चण्डीगढ़, 5 अप्रैल (National24News.com) हरियाणा सरकार ने आवासीय परिसरों से चल रहे मौजूदा नर्सिंग होम्स के नियमितीकरण तथा नए नर्सिंग होम्स के लिए अनुमति प्रदान करने हेतु नीति अधिसूचित की है।
हरियाणा की शहरी स्थानीय मंत्री श कविता जैन ने देते हुए बताया कि यह नीति हरियाणा राज्य में पालिका सीमाओं के तहत आने वाले क्षेत्रों में स्थित आवासीय परिसरों से चल रहे नर्सिंग होम पर लागू होगी। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, आवास बोर्ड, लाइसेंसशुदा कॉलोनी जैसे अन्य प्राधिकरणों के क्षेत्राधिकार के तहत आने वाला क्षेत्र इस नीति के तहत कवर नहीं होगा। हाइपर व उच्च क्षमता क्षेत्र के लिए प्लॉट का आकार 350 वर्ग गज (292.64 वर्ग मीटर) और मध्यम तथा निम्न क्षमता वाले क्षेत्र के लिए प्लॉट का आकार 250 वर्ग गज (209.032 वर्ग मीटर) से कम नहीं होना चाहिए। स्थल तक पहुंच के लिए कम से कम 12 मीटर चौड़ी सडक़ होनी चाहिए।
कविता जैन ने बताया कि जिस भवन के संबंध में अनुमति मांगी गई है वहां इनडोर बेड की संख्या के बराबर ‘चार पहिया’ वाहनों के अलावा चार और कारों के लिए पार्किंग स्थान होना चाहिए। प्रस्तावित नर्सिंग होम से पैदल चलने योग्य दूरी के भीतर स्थित वैकल्पिक भूमि पर भी पार्किंग की जगह उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा, सडक़ या गली में किसी भी वाहन को खड़ा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
शहरी स्थानीय मंत्री ने बताया कि नर्सिंग होम के लिए अनुमति प्राप्त करने हेतु आवेदक को निर्धारित प्रपत्र पर नगरनिगम या नगर परिषद या नगरपालिका के संबंधित आयुक्त या कार्यकारी अधिकारी या सचिव को आवेदन करना होगा। यदि परिसर पर डॉक्टर या उसके परिजनों अर्थात पति-पत्नी या माता-पिता या बच्चों का स्वामित्व है तो उस मामले में हाइपर पोटेंशियल जोन, हाई पोटेंशियल जोन, मीडियम पोटेंशियल जोन तथा लो पोटेंशियल जोन में पडऩे वाली नगरपालिकाओं के लिए क्रमश: 6,000 रुपये, 4,000 रुपये, 2,000 रुपये तथा 1,000 रुपये प्रति वर्ग गज का एकमुश्त परिवर्तन शुल्क देना होगा। परिवर्तन शुल्क दो वार्षिक किस्तों में वसूल किया जाएगा जिस पर सालाना 10 प्रतिशत की दर से चक्रवृद्धि ब्याज लगेगा। यदि निर्धारित तिथि से 90 दिनों के भीतर परिवर्तन शुल्क की दूसरी किस्त का भुगतान नहीं किया जाता तो कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद आयुक्त या कार्यकारी अधिकारी या सचिव द्वारा अनुमति वापस ली जा सकती है। इसके अलावा, देरी से भुगतान के लिए सालाना 10 प्रतिशत की बजाय 15 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज वसूल किया जाएगा। प्रचलित दर और नीति के अनुसार बाहरी तथा आंतरिक विकास शुल्क भी लिया जाएगा। आवेदक को प्रथम श्रेणी के न्यायिक या कार्यकारी मेजिस्ट्रेट द्वारा इस आशय का विधिवत सत्यापित शपथ पत्र जमा करवाना होगा कि वह इस नीति के सभी नियमों और शर्तों का पालन करेगा।
कविता जैन ने बताया कि किरायेदार डॉक्टर के मामले में परिवर्तन शुल्क के 15 प्रतिशत के बराबर एक वर्ष का वार्षिक परिवर्तन शुल्क जमा करवाना होगा और इसके बाद प्रत्येक वर्ष की पहली अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले प्रति वर्ष अग्रिम भुगतान करना होगा। इसमें विफल रहने पर उसकी अनुमति स्वत: ही समाप्त हो जाएगी। यदि डॉक्टर अनुमत अवधि से परे नर्सिंग होम का संचालन जारी रखता है तो उसे अनधिकृत अवधि के लिए 15 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज के साथ परिवर्तन शुल्क का भुगतान करना होगा। वार्षिक परिवर्तन शुल्क के लिए वर्ष अप्रैल से अगले वर्ष मार्च तक होगा। प्रथम वर्ष के लिए उस वित्तीय वर्ष में आवेदन की तिथि पर विचार किए बिना पूरे वार्षिक परिवर्तन शुल्क का भुगतान करना होगा। आवासीय परिसर के मालिक द्वारा अनुमति के लिए आवेदन करने वाले डॉक्टर के नाम पर कानून के अनुसार विधिवत पंजीकृत कम से तीन वर्ष के लिए किराया अनुबंध का करारनामा होना चाहिए।
शहरी स्थानीय मंत्री ने बताया कि आवेदनों की छंटनी जिले के सिविल सर्जन की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा की जाएगी। संबंधित उपायुक्त या उनका प्रतिनिधि इस समिति का सदस्य सचिव तथा नगर निगमों के मामले में जिला नगर योजनाकार या सहायक नगर योजनाकार समिति के सदस्य होंगे। इसीप्रकार, नगर परिषद और नगरपालिका के मामले में कार्यकारी अधिकारी या सचिव समिति के सदस्य सचिव होंगे। यह समिति केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा समय-समय पर जारी किए जाने वाले मानदंड या विधेयक या नीति दिशानिर्देशों के अनुसार आवेदनों की छंटनी करेगी। बिस्तरों की संख्या, जरूरतों तथा पार्किंग की उपलब्धता की जांच भी इस समिति द्वारा की जाएगी। प्रस्तावित समिति संबंधित नगर पालिकाओं को अपनी सिफारिश देगी और समिति की सिफारिश पर आयुक्त या कार्यकारी अधिकारी या सचिव अनुमति प्रदान करेंगे।
कविता जैन ने बताया कि पालिकाओं से संबंधित सदस्य समिति की बैठक बुलाएंगे। समिति की बैठक महीने में कम से कम एक बार होगी ताकि प्रत्येक आवेदन का निपटान एक माह के अंदर किया जा सके और आयुक्त या कार्यकारी अधिकारी या सचिव को इसकी सिफारिशों भेजी जा सकें। पालिकाओं के अंदर आवासीय प्लाट या भवन से चलने वाले नर्सिंग होम की स्वीकृति आयुक्त या कार्यकारी अधिकारी या सचिव देंगे।
उन्होंने बताया कि समिति की पूर्व अनुमति वाले नर्सिंग होम को छोडक़र, आवासीय भवन से चलने वाले किसी भी नर्सिंग होम को अनुमति नहीं दी जाएगी। प्लाट या भवन का उपयोग हरियाणा भवन संहिता 2017 के अनुसार होगा। आवासीय परिसरों से संबंधित कवर्ड क्षेत्र तथा एफएआर नियम क्षेत्रीय योजनाओं पर निर्भर करेंगे तथा भवन को कब्जे में लेने की अनुमति सक्षम प्राधिकारी द्वारा दी जाएगी। नर्सिंग होम के भवन नक्शे की भी स्वीकृति लेनी होगी। अस्पताल के कचरे के निपटान के लिए पर्याप्त व्यवस्था मालिक द्वारा की जाएगी। आवेदक को संबंधित जिले में स्थापित या स्थापित किए जाने वाले इन्सिनरेटर के उपयोग के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ पंजीकृत होना चाहिए। नर्सिंग होम में कैमिस्ट शॉप को छोडक़र किसी भी व्यावसायिक गतिविधि की अनु
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