महेंद्रगढ़ 25 अक्टूबर (National24news) हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि) में बुधवार को राजनीति विज्ञान विभाग व जम्मू- कश्मीर अध्ययन केंद्र, नई दिल्ली की ओर से ‘जम्मू-कश्मीर: संवैधानिक संरचना‘ विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता माननीय कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और यह एक ऐसा विषय है जिसके संबंध में विद्यार्थियों को जानना चाहिए। प्रो. कुहाड़ ने कहा कि इस संगोष्ठी में आए विद्वानों के माध्यम से विद्यार्थियों को जम्मू-कश्मीर के विषय में तथ्यात्मक जानकारी प्राप्त होगी।
विश्वविद्यालय के शैक्षणिक खंड 3 के सेमिनार कक्ष में आयोजित इस संगोष्ठी में जम्मू- कश्मीर के ऐतिहासिक संदर्भ में वरिष्ठ इतिहासकार प्रो. राघवेंद्र तंवर ने विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन किया। अपने संबोधन में उन्होंने विद्यार्थियों को भारत की आजादी के बाद बंटवारे और उस दौर में पैदा हुई कश्मीर समस्या से जुड़े विभिन्न तथ्यों को विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया। इसके पश्चात् आयोजित सत्र में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता व एडिशनल एडवोकेट जनरल, हरियाणा सरकार संजय त्यागी ने जम्मू-कश्मीर की विधिक एवं संवैधानिक स्थिति पर प्रकाश डाला। इस संगोष्ठी में अनुच्छेद 35(ए) पर बना एक वृत्तचित्र भी दिखाया गया। दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. चंद्रप्रकाश ने आधुनिक लद्दाख के निर्माता कुशोग बकुला के संदर्भ में विद्यार्थियों को बताया जबकि कार्यक्रम के अंतिम सत्र में जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र, दिल्ली के निदेशक आशुतोष भटनागर ने ‘जम्मू-कश्मीर: भविष्य की दिशा‘ विषय पर अपना वक्तव्य विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के समक्ष दिया।
उन्होंने बताया कि किस तरह से कश्मीर में सक्रिय कुछ अलगावादियों द्वारा विकसित समस्या को कश्मीर समस्या के तौर पर न सिर्फ भारत बल्कि समूचे विश्व में पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि अब इस विषय के तथ्यों पर गौर करते हुए गंभीरता के साथ आगे बढ़ा जाए और इस समस्या को खत्म किया जाए। उन्होंने इस काम में विद्यार्थियों व शिक्षकों की भूमिका को अहम बताया।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो. सतीश कुमार ने दिया और इस आयोजन के लिए कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ व जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र, दिल्ली का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र से जुड़े मनीष कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर कुलसचिव रामदत्त, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. बीर सिंह, शिक्षा विभाग की प्रमुख डॉ. सारिका शर्मा, प्रबंधन अध्ययन विभाग के प्रमुख डॉ. आनंद शर्मा, अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख डॉ. रंजन अनेजा, इतिहास विभाग के प्रमुख डॉ. नरेंद्र परमार व मनोविज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. जितेंद्र कुशवाह आदि सहित राजनीति विज्ञान विभाग के शिक्षक डॉ. चंचल शर्मा, डॉ. राजीव कुमार सिंह व डॉ. राघवेंद्र प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।
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