Tuesday 1 January 2019

बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ' की गूंज से नए साल का इस्तकबाल करेगा पूरा देश


फरीदाबाद 1 जनवरी : फाॅग्सी की 'नेशनल वाॅकाथन' यानि 02 जनवरी 2019 को पूरा देश एक ध्येय और एक ही उद्देश्य के साथ दौड़ेगा'। नए साल का इस्तकबाल भारत में 'बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ गूंज के साथ होगा। 

फेडरेशन ऑफ  ऑफब्सटेट्रिकल एंड गायनेलाॅजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया (फाॅग्सी) और स्मृति संस्था के तत्वावधान में नए साल का आगाज देश की बेटियों को समर्पित होगा। बच्चे, युवा और बुजुर्ग एक साथ, एक मंच और एक स्वर में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के लिए आवाज उठाएंगे। हर जगह इस मुहिम में शामिल होने के लिए स्थानीय संगठनों, स्कूलों एवं आम नागरिकों को आमंत्रित किया गया है।* 

फाॅग्सी कीं अध्यक्ष डा. जयदीप मल्होत्रा ने बताया कि फॉगसी देश में स्त्री रोग विशेषज्ञों का सबसे बड़ा संगठन है। देश भर में इसकी 240 से अधिक शाखाएं और 35000 से अधिक व्यक्तिगत सदस्य हैं। 'बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ' यह एक ऐसा विषय है  जिस पर फॉगसी लम्बे समय से काम कर रही है। वर्ष 2008 में बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ' का नारा फॉगसी ने ही बुलन्द किया था।

 देश में महिलाओं की स्थिति को समझते हुए महिला स्वास्थ्य के अपने मिशन को फॉगसी ने आगे बढ़ाया और इस वर्ष इसे महिला स्वास्थ्य, सशक्तिकरण और सम्मान तक लेकर आई है। फाॅग्सी पब्लिक अवेयरनैस कमेटी की चेयरपर्सन डा. अर्चना वर्मा ने बताया कि बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ के साथ ही महिला स्वास्थ्य, सशक्तिकरण और सम्मान एवं पर्यावरण संरक्षण से जोडते हुए इस रैली को 'वाॅक फाॅर अ काॅज' का नाम दिया गया है। 

फाॅग्सी की संयुक्त सचिव डा. निहारिका मल्होत्रा ने बताया कि आगरा में यह रैली रेनबो हाॅस्पिटल से गुरूद्वारा गुरू का ताल तक तकरीबन डाॅक्टरों, 1000 स्कूली बच्चों, विभिन्न संगठनों से आए पदाधिकारियों और आम शहरवासियों के साथ आयोजित की जाएगी, जबकि फाॅग्सी की लगभग 116 शाखाएं अपने-अपने ग्रह जनपदों में इसे आयोजित कर रही हैं। इस वाॅक को 'इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड्स' के लिए भी नामित किया गया है। फाॅग्सी के पूर्व अध्यक्ष डा. नरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि विगत 10 वर्षों से यह वाॅक बेटियों को समर्पित की है। इसका उद्देश्य बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा के संकल्प की पुनरावृत्ति कराना है, यह गूंज 02 जनवरी को देश के विभिन्न राज्यों और शहरों में भी सुनाई देगी। अगर आप चाहें तो आप भी इसका हिस्सा बन सकते हैं।

116 राज्य, शहर बने सहभागी
आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अकुलुज, अलीगढ़, इलाहाबाद, अलवर, अंबाला, अमरावती, अमृतसर, औरंगाबाद, आजमगढ़, वर्धमान, बरेली, बड़ौदा, बंगाल सोसायटी, भरतपुर, भिलाई, भिवानी, भोपाल, भुज, बिदर, बीजापुर, बिजनौर, बीकानेर, बिलासपुर, बुलंदशहर, कालीकट, कैनानौर, चेन्नई, कोयंबटूर, देहरादून, दिल्ली, देवली, धनबाद, फेजाबाद

 फरीदाबाद,

 फिरोजाबाद, गडग कर्नाटका, गडिंगलाज, गाजियाबाद, गोवा, गोरखपुर, ग्रेटर नोयडा, गुलबर्ग, ग्वालियर, गुडगांव, हल्द्वानी, इंफाल, इंदौर, इस्लामपुर, जबलपुर, जयपुर, जम्मू, जामनगर, जमशेदपुर, झांसी, कडप्पा, ककिनादा, कानपुर, करीमनगर, करनाल, काशीपुर, कश्मीर, केरला, कोची, कोलापुर, लातूर, लखनउ, लुधियाना, मांडया कर्नाटका, मथुरा, मेरठ, मोदीनगर, मुरादाबाद, मुजफफरनगर, मुजफफरपुर बिहार, मुंबई, नगरकोइल, नागपुर, नवसरी, नैलोर, उड़ीसा, ओसमानाबाद, पलवल, पटियाला, पटना, पुणे, राजपुर, राजकोट, रामपुर, रतलाम, सगर, सहारनपुर, सेवाग्राम सुरेखा, शाहजहांपुर, शिमला, सिक्किम, सोलापुर, सूरत, थैनी, त्रिशूर, त्रिची, उदयपुर, उज्जैन, उत्तराखंड, बलसाढ़, विजयबाडा, विशाखापटनम, यवतमल।
Share This News

0 comments: