Tuesday, 5 June 2018

प्लास्टिक से निपटने के लिए करने होंगे वैकल्पिक उपायेः कुलपति प्रो. दिनेश कुमार


फरीदाबाद, 5 जून - पर्यावरण संरक्षण तथा जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें वर्ष 2018 के लिए विश्व पर्यावरण दिवस की विषय वस्तु ‘प्लास्टिक प्रदूषण को हराये’ को लेकर चर्चा की गई तथा विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण किया गया।

कार्यक्रम में भारतीय तेल निगम लिमिटेड के महाप्रबंधक (आरएंडडी) डॉ. इंदू शेखर शास्त्री मुख्य वक्ता रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रेनूका गुप्ता ने किया।

कार्यक्रम को संबोधितक करते हुए डॉ. शास्त्री ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण ने बीते एक दशक में पर्यावरण के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य को काफी हानि पहुंचाई है। विगत दस वर्षाें के दौरान जिस मात्रा में प्लास्टिक उत्पन्न हुआ है, इतना पूरी सदी में नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक को हराने के लिए सभी को एकजुट प्रयास करने है और इसकी शुरूआत प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जीवन शैली में सुधार लाकर करना होगा। उन्होंने प्लास्टिक कचरे के उचित निपटान के लिए उपयोगी सुझाव दिये। उन्होंने कहा कि घरों से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे को अन्य कचरे से पृथक किया जाना चाहिए ताकि इसका सही निपटान हो सके। 

डॉ. शास्त्री ने जानकारी दी कि भारतीय तेल निगम की नगर निगम फरीदाबाद के साथ मिलकर एक संयंत्र स्थापित करने की योजना है, जिसके माध्यम से शहर से निकलने वाले जैव एवं सूखे कचरे का निपटान एवं पुनः उपयोग सुनिश्चित होगा। उन्होंने प्लास्टिक कचरे से सड़क निर्माण जैसी तकनीकों से भी विद्यार्थियों को अवगत करवाया।

प्लास्टिक कचरे को पर्यावरण के लिए अभिशाप बताते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि प्लास्टिक को हराने के लिए सबसे प्रत्येक व्यक्ति को दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ कार्य करना होगा। सभी को प्रत्येक स्तर पर प्लास्टिक के उपयोग को न्यूनतम बनाने के लिए वैकल्पिक उपाये करने होंगे। उन्होंने पर्यावरण विज्ञान के विद्यार्थियों को विशेष रूप से स्वच्छ भारत समर इंटर्नशिप से जुड़ने का आह्वान किया तथा कहा कि इस मुहिम के माध्यम से विद्यार्थी प्लास्टिक कचरे से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक बनाये। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलेकर पर्यावरण संरक्षण को जन आंदोलन का रूप देना होगा, तभी हम प्लास्टिक को हराने के अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल हो सकेंगे।

कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण विज्ञान विभाग में शोधार्थी मंदीप पुनिया ने पर्यावरण संरक्षण के लिए किये जा रहे उपायों पर कटाक्ष करती हुई कविता सुनाई, जिसे सभी ने खूब सराहा। इस दौरान प्लास्टिक कचरे पर एक वृत्तचित्र भी प्रदर्शित किया गया।
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