Tuesday, 22 August 2017

वाईएमसीए विश्वविद्यालय में अब विद्यार्थी सीखेंगे अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तथा विमानन तकनीक


फरीदाबाद, 22 अगस्त - अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तथा विमानन क्षेत्र में उभरती कैरियर संभावनाओं के दृष्टिगत विद्यार्थियों भविष्य के अवसर प्रदान करने के लिए वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने विश्व की प्रमुख विमान इंजन विनिर्माता कंपनी, प्रैट एंड व्हिटनी, यूनाइटेड टेक्नोलॉजी कारपोरेशन के साथ एक समझौता किया है। इस प्रकार वाईएमसीए विश्वविद्यालय औद्योगिक सहभागिता में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तथा विमानन में विशेषज्ञता का कार्यक्रम शुरू करने वाला राज्य का पहला संस्थान बन गया है।

    प्रैट एंड व्हिटनी बहुराष्ट्रीय कंपनी यूनाइटेड टेक्नोलॉजी कारपोरेशन का हिस्सा है। कंपनी का विश्वभर में व्यवसायिक विमान इंजन रखरखाव, मरम्मत तथा ओवरहाल का सबसे बड़ा नेटवर्क है। यह विश्व में 25 प्रतिशत यात्री विमान बेड़े के इंजनों की आपूर्ति करती है और दुनिया की 31 सशस्त्र सेनाओं को अत्याधुनिक सैन्य इंजन प्रदान करती है।

    इस अवसर पर कुलपति प्रो. दिनेश कुमार, डीन (इंस्टीट्यूशन्स) प्रो. संदीप ग्रोवर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ. तिलक राज, प्रैट एंड व्हिटनी, इंडिया के प्रबंध निदेशक पलाश राय चौधरी तथा कस्टमर ट्रेनिंग सेंटर, प्रैट एंड व्हिटनी, इंडिया के महाप्रबंधक अमित पाठक उपस्थित थे। इस मौके पर विश्वविद्यालय के इंडस्ट्री रिलेशन्स प्रकोष्ठ द्वारा ‘विमान इंजन तथा प्रणाली का परिचय’ विषय पर आयोजित मूल्य वर्धित दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन निदेशक, इंडस्ट्री रिलेशन्स प्रकोष्ठ डॉ. ज्योति वर्मा ने किया।

    इस अवसर पर बोलते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने उच्चतर शिक्षा में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के दृष्टिगत किये गये औद्योगिक समझौते के लिए इंडस्ट्री रिलेशन्स प्रकोष्ठ के प्रयासों की सराहना की तथायूनाइटेड टेक्नोलॉजी द्वारा विश्वविद्यालय के शैक्षणिक संसाधनों के विस्तार में सहयोग के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के हितों के लिए ऐसे समझौते को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए कैरियर के नये द्वार खोलेगा। इससे विद्यार्थियों को व्यवहारिक अनुभव मिलेगा तथा वे एयरोस्पेस तथा विमान क्षेत्र में उभरते कैरियर अवसरों के लिए तकनीकी रूप सक्षम बनेंगे। इससे सरकार की ‘कौशल भारत’ के लिए की जा रही पहल को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस सहभागिता में विश्वविद्यालय द्वारा भविष्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तथा विमानन में बीई या बीटेक पाठ्यक्रम शुरू करने की संभावनाओं पर भी काम किया जायेगा।

    प्रैट एंड व्हिटनी के प्रबंध निदेशक पलाश राय चौधरी ने कहा कि कम लागत की विमान सेवाओं के मिल रहे प्रोत्साहन तथा सरकार की उद्योग मै़त्री नीतियों के कारण भारत का विमान विनिर्माण बाजार विश्वभर में तेजी से बढ़ रहा है। हमें प्रसन्नता है कि हम सरकार के ‘कौशल भारत’ अभियान को बल देने के लिए वाईएमसीए विश्वविद्यालय के साथ मिलकर देश के विमानन तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कौशल विकास को आगे बढ़ा रहे है। इस सहभागिता के माध्यम से हमारा लक्ष्य आगामी दस वर्षों में उड्डयन क्षेत्र में अनुमानित उल्लेखनीय वृद्धि के दृष्टिगत उच्च कुशल तथा प्रशिक्षित तकनीकी प्रोफेशनल्स का एक पूल तैयार करने का है। इस सहभागिता अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तथा विमानन के क्षेत्र की जरूरतों के अनुसार कुशल कार्यबल उपलब्ध करवाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।

डीन (इंस्टीट्यूशन्स) प्रो. संदीप ग्रोवर ने कहा कि वाईएमसीए विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता तथा प्लेसमेंट रिकार्ड के लिए जाना जाता है। विश्वविद्यालय ने काफी कम समय में ‘ए’ ग्रेड नैक मान्यता तथा राज्य के सरकारी इंजीनियरिंग संस्थानों के लिए एनआईआरएफ-2017 की ताजा रैकिंग में शीर्ष स्थान हासिल करने जैसी उपलब्धियां हासिल की है।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ. तिलक राज ने कहा कि विश्वविद्यालय ने मौजूदा शैक्षणिक सत्र से बीटेक के तीसरे समेस्टर में ‘विमान संचालन तथा रखरखाव’ के रूप में वैकल्पिक विषय शुरू किया है और संकाय विकास कार्यक्रम के अंतर्गत विभाग के पांच संकाय सदस्यों को विमान मरम्मत एवं रखरखाव के बुनियादी कौशल ज्ञान के लिए एक सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए प्रैट एंड व्हिटनी के हैदराबाद स्थित प्रशिक्षण केन्द्र भेजा जा रहा है।

समझौते के अंतर्गत, प्रैट एंड व्हिटनी अपने हैदराबाद स्थित प्रशिक्षण केन्द्र चल रहे पाठ्यक्रमों के अनुरूप विश्वविद्यालय के साथ अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तथा विमानन से संबंधित पाठ्यक्रम विकसित करने की संभावनाओं पर काम करेगी जो विश्वविद्यालय के मौजूदा पाठ्यक्रमों की पूर्ति करेगा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तथा विमानन क्षेत्र की औद्योगिक जरूरतों को पूरा करने के लिए विद्यार्थियों को तैयार करेगा। 

    सहभागिता के तहत एयरोस्पेस उद्योग के विशेषज्ञों द्वारा इंटर्नशिप, औद्योगिक प्रशिक्षण, मूल्य वर्धिन पाठ्यक्रम, व्याख्यान तथा कार्यशालाओं के माध्यम से विद्यार्थियों तथा संकाय सदस्यों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तथा विमानन उद्योग का व्यवहारिक अनुभव दिया जायेगा।
Share This News

0 comments: