Saturday 8 July 2017

ऑटो चालक की छोरी जूनियर वूमेन वर्ल्ड साॅफ्टबॉल चैंपियनशिप में खेलेगी,अब भरेगी अमेरिका के लिए उड़ान


फरीदाबाद:8जुलाई(National24news) गांव दयालपुर िनवासी आटो चालक पप्पू उर्फ तेजबीर हुडा की छोरी पूजा हुडा गलियों में क्रिकेट खेला करती थीं। लेकिन आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होने से कभी अच्छे स्तर पर क्रिकेट नहीं खेल सकीं। अग्रवाल कॉलेज में दाखिला लेने पर सॉफ्टबॉल के बारे में जानकारी हुई। जो क्रिकेट की तरह था, लेकिन इसमें खर्च नाममात्र का भी नहीं था। इसलिए इस खेल को खेलना शुरू किया। और अब भारतीय टीम में हरियाणा की ओर से इंटरनेशनल स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली सॉफ्टबॉल खिलाड़ी बन गई हैं। जो फ्लोरिडा में 24 से 30 जुलाई को आयोजित होने वाली जूनियर वूमेन वर्ल्ड सॉफ्टबॉल चैंपियनशिप में भारत की ओर से खेलने को 22 जुलाई को अमेरिका के लिए उड़ान भरेंगी। इससे पहले टीम का स्पेशल प्रशिक्षण कैंप रोहतक में 13 से 20 जुलाई को आयोजित किया जाएगा। वहीं से ही टीम यूएसए के लिए रवाना होगी।
नहीं रहा आसान खिलाड़ी बनना
पूजा हुडा ने बताया कि सॉफ्टबॉल खिलाड़ी बनना उनके लिए आसान नहीं रहा। कई दफा अपने गांव से बाहर जाने के लिए भी पैसे जुटाने कठिन हो गए। क्योंकि पापा किराए का ऑटो चलाकर घर का गुजारा करते हैं। ऐसे में उनके लिए भी मेरे लिए खर्चा देना काफी मुश्किल था। लेकिन उन्होने मेरे जुनून को देखकर मुझे सपोर्ट किया। इसलिए ही मैं आगे बढ़ सकी। पूजा बताती हैं कि इस खेल को खेलने के दौरान उनके पापा का काफी जानने वालों ने भी विरोध किया। तंज भी कसे। लेकिन फिर भी वह सपोर्ट में खड़े रहे। उन्होने विभिन्न संस्थाओं में जाकर मेरे लिए पैसे भी जुटाए। जिसपर ही मैं एक अच्छी सॉफ्टबॉल खिलाड़ी बन सकी।

ऐसे हुआ चयन
पूजा हुडा को सबसे पहले सॉफ्टबॉल कोच नवीन कौशिक ने उसके क्रिकेट में रूचि को देखते हुए आगे बढ़ाया। वहीं कॉलेज डीपीई जगबीर और अनूप ने उन्हें सॉफ्टबॉल की बािरकियां सीखाने में मदद की। फिलहाल पूजा टीम के कोच सतबीर सैनी से प्रशिक्षण प्राप्त करती हैं। पूजा को बल्लेबाजी पंसद हैं। वह सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानती है। वर्तमान में एबी डिविलयर्स की वह फैन हैं। उसके क्रिकेट के शाॅट देखकर ही पहले उसे जिलास्तर पर और फिर स्टेट स्तर पर खिलाया गया। जिसमें उसने गोल्ड जीता। पूजा ने 2014 से इस खेल की शुरूआत की। 16 जुलाई 2016 में रोहतक में आयोजित स्टेट चैंपियनशिप में जिले को गोल्ड दिलाया। इससे पहले 2015 में भी गोल्ड मेडल और ट्रॉफी दिलाने में उसकी भूमिका अहम रहीं। 8 अक्टूबर 2016 को आंध्रप्रदेश में आयोजित नेशनल और 8 नवंबर 2016 को हिमाचल में आयोजित इंटरनेशनल सॉफ्टबॉल फैडरेशन कप में उनका प्रदर्शन पर सभी की नज़र पड़ी। इसके बाद भारतीय टीम के फरवरी में इंदौर और नोएड़ा में आयोजित ट्रॉयल एवं कैंप में उन्होने हिस्सा लिया। जिसमें किए गए प्रदर्शन के आधार पर ही उनका चयन जूनियर वूमेन वर्ल्ड सॉफ्टबॉल चैंपियनशिप के लिए किया गया। वैसे पूजा बेसबॉल भी बहुत अच्छा खेलती हैं। बेसबाॅल में भी उसने मेडल हािसल किए हुए हैं।

कॉलेज ने दिए 1 लाख रुपए
अग्रवाल कॉलेज बल्लभगढ़ की ओर से पूजा को यूएसए के खर्च को एक लाख रुपए की मदद की है। इसके अलावा विभिन्न संस्थाओं से भी मदद िदलाने में कॉलेज प्रबंधन ने अहम रोल अदा किया है। फिलहाल पूजा रोहतक में लगने वाले प्रशिक्षण शिविर के लिए 8 जुलाई को रवाना होगी। पापा तेजबीर का कहना है कि उसे अपनी बेटी पर गर्व हैं। अब यहीं दुआ है कि यह देश को इस इंटरनेशनल चैंपियनशिप में जीता कर लौटे।
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