नई दिल्ली :29 मई (National24news.com) खेलना सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है लेकिन शायद ही आपने सोचा हो कि सेहत के लिए यही शौक एक दिन आपको आम से ‘खास’ बना सकता है। जी हां, राजधानी दिल्ली के सीनियर बैडमिंटन खिलाड़ी संजय बरड़िया की 20 सालों की मेहनत ने ऐसा ही फल दिया कि आज पूरा देश उन पर नाज कर रहा है।
हाल ही में ऑकलैंड (न्यूजीलैंड) में आयोजित हुए वर्ल्ड मास्टर्स गेम्स-2017 में संजय बरड़िया को 60 सदस्यीय भारतीय दल में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला था। इतना ही नहीं, भारत सरकार की ओर से भेजे गए दल में इस उम्र में उनके खेल कौशल की काफी तारीफ हुई।
पेशे से बिजनेसमैन संजय बताते है कि उन्हें शुरु से ही खेलने का शौक था। लेकिन उम्र और जिम्मेदारियों के बढ़ने के साथ बैडमिंटन कोर्ट से दूरी बनती चली गई। कई सालों तक यह सिलसिला चला तो उसके बाद एक दिन मैंने सोचा कि शौक के लिए नहीं तो सेहत के लिए ही सही खेलना तो जरुरी ही है। उस दिन मैंने यह बात ठान ली और फिर बैडमिंटन कोर्ट पर पहुंच गया। उन्होंने बताया कि 20 सालों से लगातार मैं बैडमिंटन खेल रहा हूं। इसी का नतीजा रहा कि वर्ल़्ड मास्टर्स गेम्स-2017 में भारत की ओर से गए 60 सदस्यीय दल में संजय को बैडमिंटन के लिए चुना गया। पहली बार इंटरनेशनल टूर्नामेंट में खेलने वाले संजय हालांकि मेडल हासिल नहीं कर पाए लेकिन उनके खेल को लेकर भारत के अलावा दूसरे देशों के खिलाड़ियों ने काफी सराहा।
आपको बता दें कि संजय की तरह की ही उनके वर्ल्ड मास्टर्स गेम्स में शामिल होने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प रही है। संजय ने खुद बताया कि रोजाना की तरह खेलते हुए एक दिन दोस्तों ने बताया कि अप्रैल में न्यूजीलैंड में वर्ल्ड मास्टर्स गेम्स आयोजित होने जा रहे है हमें भी इसमें शामिल होकर देश के लिए खेलना चाहिए। हमनें हामीं भर दी। ऑनलाइन फॉर्म अप्लाई करने के बाद वीजा प्रक्रिया में लगभग सभी दोस्तों के बाद खेल को लेकर कोई प्रमाणिक सर्टिफिकेट न होने की वजह से एंट्री नहीं मिल सकी। उन्होंने आगे बताया कि कई सालों पहले स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया की तरफ से दिया हुआ सर्टिफिकेट ने मेरी मदद की। उसकी बदौलत कई प्रक्रियाओं के बाद मेरा चयन हो गया और वीजा मिल गया।
इंटरनेशनल टूर्नामेंट में भागीदारी को लेकर संजय ने बताया कि मेरे लिए वाकई में यह गौरव की बात है कि मुझे अचानक से देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। उन्होंने आगे बताया कि आज के समय में जिस प्रकार खेल को लेकर हमारी सरकार भी गंभीर है हमें भी अपने और देश के लिए इस तरफ ध्यान देना चाहिए। आज के समय में पढ़ाई के साथ खेलना बेहद जरुरी है। युवा अगर इसमें आगे आते रहेंगे तो देश में स्पोर्ट्स काफी आगे बढ़ेगा।
संजय बरड़िया की कामयाबी पर दिल्ली प्रांतीय मारवाड़ी युवा मंच के अध्यक्ष दिनेश चांडक ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि मारवाड़ी समाज के लिए गौरव की बात है कि उनके लोग खेलों में भी देश का प्रतिनिधित्व कर रहे है। उन्होंने खेलों के माध्यम से मारवाड़ी युवाओं को भी बेहतरीन संदेश दिया है। समाज को उन पर नाज है। इस मौके पर उपाध्यक्ष पंकज ने भी उन्हें बधाई दी।
पत्नी का है साथ तो जुड़ा हाथ से हाथ
संजय ने बताया कि खेलने को लेकर उनके जुनून में मां-पिताजी के अलावा मेरी पत्नी संगीता बरड़िया का खास योगदान रहा। 20 साल से लेकर आज तक वो रोजाना सुबह मुझे मेरे खेलने को लेकर प्रेरित करती है। वर्ल्ड मास्टर्स गेम्स में भी वह मेरे साथ थी। मुकाबले में उतरने से पहले उसने मुझे काफी मोटिवेट किया। उन्होंने आगे कहा कि उसकी बदौलत ही आज में यहां तक पहुंच पाया।
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