फरीदाबाद: 19 दिसम्बर । 79वर्षीय श्री घनीस दूनट्रिपल वैसल डिसीज, गुर्दे की बीमारी एवं पहले से ही ब्रेनस्ट्रोक से पीड़ित थे।सीने में दर्द की शिकायत के रहते वह मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद में दाखिल हुए।वह एक ब्रिटिश नागरिक (लंदन सिटी) है और राष्ट्रीष्य स्वास्थ्य सेवाओं (एन.एच.एस.) के तहतनिःशुल्क इलाज के लाभार्थी है।उन्होंने लंदन में एन.एच.एस. के एक विशिष्ट अस्पताल से कोरो नरी एंजियोग्राफी करवाई जहाँ उन्हें ट्रिपल वैसल बीमारी का रोगी पाया गया।इस के साथ वह गुर्दे की बीमारी से भी पीड़ित थे।जिसके रहते हृदय रोग विशेषज्ञ ने उन्हें बाईपास सर्जरी करवाने की सलाह दी।डाक्टरों ने मरीज की एंजियोप्लास्टी नहीं की।उनकी उम्र एवं अन्य बीमारियों के चलते बाईपास सर्जरी कठिन हो सकती थी इसलिये वह थोड़ा डरे हुए भी थे।उसी दौरा नमरीज ने इन्टरनेट के द्वारा ये जानकारी प्राप्त की किभारतमें डा. एस.एस. बंसल, वरिष्ठहृदय रोगविशेषज्ञ, अत्यधिकजटिल एंजियोप्लास्टीकरतेहैतथा एक इराकीमहिला की हृदय, ब्रेनतथाकिडनी की एंजियोप्लास्टीकरउसेबचायाथा।इससे उन्हें कुछ राहत मिली और उम्मीद भीकि वो शायदअपनीतकलीफो से अबबचजायेगे।
भारत में रहने वाले अपने रिश्तेदारों एवं सगे सम्बन्धियों के सलाह के बाद उन्होंने मैट्रो हृदय संस्थान एवं मल्टीस्पेशलटी अस्पताल फरीदाबाद के डा. एस.एस. बंसल, सीनियर कार्डियोलोजिस्ट एवं मैनेजिंग डायरेक्टर मैट्रो अस्पताल से तुरन्त सम्पर्क किया तथा अपना इलाज मैट्रो अस्पताल में कराने का निर्णय लिया।मरीज ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए डा. बंसल को बताया कि वेबाई पास नहीं करवाना चाहते है। डा. बंसल ने उन्हें समझाया कि उनके के समें एंजियोप्लास्टी एक चुनौतीपूर्ण एवं मुश्किल कार्य है।क्यो कि उनकी स्थिति के अनुसार उनकी अधिक उम्र व गुर्दे की बीमारी के चलते यह काफी कठिन कार्य था।जाँच के उपरान्त पता चला कि उनकी बाई आटर्रीमें कई हार्ड ब्लाॅक थे।सभी जाँचों एवं उनकी गुर्दे की बीमारी की स्थिति थोड़ी सम्भलने के पश्चात डा. बंसल एवं उनकी टीम ने एंजियोप्लास्टी करने का फैसला किया।आॅपरेशन के दौरान मरीज को 4 ड्रगकोटिड स्टेंट सफलात पूर्वक लगाये गये।
सर्जरी के बादमरीज की स्थिति अबस्थिर है वह बहुत खुश है।मरीज को एन.एच.एस. के तहतनिःशुल्क इलाज की सुविधा प्राप्त हो रही थी लेकिन उन्होंने फिर भी भारत आकर, भारतीय डाक्टरों से इलाज करवाने का निर्णय लिया। यह विश्वास दिलाता है कि भारतीय अस्पताल एवं डाक्टर दुनिया भर में अपनी कुशलता के लिए जाने जाते है। डा. बंसल ने कहा कि भारतीय मडिकल व्यवस्था के लिए यह एक गर्व कि बात है कि विकसित देशों के नागरिक भी अपना इलाज यहाँ आकर करवाना चाहते है।भारत में ऐसा पहली बार हुआ है कि मरीज ने मुफ्त इलाज न करवाकर भारतीय अस्पताल को अपनी गंभीर हृदय रोग के इलाज के लिए चुना।यह हम सब के लिए गर्व की बात है कि भारत एक मैडिकल हब बन चुका है और खासतौर पर फरीदाबाद जोकि एक स्मार्टसिटी के रूप में विकसित हो रही है जैसा कि हमारे आदरणीय प्रधानमन्त्री जी चाहते है।
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