Wednesday 8 November 2017

बालीवुड में हरियाणवी भाषा की विशेष पहचान


महेंद्रगढ़, 8 नवंबर : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि) के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में प्रसिद्ध हरियाणवी फिल्म ‘झणकदार कंगना‘ के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले जाने-माने लोक संस्कृति चिंतक संत लाल यादव का ‘हरियाणवी फिल्में, लोक संस्कृति और विरासत‘ विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। पत्रकारिता विभाग के प्रभारी डॉ. अमित मनोज ने बताया कि इस कार्यक्रम की परिकल्पना माननीय कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ की प्रेरणा से की गई। डॉ. अमित ने बताया कि कुलपति प्रो. कुहाड़ हमें हरियाणा राज्य की कला, संस्कृति व इसकी विरासत को सहेजने के लिए निरंतर प्रेरित करते हैं और उनके मार्गदर्शन से ही इस व्याख्यान का आयोजन किया गया है।  

शैक्षणिक खंड 4 में आयोजित इस कार्यक्रम में विभाग की सहायक आचार्य डॉ. मंजु कटारिया ने स्मृति चिह्न देकर मुख्य वक्ता का स्वागत किया। इस व्याख्यान के माध्यम से संत लाल जी ने हरियाणवी लोक संस्कृति को फिल्मों से जोड़ते हुए बताया कि लोक को जनमानस से जोड़ने के लिए इसमें नयेपन की आवश्यकता है। हरियाणवी संस्कृति की श्रेष्ठता और इसमें बहुत कुछ को अपने में समाहित करने की क्षमता हमें लोक माध्यमों और फिल्मों से जोड़ने की निरंतर प्रेरणा देती है। उन्होंने बताया कि लोकगीत कला को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमारी नई पीढ़ी को लोकगीतों से जुड़े रहना चाहिए, जिससे हममें लोक संस्कारों का प्रवाह बना रहे। कार्यक्रम के दूसरे चरण में संत लाल ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की जिज्ञासाओं को न केवल शांत किया बल्कि अपने अनुभवों से भी उन्हें लाभान्वित किया। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि हरियाणवी फिल्मों का भविष्य उज्ज्वल है। बालीवुड में भी हरियाणवी भाषा और लहजे को विशेष पहचान मिल रही है। हरियाणवी फिल्म निर्माण के लिए जरूरी है कि हम पहले मार्किट सर्वे करें ताकि न्यूनतम लाभ की प्राप्ति के साथ लोक जन से बेहतर रूप में जुड़ा जा सके।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता की परिचय-प्रस्तुति विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सुरेंद्र ने तथा मंच संचालन सहायक आचार्य अलेख एस. नायक ने किया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन हिंदी एवं भारतीय भाषा विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सिद्धार्थ शंकर राय ने दिया। व्याख्यान में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अतिरिक्त विश्वविद्यालय में अध्ययनरत शिक्षा, रसायन एवं हिंदी एवं भारतीय भाषा विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे।   
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