे। यहां एक रैली का आयोजन किया जाएगा। डिमांड को लेकर ज्ञापन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को ज्ञापन भी सौंपेंगे।

 आईएमए की प्रमुख मांगों में डॉक्टरों के साथ हो रही हिंसा, उनके साथ हो रही मारपीट के खिलाफ केंद्र सरकार सख्त कानून बनाकर लागू किया जाए, ताकि डॉक्टर बिना भय के मरीजों को इलाज कर सकें। सरकार को वॉयलेंस अगेंस्ट डॉक्टर एक्ट बनाकर लागू करना चाहिए। सरकार मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के स्थान नैशनल मेडिकल कमीशन लाने की तैयारी कर रही है। इस कमीशन को डॉक्टरों पर जबरदस्ती थोपा जा रहा है। एमसीआई में मेडिकल प्रोफेशनल का चयन किया जाता है। उन्हें डॉक्टरों की सुविधाओं और समस्याओं के बारे में जानकारी होती है, जबकि नैशनल मेडिकल कमीशन के गठन में नॉन प्रोफेशनल होंगे। इन्हें डॉक्टरों के हितों के बारे में जानकारी नहीं होगी। 

पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत मामूली गलती होने पर प्राइवेट हॉस्पिटलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। इससे डॉक्टर का पूरा करियर दाव पर लग जाता है। सरकार द्वारा बनाया गया क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू नहीं होना चाहिए। इसके लागू होने से छोटे और मंझले हॉस्पिटल व नर्सिंग होम समाप्त हो जाएंगे। 
उन्होंने बताया कि आईएमए क्रॉसपैथी के विरोध में भी है। सरकार ने आयुर्वेदिक  डॉक्टरों को एलोपैथी दवाएं लिखने की छूट दी है, जबकि इन डॉक्टरों को एलोपैथी दवाओं के बारे के ज्ञान नहीं होता है। ऐसे में यह डॉक्टर मरीजों काे दवा देकर उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ करेंगे। 

इसके अलावा डॉक्टर एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान कड़ी मेहनत करके डॉक्टरी पूरी करते हैं, लेकिन सरकार को उनकी काबलियत पर शक होता है। इसके चलते एमबीबीएस के बाद रजिस्ट्रेशन के लिए परीक्षा देने का प्रावधान रखा है, जिसका आईएमए विरोध कर रही है।सरकार हमारी prescription writing का अधिकार भी हमें नहीं देना चाह्ती। अगर मरीज़ को सस्ती दवाई देना चाहते हैं तो branded medicine के रेट  कम करे।
हम सरकार की इस नीति के भी खिलाफ है ।

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