गुरुग्राम :29 मई (National24news.com) ‘यंगेस्ट प्रोफेशनल सिंगर’ सत्यम उपाध्याय जो की मात्र 12 वर्ष के हैं गायन के क्षेत्र में तीन विश्व रिकॉर्ड प्राप्त करने के साथ-साथ हरियाणा गौरव, भारत गौरव, राजीव गांधी एक्सलेन्स अवार्ड, इंडिया अचीवमेंट अवार्ड-2017 से सम्मानित हो चुके हैं. उन्होंने पुनः गुरुग्राम की धरती का नाम रोशन करते हुए अपने गुरु डॉ अमन बाठला के ऊपर ‘गुरु वंदन’ पुस्तक लिखकर एक नया इतिहास रच दिया है. सत्यम उपाध्याय की पुस्तक ‘गुरु वंदन’ को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल करते हुए सत्यम को यंगेस्ट ओथर, एडिटर एवं डिजाइनर की श्रेणी में शामिल कर उसे सर्टिफिकेट व मेडल देकर सम्मानित किया गया.
दिन-रात एक कर रहे सत्यम, अपने गुरु डॉ.अमन बाठला, फास्टेस्ट पियानो आर्टिस्ट ऑफ द वर्ल्ड, को अपना आदर्श मानते हैं, सत्यम ने उनके चरित्र व उनके जीवन भावों से प्रेरित होकर ‘गुरु वंदन’ पुस्तक लिखी है. जिसमें सत्यम ने गुरु द्रोणाचार्य व उनके शिष्य एकलव्य का हवाला भी दिया है. सत्यम का मानना है कि आज वह जो कुछ भी है अपने माता-पिता व गुरु के आशीर्वाद के फलस्वरूप ही है.
सत्यम ने गुरु वंदन पुस्तक में गुरु द्वारा दिये गए सफलता के मंत्र, जीवन में प्रभाव व अपनी सफलता के रहस्य को सामने रखा है. अपनी पुस्तक में सत्यम ने बताया है की किस प्रकार एक सच्चे गुरु के मिलने से जीवन की दिशा व दशा बदल जाती है. वह अपने सभी गुरु को नमन करते हुए, एक बच्चे के जीवन में गुरु को भूमिका भी बताते हैं.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हरियाणा कला परिषद, चंडीगढ़ के अध्यक्ष अजय सिंघल ने सत्यम को अपना आशीष प्रदान किया. डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती अपर्णा एरी, प्रख्यात संगीतज्ञ पंडित गीतेश मिश्रा, संगीत गुरु केदारनाथ मोंगिया, कुटुबी ब्रदर्स- साजी मोहमद इदरिस व मोहमद इल्यास, दूरदर्शन डाइरेक्टर डॉ.अमर नाथ अमर, इफको परिवार के वरिष्ठतम सदस्य एम.डी.पांडे व जितेंद्र तिवारी आदि कई गणमान्य हस्तियों ने कार्यक्रम में पहुचकर सत्यम को अपना आशीर्वाद देते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की. साथ ही, यह कहा कि सत्यम ने यह पुस्तक लिखकर एक इतिहास रचा है व गुरुग्राम की धरती का नाम सार्थक किया है. आज जहां गुरु शिष्य परंपरा व संस्कार ख़त्म होते जा रहे हैं, वहां यह पुस्तक गुरु शिष्य परंपरा व संस्कारों का अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करती है.
सत्यम ने कार्यक्रम में गुरु के प्रति अपने भावों की अभिव्यक्ति अपने गीतों के माध्यम से दी जिससे उपस्थित दर्शक झूम उठे. डॉ.अमन बाठला ने जब पियानो पर अपनी उँगलियाँ रखीं तो तो सभी मंत्रमुग्ध हो गए और जैसे ही अपनी प्रसिद्ध रचना ‘प्रगमन’ बजाई तो सभी दर्शक अपनी ताल देते हुए अभिभूत हो गए. इस कार्यक्र्म में हाल पूरा खचाखच भरा था सभी आनंदित हो गुरु व शिष्य की परंपरा की इस मिसाल की शाबासी दे रहे थे.
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