Tuesday 6 February 2018

गोट और शीप लैदर से बने एनिमल क्राफ्ट बने लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र


फरीदाबाद - 32 वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में जहाँ देश विदेश के क्राफ्टमैन अपनी कला से सभी को आकर्षित किये हुए है वही यहाँ बनी स्टाल नंबर 1049 पर लैदर एनिमल क्राफ्ट लोगो के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बकरी  और भेड़ की चमड़ी से तेयार किये गए सुन्दर शो पीस बनाने के इस क्राफ्ट को ही लैदर क्राफ्ट कहा जाता है। इस क्राफ्ट को इंदौर मध्यप्रदेश से आये क्राफ्टमैन शरीफ खान और उनका परिवार लेकर आया है. जिन्हें इस क्राफ्ट के लिए स्टेट और नेशनल अवार्ड अवार्ड मिल चुका है। मेले में आने वाले लोग अपने घरो और आफिस की सजावट के लिए इसे खरीद रहे है। वहीँ पिछले कई साल से मेले में भाग ले रहे इस क्राफ्टमैन ने बताया की पिछली चार पीढ़ियों से उनका परिवार लैदर क्राफ्ट की कला से जुड़ा हुआ है और अब उनके बच्चे भी इस क्राफ्ट को बना रहे है जिसके लिए उनके बच्चो को स्टेट अवार्ड भी मिल चुका है. शरीफ खान ने सरकार से अपील की है की हैण्डी क्राफ्ट से जीएसटी बिलकुल खत्म कर देना चाहिए ताकि हस्तशिल्प बचा रहे.   

 मेले के प्रांगन में दिखाई दे रहा यह 1049 नंबर स्टाल लैदर एनिमल क्राफ्ट का है जिसमे गोट और शीप लैदर से तेयार क्राफ्ट प्रदर्शित किया गया है। लैदर एनिमल क्राफ्ट बकरी और भेड़ की चमड़ी से तैयार किया जाता है और फिर उसमे खूबसूरत रंग भरकर उसे फाइनल शेप दिया जाता है. इस क्राफ्ट को लोग घरो और आफिसो में सजावट करने के लिए खरीदते है। मध्यप्रदेश इंदौर से आये क्राफ्टमैन  शरीफ खान ने बताया की लैदर एनिमल क्राफ्ट उनका पुश्तैनी पेशा है जिसके लिए उन्हें स्टेट और नेशनल अवार्ड भी अवार्ड मिल चुका है ।  उन्होंने बताया की इस क्राफ्ट को बनाने के लिए पहले वायर का स्ट्रक्चर बनाया जाता है फिर उसके ऊपर गोट या भेड़ का लैदर चढ़ाया जाता है.  जिसके बाद फिनिशिंग और कलरिंग करके इसको तैयार किया जाता है. उन्होंने बताया की वह यहाँ वाइल्ड एनिमल्स में हॉर्स , केमल , जिराफ , ज़ेब्रा शेर , एलिफेंट आदि सभी प्रकार के एनिमल्स के शोपीस लाये है जिसे घरो और आफिस में डेकोरेशन के लिए रखा जाता है. उन्होंने बताया की उनके पास यहाँ 100 रूपये से लेकर 5000 / रूपये तक के एडनीमल्स डेकोरेशन आइटम्स है. 
 क्राफमैन ने बताया की पिछली चार पश्तो से उनका परिवार हस्तशिल्प कला से जुड़ा हुआ है और अब उनके बच्चे उनके साथ इस कला में जुड़ चुके है जिसके लिए उनके बच्चो को भी स्टेट अवार्ड मिल चुका  है. उन्होंने बताया की यह कला पूरे विश्व में सिर्फ एमपी स्टेट में ही देखी जा सकती है. उन्होंने बताया की जबसे जीएसटी लगा है तब से उनका धंधा चौपट होने के कगार पर आ गया है जिसके चलते अब एक्सपोर्टर उनका क्राफ्ट नहीं खरीद रहे है. उनका कहना था की पहले हैंडीक्राफ्ट पर 28 प्रतिशत टेक्स लगाया गया था जिसे बाद में कम करके 18 % कर दिया गया लेकिन इसके बावजूद हस्तशिल्पियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और मैं सरकार से अपील करता हूँ की पहले की तरह हैंडीक्राफ्ट को जीएसटी मुक्त किया जाए. क्योंकि जायदातर हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट होता है जिससे भारत को विदेशी मुद्रा मिलती है. 

 शरीफ खान - लैदर क्राफ्टमैन ( एमपी )

वहीँ इस स्टाल पर खरीददारी करने वाले एक मेला दर्शक से बात की गयी तो उन्होंने बताया की वह दिल्ली छतरपुर से आयी है और उन्हें लैदर क्राफ्ट बहुत ही खूबसूरत लगा और उन्होंने इसे अपने घर के लिए खरीदा है ताकि उन्हें हमेशा याद रहे की वह सूरजकुंड मेला में गयी थी. उन्होंने लैदर क्राफ्ट की भूरी - भूरी प्रशंसा की. 

 संजना और निशा - दिल्ली छत्तरपुर से आयी मेला दर्शक
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