नई दिल्ली : 3 मई (National24news.com) रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने आज यहां विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी से लाभ उठाने के लिए दो दिवसीय विश्व प्रौद्योगिकी सम्मेलन (रेलवे के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी के विकास एवं अनुकूलन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन) का उद्घाटन किया।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन श्री ए.के. मित्तल एवं रेलवे बोर्ड के अन्य सदस्य, अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के महानिदेशक और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक श्री आर.के. कुलश्रेष्ठ तथा वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) इस सम्मेलन के लिए प्रमुख संगठन हैं, जिसके लिए रेल मंत्रालय, रोलिंग स्टॉक इंजीनियर संस्थान (आईआरएसई) और रेलवे सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर संस्थान (आईआरएसटीई) अपनी ओर से सहयोग प्रदान करेंगे। इस सम्मेलन में भारतीय रेलवे के महत्वपूर्ण क्षेत्रों यथा विश्वसनीयता, सुरक्षा और ग्राहक सेवा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इस अवसर पर श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि विश्व भर में रेलवे का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। विश्व भर में हो रही तकनीकी प्रगति के अनुसार भारतीय रेलवे को भी विकास के पथ पर ले जाना जरूरी है। इससे पहले रेल बजट रेलवे की जरूरतों के अनुरूप नहीं होता था। पिछले तीन वर्षों में रेलवे में निवेश काफी बढ़ गया है। आगामी दशक के दौरान रेलवे में निवेश बढ़ाया जाएगा। तकनीकी दृष्टि से विकास अत्यंत जरूरी है। उन्होंने कहा कि रेलवे में निवेश करने से अन्य क्षेत्र भी लाभान्वित होंगे। भारत प्रौद्योगिकी के वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं के लिए एक बड़ा बाजार है। इसके साथ ही यह भी समझना जरूरी है कि ‘मेक इन इंडिया’ एक भाग है और ‘डेवलप इन इंडिया’ दूसरा भाग है। भारत में प्रौद्योगिकी के सह विकास पर ध्यान केंद्रित है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भारत प्रौद्योगिकी का केंद्र (हब) बन जाएगा। रेलवे प्रौद्योगिकी के वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं की ओर से सहयोग का इंतजार कर रही है और इसके साथ ही रेलवे उनके द्वारा पेश किए जाने वाले समाधान का स्वागत करेगी, बशर्ते कि वे भारतीय संदर्भ में लाभप्रद एवं किफायती साबित हों।
आधुनिक तकनीकी अनुकूलन की गति बढ़ाकर अपने परिचालन में सुधार की रफ्तार बढ़ाने संबंधी भारतीय रेलवे के निरंतर एजेंडे को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे का अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) नई दिल्ली में 3 मई एवं 4 मई, 2017 को दो दिवसीय विश्व प्रौद्योगिकी सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। भारतीय रेलवे के तकनीकी इंजीनियरिंग संस्थान यथा रोलिंग स्टॉक इंजीनियर संस्थान (आईआरएसई) और रेलवे सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर संस्थान (आईआरएसटीई) ऐसे प्रमुख निकाय हैं, जो इस सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं।
विश्व प्रौद्योगिकी सम्मेलन में विशेष जोर वाले चार प्रमुख क्षेत्रों में सुरक्षा, विश्वसनीयता, क्षमता वृद्धि एवं ग्राहक सेवा शामिल हैं। यह उम्मीद की जा रही है कि इस सम्मेलन से देश में रेल परिवहन के भावी विकास की योजना बनाने और भारतीय रेलवे में अनुकूलन के लिहाज से समकालीन वैश्विक तकनीकों का आकलन करने में नए परिप्रेक्ष्य एवं नजरिए का समावेश होगा। सम्मेलन के दौरान तकनीकी सत्रों का आयोजन किया जाएगा, तकनीकी प्रस्तुति दी जाएगी और इसके साथ ही अनेक उद्योगों की नेटवर्किंग के लिए व्यापक अवसर भी मिलेंगे।
यह माना जाता है कि सम्मेलन में ज्ञान प्राप्ति के अलावा बहु-विषयक लॉजिस्टिक्स इंटरफेस एवं परितंत्र उभर कर सामने आएगा जिससे आधुनिकीकरण के साथ-साथ भारतीय रेलवे मूल्य के नए स्तरों को प्रदान करने में सक्षम साबित होगी। रेल परिवहन विकास एवं संबंधित तकनीकी उद्योगों के अनेक विशेषज्ञ, विश्व भर के शिक्षाविद एवं अनुसंधान बिरादरी अपनी ओर से प्रस्तुति देने के साथ-साथ भारतीय रेलवे के विशेषज्ञों के साथ बातचीत भी करेगी, ताकि भारतीय रेलवे एवं इसकी सार्वजनिक क्षेत्र इकाइयों में अनुकूलन और तैनाती के लिए विश्व भर में उपलब्ध उपयुक्त आधुनिक तकनीकों एवं प्रणालियों की पहचान की जा सके।
सम्मेलन के मुख्य विषय निम्नलिखित हैं:
बढ़ी हुई सुरक्षा
सेवाकालीन विफलताओं में कमी और स्वत: स्वास्थ्य निगरानी एवं निरीक्षण
क्षमता वृद्धि एवं भीड़भाड़ में कमी
बढ़ी हुई उपभोक्ता सेवा
आरडीएसओ ने सूचना का प्रसार करने और प्रतिभागियों के पंजीकरण सुगम बनाने के लिए इस सम्मेलन पर एक समर्पित वेबसाइट www.gtcir.in का शुभारंभ किया है। इस वेबसाइट पर मौजूद सम्मेलन बुकलेट पर संक्षिप्त विवरण भी उपलब्ध है।
उपरोक्त विषयों पर आधारित सम्मेलन के विषय, जिन पर भारतीय और विदेशी वक्ता प्रस्तुति देंगे, उनका विवरण नीचे दिया गया है। नीचे उल्लिखित तकनीकी विषयों पर 50 से ज्यादा वक्ता प्रस्तुति देंगे:-
पटरियों की टूट-फूट का पता लगाने की प्रणाली और पटरियों पर शेष दबाव का आकलन
पटरियों के एनडीटी की स्वचालन प्रणाली
मार्ग निर्माण पुनर्वास के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी
परिष्कृत एटी एंड एफबी वेल्डिंग तकनीकें
मार्ग निगरानी प्रणाली
पुल की स्थिति की निगरानी
पुल के निरीक्षण की नवीनतम कार्य पद्धति (पानी के नीचे पुलों का निरीक्षण)
ओएचई की ऑनलाइन निगरानी
स्थायी मैगनेट ट्रेक्शन मोटर्स
एसआईसी उपकरण आधारित ट्रेक्शन कन्वर्टर्स
रेलगाड़ियों की हाउस कीपिंग में सुधार के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी और रेलगाड़ी के डिब्बों और इंजन के परीक्षण के लिए नवीनतम कार्य पद्धति अपनाना
ऑन बोर्ड और वेसाइड रेलगाड़ी के डिब्बों और इंजन की स्थिति की निगरानी
झुकी हुई रेलगाड़ियों और आधुनिक डिब्बों का उपयोग
नवीनतम डिजाइन के वैगन
फॉग विजन सिस्टम
रेल गाड़ियों की पारस्परिकता, प्रचालन संबंधी लचीलेपन तथा धकेलने-खींचने (पुश-पुल) संबंधी प्रचालन के लिए डीपीडब्ल्यूसीएस
सुरक्षा बढ़ाने के लिए आंकड़ों के विश्लेषण के लिए प्रचलित नवीनतम उपकरण और रूझान
विश्वसनीयता और सुरक्षा बढ़ाने के
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